قرآن کریم کے معانی کا ترجمہ - ہندی ترجمہ * - ترجمے کی لسٹ

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معانی کا ترجمہ آیت: (4) سورت: سورۂ زُخرُف
وَاِنَّهٗ فِیْۤ اُمِّ الْكِتٰبِ لَدَیْنَا لَعَلِیٌّ حَكِیْمٌ ۟ؕ
तथा निःसंदेह वह हमारे पास मूल पुस्तक[1] में निश्चय बड़ा उच्च तथा पूर्ण हिकमत वाला है।
1. मूल पुस्तक से अभिप्राय 'लौह़-मह़फ़ूज़' (सुरक्षित पुस्तक) है। जिससे सभी आकाशीय पुस्तकें अलग करके अवतरित की गई हैं। सूरतुल-वाक़िआ में इसी को "किताब-मक्नून" कहा गया है। सूरतुल-बुरूज में इसे "लौह़-मह़फ़ूज़" कहा गया है। सूरतुश्-शुअरा में कहा गया है कि यह अगले लोगों की पुस्तकों में है। सूरतुल-आला में कहा गया है कि यह विषय पहली पुस्तकों में भी अंकित है। सारांश यह है कि क़ुरआन के इनकार करने का कोई कारण नहीं। तथा क़ुरआन का इनकार सभी पहली पुस्तकों का इनकार करने के बराबर है।
عربی تفاسیر:
 
معانی کا ترجمہ آیت: (4) سورت: سورۂ زُخرُف
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قرآن کریم کے معانی کا ہندی زبان میں ترجمہ: مولانا عزیز الحق عمری نے کیا ہے۔

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