Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Оят: (44) Сура: Шўро сураси
وَمَنْ یُّضْلِلِ اللّٰهُ فَمَا لَهٗ مِنْ وَّلِیٍّ مِّنْ بَعْدِهٖ ؕ— وَتَرَی الظّٰلِمِیْنَ لَمَّا رَاَوُا الْعَذَابَ یَقُوْلُوْنَ هَلْ اِلٰی مَرَدٍّ مِّنْ سَبِیْلٍ ۟ۚ
अल्लाह जिसे मार्गदर्शन करने से हाथ खींच ले और उसे सत्य मार्ग से पथभ्रष्ट कर दे, तो उसके बाद उसके मामले को संभालने के लिए उसका कोई संरक्षक नहीं है। तथा तुम कुफ़्र और अवज्ञाओं के द्वारा अपने ऊपर अत्याचार करने वालों को देखोगे कि जब वे क़ियामत के दिन यातना को अपनी आँखों से देख लेंगे, तो कामना करते हुए कहेंगे : क्या दुनिया में वापसी का कोई रास्ता है कि हम अल्लाह के सामने तौबा कर सकें?
Арабча тафсирлар:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• الصبر والشكر سببان للتوفيق للاعتبار بآيات الله.
• धैर्य और धन्यवाद (सब्र एवं शुक्र), अल्लाह की निशानियों से शिक्षा ग्रहण करने की तौफ़ीक़ के दो कारण हैं।

• مكانة الشورى في الإسلام عظيمة.
• इस्लाम में शूरा (परस्पर परामर्श) का स्थान बहुत महान है।

• جواز مؤاخذة الظالم بمثل ظلمه، والعفو خير من ذلك.
• ज़ालिम को उसके ज़ुल्म के समान सज़ा देना जायज़ है, परंतु क्षमा कर देना उससे बेहतर है।

 
Маънолар таржимаси Оят: (44) Сура: Шўро сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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