Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Оят: (2) Сура: Фотиҳа сураси
اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
पूर्ण स्तुति, तथा प्रताप एवं पूर्णता के गुणों की सभी प्रकार की प्रशंसा केवल अल्लाह की है, किसी और की नहीं। क्योंकि वही प्रत्येक चीज़ का पालनहार, उसका रचयिता और प्रबंधक है। 'अल्-आलमून', 'आलम' का बहुवचन है और इससे अभिप्राय अल्लाह सर्वशक्तिमान के अलावा सभी चीज़ें हैं।
Арабча тафсирлар:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• افتتح الله تعالى كتابه بالبسملة؛ ليرشد عباده أن يبدؤوا أعمالهم وأقوالهم بها طلبًا لعونه وتوفيقه.
• अल्लाह ने अपनी किताब का आरंभ 'बिस्मिल्लाह' से किया, अपने बंदों को यह बतलाने के लिए कि वे अल्लाह की सहायता तथा तौफ़ीक़ तलब करने के लिए, अपने कार्यों और बातों को इसी से शुरू करें।

• من هدي عباد الله الصالحين في الدعاء البدء بتمجيد الله والثناء عليه سبحانه، ثم الشروع في الطلب.
• दुआ में अल्लाह के सदाचारी बंदों का तरीक़ा सबसे पहले अल्लाह की महिमा का गान करना और उसकी स्तुति करना, और फिर अपनी मुराद माँगना है।

• تحذير المسلمين من التقصير في طلب الحق كالنصارى الضالين، أو عدم العمل بالحق الذي عرفوه كاليهود المغضوب عليهم.
• मुसलमानों को गुमराह ईसाइयों की तरह सत्य की खोज में कोताही करने, अथवा प्रकोप से पीड़ित यहूदियों की तरह सत्य को पहचानने के बाद उसपर अमल न करने से सावधान करना।

• دلَّت السورة على أن كمال الإيمان يكون بإخلاص العبادة لله تعالى وطلب العون منه وحده دون سواه.
• यह सूरत इंगित करती है कि ईमान की पूर्णता, इबादत को अल्लाह तआला के लिए ख़ालिस (विशुद्ध) करने तथा केवल उसी से मदद माँगने के माध्यम से प्राप्त होती है।

 
Маънолар таржимаси Оят: (2) Сура: Фотиҳа сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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