قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ترجمے کی لسٹ


معانی کا ترجمہ آیت: (15) سورت: سورۂ انبیاء
فَمَا زَالَتْ تِّلْكَ دَعْوٰىهُمْ حَتّٰی جَعَلْنٰهُمْ حَصِیْدًا خٰمِدِیْنَ ۟
तो उनका अपने पाप को स्वीकार करना और अपने हक़ में विनाश की बद्-दुआ करना ही उनकी निरंतर पुकार रही, जिसे वे दोहराते रहे, यहाँ तक कि हमने उन्हें कटी हुई खेती की तरह, मरे हुए बना दिया, उनमें कोई हरकत नहीं थी।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• الظلم سبب في الهلاك على مستوى الأفراد والجماعات.
• अत्याचार, व्यक्तियों और समूहों के स्तर पर विनाश का एक कारण है।

• ما خلق الله شيئًا عبثًا؛ لأنه سبحانه مُنَزَّه عن العبث.
• अल्लाह ने कुछ भी व्यर्थ नहीं बनाया; क्योंकि वह महिमावान व्यर्थता से पाक है।

• غلبة الحق، ودحر الباطل سُنَّة إلهية.
• सत्य का प्रभुत्व और असत्य को परास्त करना, एक ईश्वरीय नियम है।

• إبطال عقيدة الشرك بدليل التَّمَانُع.
• शिर्क के अक़ीदे का दलील -ए- तमानु (एक तर्कसंगत प्रमाण) द्वारा खंडन। (जिसका मतलब यह है कि यदि इस ब्रह्मांड में एक से अधिक पूज्य होते, तो वे एक-दूसरे के कार्य में हस्तक्षेप करते और ब्रह्मांड का संतुलन बिगड़ जाता। चूँकि हम इस ब्रह्मांड में कोई असंतुलन या दोष नहीं देखते, तो इसका आवश्यक अर्थ यह हुआ कि इस ब्रह्मांड में केवल एक ही पूज्य है।

 
معانی کا ترجمہ آیت: (15) سورت: سورۂ انبیاء
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