قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ترجمے کی لسٹ


معانی کا ترجمہ آیت: (38) سورت: سورۂ شوریٰ
وَالَّذِیْنَ اسْتَجَابُوْا لِرَبِّهِمْ وَاَقَامُوا الصَّلٰوةَ ۪— وَاَمْرُهُمْ شُوْرٰی بَیْنَهُمْ ۪— وَمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ یُنْفِقُوْنَ ۟ۚ
और जिन लोगों ने अपने रब की बात मानी; उसके आदेशों का पालन करके और उसकी मना की हुई चीज़ों को छोड़कर, और संपूर्ण तरीके से नमाज़ अदा की, तथा जो लोग अपने संबंधित मामलों में आपस में परामर्श करते हैं, और हमने जो कुछ उन्हें प्रदान किया है, उसमें से अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए खर्च करते हैं।
عربی تفاسیر:
حالیہ صفحہ میں آیات کے فوائد:
• الصبر والشكر سببان للتوفيق للاعتبار بآيات الله.
• धैर्य और धन्यवाद (सब्र एवं शुक्र), अल्लाह की निशानियों से शिक्षा ग्रहण करने की तौफ़ीक़ के दो कारण हैं।

• مكانة الشورى في الإسلام عظيمة.
• इस्लाम में शूरा (परस्पर परामर्श) का स्थान बहुत महान है।

• جواز مؤاخذة الظالم بمثل ظلمه، والعفو خير من ذلك.
• ज़ालिम को उसके ज़ुल्म के समान सज़ा देना जायज़ है, परंतु क्षमा कर देना उससे बेहतर है।

 
معانی کا ترجمہ آیت: (38) سورت: سورۂ شوریٰ
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