Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Сура: Ҳужурот сураси   Оят:

सूरा अल्-ह़ुजुरात

Суранинг мақсадларидан..:
معالجة اللسان وبيان أثره على إيمان الفرد وأخلاق المجتمع.
ज़बान का उपचार करना तथा व्यक्ति के ईमान और समाज की नैतिकता पर उसके प्रभाव का वर्णन करना।

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تُقَدِّمُوْا بَیْنَ یَدَیِ اللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ وَاتَّقُوا اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَمِیْعٌ عَلِیْمٌ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत का पालन करने वालो! किसी वचन या कर्म द्वारा अल्लाह और उसके रसूल से आगे न बढ़ो। और अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरते रहो। निःसंदेह अल्लाह तुम्हारी बातों को सुनने वाला, तुम्हारे कार्यों को जानने वाला है। उनमें से कोई भी चीज़ उससे छूट नहीं सकती और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
Арабча тафсирлар:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَرْفَعُوْۤا اَصْوَاتَكُمْ فَوْقَ صَوْتِ النَّبِیِّ وَلَا تَجْهَرُوْا لَهٗ بِالْقَوْلِ كَجَهْرِ بَعْضِكُمْ لِبَعْضٍ اَنْ تَحْبَطَ اَعْمَالُكُمْ وَاَنْتُمْ لَا تَشْعُرُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने वालो और उसकी शरीयत का पालन करने वालो! उसके रसूल के साथ शिष्टाचार से पेश आओ और नबी से बात करते समय अपनी आवाज़ को उनकी आवाज़ से ऊँची न होने दो, और उन्हें आपस में एक-दूसरे को पुकारने की तरह उनके नाम से न पुकारो। बल्कि उन्हें ऐ नबी! और ऐ रसूल! कहकर विनम्रता से पुकारो; ऐसा न हो कि कहीं तुम्हारे कर्मों का बदला अकारथ चला जाए और तुम्हें इसका एहसास तक न हो।
Арабча тафсирлар:
اِنَّ الَّذِیْنَ یَغُضُّوْنَ اَصْوَاتَهُمْ عِنْدَ رَسُوْلِ اللّٰهِ اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ امْتَحَنَ اللّٰهُ قُلُوْبَهُمْ لِلتَّقْوٰی ؕ— لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ عَظِیْمٌ ۟
जो लोग अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास अपनी आवाज़ें धीमी रखते हैं, वही लोग हैं, जिनके दिलों को अल्लाह ने अपनी परहेज़गारी के लिए जाँच लिया है और उन्हें उसके लिए चुन लिया है। उनके लिए उनके पापों की क्षमा है, इसलिए वह उनकी पकड़ नहीं करेगा। तथा उनके लिए क़ियामत के दिन महान प्रतिफल है, जो कि यह है कि अल्लाह उन्हें जन्नत में दाखिल करेगा।
Арабча тафсирлар:
اِنَّ الَّذِیْنَ یُنَادُوْنَكَ مِنْ وَّرَآءِ الْحُجُرٰتِ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْقِلُوْنَ ۟
जो बद्दू लोग (ऐ रसूल!) आपको, आपकी पत्नियों के कमरों के बाहर से पुकारते हैं, उनमें से अधिकांश नहीं समझते।
Арабча тафсирлар:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• تشرع الرحمة مع المؤمن، والشدة مع الكافر المحارب.
• एक मोमिन को ईमान वाले के साथ दयावान् और युद्ध करने वाले काफ़िर के लिए सख्त होना चाहिए।

• التماسك والتعاون من أخلاق أصحابه صلى الله عليه وسلم.
• एकजुटता और परस्पर सहयोग नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथियों की नैतिकता में से हैं।

• من يجد في قلبه كرهًا للصحابة الكرام يُخْشى عليه من الكفر.
• जो व्यक्ति अपने दिल में सम्मानित सहाबा के प्रति घृणा पाता है, उसके बारे में कुफ़्र का डर है।

• وجوب التأدب مع رسول الله صلى الله عليه وسلم، ومع سُنَّته، ومع ورثته (العلماء).
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ, आपकी सुन्नत के साथ और आपके वारिसों (विद्वानों) के साथ शिष्टाचार अपनाना अनिवार्य है।

وَلَوْ اَنَّهُمْ صَبَرُوْا حَتّٰی تَخْرُجَ اِلَیْهِمْ لَكَانَ خَیْرًا لَّهُمْ ؕ— وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और यदि ये लोग जो (ऐ रसूल!) आपको आपकी पत्नियों के कमरों के बाहर से पुकारते हैं, धैर्य रखते और आपको न पुकारते यहाँ तक कि आप उनके पास निकल कर आते, फिर वे धीमी आवाज़ में आपसे बात करते; तो यह उनके लिए आपको बाहर से पुकारने की तुलना में बेहतर होता; क्योंकि इसमें आदर और सम्मान पाया जाता है। तथा अल्लाह उनमें से तथा उनके अलावा लोगों में से तौबा करने वालों के पापों को माफ़ करने वाला है और उन्हें उनकी अज्ञानता के कारण क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
Арабча тафсирлар:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اِنْ جَآءَكُمْ فَاسِقٌ بِنَبَاٍ فَتَبَیَّنُوْۤا اَنْ تُصِیْبُوْا قَوْمًا بِجَهَالَةٍ فَتُصْبِحُوْا عَلٰی مَا فَعَلْتُمْ نٰدِمِیْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान लाने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! यदि कोई दुराचारी व्यक्ति तुम्हारे पास किसी समुदाय के बारे में कोई समाचार लेकर आए, तो उसके समाचार की प्रामाणिकता को सत्यापित कर लिया करो, और उसपर विश्वास करने में जल्दबाज़ी न करो; ऐसा न हो कि (यदि तुमने बिना छानबीन के उसकी खबर पर विश्वास कर लिया) तुम किसी समुदाय को कुछ नुक़सान पहुँचा दो, जबकि तुम उनके बारे में सच्चाई से अनजान हो। फिर उन्हें नुक़सान पहुँचाने के बाद तुम्हें पछताना पड़े, जब तुम्हारे लिए यह स्पष्ट हो जाए कि उसकी ख़बर झूठी है।
Арабча тафсирлар:
وَاعْلَمُوْۤا اَنَّ فِیْكُمْ رَسُوْلَ اللّٰهِ ؕ— لَوْ یُطِیْعُكُمْ فِیْ كَثِیْرٍ مِّنَ الْاَمْرِ لَعَنِتُّمْ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ حَبَّبَ اِلَیْكُمُ الْاِیْمَانَ وَزَیَّنَهٗ فِیْ قُلُوْبِكُمْ وَكَرَّهَ اِلَیْكُمُ الْكُفْرَ وَالْفُسُوْقَ وَالْعِصْیَانَ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الرّٰشِدُوْنَ ۟ۙ
और (ऐ ईमान वालों!) जान लो कि तुम्हारे बीच अल्लाह के रसूल मौजूद हैं जिनपर वह़्य (प्रकाशना) उतरती है। इसलिए झूठ बोलने से सावधान रहो। क्योंकि अल्लाह उनपर वह़्य उतारकर उन्हें तुम्हारे झूठ के बारे में बता देगा। वह उसे अधिक जानते हैं जिसमें तुम्हारा हित है। अगर वह तुम्हारे बहुत-से सुझावों में तुम्हारी बात मान लें, तो तुम कठिनाई में पड़ जाओगे, जो वह तुम्हारे लिए पसंद नहीं करता है। लेकिन अल्लाह ने अपने अनुग्रह से तुम्हारे लिए ईमान को प्रिय कर दिया और उसे तुम्हारे दिलों में सुंदर बना दिया है, इसलिए तुम ईमान ले आए तथा उसने कुफ़्र, अवज्ञा और पाप को तुम्हारे लिए घिनौना बना दिया। ये लोग जो इन गुणों से सुसज्जित हैं वही हिदायत और भलाई के रास्ते पर चलने वाले हैं।
Арабча тафсирлар:
فَضْلًا مِّنَ اللّٰهِ وَنِعْمَةً ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌ حَكِیْمٌ ۟
तुम्हें जो कुछ प्राप्त हुआ (जैसे तुम्हारे दिलों में भलाई को सुंदर और बुराई को अप्रिय बनाना), वह केवल अल्लाह का अनुग्रह है, जो उसने तुमपर किया है और उसकी नेमत है, जो उसने तुम्हें प्रदान की है। और अल्लाह अपने बंदों में से उसे खूब जानने वाला है, जो उसका शुक्र अदा करता है, इसलिए उसे सामर्थ्य प्रदान करता है, तथा पूर्ण हिकमत वाला है क्योंकि वह हर चीज़ को उसके उचित स्थान पर रखता है।
Арабча тафсирлар:
وَاِنْ طَآىِٕفَتٰنِ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ اقْتَتَلُوْا فَاَصْلِحُوْا بَیْنَهُمَا ۚ— فَاِنْ بَغَتْ اِحْدٰىهُمَا عَلَی الْاُخْرٰی فَقَاتِلُوا الَّتِیْ تَبْغِیْ حَتّٰی تَفِیْٓءَ اِلٰۤی اَمْرِ اللّٰهِ ۚ— فَاِنْ فَآءَتْ فَاَصْلِحُوْا بَیْنَهُمَا بِالْعَدْلِ وَاَقْسِطُوْا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یُحِبُّ الْمُقْسِطِیْنَ ۟
यदि मोमिनों के दो समूह आपस में लड़ पड़ें, तो (ऐ मोमिनो!) दोनों के बीच सुलह करा दो, इस प्रकार कि उन दोनों को अपने विवाद में अल्लाह की शरीयत को मध्यस्थ बनाने के लिए आमंत्रित करो। फिर यदि दोनों में से एक सुलह से इनकार कर दे और ज़्यादती करे, तो ज़्यादती करने वाले समूह से लड़ो, यहाँ तक कि वह अल्लाह के फैसले की ओर पलट आए। अगर वह अल्लाह के फैसले की ओर पलट आए, तो दोनों के बीच न्याय और निष्पक्षता के साथ सुलह करा दो और दोनों के बीच अपने निर्णय में न्याय से काम लो। निःसंदेह अल्लाह उन लोगों से प्रेम करता है, जो अपने निर्णय में न्याय से काम लेते हैं।
Арабча тафсирлар:
اِنَّمَا الْمُؤْمِنُوْنَ اِخْوَةٌ فَاَصْلِحُوْا بَیْنَ اَخَوَیْكُمْ وَاتَّقُوا اللّٰهَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ ۟۠
ईमान वाले तो इस्लाम में भाई हैं, और इस्लाम में भाईचारे का तक़ाज़ा है यह है कि (ऐ ईमान वालो!) तुम अपने दो झगड़ने वाले भाइयों के बीच मेल-मिलाप करा दो। तथा अल्लाह से, उसकी आज्ञाओं का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर, डरते रहो; इस आशा में कि तुमपर दया की जाए।
Арабча тафсирлар:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا یَسْخَرْ قَوْمٌ مِّنْ قَوْمٍ عَسٰۤی اَنْ یَّكُوْنُوْا خَیْرًا مِّنْهُمْ وَلَا نِسَآءٌ مِّنْ نِّسَآءٍ عَسٰۤی اَنْ یَّكُنَّ خَیْرًا مِّنْهُنَّ ۚ— وَلَا تَلْمِزُوْۤا اَنْفُسَكُمْ وَلَا تَنَابَزُوْا بِالْاَلْقَابِ ؕ— بِئْسَ الِاسْمُ الْفُسُوْقُ بَعْدَ الْاِیْمَانِ ۚ— وَمَنْ لَّمْ یَتُبْ فَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान लाने वालो और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! तुम्हारे पुरुषों का कोई समूह दूसरे समूह का मज़ाक न उड़ाए, संभव है कि जिनका मज़ाक उड़ाया जा रहा है, वे अल्लाह के निकट अच्छे हों, और मायने वही रखता है जो अल्लाह के निकट है। और न कोई स्त्रियाँ दूसरी स्त्रियों का मज़ाक उड़ाएँ, संभव है कि जिन स्त्रियों का मज़ाक उड़ाया जा रहा है, वे अल्लाह के निकट बेहतर हों। और अपने भाइयों पर दोष न लगाओ, क्योंकि वे तुम्हारी अपनी जानों के दर्जे में हैं। और तुममें से कोई किसी को ऐसी उपाधि के द्वारा शरम न दिलाए, जिसे वह नापसंद करता है, जैसा कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के आगमन से पहले कुछ अंसारियों का हाल था। तुममें से जो ऐसा करेगा, वह अवज्ञाकारी है। ईमान के बाद अवज्ञा की विशेषता बहुत बुरी विशेषता है। और जिसने इन पापों से तौबा नहीं की, तो वही लोग अपने किए हुए पापों के कारण खुद को विनाश के संसाधनों में लाकर, अपने आपपर अत्याचार करने वाले हैं।
Арабча тафсирлар:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• وجوب التثبت من صحة الأخبار، خاصة التي ينقلها من يُتَّهم بالفسق.
• समाचारों की प्रामाणिकता को सत्यापित करने की अनिवार्यता, विशेष रूप से उन समाचारों की, जिन्हें पहुँचाने वाला दुराचार से आरोपित हो।

• وجوب الإصلاح بين من يتقاتل من المسلمين، ومشروعية قتال الطائفة التي تصر على الاعتداء وترفض الصلح.
• आपस में लड़ने वाले मुसलमानों के बीच सुलह कराने की अनिवार्यता, और उस समूह से लड़ने की वैधता जो ज़्यादती करने पर अडिग है और सुलह को अस्वीकार करती है।

• من حقوق الأخوة الإيمانية: الصلح بين المتنازعين والبعد عما يجرح المشاعر من السخرية والعيب والتنابز بالألقاب.
• ईमानी भाईचारे के अधिकारों में : विवाद करने वालों के बीच सुलह कराना, भावनाओं को आहत करने वाली चीजों जैसे कि मज़ाक़ उड़ाने, दोष लगाने और बुरे उपनामों से पुकारने से दूर रहना, है।

یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوا اجْتَنِبُوْا كَثِیْرًا مِّنَ الظَّنِّ ؗ— اِنَّ بَعْضَ الظَّنِّ اِثْمٌ وَّلَا تَجَسَّسُوْا وَلَا یَغْتَبْ بَّعْضُكُمْ بَعْضًا ؕ— اَیُحِبُّ اَحَدُكُمْ اَنْ یَّاْكُلَ لَحْمَ اَخِیْهِ مَیْتًا فَكَرِهْتُمُوْهُ ؕ— وَاتَّقُوا اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ تَوَّابٌ رَّحِیْمٌ ۟
ऐ अल्लाह पर ईमान रखने और उसकी शरीयत पर अमल करने वालो! बहुत-से ऐसे आरोपों से बचो, जो उन्हें अनिवार्य करने वाले कारणों और संकेतों (लक्षणों) पर आधारित नहीं हैं। निश्चय कुछ गुमान पाप हैं, जैसे किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में बुरा ख़याल रखना, जो नेक दिखाई देता है। और ईमान वालों की छिपी हुई बातों (दोषों) के पीछे न पड़ो। तथा कोई व्यक्ति अपने भाई के बारे में ऐसी बात का उल्लेख न करे, जो उसे नापसंद हो। क्योंकि उसका उल्लेख ऐसी बात के साथ करना, जो उसे नापसंद है, उसके मरे हुए मांस को खाने के समान है। क्या तुममें से कोई अपने मरे हुए भाई का मांस खाना चाहेगा?! अतः उसकी गीबत करने को नापसंद करो, क्योंकि वह उसके समान है। तथा अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर, डरते रहो। निश्चय अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को बहुत ज़्यादा माफ़ करने वाला, उनपर बहुत दया करने वाला है।
Арабча тафсирлар:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اِنَّا خَلَقْنٰكُمْ مِّنْ ذَكَرٍ وَّاُ وَجَعَلْنٰكُمْ شُعُوْبًا وَّقَبَآىِٕلَ لِتَعَارَفُوْا ؕ— اِنَّ اَكْرَمَكُمْ عِنْدَ اللّٰهِ اَتْقٰىكُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌ خَبِیْرٌ ۟
ऐ लोगो! हमने तुम्हें एक नर अर्थात् तुम्हारे पिता आदम अलैहिस्सलाम और एक मादा अर्थात् तुम्हारी माँ हव्वा से पैदा किया। इस तरह तुम्हारा वंश एक ही है। इसलिए तुम वंश में एक-दूसरे पर गर्व न करो। फिर उसके बाद हमने तुमको बहुत सी जातियाँ और बिखरे हुए गोत्र बनाए; ताकि तुम एक-दूसरे को पहचानो, न कि उसपर घमंड करो। क्योंकि एक-दूसरे से प्रतिष्ठित होने का मानदंड केवल तक़्वा (परहेज़गारी) है। इसलिए आगे फरमाया : निःसंदहे तुममें सबसे सम्मान वाला अल्लाह के निकट वह है, जो तुममें सबसे ज़्यादा तक़्वा वाला है। निश्चय अल्लाह तुम्हारी स्थितियों को जानने वाला, तुम्हारी पूर्णता और अपूर्णता के बारे में अवगत है, इसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
Арабча тафсирлар:
قَالَتِ الْاَعْرَابُ اٰمَنَّا ؕ— قُلْ لَّمْ تُؤْمِنُوْا وَلٰكِنْ قُوْلُوْۤا اَسْلَمْنَا وَلَمَّا یَدْخُلِ الْاِیْمَانُ فِیْ قُلُوْبِكُمْ ؕ— وَاِنْ تُطِیْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ لَا یَلِتْكُمْ مِّنْ اَعْمَالِكُمْ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
कुछ बद्दुओं ने, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के पास आकर कहा : हम अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान ले आए। (ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : तुम ईमान नहीं लाए। लेकिन तुम यह कहो : हम समर्पित हो गए और आज्ञाकारी बन गए। और अभी तक ईमान तुम्हारे दिलों में प्रवेश नहीं किया। अलबत्ता उसके प्रवेश करने की उम्मीद है। और अगर (ऐ देहातियो!) तुम ईमान, अच्छे कर्मों तथा हराम कामों से बचने में अल्लाह और उसके रसूल का आज्ञापालन करोगे, तो अल्लाह तुम्हें तुम्हारे कर्मों के प्रतिफल में से कुछ भी कमी नहीं करेगा। निःसंदेह अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को बहुत माफ़ करने वाला, उनपर अत्यंत दया करने वाला है।
Арабча тафсирлар:
اِنَّمَا الْمُؤْمِنُوْنَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا بِاللّٰهِ وَرَسُوْلِهٖ ثُمَّ لَمْ یَرْتَابُوْا وَجٰهَدُوْا بِاَمْوَالِهِمْ وَاَنْفُسِهِمْ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ هُمُ الصّٰدِقُوْنَ ۟
मोमिन तो वही लोग हैं, जो अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए, फिर उनके ईमान पर संदेह का गुज़र नहीं हुआ। तथा उन्होंने अपने धन एवं प्राण के साथ अल्लाह के मार्ग में जिहाद किया और इस मामले में कोई कंजूसी नहीं की। जो लोग इन गुणों से सुसज्जित हैं, वही लोग अपने ईमान में सच्चे हैं।
Арабча тафсирлар:
قُلْ اَتُعَلِّمُوْنَ اللّٰهَ بِدِیْنِكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ؕ— وَاللّٰهُ بِكُلِّ شَیْءٍ عَلِیْمٌ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन बद्दुओं से कह दें : क्या तुम अल्लाह को अपने धर्म से अवगत करा रहे हो और उसे उसकी सूचना दे रहे हो?! हालाँकि अल्लाह जानता है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती पर है। और अल्लाह सब कुछ जानने वाला है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है। अतः उसे यह आवश्यकता नहीं है कि तुम उसे अपने धर्म के बारे में बताओ।
Арабча тафсирлар:
یَمُنُّوْنَ عَلَیْكَ اَنْ اَسْلَمُوْا ؕ— قُلْ لَّا تَمُنُّوْا عَلَیَّ اِسْلَامَكُمْ ۚ— بَلِ اللّٰهُ یَمُنُّ عَلَیْكُمْ اَنْ هَدٰىكُمْ لِلْاِیْمَانِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) ये बद्दू आपपर अपने इस्लाम लाने का एहसान जतला रहे हैं। आप उनसे कह दें : तुम अपने अल्लाह के धर्म में दाखिल होने का मुझपर एहसान मत रखो। क्योंकि उसका लाभ (यदि हुआ तो) तुम्हें ही होगा। बल्कि अल्लाह ही तुमपर एहसान रखता है कि उसने तुम्हें उसपर ईमान लाने का सामर्थ्य प्रदान किया, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि तुम अल्लाह के धर्म में दाखिल प्रवेश किए हो।
Арабча тафсирлар:
اِنَّ اللّٰهَ یَعْلَمُ غَیْبَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَاللّٰهُ بَصِیْرٌ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ۟۠
निःसंदेह अल्लाह आकाशों और धरती की छिपी चीज़ों को जानता है। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। तथा अल्लाह खूब देखने वाला है जो कुछ तुम करते हो, तुम्हारे कामों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है, और वह तुम्हें उसके भले और बुरे के लिए बदला देगा।
Арабча тафсирлар:
Ушбу саҳифадаги оят фойдаларидан:
• سوء الظن بأهل الخير معصية، ويجوز الحذر من أهل الشر بسوء الظن بهم.
• अच्छे लोगों के बारे में बुरा सोचना पाप है। और बुरे लोगों के बारे में बुरा सोचकर उनसे सावधान रहना जायज़ है।

• وحدة أصل بني البشر تقتضي نبذ التفاخر بالأنساب.
• मानव जाति की उत्पत्ति की एकता की अपेक्षा यह है कि वंश पर घमंड करना त्याग दिया जाए।

• الإيمان ليس مجرد نطق لا يوافقه اعتقاد، بل هو اعتقاد بالجَنان، وقول باللسان، وعمل بالأركان.
• ईमान, दिल में यकीन के बिना सिर्फ ज़बान से बोलने का नाम नहीं है। बल्कि ईमान नाम है, दिल से यकीन रखने, ज़बान से इकरार करने और उस के अनुसार अमल करने का।

• هداية التوفيق بيد الله وحده وهي فضل منه سبحانه ليست حقًّا لأحد.
• राह दिखाने का काम अल्लाह का है और यह उसके अनुग्रह से प्राप्त होता है। यह अल्लाह पर किसी का अधिकार नहीं है।

 
Маънолар таржимаси Сура: Ҳужурот сураси
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