قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ترجمے کی لسٹ


معانی کا ترجمہ آیت: (37) سورت: سورۂ غافر
اَسْبَابَ السَّمٰوٰتِ فَاَطَّلِعَ اِلٰۤی اِلٰهِ مُوْسٰی وَاِنِّیْ لَاَظُنُّهٗ كَاذِبًا ؕ— وَكَذٰلِكَ زُیِّنَ لِفِرْعَوْنَ سُوْٓءُ عَمَلِهٖ وَصُدَّ عَنِ السَّبِیْلِ ؕ— وَمَا كَیْدُ فِرْعَوْنَ اِلَّا فِیْ تَبَابٍ ۟۠
"ताकि मैं आकाशों के मार्गों तक पहुँच सकूँ, जो आकाशों की ओर ले जाने वाले हों अौर मूसा के पूज्य (उपास्य) को देख लूँ, जिसके बारे उसका कहना है कि वही सत्य पूज्य है। निश्चय मैं मूसा को अपने दावे में झूठा समझता हूँ।" इस तरह, फ़िरऔन के लिए उसके बुरे कर्म को सुंदर बना दिया गया। यही कारण है कि उसने हामान को उक्त आदेश दिया। उसे सत्य मार्ग से हटाकर असत्य मार्ग पर लगा दिया गया था। और फ़िरऔन की (अपने ग़लत पंथ को बढ़ावा देने और मूसा अलैहिस्सलाम के लाए हुए सत्य को दबाने की) चाल को विनष्ट होना ही था। क्योंकि अंततः वह अपने कोशिश में असफल रहा और ऐसे दुर्भाग्य तक जा पहुँचा, जो कभी उसका पीछा नहीं छोड़ेगा।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• الجدال لإبطال الحق وإحقاق الباطل خصلة ذميمة، وهي من صفات أهل الضلال.
• सत्य को ग़लत साबित करने और असत्य को सही ठहराने के लिए बहस व तकरार करना एक बुरी आदत है, जो गुमराह लोगों की विशेषता है।

• التكبر مانع من الهداية إلى الحق.
• अहंकार सत्य को स्वीकार करने से रोकता हैl

• إخفاق حيل الكفار ومكرهم لإبطال الحق.
• सत्य को ग़लत ठहराने के लिए काफ़िरों के षड्यंत्र और चालें हमेशा नाकाम रहती हैं।

• وجوب الاستعداد للآخرة، وعدم الانشغال عنها بالدنيا.
• आख़िरत की तैयारी करना और उसे भुलाकर दुनिया में व्यस्त न होना ज़रूरी है।

 
معانی کا ترجمہ آیت: (37) سورت: سورۂ غافر
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