قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ * - ترجمے کی لسٹ

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معانی کا ترجمہ سورت: سورۂ صٓ   آیت:

सूरा साद

صٓ وَالْقُرْاٰنِ ذِی الذِّكْرِ ۟ؕ
सॉद। क़सम है इस उपदेश वाले क़ुरआन की!
عربی تفاسیر:
بَلِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فِیْ عِزَّةٍ وَّشِقَاقٍ ۟
बल्कि वे लोग जिन्होंने कुफ़्र किया, अभिमान और विरोध में पड़े हुए हैं।
عربی تفاسیر:
كَمْ اَهْلَكْنَا مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ قَرْنٍ فَنَادَوْا وَّلَاتَ حِیْنَ مَنَاصٍ ۟
हमने इनसे पहले कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, तो उन्होंने पुकारा। और वह बच निकलने का समय नहीं था।
عربی تفاسیر:
وَعَجِبُوْۤا اَنْ جَآءَهُمْ مُّنْذِرٌ مِّنْهُمْ ؗ— وَقَالَ الْكٰفِرُوْنَ هٰذَا سٰحِرٌ كَذَّابٌ ۟ۖۚ
तथा उन्होंने इसपर आश्चर्य किया कि उनके पास उन्हीं में से एक डराने वाला[1] आया! और काफ़िरों ने कहा : यह एक बड़ा झूठा जादूगर है।
1. अर्थात मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)
عربی تفاسیر:
اَجَعَلَ الْاٰلِهَةَ اِلٰهًا وَّاحِدًا ۖۚ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ عُجَابٌ ۟
क्या उसने सब पूज्यों को एक पूज्य बना दिया? निःसंदेह यह तो बड़े आश्चर्य की बात है।
عربی تفاسیر:
وَانْطَلَقَ الْمَلَاُ مِنْهُمْ اَنِ امْشُوْا وَاصْبِرُوْا عَلٰۤی اٰلِهَتِكُمْ ۖۚ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ یُّرَادُ ۟ۚ
और उनके प्रमुख (यह कहते हुए) चल खड़े हुए कि चलो और अपने पूज्यों पर जमे रहो। निश्चय यह एक ऐसी चीज़ है, जो वांछित (सुनियोजित)[2] है।
2. अर्थात एकेश्वरवाद की यह बात सत्य नहीं है और ऐसी बात अपने किसी स्वार्थ के लिए की जा रही है।
عربی تفاسیر:
مَا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِی الْمِلَّةِ الْاٰخِرَةِ ۖۚ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا اخْتِلَاقٌ ۟ۖۚ
हमने यह बात पिछले धर्म में नहीं सुनी। यह तो मात्र बनाई हुई बात है।
عربی تفاسیر:
ءَاُنْزِلَ عَلَیْهِ الذِّكْرُ مِنْ بَیْنِنَا ؕ— بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ مِّنْ ذِكْرِیْ ۚ— بَلْ لَّمَّا یَذُوْقُوْا عَذَابِ ۟ؕ
क्या हमारे बीच से उसी पर उपदेश उतारा गया है? बल्कि वे मेरे उपदेश के बारे में संदेह में हैं। बल्कि उन्होंने अभी तक मेरी यातना नहीं चखी।
عربی تفاسیر:
اَمْ عِنْدَهُمْ خَزَآىِٕنُ رَحْمَةِ رَبِّكَ الْعَزِیْزِ الْوَهَّابِ ۟ۚ
क्या उन्हीं के पास आपके अत्यंत प्रभुत्वशाली, परम दाता पालनहार की दया के ख़ज़ाने हैं?[3]
3. कि वे जिसे चाहें नबी बनाएँ?
عربی تفاسیر:
اَمْ لَهُمْ مُّلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۫— فَلْیَرْتَقُوْا فِی الْاَسْبَابِ ۟
या आकाशों तथा धरती का और उन दोनों के बीच की चीज़ों का राज्य उन्हीं के पास है? तो उन्हें चाहिए कि (आकाशों में) रस्सियाँ तानकर चढ़ जाएँ।[4]
4. और मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) पर प्रकाशना के अवतरण को रोक दें।
عربی تفاسیر:
جُنْدٌ مَّا هُنَالِكَ مَهْزُوْمٌ مِّنَ الْاَحْزَابِ ۟
(यह) एक तुच्छ सी सेना है, सेनाओं में से, जो वहाँ पराजित होने वाली है।[5]
5. अर्थात इन मक्का वासियों के पराजित होने में देर नहीं लगेगी।
عربی تفاسیر:
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّعَادٌ وَّفِرْعَوْنُ ذُو الْاَوْتَادِ ۟ۙ
इनसे पहले नूह की जाति तथा आद और मेखों वाले (शक्तिमान) फ़िरऔन ने झुठलाया।
عربی تفاسیر:
وَثَمُوْدُ وَقَوْمُ لُوْطٍ وَّاَصْحٰبُ لْـَٔیْكَةِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ الْاَحْزَابُ ۟
तथा समूद और लूत की जाति तथा ऐका (उपवन) वालों[6] ने। यही लोग वे सेनाएँ हैं।
6. इससे अभिप्राय शुऐब (अलैहिस्सलाम) की जाति है। (देखिए : सूरतुश-शुअरा, आयत : 176)
عربی تفاسیر:
اِنْ كُلٌّ اِلَّا كَذَّبَ الرُّسُلَ فَحَقَّ عِقَابِ ۟۠
इन सब ने रसूलों को झुठलाया, तो मेरी यातना सिद्ध हो गई।
عربی تفاسیر:
وَمَا یَنْظُرُ هٰۤؤُلَآءِ اِلَّا صَیْحَةً وَّاحِدَةً مَّا لَهَا مِنْ فَوَاقٍ ۟
और ये लोग केवल एक सख़्त चीख की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसमें कोई विराम नहीं होगा।
عربی تفاسیر:
وَقَالُوْا رَبَّنَا عَجِّلْ لَّنَا قِطَّنَا قَبْلَ یَوْمِ الْحِسَابِ ۟
तथा उन्होंने कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारा भाग हिसाब के दिन से पहले ही प्रदान कर दे।[7]
7. अर्थात वह उपहास स्वरूप कहते हैं कि प्रलय से पहले ही संसार में हमें यातना मिल जाए। अर्थ यह है कि हमें कोई यातना नहीं दी जाएगी।
عربی تفاسیر:
اِصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَاذْكُرْ عَبْدَنَا دَاوٗدَ ذَا الْاَیْدِ ۚ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
वे जो कुछ कहते हैं उसपर सब्र करें, तथा हमारे बंदे दाऊद को याद करें, जो बड़ी शक्ति वाला था। निश्चय वह (अल्लाह की ओर) बहुत लौटने वाला था।
عربی تفاسیر:
اِنَّا سَخَّرْنَا الْجِبَالَ مَعَهٗ یُسَبِّحْنَ بِالْعَشِیِّ وَالْاِشْرَاقِ ۟ۙ
निःसंदेह हमने पर्वतों को उसके साथ वशीभूत कर दिया था, वे शाम तथा सुबह तस्बीह (पवित्रता गान) करते थे।
عربی تفاسیر:
وَالطَّیْرَ مَحْشُوْرَةً ؕ— كُلٌّ لَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
तथा पक्षियों को भी, जो एकत्र किए होते। सब उसकी ओर पलटने वाले थे।
عربی تفاسیر:
وَشَدَدْنَا مُلْكَهٗ وَاٰتَیْنٰهُ الْحِكْمَةَ وَفَصْلَ الْخِطَابِ ۟
और हमने उसके राज्य को मज़बूत किया और उसे हिकमत (नुबुव्वत) तथा निर्णायक बात कहने की क्षमता प्रदान की।
عربی تفاسیر:
وَهَلْ اَتٰىكَ نَبَؤُا الْخَصْمِ ۘ— اِذْ تَسَوَّرُوا الْمِحْرَابَ ۟ۙ
तथा क्या आपके पास झगड़ने वालों का समाचार आया, जब वे दीवार फाँदकर उपासना-गृह में आ गए?
عربی تفاسیر:
اِذْ دَخَلُوْا عَلٰی دَاوٗدَ فَفَزِعَ مِنْهُمْ قَالُوْا لَا تَخَفْ ۚ— خَصْمٰنِ بَغٰی بَعْضُنَا عَلٰی بَعْضٍ فَاحْكُمْ بَیْنَنَا بِالْحَقِّ وَلَا تُشْطِطْ وَاهْدِنَاۤ اِلٰی سَوَآءِ الصِّرَاطِ ۟
जब वे दाऊद के पास अंदर आए, तो वह उनसे घबरा गया। उन्होंने कहा : डरिए नहीं। (हम) दो झगड़ने वाले हैं। हममें से एक ने दूसरे पर अत्याचार किया है। सो आप हमारे बीच सत्य के साथ न्याय कर दें, और अन्याय न करें, तथा हमारी सीधे मार्ग की ओर रहनुमाई करें।
عربی تفاسیر:
اِنَّ هٰذَاۤ اَخِیْ ۫— لَهٗ تِسْعٌ وَّتِسْعُوْنَ نَعْجَةً وَّلِیَ نَعْجَةٌ وَّاحِدَةٌ ۫— فَقَالَ اَكْفِلْنِیْهَا وَعَزَّنِیْ فِی الْخِطَابِ ۟
निःसंदेह यह मेरा भाई है। इसके पास निन्नानवे दुंबियाँ हैं और मेरे पास एक दुंबी है। तो इसने कहा कि इसे (भी) मुझे सौंप दे और इसने बात-चीत में मुझे दबा लिया।
عربی تفاسیر:
قَالَ لَقَدْ ظَلَمَكَ بِسُؤَالِ نَعْجَتِكَ اِلٰی نِعَاجِهٖ ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا مِّنَ الْخُلَطَآءِ لَیَبْغِیْ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ اِلَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَقَلِیْلٌ مَّا هُمْ ؕ— وَظَنَّ دَاوٗدُ اَنَّمَا فَتَنّٰهُ فَاسْتَغْفَرَ رَبَّهٗ وَخَرَّ رَاكِعًا وَّاَنَابَ ۟
उसने कहा : निःसंदेह उसने तेरी दुंबी को अपनी दुंबियों के साथ मिलाने की माँग करके तुझपर अत्याचार किया है। तथा निःसंदेह बहुत-से साझी निश्चय एक-दूसरे पर अत्याचार करते हैं। सिवाय उन लोगों के, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और ये लोग बहुत ही कम हैं। और दाऊद ने यक़ीन कर लिया कि हमने उसकी परीक्षा ली है। अतः उसने अपने पालनहार से क्षमा याचना की, तथा सजदे में गिर गया, और (अल्लाह की ओर) वापस लौटा।
عربی تفاسیر:
فَغَفَرْنَا لَهٗ ذٰلِكَ ؕ— وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰی وَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟
तो हमने उसकी यह ग़लती क्षमा कर दी और निःसंदेह उसके लिए हमारे पास निश्चय बड़ी निकटता तथा अच्छा ठिकाना है।
عربی تفاسیر:
یٰدَاوٗدُ اِنَّا جَعَلْنٰكَ خَلِیْفَةً فِی الْاَرْضِ فَاحْكُمْ بَیْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوٰی فَیُضِلَّكَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ یَضِلُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌۢ بِمَا نَسُوْا یَوْمَ الْحِسَابِ ۟۠
ऐ दाऊद! हमने तुझे धरती में ख़लीफ़ा बनाया है। अतः लोगों के बीच सत्य के साथ निर्णय कर तथा इच्छा का अनुसरण न कर। अन्यथा, वह तुझे अल्लाह की राह से भटका देगी। निःसंदेह जो लोग अल्लाह की राह[8] से भटक जाते हैं, उनके लिए कठोर यातना है, इस कारण कि वे हिसाब के दिन को भूल गए।
8. अल्लाह की राह से अभिप्राय उसका धर्म-विधान है।
عربی تفاسیر:
وَمَا خَلَقْنَا السَّمَآءَ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا بَاطِلًا ؕ— ذٰلِكَ ظَنُّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنَ النَّارِ ۟ؕ
तथा हमने आकाश और धरती को तथा उन दोनों के बीच की चीज़ों को व्यर्थ नहीं पैदा किया। यह तो उन लोगों का गुमान है, जिन्होंने कुफ़्र किया। तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उनके लिए आग के रूप में बड़ा विनाश है।
عربی تفاسیر:
اَمْ نَجْعَلُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ كَالْمُفْسِدِیْنَ فِی الْاَرْضِ ؗ— اَمْ نَجْعَلُ الْمُتَّقِیْنَ كَالْفُجَّارِ ۟
क्या हम उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, धरती में बिगाड़ पैदा करने वालों के समान कर देंगे? या क्या हम परहेज़गारों को दुराचारियों के समान[9] कर देंगे?
9. यह प्रश्न नकारात्मक है और अर्थ यह है कि दोनों का परिणाम समान नहीं होगा।
عربی تفاسیر:
كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَیْكَ مُبٰرَكٌ لِّیَدَّبَّرُوْۤا اٰیٰتِهٖ وَلِیَتَذَكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟
यह (क़ुरआन) एक पुस्तक है, हमने इसे आपकी ओर उतारा है, बहुत बरकत वाली है, ताकि वे इसकी आयतों पर विचार करें, और ताकि बुद्धि वाले लोग (इससे) उपदेश ग्रहण करें।
عربی تفاسیر:
وَوَهَبْنَا لِدَاوٗدَ سُلَیْمٰنَ ؕ— نِعْمَ الْعَبْدُ ؕ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟ؕ
तथा हमने दाऊद को सुलैमान (नामक पुत्र) प्रदान किया। वह बहुत अच्छा बंदा था। निःसंदेह वह (अल्लाह की ओर) बहुत लौटने वाला था।
عربی تفاسیر:
اِذْ عُرِضَ عَلَیْهِ بِالْعَشِیِّ الصّٰفِنٰتُ الْجِیَادُ ۟ۙ
जब उसके समक्ष संध्या के समय असली तेज़गाम घोड़े प्रस्तुत किए गए।
عربی تفاسیر:
فَقَالَ اِنِّیْۤ اَحْبَبْتُ حُبَّ الْخَیْرِ عَنْ ذِكْرِ رَبِّیْ ۚ— حَتّٰی تَوَارَتْ بِالْحِجَابِ ۟۫
तो उसने कहा : मैंने इस धन (घोड़ों) के प्रेम को अपने पालनहार की याद पर प्राथमिकता दी। यहाँ तक कि सूरज ग़ायब हो गया।
عربی تفاسیر:
رُدُّوْهَا عَلَیَّ ؕ— فَطَفِقَ مَسْحًا بِالسُّوْقِ وَالْاَعْنَاقِ ۟
उन्हें मेरे पास वापस लाओ। फिर वह उनकी पिंडलियों तथा गर्दनों पर (तलवार) फेरने लगे।
عربی تفاسیر:
وَلَقَدْ فَتَنَّا سُلَیْمٰنَ وَاَلْقَیْنَا عَلٰی كُرْسِیِّهٖ جَسَدًا ثُمَّ اَنَابَ ۟
तथा निःसंदेह हमने सुलैमान की परीक्षा ली[10] और उसके सिंहासन पर एक शरीर डाल दिया। फिर वह अल्लाह की ओर पलटा।
10. ह़दीस के भाष्यकारों ने लिखा है कि सुलैमान अलैहिस्सलाम ने एक बार कहा कि मैं आज रात अपनी सभी पत्नियों जिनकी संख्या 70 अथवा 90 थी, से संभोग करूँगा। जिनसे योद्धा पैदा होंगे जो अल्लाह की राह मे जिहाद करेंगे। तथा उन्हों ने 'इन शा अल्लाह' (यदि अल्लाह ने चाहा) नहीं कहा। जिसका परिणाम यह हुआ कि केवल एक ही पत्नी गर्भवती हुई। और उसने भी अधूरे शिशु को जन्म दिया। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कहा : यदि वह 'इन शा अल्लाह' (यदि अल्लाह ने चाहा) कह देते, तो सब योद्धा पैदा होते। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 6639, सह़ीह़ मुस्लिम, ह़दीस संख्या : 1656)
عربی تفاسیر:
قَالَ رَبِّ اغْفِرْ لِیْ وَهَبْ لِیْ مُلْكًا لَّا یَنْۢبَغِیْ لِاَحَدٍ مِّنْ بَعْدِیْ ۚ— اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهَّابُ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मुझे क्षमा कर दे तथा मुझे ऐसा राज्य प्रदान कर, जो मेरे बाद किसी के लिए उचित न हो। निश्चय तू ही बड़ा दाता है।
عربی تفاسیر:
فَسَخَّرْنَا لَهُ الرِّیْحَ تَجْرِیْ بِاَمْرِهٖ رُخَآءً حَیْثُ اَصَابَ ۟ۙ
तो हमने वायु को उसके लिए वशीभूत कर दिया, जो उसके आदेश से कोमलता से चलती थी, जहाँ वह जाना चाहता।
عربی تفاسیر:
وَالشَّیٰطِیْنَ كُلَّ بَنَّآءٍ وَّغَوَّاصٍ ۟ۙ
तथा शैतानों को, (भी वशीभूत कर दिया) जो हर प्रकार के कुशल निर्माता तथा माहिर ग़ोताख़ोर थे।
عربی تفاسیر:
وَّاٰخَرِیْنَ مُقَرَّنِیْنَ فِی الْاَصْفَادِ ۟
तथा कुछ दूसरों को भी (वशीभूत कर दिया), जो बेड़ियों में इकट्ठे जकड़े हुए थे।
عربی تفاسیر:
هٰذَا عَطَآؤُنَا فَامْنُنْ اَوْ اَمْسِكْ بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟
(ऐ सुलैमान!) यह हमारा प्रदान है। अब उपकार करो अथवा रोक रखो, कोई हिसाब न होगा।
عربی تفاسیر:
وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰی وَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟۠
और निःसंदेह उसके लिए हमारे पास निश्चय बड़ी निकटता तथा अच्छा ठिकाना है।
عربی تفاسیر:
وَاذْكُرْ عَبْدَنَاۤ اَیُّوْبَ ۘ— اِذْ نَادٰی رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الشَّیْطٰنُ بِنُصْبٍ وَّعَذَابٍ ۟ؕ
तथा हमारे बंदे अय्यूब को याद करो। जब उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह शैतान ने मुझे दुःख तथा कष्ट पहुँचाया[11] है।
11. अर्थात मेरे दुःख तथा यातना के कारण मुझे शैतान उकसा रहा है तथा वह मुझे तेरी दया से निराश करना चाहता है।
عربی تفاسیر:
اُرْكُضْ بِرِجْلِكَ ۚ— هٰذَا مُغْتَسَلٌۢ بَارِدٌ وَّشَرَابٌ ۟
अपना पाँव (धरती पर) मार। यह स्नान का तथा पीने का शीतल जल है।
عربی تفاسیر:
وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اَهْلَهٗ وَمِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنَّا وَذِكْرٰی لِاُولِی الْاَلْبَابِ ۟
और हमने उसे उसके घर वाले दे दिए तथा उनके साथ उतने और भी। हमारी ओर से दया के रूप में और बुद्धि वालों के लिए उपदेश के रूप में।
عربی تفاسیر:
وَخُذْ بِیَدِكَ ضِغْثًا فَاضْرِبْ بِّهٖ وَلَا تَحْنَثْ ؕ— اِنَّا وَجَدْنٰهُ صَابِرًا ؕ— نِّعْمَ الْعَبْدُ ؕ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
तथा अपने हाथ में तिनकों का एक मुट्ठा ले और उससे मार दे और अपनी क़सम न तोड़।[12] निःसंदेह हमने उसे धैर्य करने वाला पाया, अच्छा बंदा था। निश्चय वह अल्लाह की तरफ़ बहुत ज़्यादा लौटने वाला था।
12. अय्यूब (अलैहिस्सलाम) की पत्नी से कुछ चूक हो गई, जिसपर उन्हों ने उसे सौ कोड़े मारने की शपथ ली थी।
عربی تفاسیر:
وَاذْكُرْ عِبٰدَنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ اُولِی الْاَیْدِیْ وَالْاَبْصَارِ ۟
तथा हमारे बंदों इबराहीम और इसहाक़ और याक़ूब को याद करो, जो हाथों (शक्ति) वाले और आँखों (अंतर्दृष्टि)[13] वाले थे।
13. अर्थात आज्ञापालन में शक्तिवान तथा धर्म का बोध रखते थे।
عربی تفاسیر:
اِنَّاۤ اَخْلَصْنٰهُمْ بِخَالِصَةٍ ذِكْرَی الدَّارِ ۟ۚ
हमने उन्हें एक खास विशेषता के साथ चुन लिया, जो असल घर (आख़िरत) की याद है।
عربی تفاسیر:
وَاِنَّهُمْ عِنْدَنَا لَمِنَ الْمُصْطَفَیْنَ الْاَخْیَارِ ۟ؕ
और निःसंदेह वे हमारे निकट चुने हुए बेहतरीन लोगों में से थे।
عربی تفاسیر:
وَاذْكُرْ اِسْمٰعِیْلَ وَالْیَسَعَ وَذَا الْكِفْلِ ؕ— وَكُلٌّ مِّنَ الْاَخْیَارِ ۟ؕ
तथा आप इसमाईल, अल-यसअ् एवं ज़ुल्-किफ़्ल को याद करें और ये सब बेहतरीन लोगों में से थे।
عربی تفاسیر:
هٰذَا ذِكْرٌ ؕ— وَاِنَّ لِلْمُتَّقِیْنَ لَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟ۙ
यह एक उपदेश है। तथा निश्चय ही डर रखने वालों के लिए अच्छा ठिकाना है।
عربی تفاسیر:
جَنّٰتِ عَدْنٍ مُّفَتَّحَةً لَّهُمُ الْاَبْوَابُ ۟ۚ
सदैव रहने के बाग़, इस हाल में कि उनके लिए द्वार पूरे खोले हुए होंगे।
عربی تفاسیر:
مُتَّكِـِٕیْنَ فِیْهَا یَدْعُوْنَ فِیْهَا بِفَاكِهَةٍ كَثِیْرَةٍ وَّشَرَابٍ ۟
उनमें तकिए लगाए हुए होंगे। वे उनमें बहुत-से फल तथा पेय मँगवा रहे होंगे।।
عربی تفاسیر:
وَعِنْدَهُمْ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ اَتْرَابٌ ۟
तथा उनके पास निगाहें सीमित रखने वाली, एक-सी आयु वाली स्त्रियाँ होंगी।
عربی تفاسیر:
هٰذَا مَا تُوْعَدُوْنَ لِیَوْمِ الْحِسَابِ ۟
यह है जिसका हिसाब के दिन के लिए तुमसे वादा किया जाता है।
عربی تفاسیر:
اِنَّ هٰذَا لَرِزْقُنَا مَا لَهٗ مِنْ نَّفَادٍ ۟ۚۖ
निःसंदेह यह हमारी जीविका है, जो कभी समाप्त न होगी।
عربی تفاسیر:
هٰذَا ؕ— وَاِنَّ لِلطّٰغِیْنَ لَشَرَّ مَاٰبٍ ۟ۙ
यह है (डरने वालो का बदला), और निःसंदेह सरकशों के लिए निश्चय बहुत बुरा ठिकाना है।
عربی تفاسیر:
جَهَنَّمَ ۚ— یَصْلَوْنَهَا ۚ— فَبِئْسَ الْمِهَادُ ۟
(वह) जहन्नम है, वे उसमें प्रवेश करेंगे। सो वह बहुत बुरा बिछौना है।
عربی تفاسیر:
هٰذَا ۙ— فَلْیَذُوْقُوْهُ حَمِیْمٌ وَّغَسَّاقٌ ۟ۙ
यह है (सज़ा), सो वे उसे चखें, खौलता पानी और पीप।
عربی تفاسیر:
وَّاٰخَرُ مِنْ شَكْلِهٖۤ اَزْوَاجٌ ۟ؕ
तथा इसी प्रकार की कुछ अन्य विभिन्न यातनाएँ।
عربی تفاسیر:
هٰذَا فَوْجٌ مُّقْتَحِمٌ مَّعَكُمْ ۚ— لَا مَرْحَبًا بِهِمْ ؕ— اِنَّهُمْ صَالُوا النَّارِ ۟
यह[14] एक जत्था है, जो तुम्हारे साथ घुसता चला आने वाला है। उनका कोई स्वागत नहीं। निश्चय ये जहन्नम में प्रवेश करने वाले हैं।
14. यह बात काफ़िरों के प्रमुख जो पहले से नरक में होंगे अपने उन अनुयायियों से कहेंगे, जो संसार में उनके अनुयायी बने रहे उस समय जब उनके अनुयायियों का गिरोह नरक में आने लगेगा।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا بَلْ اَنْتُمْ ۫— لَا مَرْحَبًا بِكُمْ ؕ— اَنْتُمْ قَدَّمْتُمُوْهُ لَنَا ۚ— فَبِئْسَ الْقَرَارُ ۟
वे उत्तर देंगे : बल्कि तुम हो, तुम्हारा कोई स्वागत नहीं। तुम ही इसे हमारे आगे लाए हो। सो यह बुरा ठिकाना है।
عربی تفاسیر:
قَالُوْا رَبَّنَا مَنْ قَدَّمَ لَنَا هٰذَا فَزِدْهُ عَذَابًا ضِعْفًا فِی النَّارِ ۟
(फिर) वे कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! जो इसे हमारे आगे लाया है, तू उसे जहन्नम में दोगुनी यातना दे।
عربی تفاسیر:
وَقَالُوْا مَا لَنَا لَا نَرٰی رِجَالًا كُنَّا نَعُدُّهُمْ مِّنَ الْاَشْرَارِ ۟ؕ
तथा वे कहेंगे : हमें क्या हुआ कि हम उन लोगों को नहीं देख रहे हैं, जिनकी गणना हम बुरे लोगों में किया करते थे?[15]
15. इससे उनका संकेत उन निर्धन-निर्बल मुसलमानों की ओर होगा जिन्हें वे संसार में उपद्रवी कह रहे थे।
عربی تفاسیر:
اَتَّخَذْنٰهُمْ سِخْرِیًّا اَمْ زَاغَتْ عَنْهُمُ الْاَبْصَارُ ۟
क्या हमने उन्हें मज़ाक़ बनाए रखा, या हमारी आँखें उनसे फिर गई हैं?
عربی تفاسیر:
اِنَّ ذٰلِكَ لَحَقٌّ تَخَاصُمُ اَهْلِ النَّارِ ۟۠
निःसंदेह यह जहन्नमियों का आपस में झगड़ना निश्चय सत्य है।
عربی تفاسیر:
قُلْ اِنَّمَاۤ اَنَا مُنْذِرٌ ۖۗ— وَّمَا مِنْ اِلٰهٍ اِلَّا اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟ۚ
(ऐ नबी!) आप कह दें : मैं तो मात्र एक डराने वाला[16] हूँ, तथा अल्लाह के सिवा कोई (सच्चा) पूज्य नहीं, जो एक है, परम प्रभुत्वशाली है।
16. क़ुरआन ने इसे बहुत-सी आयतों में दुहराया है कि नबियों का कर्तव्य मात्र सत्य को पहुँचाना है। किसी को बलपूर्वक सत्य को मनवाना नहीं है।
عربی تفاسیر:
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا الْعَزِیْزُ الْغَفَّارُ ۟
जो आकाशों का तथा धरती का पालनहार है और उन चीज़ों का जो उन दोनों के बीच है, सब पर प्रभुत्वशाली, अत्यंत क्षमाशील है।
عربی تفاسیر:
قُلْ هُوَ نَبَؤٌا عَظِیْمٌ ۟ۙ
आप कह दें कि वह[17] एक बहुत बड़ी सूचना है।
17. परलोक की यातना तथा तौहीद (एकेश्वरवाद) की जो बातें तुम्हें बता रहा हूँ।
عربی تفاسیر:
اَنْتُمْ عَنْهُ مُعْرِضُوْنَ ۟
जिससे तुम मुँह फेरने वाले हो।
عربی تفاسیر:
مَا كَانَ لِیَ مِنْ عِلْمٍ بِالْمَلَاِ الْاَعْلٰۤی اِذْ یَخْتَصِمُوْنَ ۟
मुझे उच्च सभा (मलए आ'ला) का कभी कुछ ज्ञान नहीं, जब वे वाद-विवाद करते हैं।
عربی تفاسیر:
اِنْ یُّوْحٰۤی اِلَیَّ اِلَّاۤ اَنَّمَاۤ اَنَا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
मेरी ओर तो मात्र इसलिए वह़्य (प्रकाशना) की जाती है कि मैं खुला सचेत करने वाला हूँ।
عربی تفاسیر:
اِذْ قَالَ رَبُّكَ لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اِنِّیْ خَالِقٌۢ بَشَرًا مِّنْ طِیْنٍ ۟
जब आपके पालनहार ने फ़रिश्तों से कहा : निःसंदेह मैं मिट्टी से एक मनुष्य पैदा करने वाला हूँ।
عربی تفاسیر:
فَاِذَا سَوَّیْتُهٗ وَنَفَخْتُ فِیْهِ مِنْ رُّوْحِیْ فَقَعُوْا لَهٗ سٰجِدِیْنَ ۟
तो जब मैं उसे पूरा बना चुकूँ और उसमें अपनी आत्मा फूँक दूँ, तो तुम उसके सामने सजदा करते हुए गिर जाओ।
عربی تفاسیر:
فَسَجَدَ الْمَلٰٓىِٕكَةُ كُلُّهُمْ اَجْمَعُوْنَ ۟ۙ
तो सब के सब फ़रिश्तों ने सजदा किया।
عربی تفاسیر:
اِلَّاۤ اِبْلِیْسَ ؕ— اِسْتَكْبَرَ وَكَانَ مِنَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
सिवाय इबलीस के। उसने अभिमान किया और काफ़िरों में से हो गया।
عربی تفاسیر:
قَالَ یٰۤاِبْلِیْسُ مَا مَنَعَكَ اَنْ تَسْجُدَ لِمَا خَلَقْتُ بِیَدَیَّ ؕ— اَسْتَكْبَرْتَ اَمْ كُنْتَ مِنَ الْعَالِیْنَ ۟
(अल्लाह ने) कहा : ऐ इबलीस! तूझे किस चीज़ ने रोका कि तू उसके लिए सजदा करे जिसे मैंने अपने दोनों हाथों से बनाया? क्या तू बड़ा बन गया, या तू था ही ऊँचे लोगों में से?
عربی تفاسیر:
قَالَ اَنَا خَیْرٌ مِّنْهُ ؕ— خَلَقْتَنِیْ مِنْ نَّارٍ وَّخَلَقْتَهٗ مِنْ طِیْنٍ ۟
उसने कहा : मैं उससे बेहतर हूँ। तूने मुझे आग से पैदा किया और उसे मिट्टी से पैदा किया।
عربی تفاسیر:
قَالَ فَاخْرُجْ مِنْهَا فَاِنَّكَ رَجِیْمٌ ۟ۙۖ
(अल्लाह ने) कहा : फिर तू यहाँ से निकल जा। निःसंदेह तू धुत्कारा हुआ है।
عربی تفاسیر:
وَّاِنَّ عَلَیْكَ لَعْنَتِیْۤ اِلٰی یَوْمِ الدِّیْنِ ۟
और निःसंदेह तुझपर बदले (क़ियामत) के दिन तक मेरी धिक्कार है।
عربی تفاسیر:
قَالَ رَبِّ فَاَنْظِرْنِیْۤ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟
उस (इबलीस) ने कहा : ऐ मेरे पालनहार! फिर मुझे उस दिन तक के लिए अवसर दे, जिसमें लोग पुनः जीवित किए जाएँगे।
عربی تفاسیر:
قَالَ فَاِنَّكَ مِنَ الْمُنْظَرِیْنَ ۟ۙ
(अल्लाह ने) कहा : निःसंदेह तू मोहलत दिए गए लोगों में से है।
عربی تفاسیر:
اِلٰی یَوْمِ الْوَقْتِ الْمَعْلُوْمِ ۟
निर्धारित समय के दिन तक।
عربی تفاسیر:
قَالَ فَبِعِزَّتِكَ لَاُغْوِیَنَّهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
उसने कहा : तो तेरे गौरव की क़सम! मैं अवश्य उन सबको गुमराह कर दूँगा।
عربی تفاسیر:
اِلَّا عِبَادَكَ مِنْهُمُ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
सिवाय उनमें से तेरे उन बंदों के, जो चुने हुए हैं।
عربی تفاسیر:
قَالَ فَالْحَقُّ ؗ— وَالْحَقَّ اَقُوْلُ ۟ۚ
(अल्लाह ने) कहा : तो सत्य यह है और मैं सत्य ही कहता हूँ।
عربی تفاسیر:
لَاَمْلَـَٔنَّ جَهَنَّمَ مِنْكَ وَمِمَّنْ تَبِعَكَ مِنْهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟
कि मैं अवश्य ही जहन्नम को तुझसे तथा उन लोगों से भर दूँगा, जो उनमें से तेरा अनुसरण करेंगे।
عربی تفاسیر:
قُلْ مَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ وَّمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُتَكَلِّفِیْنَ ۟
(ऐ नबी!) आप कह दें कि मैं तुमसे इसपर कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता और न मैं बनावट करने वालो में से हूँ।
عربی تفاسیر:
اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟
यह तो केवल सर्व संसार के लिए एक उपदेश है।
عربی تفاسیر:
وَلَتَعْلَمُنَّ نَبَاَهٗ بَعْدَ حِیْنٍ ۟۠
तथा निश्चय तुम उसके समाचार को कुछ समय के बाद अवश्य जान लोगे।
عربی تفاسیر:
 
معانی کا ترجمہ سورت: سورۂ صٓ
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قرآن کریم کے معانی کا ہندی زبان میں ترجمہ: مولانا عزیز الحق عمری نے کیا ہے۔

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