Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима * - Таржималар мундарижаси

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Маънолар таржимаси Сура: Ҳуд сураси   Оят:

सूरा हूद

الٓرٰ ۫— كِتٰبٌ اُحْكِمَتْ اٰیٰتُهٗ ثُمَّ فُصِّلَتْ مِنْ لَّدُنْ حَكِیْمٍ خَبِیْرٍ ۟ۙ
अलिफ, लाम, रा। यह एक पुस्तक है, जिसकी आयतें सुदृढ़ की गईं, फिर उन्हें सविस्तार स्पष्ट किया गया एक पूर्ण हिकमत वाले की ओर से जो पूरी ख़बर रखने वाला है।
Арабча тафсирлар:
اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنَّنِیْ لَكُمْ مِّنْهُ نَذِیْرٌ وَّبَشِیْرٌ ۟ۙ
यह कि अल्लाह के सिवा किसी की इबादत न करो। निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए उसकी ओर से एक डराने वाला तथा शुभ सूचना देने वाला हूँ।
Арабча тафсирлар:
وَّاَنِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ یُمَتِّعْكُمْ مَّتَاعًا حَسَنًا اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی وَّیُؤْتِ كُلَّ ذِیْ فَضْلٍ فَضْلَهٗ ؕ— وَاِنْ تَوَلَّوْا فَاِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ كَبِیْرٍ ۟
और यह कि अपने पालनहार से क्षमा माँगो, फिर उसकी ओर पलट आओ। वह तुम्हें एक निर्धारित अवधि तक उत्तम सामग्री प्रदान करेगा और प्रत्येक अतिरिक्त सत्कर्म करने वाले को उसका अतिरिक्त बदला देगा और यदि तुम फिर गह, तो मैं तुमपर एक बड़े दिन की यातना से डरता हूँ।
Арабча тафсирлар:
اِلَی اللّٰهِ مَرْجِعُكُمْ ۚ— وَهُوَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
अल्लाह ही की ओर तुम्हारा लौटना है और वह हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है।
Арабча тафсирлар:
اَلَاۤ اِنَّهُمْ یَثْنُوْنَ صُدُوْرَهُمْ لِیَسْتَخْفُوْا مِنْهُ ؕ— اَلَا حِیْنَ یَسْتَغْشُوْنَ ثِیَابَهُمْ ۙ— یَعْلَمُ مَا یُسِرُّوْنَ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۚ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
सुन लो! निःसंदेह वे अपने सीनों को मोड़ते हैं, ताकि उस (अल्लाह) से छिपे रहें। सुन लो! जब वे अपने कपड़े ख़ूब लपेट लेते हैं, वह जानता है जो कुछ वे छिपाते हैं और जो कुछ प्रकट करते हैं। निःसंदेह वह सीनों की बातों को भली-भाँति जानने वाला है।[1]
1. आयत का भावार्थ यह है कि मिश्रणवादी अपने दिलों में कुफ़्र को यह समझ कर छिपाते हैं कि अल्लाह उसे नहीं जानेगा। जबकि वह उनके खुले-छिपे और उनके दिलों के भेदों तक को जानता है।
Арабча тафсирлар:
وَمَا مِنْ دَآبَّةٍ فِی الْاَرْضِ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ رِزْقُهَا وَیَعْلَمُ مُسْتَقَرَّهَا وَمُسْتَوْدَعَهَا ؕ— كُلٌّ فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟
और धरती पर चलने-फिरने वाला जो भी प्राणी है, उसकी रोज़ी अल्लाह के ज़िम्मे है। वह उसके ठहरने के स्थान तथा उसके सौंपे जाने के स्थान को जानता है। सब कुछ एक स्पष्ट पुस्तक में (अंकित) है।[2]
2. अर्थात अल्लाह प्रत्येक व्यक्ति के जीवन-मरण आदि की सब दशाओं से अवगत है।
Арабча тафсирлар:
وَهُوَ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ وَّكَانَ عَرْشُهٗ عَلَی الْمَآءِ لِیَبْلُوَكُمْ اَیُّكُمْ اَحْسَنُ عَمَلًا ؕ— وَلَىِٕنْ قُلْتَ اِنَّكُمْ مَّبْعُوْثُوْنَ مِنْ بَعْدِ الْمَوْتِ لَیَقُوْلَنَّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
और वही है, जिसने आकाशों तथा धरती को छः दिनों में पैदा किया। उस समय उसका सिंहासन पानी पर था। ताकि तुम्हारी परीक्षा ले कि तुममें किसका कर्म सबसे उत्तम है। और (ऐ नबी!) यदि आप उनसे कहें कि निःसंदेह तुम मरने के बाद पुनः जीवित किए जाओगे, तो जिन लोगों ने कुफ़्र किया, वे अवश्य कहेंगे कि यह तो खुला जादू है।
Арабча тафсирлар:
وَلَىِٕنْ اَخَّرْنَا عَنْهُمُ الْعَذَابَ اِلٰۤی اُمَّةٍ مَّعْدُوْدَةٍ لَّیَقُوْلُنَّ مَا یَحْبِسُهٗ ؕ— اَلَا یَوْمَ یَاْتِیْهِمْ لَیْسَ مَصْرُوْفًا عَنْهُمْ وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ یَسْتَهْزِءُوْنَ ۟۠
और यदि हम एक गिनी-चुनी अवधि तक उनसे यातना को विलंबित कर दें, तो अवश्य कहेंगे कि किस चीज़ ने उसे रोक रखा है? सुन लो! वह जिस दिन उनपर आ जाएगी, तो उनपर से टाली नहीं जाएगी। और वह (यातना) उन्हें घेर लेगी, जिसकी वे हँसी उड़ाया करते थे।
Арабча тафсирлар:
وَلَىِٕنْ اَذَقْنَا الْاِنْسَانَ مِنَّا رَحْمَةً ثُمَّ نَزَعْنٰهَا مِنْهُ ۚ— اِنَّهٗ لَیَـُٔوْسٌ كَفُوْرٌ ۟
और यदि हम मनुष्य को अपनी तरफ़ से किसी दया (नेमत) का स्वाद चखा दें, फिर उसे उससे छीन लें, तो निश्चय ही वह अति निराश, बड़ा नाशुक्रा हो जाता है।
Арабча тафсирлар:
وَلَىِٕنْ اَذَقْنٰهُ نَعْمَآءَ بَعْدَ ضَرَّآءَ مَسَّتْهُ لَیَقُوْلَنَّ ذَهَبَ السَّیِّاٰتُ عَنِّیْ ؕ— اِنَّهٗ لَفَرِحٌ فَخُوْرٌ ۟ۙ
और यदि हम उसे विपत्ति पहुँचने के बाद कोई नेमत चखाएँ, तो निश्चय ही वह अवश्य कहेगा : समस्त विपत्तियाँ मुझसे दूर हो गईं। निःसंदेह वह बहुत इतराने वाला, बहुत गर्व करने वाला है।[3]
3. इसमें मनुष्य की स्वभाविक दशा की ओर संकेत है।
Арабча тафсирлар:
اِلَّا الَّذِیْنَ صَبَرُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ كَبِیْرٌ ۟
परन्तु जिन लोगों ने धैर्य से काम लिया और अच्छे कर्म करते रहे, ऐस लोगों के लिए क्षमा और बड़ा प्रतिफल है।
Арабча тафсирлар:
فَلَعَلَّكَ تَارِكٌ بَعْضَ مَا یُوْحٰۤی اِلَیْكَ وَضَآىِٕقٌ بِهٖ صَدْرُكَ اَنْ یَّقُوْلُوْا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ كَنْزٌ اَوْ جَآءَ مَعَهٗ مَلَكٌ ؕ— اِنَّمَاۤ اَنْتَ نَذِیْرٌ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ وَّكِیْلٌ ۟ؕ
तो (ऐ नबी!) संभवतः आप अपनी ओर की जाने वाली वह़्य के कुछ भाग (का प्रसार) छोड़ देने वाले हैं, और उसके (प्रसार के) कारण आपका सीना तंग हो रहा है कि वे कहेंगे कि इसपर कोई ख़ज़ाना क्यों नहीं उतारा गया या इसके साथ कोई फरिश्ता क्यों नहीं आया? (तो सुनिए) आप केवल सचेत करने वाले हैं और अल्लाह ही प्रत्येक चीज़ का संरक्षक है।
Арабча тафсирлар:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ؕ— قُلْ فَاْتُوْا بِعَشْرِ سُوَرٍ مِّثْلِهٖ مُفْتَرَیٰتٍ وَّادْعُوْا مَنِ اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
बल्कि क्या वे कहते हैं कि उसने इस (क़ुरआन) को स्वयं गढ़ लिया है? आप कह दें कि इस जैसी गढ़ी हुई दस सूरतें ले आओ[4] और अल्लाह के सिवा, जिसे बुला सकते हो, बुला लो, यदि तुम सच्चे हो।
4. अल्लाह का यह चैलेंज है कि अगर तुमको शंका है कि यह क़ुरआन मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने स्वयं बना लिया है, तो तुम इस जैसी दस सूरतें ही बना कर दिखा दो। और यह चैलेंज प्रलय तक के लिए है। और कोई दस तो क्या, इस जैसी एक सूरत भी नहीं ला सकता। (देखिए : सूरत यूनुस, आयत : 38 तथा सूरतुल-बक़रह, आयत : 23)
Арабча тафсирлар:
فَاِلَّمْ یَسْتَجِیْبُوْا لَكُمْ فَاعْلَمُوْۤا اَنَّمَاۤ اُنْزِلَ بِعِلْمِ اللّٰهِ وَاَنْ لَّاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ— فَهَلْ اَنْتُمْ مُّسْلِمُوْنَ ۟
फिर यदि वे तुम्हारी मांग पूरी न करें, तो जान लो कि यह (क़ुरआन) अल्लाह के ज्ञान के साथ उतारा गया है और यह कि उसके सिवा कोई पूज्य नहीं। तो क्या तुम मुसलमान होते हो?
Арабча тафсирлар:
مَنْ كَانَ یُرِیْدُ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا وَزِیْنَتَهَا نُوَفِّ اِلَیْهِمْ اَعْمَالَهُمْ فِیْهَا وَهُمْ فِیْهَا لَا یُبْخَسُوْنَ ۟
जो व्यक्ति सांसारिक जीवन तथा उसकी शोभा चाहता हो, हम ऐसे लोगों को उनके कर्मों का बदला इसी (दुनिया) में दे देते हैं और इसमें उनका कोई हक़ नहीं मारा जाता।
Арабча тафсирлар:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ لَیْسَ لَهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ اِلَّا النَّارُ ۖؗ— وَحَبِطَ مَا صَنَعُوْا فِیْهَا وَبٰطِلٌ مَّا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
यही वे लोग हैं, जिनके लिए आख़िरत में आग के सिवा कुछ नहीं है और उनके दुनिया में किए हुए समस्त कार्य व्यर्थ हो जाएँगे और उनका सारा किया-धरा अकारथ होकर रह जाएगा।
Арабча тафсирлар:
اَفَمَنْ كَانَ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّهٖ وَیَتْلُوْهُ شَاهِدٌ مِّنْهُ وَمِنْ قَبْلِهٖ كِتٰبُ مُوْسٰۤی اِمَامًا وَّرَحْمَةً ؕ— اُولٰٓىِٕكَ یُؤْمِنُوْنَ بِهٖ ؕ— وَمَنْ یَّكْفُرْ بِهٖ مِنَ الْاَحْزَابِ فَالنَّارُ مَوْعِدُهٗ ۚ— فَلَا تَكُ فِیْ مِرْیَةٍ مِّنْهُ ۗ— اِنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
तो क्या वह व्यक्ति जो अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण[5] रखता हो और उसके बाद अल्लाह की ओर से एक गवाह[6] भी आ जाए, तथा उससे पहले मूसा की पुस्तक मार्गदर्शक और दया के रूप में उपस्थित रही हो (वह गुमराही में पड़े हुए लोगों के समान हो सकता है?) ऐसे ही लोग इस (क़ुरआन) पर ईमान रखते हैं। और इन समूहों में से जो व्यक्ति भी इसका इनकार करेगा, तो उसके वादा की जगह (ठिकाना) दोज़ख है। अतः आप इसके बारे में किसी संदेह में न पड़ें। निःसंदेह यह आपके पालनहार की ओर से सत्य है। परंतु अधिकतर लोग ईमान (विश्वास) नहीं रखते।
5. अर्थात जो अपने अस्तित्व तथा विश्व की रचना और व्यवस्था पर विचार करके यह जानता था कि इसका स्वामी तथा शासक केवल अल्लाह ही है, उसके अतिरिक्त कोई अन्य नहीं हो सकता। 6. अर्थात नबी और क़ुरआन।
Арабча тафсирлар:
وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ یُعْرَضُوْنَ عَلٰی رَبِّهِمْ وَیَقُوْلُ الْاَشْهَادُ هٰۤؤُلَآءِ الَّذِیْنَ كَذَبُوْا عَلٰی رَبِّهِمْ ۚ— اَلَا لَعْنَةُ اللّٰهِ عَلَی الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
और उससे बड़ा अत्याचारी कौन होगा, जो अल्लाह पर झूठ गढ़े? ऐसे लोग अपने पालनहार के समक्ष प्रस्तुत किए जाएँगे और गवाही देने वाले कहेंगे कि यही वे लोग हैं जिन्होंने अपने पालनहार पर झूठ गढ़ा था। सुन लो! अत्याचारियों पर अल्लाह की धिक्कार है।
Арабча тафсирлар:
الَّذِیْنَ یَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَیَبْغُوْنَهَا عِوَجًا ؕ— وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ كٰفِرُوْنَ ۟
जो अल्लाह के मार्ग से रोकते हैं और उसे टेढ़ा बनाना चाहते हैं और वही आख़िरत का इनकार करने वाले हैं।
Арабча тафсирлар:
اُولٰٓىِٕكَ لَمْ یَكُوْنُوْا مُعْجِزِیْنَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كَانَ لَهُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِیَآءَ ۘ— یُضٰعَفُ لَهُمُ الْعَذَابُ ؕ— مَا كَانُوْا یَسْتَطِیْعُوْنَ السَّمْعَ وَمَا كَانُوْا یُبْصِرُوْنَ ۟
वे धरती में अल्लाह की यातना से बचकर भाग नहीं सकते और न उनका अल्लाह के सिवा कोई सहायक है। उनके लिए यातना दुगुनी कर दी जाएगी। वे (दुनिया में) न सुन सकते थे, न देख सकते थे।
Арабча тафсирлар:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ خَسِرُوْۤا اَنْفُسَهُمْ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟
ये वही लोग हैं, जिन्होंने अपने आपको घाटे में डाला और वह सब कुछ उनसे खो गया, जो वे झूठ गढ़ा करते थे।
Арабча тафсирлар:
لَا جَرَمَ اَنَّهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ هُمُ الْاَخْسَرُوْنَ ۟
इसमें कोई संदेह नहीं कि यही लोग आख़िरत में सबसे अधिक घाटा उठाने वाले हैं।
Арабча тафсирлар:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَاَخْبَتُوْۤا اِلٰی رَبِّهِمْ ۙ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
निःसंदेह जो लोग ईमान लाए और अच्छे कार्य किए, तथा अपने पालनहार के सामने विनम्रता प्रकट की, वही लोग जन्नत वाले हैं। वे उसमें हमेशा रहेंगे।
Арабча тафсирлар:
مَثَلُ الْفَرِیْقَیْنِ كَالْاَعْمٰی وَالْاَصَمِّ وَالْبَصِیْرِ وَالسَّمِیْعِ ؕ— هَلْ یَسْتَوِیٰنِ مَثَلًا ؕ— اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟۠
दोनों पक्षों का उदाहरण अंधे और बहरे तथा देखने और सुनने वाले की तरह है। क्या ये दोनों उदाहरण में बराबर हो सकते हैं? क्या तुम (इससे) नसीहत नहीं पकड़ते?[7]
7. कि दोनों का परिणाम एक नहीं हो सकता। एक को नरक में और दूसरे को स्वर्ग में जाना है। ( देखिए : सूरतुल-ह़श्र, आयत : 20)
Арабча тафсирлар:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا نُوْحًا اِلٰی قَوْمِهٖۤ ؗ— اِنِّیْ لَكُمْ نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۙ
और हमने नूह़ को उसकी जाति की ओर रसूल बनाकर भेजा। (उन्होंने कहा :) निःसंदेह मैं तुम्हें साफ़-साफ़ सावधान करने वाला हूँ।
Арабча тафсирлар:
اَنْ لَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّا اللّٰهَ ؕ— اِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ اَلِیْمٍ ۟
कि तुम केवल अल्लाह की इबादत करो। निःसंदेह मैं तुमपर एक दर्दनाक दिन की यातना से डरता हूँ।
Арабча тафсирлар:
فَقَالَ الْمَلَاُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنْ قَوْمِهٖ مَا نَرٰىكَ اِلَّا بَشَرًا مِّثْلَنَا وَمَا نَرٰىكَ اتَّبَعَكَ اِلَّا الَّذِیْنَ هُمْ اَرَاذِلُنَا بَادِیَ الرَّاْیِ ۚ— وَمَا نَرٰی لَكُمْ عَلَیْنَا مِنْ فَضْلٍۢ بَلْ نَظُنُّكُمْ كٰذِبِیْنَ ۟
तो उनकी जाति के उन प्रमुखों ने कहा, जिन्होंने कुफ्र किया था : हम तो तुम्हें अपने ही जैसा इनसान समझते हैं और हम देख रहे हैं कि तुम्हारा अनुसरण केवल वही लोग कर रहे हैं, जो हम में नीच हैं, जिन्होंने बिना सोचे-समझे तुम्हारी पैरवी की है।और हम अपने ऊपर तुम्हारी कोई श्रेष्ठता भी नहीं देखते। बल्कि हम तो तुम्हें झूठा समझते हैं।
Арабча тафсирлар:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ رَحْمَةً مِّنْ عِنْدِهٖ فَعُمِّیَتْ عَلَیْكُمْ ؕ— اَنُلْزِمُكُمُوْهَا وَاَنْتُمْ لَهَا كٰرِهُوْنَ ۟
नूह़ ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुमने इस बात पर विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपने पास से दया[8] प्रदान की हो, फिर वह तुम्हें सुझाई न दे, तो क्या हम तुम्हें उसको मानने पर मजबूर[9] कर सकते हैं, जबकि तुम उसे नापसंद करते हो?
8. अर्थात नुबुव्वत और मार्गदर्शन। 9. अर्थात मैं बलपूर्वक तुम्हें सत्य नहीं मनवा सकता।
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ لَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مَالًا ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ وَمَاۤ اَنَا بِطَارِدِ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا ؕ— اِنَّهُمْ مُّلٰقُوْا رَبِّهِمْ وَلٰكِنِّیْۤ اَرٰىكُمْ قَوْمًا تَجْهَلُوْنَ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं इस (संदेश के प्रचार) पर तुमसे कोई धन नहीं माँगता। मेरा बदला बस अल्लाह के ऊपर है। और मैं (अपने यहाँ से) उन लोगों को दूर नहीं हटा सकता, जो ईमान लाए हैं। निःसंदेह वे अपने पालनहार से मिलने वाले हैं। परन्तु मैं देख रहा हूँ कि तुम जाहिलों जैसी बातें कर रहे हो।
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ مَنْ یَّنْصُرُنِیْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ طَرَدْتُّهُمْ ؕ— اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह के मुक़ाबले में कौन मेरी सहायता[10] करेगा, यदि मैं उन्हें अपने पास से निष्कासित कर दूँ? क्या तुम विचार नहीं करते?
10. अर्थात अल्लाह की पकड़ से कौन बचाएगा, जिसके पास ईमान और कर्म की प्रधानता है, धन-धान्य की नहीं।
Арабча тафсирлар:
وَلَاۤ اَقُوْلُ لَكُمْ عِنْدِیْ خَزَآىِٕنُ اللّٰهِ وَلَاۤ اَعْلَمُ الْغَیْبَ وَلَاۤ اَقُوْلُ اِنِّیْ مَلَكٌ وَّلَاۤ اَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ تَزْدَرِیْۤ اَعْیُنُكُمْ لَنْ یُّؤْتِیَهُمُ اللّٰهُ خَیْرًا ؕ— اَللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا فِیْۤ اَنْفُسِهِمْ ۖۚ— اِنِّیْۤ اِذًا لَّمِنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
और मैं तुमसे यह नहीं कहता कि मेरे पास अल्लाह के ख़ज़ाने हैं और न मुझे परोक्ष का ज्ञान है और न मैं यह कहता हूँ कि निःसंदेह मैं एक फ़रिश्ता हूँ और न ही मैं उन लोगों के बारे में जिन्हें तुम्हारी आँखें तुच्छ समझती हैं, यह कहता हूँ कि अल्लाह उन्हें हरगिज़ कोई भलाई नहीं देगा। अल्लाह अधिक जानता है, जो कुछ उनके दिलों में है। (यदि मैं ऐसा कहूँ,) तो निश्चय ही मैं अत्याचारियों में से हो जाऊँगा।
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا یٰنُوْحُ قَدْ جَادَلْتَنَا فَاَكْثَرْتَ جِدَالَنَا فَاْتِنَا بِمَا تَعِدُنَاۤ اِنْ كُنْتَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
उन लोगों ने कहा : ऐ नूह़! तुमने हमसे झगड़ा किया और बहुत झगड़ लिया। अतः अब वह (यातना) हम पर ले आओ, जिसका तुम हमसे वादा करते हो, यदि तुम सच्चे हो।
Арабча тафсирлар:
قَالَ اِنَّمَا یَاْتِیْكُمْ بِهِ اللّٰهُ اِنْ شَآءَ وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ ۟
उसने कहा : उसे तो तुम्हारे पास अल्लाह ही लाएगा, यदि वह चाहेगा और तुम (उसे) विवश करने वाले नहीं हो।
Арабча тафсирлар:
وَلَا یَنْفَعُكُمْ نُصْحِیْۤ اِنْ اَرَدْتُّ اَنْ اَنْصَحَ لَكُمْ اِنْ كَانَ اللّٰهُ یُرِیْدُ اَنْ یُّغْوِیَكُمْ ؕ— هُوَ رَبُّكُمْ ۫— وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟ؕ
और मेरा उपदेश करना तुम्हें कोई लाभ नहीं देगा, अगर मैं तुम्हें उपदेश करना चाहूँ, जबकि अल्लाह तुम्हें गुमराह करना चाहता हो। वही तुम्हारा पालनहार है और तुम उसी की ओर लौटाए जाओगे।
Арабча тафсирлар:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ؕ— قُلْ اِنِ افْتَرَیْتُهٗ فَعَلَیَّ اِجْرَامِیْ وَاَنَا بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تُجْرِمُوْنَ ۟۠
क्या वे कहते हैं कि उसने इसे गढ़ लिया है? तुम कह दो कि यदि मैंने इसे गढ़ लिया है, तो मेरा अपराध मुझी पर है और मैं उससे निर्दोष हूँ, जो अपराध तुम कर रहे हो।
Арабча тафсирлар:
وَاُوْحِیَ اِلٰی نُوْحٍ اَنَّهٗ لَنْ یُّؤْمِنَ مِنْ قَوْمِكَ اِلَّا مَنْ قَدْ اٰمَنَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا یَفْعَلُوْنَ ۟ۚ
और नूह़ की ओर वह़्य (प्रकाशना) की गई कि तुम्हारी जाति में से जो लोग ईमान ला चुके हैं, अब उनके सिवा कोई ईमान नहीं लाएगा। अतः वे जो कुछ कर रहे हैं, उससे तुम दुःखी न हो।
Арабча тафсирлар:
وَاصْنَعِ الْفُلْكَ بِاَعْیُنِنَا وَوَحْیِنَا وَلَا تُخَاطِبْنِیْ فِی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ۚ— اِنَّهُمْ مُّغْرَقُوْنَ ۟
और हमारी आँखों के सामने और हमारी वह़्य के अनुसार एक नाव बनाओ और मुझसे उन लोगों के बारे में कुछ[11] न कहना, जिन्होंने अत्याचार किया है। निःसंदेह वे डुबाए जाने वाले हैं।
11. अर्थात प्रार्थना और सिफ़ारिश न करना।
Арабча тафсирлар:
وَیَصْنَعُ الْفُلْكَ ۫— وَكُلَّمَا مَرَّ عَلَیْهِ مَلَاٌ مِّنْ قَوْمِهٖ سَخِرُوْا مِنْهُ ؕ— قَالَ اِنْ تَسْخَرُوْا مِنَّا فَاِنَّا نَسْخَرُ مِنْكُمْ كَمَا تَسْخَرُوْنَ ۟ؕ
और वह नाव बनाने लगा। और जब भी उसकी जाति के प्रमुख लोग उसके पास से गुज़रते, तो उसकी हँसी उड़ाते। नूह़ ने कहा : यदि तुम हमारी हँसी उड़ाते हो, तो हम भी ऐसे ही (एक दिन) तुम्हारी हँसी उड़ाएँगे।
Арабча тафсирлар:
فَسَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۙ— مَنْ یَّاْتِیْهِ عَذَابٌ یُّخْزِیْهِ وَیَحِلُّ عَلَیْهِ عَذَابٌ مُّقِیْمٌ ۟
फिर तुम्हें जल्द ही पता चल जाएगा कि किसपर अपमानकारी यातना आती है और किसपर स्थायी यातना उतरती है?
Арабча тафсирлар:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءَ اَمْرُنَا وَفَارَ التَّنُّوْرُ ۙ— قُلْنَا احْمِلْ فِیْهَا مِنْ كُلٍّ زَوْجَیْنِ اثْنَیْنِ وَاَهْلَكَ اِلَّا مَنْ سَبَقَ عَلَیْهِ الْقَوْلُ وَمَنْ اٰمَنَ ؕ— وَمَاۤ اٰمَنَ مَعَهٗۤ اِلَّا قَلِیْلٌ ۟
यहाँ तक कि जब हमारा आदेश आ गया और तन्नूर उबलने लगा, तो हमने (नूह़ से) कहा : "उसमें प्रत्येक प्रकार के जीवों में से जोड़े-जोड़े चढ़ा लो और अपने परिजनों को (भी चढ़ा लो) सिवाय उसके जिसके बारे में पहले ही बता दिया गाय है और उन लोगों को (भी चढ़ा लो) जो ईमान लाए हैं।" और उसके साथ थोड़े लोग ही ईमान लाए थे।
Арабча тафсирлар:
وَقَالَ ارْكَبُوْا فِیْهَا بِسْمِ اللّٰهِ مَجْرٖىهَا وَمُرْسٰىهَا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और नूह़ ने कहा : इसमें सवार हो जाओ। अल्लाह के नाम ही से इसका चलना तथा इसका ठहरना है। निःसंदेह मेरा पालनहार बड़ा क्षमाशील, दयावान् है।
Арабча тафсирлар:
وَهِیَ تَجْرِیْ بِهِمْ فِیْ مَوْجٍ كَالْجِبَالِ ۫— وَنَادٰی نُوْحُ ١بْنَهٗ وَكَانَ فِیْ مَعْزِلٍ یّٰبُنَیَّ ارْكَبْ مَّعَنَا وَلَا تَكُنْ مَّعَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
और वह उन्हें लिए पर्वतों जैसी ऊँची लहरों में चलती रही। और नूह़ ने अपने बेटे को, जो (उनसे) अलग-थलग था, पुकारा : ऐ मेरे बेटे! मेरे साथ सवार हो जा और काफ़िरों के साथ न रह।
Арабча тафсирлар:
قَالَ سَاٰوِیْۤ اِلٰی جَبَلٍ یَّعْصِمُنِیْ مِنَ الْمَآءِ ؕ— قَالَ لَا عَاصِمَ الْیَوْمَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ اِلَّا مَنْ رَّحِمَ ۚ— وَحَالَ بَیْنَهُمَا الْمَوْجُ فَكَانَ مِنَ الْمُغْرَقِیْنَ ۟
उसने कहा : मैं किसी पर्वत की ओर शरण ले लूँगा, जो मुझे पानी से बचा लेगा। नूह़ ने कहा : आज अल्लाह के आदेश (यातना) से कोई बचाने वाला नहीं। यह और बात है कि किसी पर उसकी दया हो जाए। और (इतने ही में) दोनों के बीच एक लहर आ गई और वह डूबने वालों में से हो गया।
Арабча тафсирлар:
وَقِیْلَ یٰۤاَرْضُ ابْلَعِیْ مَآءَكِ وَیٰسَمَآءُ اَقْلِعِیْ وَغِیْضَ الْمَآءُ وَقُضِیَ الْاَمْرُ وَاسْتَوَتْ عَلَی الْجُوْدِیِّ وَقِیْلَ بُعْدًا لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
और कहा गया : ऐ धरती! अपना पानी निगल जा और ऐ आकाश! थम जा और पानी उतर गया और आदेश पूरा कर दिया गया और नाव 'जूदी'[12] पर ठहर गई और कहा गया कि अत्याचारियों के लिए (अल्लाह की दया से) दूरी है।
12. "जूदी" एक पर्वत का नाम है, जो कुर्दिस्तान में "इब्ने उमर" द्वीप के उत्तर-पूर्व ओर स्थित है। और आज भी जूदी के नाम से ही प्रसिद्ध है।
Арабча тафсирлар:
وَنَادٰی نُوْحٌ رَّبَّهٗ فَقَالَ رَبِّ اِنَّ ابْنِیْ مِنْ اَهْلِیْ وَاِنَّ وَعْدَكَ الْحَقُّ وَاَنْتَ اَحْكَمُ الْحٰكِمِیْنَ ۟
तथा नूह़ ने अपने पालनहार को पुकारा और कहा : मेरे पालनहार! मेरा बेटा मेरे घर वालों में से है और निःसंदेह तेरा वचन सत्य है तथा तू ही सबसे अच्छा निर्णय करने वाला है।
Арабча тафсирлар:
قَالَ یٰنُوْحُ اِنَّهٗ لَیْسَ مِنْ اَهْلِكَ ۚ— اِنَّهٗ عَمَلٌ غَیْرُ صَالِحٍ ۗ— فَلَا تَسْـَٔلْنِ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— اِنِّیْۤ اَعِظُكَ اَنْ تَكُوْنَ مِنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
(अल्लाह ने) कहा : ऐ नूह़! वह तेरे घर वालों में से नहीं है। यह माँग उचित नहीं है। अतः मुझसे उस चीज़ का प्रश्न न कर, जिसका तुझे कोई ज्ञान नहीं। मैं तुझे समझाता हूँ कि अज्ञानियों में से न हो जा।
Арабча тафсирлар:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْۤ اَعُوْذُ بِكَ اَنْ اَسْـَٔلَكَ مَا لَیْسَ لِیْ بِهٖ عِلْمٌ ؕ— وَاِلَّا تَغْفِرْ لِیْ وَتَرْحَمْنِیْۤ اَكُنْ مِّنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
नूह़ ने कहा : मेरे पालनहार! मैं तेरी शरण चाहता हूँ इस बात से कि मैं तुझसे ऐसी चीज़ का प्रश्न करूँ, जिस (की वास्तविक्ता) का मुझे कोई ज्ञान नहीं[13] और यदि तूने मुझे क्षमा नहीं किया और मुझपर दया नहीं की, तो मैं नुक़सान उठाने वालों में से हो जाऊँगा।
13. अर्थात जब नूह़ (अलैहिस्सलाम) को बता दिया गया कि तुम्हारा पुत्र ईमान वालों में से नहीं है, इसलिए वह अल्लाह के अज़ाब से बच नहीं सकता, तो नूह़ अलैहिस्सलाम तुरंत अल्लाह से क्षमा माँगने लगे।
Арабча тафсирлар:
قِیْلَ یٰنُوْحُ اهْبِطْ بِسَلٰمٍ مِّنَّا وَبَرَكٰتٍ عَلَیْكَ وَعَلٰۤی اُمَمٍ مِّمَّنْ مَّعَكَ ؕ— وَاُمَمٌ سَنُمَتِّعُهُمْ ثُمَّ یَمَسُّهُمْ مِّنَّا عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
कहा गया : ऐ नूह़! हमारी ओर से सुरक्षा और बरकतों के साथ उतर जाओ, जो तुम पर और उन समूहो पर हैं जो तुम्हारे साथ हैं। तथा कुछ समूह ऐसे हैं, जिन्हें हम (दुनिया में) जीवन-यापन सामग्री प्रदान करेंगें, फिर उन्हें हमारी ओर से कष्टदायक यातना पहुँचेगी।
Арабча тафсирлар:
تِلْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهَاۤ اِلَیْكَ ۚ— مَا كُنْتَ تَعْلَمُهَاۤ اَنْتَ وَلَا قَوْمُكَ مِنْ قَبْلِ هٰذَا ۛؕ— فَاصْبِرْ ۛؕ— اِنَّ الْعَاقِبَةَ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟۠
ये ग़ैब (परोक्ष) की कुछ बातें हैं, जिन्हें (ऐ नबी!) हम आपकी ओर वह़्य कर रहे हैं। इससे पूर्व न तो आप इन्हें जानते थे और न आपकी जाति के लोग। अतः आप सब्र करें। निःसंदेह अच्छा परिणाम तक़वा वालों के लिए है।
Арабча тафсирлар:
وَاِلٰی عَادٍ اَخَاهُمْ هُوْدًا ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— اِنْ اَنْتُمْ اِلَّا مُفْتَرُوْنَ ۟
और 'आद' (जाति) की ओर उनके भाई हूद को भेजा। उन्होंने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (उपासना) करो। उसके अलावा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं। तुम तो केवल झूठी बातें गढ़ने वाले लोग हो।[14]
14. अर्थात अल्लाह के सिवा तुमने जो पूज्य बना रखे हैं, वे तुम्हारे मनगढ़ंत पूज्य हैं।
Арабча тафсирлар:
یٰقَوْمِ لَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ اَجْرًا ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی الَّذِیْ فَطَرَنِیْ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! मैं तुमसे इस (उपदेश) पर कोई बदला नहीं चाहता; मेरा पारिश्रमिक (बदला) उसी (अल्लाह) पर है, जिसने मुझे पैदा किया है। तो क्या तुम (इसे) नहीं समझते?[15]
15. अर्थात यदि तुम समझ रखते, तो अवश्य सोचते कि एक व्यक्ति अपने किसी सांसारिक स्वार्थ के बिना क्यों हमें रात-दिन उपदेश दे रहा है और सारे दुःख झेल रहा है? उसके पास कोई ऐसी बात अवश्य होगी जिसके लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहा है।
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ اسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ یُرْسِلِ السَّمَآءَ عَلَیْكُمْ مِّدْرَارًا وَّیَزِدْكُمْ قُوَّةً اِلٰی قُوَّتِكُمْ وَلَا تَتَوَلَّوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! अपने पालनहार से क्षमा याचना करो। फिर उसकी ओर पलट आओ। वह आकाश से तुमपर खूब बारिश बरसाएगा और तुम्हारी शक्ति और अधिक बढ़ा देगा और विमुख हो कर अपराधी न बनो।
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا یٰهُوْدُ مَا جِئْتَنَا بِبَیِّنَةٍ وَّمَا نَحْنُ بِتَارِكِیْۤ اٰلِهَتِنَا عَنْ قَوْلِكَ وَمَا نَحْنُ لَكَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ हूद! तुम हमारे पास कोई स्पष्ट प्रमाण लेकर नहीं आए तथा हम तुम्हारी बात के कारण अपने पूज्यों को छोड़ने वाले नहीं हैं और न हम तुम्हारा विश्वास करने वाले हैं।
Арабча тафсирлар:
اِنْ نَّقُوْلُ اِلَّا اعْتَرٰىكَ بَعْضُ اٰلِهَتِنَا بِسُوْٓءٍ ؕ— قَالَ اِنِّیْۤ اُشْهِدُ اللّٰهَ وَاشْهَدُوْۤا اَنِّیْ بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تُشْرِكُوْنَ ۟ۙ
हम तो यही कहेंगे कि हमारे किसी देवता ने तुझे पागल बना दिया है। हूद ने कहा : मैं अल्लाह को (गवाह) बनाता हूँ और तुम भी गवाह रहो कि मैं उस शिर्क से बरी हूँ, जो तुम कर रहे हो।
Арабча тафсирлар:
مِنْ دُوْنِهٖ فَكِیْدُوْنِیْ جَمِیْعًا ثُمَّ لَا تُنْظِرُوْنِ ۟
उस (अल्लाह) के सिवा। अतः तुम सब मिलकर मेरे विरुद्ध चाल चलो, फिर मुझे मोहलत न दो।[16]
16. अर्थात तुम और तुम्हारे सब देवी-देवता मिलकर भी मेरा कुछ बिगाड़ नहीं सकते। क्योंकि मेरा भरोसा जिस अल्लाह पर है, पूरा संसार उसके नियंत्रण में है, उसके आगे किसी की शक्ति नहीं कि किसी का कुछ बिगाड़ सके।
Арабча тафсирлар:
اِنِّیْ تَوَكَّلْتُ عَلَی اللّٰهِ رَبِّیْ وَرَبِّكُمْ ؕ— مَا مِنْ دَآبَّةٍ اِلَّا هُوَ اٰخِذٌ بِنَاصِیَتِهَا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ عَلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
निःसंदेह मैंने अपने पालनहार और तुम्हारे पालनहार, अल्लाह पर भरोसा किया है। कोई चलने वाला जीव नहीं, परंतु वह उसके माथे के बालों को पकड़े हुए है। निश्चय ही मेरा पालनहार सीधे रास्ते[17] पर है।
17. अर्थात उसका रास्ता अत्याचार का रास्ता नहीं हो सकता कि तुम दुराचारी और कुपथ में रहकर सफल रहो और मैं सदाचारी रहकर हानि में पड़ूँ।
Арабча тафсирлар:
فَاِنْ تَوَلَّوْا فَقَدْ اَبْلَغْتُكُمْ مَّاۤ اُرْسِلْتُ بِهٖۤ اِلَیْكُمْ ؕ— وَیَسْتَخْلِفُ رَبِّیْ قَوْمًا غَیْرَكُمْ ۚ— وَلَا تَضُرُّوْنَهٗ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ حَفِیْظٌ ۟
फिर यदि तुम मुँह फेरो, तो मैं तुम्हें वह संदेश पहुँचा चुका, जिसे देकर मुझे तुम्हारी ओर भेजा गया था। और मेरा पालनहार तुम्हारे स्थान पर किसी अन्य जाति को ले आएगा[18] और तुम उसे कुछ भी हानि नहीं पहुँचा सकोगे। निःसंदेह मेरा पालनहार प्रत्येक चीज़ पर संरक्षक है।
18. अर्थात तुम्हें ध्वस्त निरस्त कर देगा।
Арабча тафсирлар:
وَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا هُوْدًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا ۚ— وَنَجَّیْنٰهُمْ مِّنْ عَذَابٍ غَلِیْظٍ ۟
और जब हमारा आदेश आ पहुँचा, तो हमने हूद और उसके साथ ईमान लाने वालों को अपनी दया से बचा लिया। तथा हमने उन्हें एक कठोर यातना से छुटकारा दिया।
Арабча тафсирлар:
وَتِلْكَ عَادٌ جَحَدُوْا بِاٰیٰتِ رَبِّهِمْ وَعَصَوْا رُسُلَهٗ وَاتَّبَعُوْۤا اَمْرَ كُلِّ جَبَّارٍ عَنِیْدٍ ۟
ये वही 'आद' (जाति) के लोग हैं, जिन्होंने अपने पालनहार की आयतों (निशानियों) का इनकार किया और उसके रसूलों की बात नहीं मानी और हर ऐसे व्यक्ति के पीछे चलते रहे, जो अभिमानी, उद्दंड हो।
Арабча тафсирлар:
وَاُتْبِعُوْا فِیْ هٰذِهِ الدُّنْیَا لَعْنَةً وَّیَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ عَادًا كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّعَادٍ قَوْمِ هُوْدٍ ۟۠
और इस संसार में उनके साथ धिक्कार लगा दी गई तथा क़ियामत के दिन भी लगी रहेगी। सुनो! आद ने अपने पालनहार का इनकार किया। सुनो! हूद की जाति आद के लिए दूरी[19] हो!
19. अर्थात अल्लाह की दया से दूरी। इसका प्रयोग धिक्कार और विनाश के अर्थ में होता है।
Арабча тафсирлар:
وَاِلٰی ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا ۘ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— هُوَ اَنْشَاَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ وَاسْتَعْمَرَكُمْ فِیْهَا فَاسْتَغْفِرُوْهُ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ قَرِیْبٌ مُّجِیْبٌ ۟
और समूद[20] की ओर उनके भाई सालेह़ को भेजा। उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (पूजा) करो, उसके सिवा तुम्हारा कोई पूज्य नहीं है। उसी ने तुम्हें धरती से पैदा किया और तुम्हें उसमें बसाया। अतः उससे क्षमा माँगो; फिर उसकी ओर पलट आओ। निःसंदेह मेरा पालनहार निकट है (और प्रार्थनाओं को) स्वीकार करने वाला है।[21]
20. यह जाति तबूक और मदीना के बीच "अल-ह़िज्र" में आबाद थी। 21. देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत : 186.
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا یٰصٰلِحُ قَدْ كُنْتَ فِیْنَا مَرْجُوًّا قَبْلَ هٰذَاۤ اَتَنْهٰىنَاۤ اَنْ نَّعْبُدَ مَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُنَا وَاِنَّنَا لَفِیْ شَكٍّ مِّمَّا تَدْعُوْنَاۤ اِلَیْهِ مُرِیْبٍ ۟
उन्होंने कहा : ऐ सालेह! हमें इससे पहले तुझसे बड़ी आशाएँ थीं। क्या तू हमें उन (बुतों) की पूजा करने से रोक रहा है, जिनकी पूजा हमारे बाप-दादा करते आए हैं? तू जिस चीज़ की ओर हमें बुला रहा है, निःसंदेह उसके बारे में हमें (ऐसा) संदेह है, जो हमें दुविधा में डाले हुए है।
Арабча тафсирлар:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَاٰتٰىنِیْ مِنْهُ رَحْمَةً فَمَنْ یَّنْصُرُنِیْ مِنَ اللّٰهِ اِنْ عَصَیْتُهٗ ۫— فَمَا تَزِیْدُوْنَنِیْ غَیْرَ تَخْسِیْرٍ ۟
उस (सालेह़) ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या तुमने विचार किया कि यदि मैं अपने पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अपनी दया प्रदान की हो, फिर मैं उसकी अवज्ञा करूँ, तो कौन है, जो अल्लाह के मुक़ाबले में मेरी सहायता करेगा? तुम मुझे घाटे में डालने के सिवा कुछ नहीं करोगे।
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ هٰذِهٖ نَاقَةُ اللّٰهِ لَكُمْ اٰیَةً فَذَرُوْهَا تَاْكُلْ فِیْۤ اَرْضِ اللّٰهِ وَلَا تَمَسُّوْهَا بِسُوْٓءٍ فَیَاْخُذَكُمْ عَذَابٌ قَرِیْبٌ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! यह अल्लाह की ऊँटनी[22] तुम्हारे लिए एक निशानी है। अतः इसे छोड़ दो, अल्लाह की धरती में चरती फिरे और इसे कोई कष्ट न पहुँचाओ, अन्यथा तुम्हें अति शीघ्र यातना पकड़ लेगी।
22. उसे अल्लाह की ऊँटनी इसलिए कहा गया है कि उसे अल्लाह ने उनके लिए एक पर्वत से निकाला था। क्योंकि उन्होंने उसकी माँग की थी कि यदि पर्वत से ऊँटनी निकलेगी, तो हम ईमान ले आएँगे। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Арабча тафсирлар:
فَعَقَرُوْهَا فَقَالَ تَمَتَّعُوْا فِیْ دَارِكُمْ ثَلٰثَةَ اَیَّامٍ ؕ— ذٰلِكَ وَعْدٌ غَیْرُ مَكْذُوْبٍ ۟
तो उन्होंने उसे मार डाला। तब सालेह़ ने कहा : तुम अपने नगर में तीन दिन अपने जीवन का आनंद लो! यह वचन झूठा सिद्ध होने वाला नहीं है।
Арабча тафсирлар:
فَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا صٰلِحًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَمِنْ خِزْیِ یَوْمِىِٕذٍ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ هُوَ الْقَوِیُّ الْعَزِیْزُ ۟
फिर जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने सालेह़ को और उन लोगों को जो उसके साथ ईमान लाए थे, अपनी दया से बचा लिया और उस दिन के अपमान से भी (उन्हें सुरक्षित रखा)। निःसंदेह आपका पालनहार ही शक्तिशाली, प्रभुत्वशाली है।
Арабча тафсирлар:
وَاَخَذَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوا الصَّیْحَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دِیَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ۙ
और अत्याचारियों को भयंकर आवाज़ (चीत्कार) ने पकड़ लिया और वे अपने घरों में औंधे पड़े रह गए।
Арабча тафсирлар:
كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ؕ— اَلَاۤ اِنَّ ثَمُوْدَاۡ كَفَرُوْا رَبَّهُمْ ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّثَمُوْدَ ۟۠
जैसै वे वहाँ कभी बसे ही नहीं थे। सावधान! समूद ने अपने पालनहार का इनकार किया। सुन लो! समूद के लिए (अल्लाह की दया से) दूरी हो।
Арабча тафсирлар:
وَلَقَدْ جَآءَتْ رُسُلُنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ بِالْبُشْرٰی قَالُوْا سَلٰمًا ؕ— قَالَ سَلٰمٌ فَمَا لَبِثَ اَنْ جَآءَ بِعِجْلٍ حَنِیْذٍ ۟
और हमारे फ़रिश्ते इबराहीम के पास शुभ सूचना लेकर आए। उन्होंने सलाम कहा, तो इबराहीम ने सलाम का जवाब दिया। फिर देर न हुई कि वह एक भुना हुआ वछड़ा[23] ले आया।
23. अर्थात अतिथि सत्कार के लिए।
Арабча тафсирлар:
فَلَمَّا رَاٰۤ اَیْدِیَهُمْ لَا تَصِلُ اِلَیْهِ نَكِرَهُمْ وَاَوْجَسَ مِنْهُمْ خِیْفَةً ؕ— قَالُوْا لَا تَخَفْ اِنَّاۤ اُرْسِلْنَاۤ اِلٰی قَوْمِ لُوْطٍ ۟ؕ
फिर जब देखा कि उनके हाथ खाने की ओर नहीं बढ़ रहे हैं, तो उनके प्रति अचंभे में पड़ गए और दिल में उनसे भय महसूस किया। उन्होंने कहा : भय न करो। दरअसल हम लूत[24] की जाति की ओर भेजे गए हैं।
24. लूत अलैहिस्सलाम को भाष्यकारों ने इबराहीम अलैहिस्सलाम का भतीजा बताया है, जिनको अल्लाह ने सदूम की ओर नबी बना कर भेजा।
Арабча тафсирлар:
وَامْرَاَتُهٗ قَآىِٕمَةٌ فَضَحِكَتْ فَبَشَّرْنٰهَا بِاِسْحٰقَ ۙ— وَمِنْ وَّرَآءِ اِسْحٰقَ یَعْقُوْبَ ۟
और उस (इबराहीम) की पत्नी खड़ी थी। चुनाँचे वह हँस पड़ी[25], तो हमने उसे इसह़ाक़ की और इसह़ाक़ के बाद याक़ूब की शुभ सूचना[26] दी।
25. कि भय की कोई बात नहीं है। 26. फ़रिश्तों द्वारा।
Арабча тафсирлар:
قَالَتْ یٰوَیْلَتٰۤی ءَاَلِدُ وَاَنَا عَجُوْزٌ وَّهٰذَا بَعْلِیْ شَیْخًا ؕ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ عَجِیْبٌ ۟
वह बोली : हाय मेरा दुर्भाग्य! क्या मेरी संतान होगी, जबकि मैं बूढ़ी हो चुकी हूँ और मेरा यह पति भी बूढ़ा है? वास्तव में, यह बड़े आश्चर्य की बात है।
Арабча тафсирлар:
قَالُوْۤا اَتَعْجَبِیْنَ مِنْ اَمْرِ اللّٰهِ رَحْمَتُ اللّٰهِ وَبَرَكٰتُهٗ عَلَیْكُمْ اَهْلَ الْبَیْتِ ؕ— اِنَّهٗ حَمِیْدٌ مَّجِیْدٌ ۟
फ़रिश्तों ने कहा : क्या तू अल्लाह के आदेश पर आश्चर्य करती है? ऐ घर वालो! तुम सब पर अल्लाह की दया तथा बरकतों की वर्षा हो। निःसंदेह वह अति प्रशंसित, गौरवशाली है।
Арабча тафсирлар:
فَلَمَّا ذَهَبَ عَنْ اِبْرٰهِیْمَ الرَّوْعُ وَجَآءَتْهُ الْبُشْرٰی یُجَادِلُنَا فِیْ قَوْمِ لُوْطٍ ۟ؕ
फिर जब इबराहीम का भय दूर हो गया और उसे शुभ सूचना मिल गई, तो वह हमसे लूत की जाति के बारे में झगड़ने लगा।[27]
27. अर्थात प्रार्थना करने लगा कि लूत की जाति को और संभलने का अवसर दिया जाए। हो सकता है कि वे ईमान ले आएँ।
Арабча тафсирлар:
اِنَّ اِبْرٰهِیْمَ لَحَلِیْمٌ اَوَّاهٌ مُّنِیْبٌ ۟
निःसंदेह इबराहीम बड़ा सहनशील, बहुत विलाप करने वाला और हर मामले में अल्लाह की ओर पलटने वाला था।
Арабча тафсирлар:
یٰۤاِبْرٰهِیْمُ اَعْرِضْ عَنْ هٰذَا ۚ— اِنَّهٗ قَدْ جَآءَ اَمْرُ رَبِّكَ ۚ— وَاِنَّهُمْ اٰتِیْهِمْ عَذَابٌ غَیْرُ مَرْدُوْدٍ ۟
(फ़रिश्तों ने कहा :) ऐ इबराहीम! इस बात को रहने दो। निःसंदेह तुम्हारे पालनहार का आदेश[28] आ चुका तथा उनपर ऐसी यातना आने वाली है, जो हटाई जाने वाली नहीं।
28. आर्थात यातना का आदेश।
Арабча тафсирлар:
وَلَمَّا جَآءَتْ رُسُلُنَا لُوْطًا سِیْٓءَ بِهِمْ وَضَاقَ بِهِمْ ذَرْعًا وَّقَالَ هٰذَا یَوْمٌ عَصِیْبٌ ۟
और जब हमारे फ़रिश्ते लूत के पास आए, तो उनका आना उसे बुरा लगा और उनके कारण व्याकुल[29] हो गया और कहा : यह तो बड़ा कठोर दिन है।
29. फ़रिश्ते सुंदर किशोरों के रूप में आए थे। और लूत अलैहिस्सलाम की जाति का आचरण यह था कि वे बालमैथुन में रूचि रखती थे। इसलिए उन्होंने उनको पकड़ने की कोशिश की। इसीलिए इन अतिथियों के आने पर लूत अलैहिस्सलाम व्याकुल हो गए थे।
Арабча тафсирлар:
وَجَآءَهٗ قَوْمُهٗ یُهْرَعُوْنَ اِلَیْهِ ؕ— وَمِنْ قَبْلُ كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ السَّیِّاٰتِ ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ هٰۤؤُلَآءِ بَنَاتِیْ هُنَّ اَطْهَرُ لَكُمْ فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَلَا تُخْزُوْنِ فِیْ ضَیْفِیْ ؕ— اَلَیْسَ مِنْكُمْ رَجُلٌ رَّشِیْدٌ ۟
और उसकी जाति के लोग दौड़ते हुए उसके पास आ गए और वे पहले से कुकर्म[30] किया करते थे। उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! ये मेरी[31] बेटियाँ हैं, ये तुम्हारे लिए अधिक पवित्र हैं। अतः अल्लाह से डरो और मुझे मेरे अतिथियों में अपमानित न करो। क्या तुममें कोई भला आदमी नहीं?
30. अर्थात बालमैथुन। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी) 31. अर्थात बस्ती की स्त्रियाँ। क्योंकि जाति का नबी उनके पिता के समान होता है। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا لَقَدْ عَلِمْتَ مَا لَنَا فِیْ بَنَاتِكَ مِنْ حَقٍّ ۚ— وَاِنَّكَ لَتَعْلَمُ مَا نُرِیْدُ ۟
उन लोगों ने कहा : निश्चय तुम तो जानते हो कि हमें तुम्हारी बेटियों से कोई मतलब नहीं।[32] तथा निःसंदेह तुम भली-भाँति जानते हो कि हम क्या चाहते हैं।
32. अर्थात हमें स्त्रियों में कोई रूचि नहीं है।
Арабча тафсирлар:
قَالَ لَوْ اَنَّ لِیْ بِكُمْ قُوَّةً اَوْ اٰوِیْۤ اِلٰی رُكْنٍ شَدِیْدٍ ۟
लूत ने कहा : काश, मेरे पास तुमसे मुक़ाबले की शक्ति होती या मैं किसी मज़बूत सहारे की शरण लेता!
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا یٰلُوْطُ اِنَّا رُسُلُ رَبِّكَ لَنْ یَّصِلُوْۤا اِلَیْكَ فَاَسْرِ بِاَهْلِكَ بِقِطْعٍ مِّنَ الَّیْلِ وَلَا یَلْتَفِتْ مِنْكُمْ اَحَدٌ اِلَّا امْرَاَتَكَ ؕ— اِنَّهٗ مُصِیْبُهَا مَاۤ اَصَابَهُمْ ؕ— اِنَّ مَوْعِدَهُمُ الصُّبْحُ ؕ— اَلَیْسَ الصُّبْحُ بِقَرِیْبٍ ۟
फ़रिश्तों ने कहा : ऐ लूत! हम तेरे पालनहार के भेजे हुए (फ़रिश्ते) हैं। वे कदापि तेरे पास नहीं पहुँच सकेंगे। अतः तू रात के किसी हिस्से में अपने घरवालों को लेकर निकल जा और तुममें से कोई पीछे मुड़कर न देखे, सिवाय तेरी पत्नी के। उसपर भी वही बीतने वाला है, जो उनपर बीतेगा। उनकी यातना का निर्धारित समय प्रातः काल है। क्या प्रातः काल निकट नहीं है?
Арабча тафсирлар:
فَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا جَعَلْنَا عَالِیَهَا سَافِلَهَا وَاَمْطَرْنَا عَلَیْهَا حِجَارَةً مِّنْ سِجِّیْلٍ ۙ۬— مَّنْضُوْدٍ ۟ۙ
फिर जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने उस बस्ती को तहस-नहस कर दिया और उनपर कंकरियों की ताबड़-तोड़ बारिश कर दी।
Арабча тафсирлар:
مُّسَوَّمَةً عِنْدَ رَبِّكَ ؕ— وَمَا هِیَ مِنَ الظّٰلِمِیْنَ بِبَعِیْدٍ ۟۠
जो तेरे पालनहार के यहाँ चिह्न लगाई हुई थीं और वह[33] अत्याचारियों[34] से कुछ दूर नहीं।
33. अर्थात सदूम, जो समूद की बस्ती थी। 34. अर्थात आज भी जो उनकी नीति पर चल रहे हैं, उनपर ऐसी ही यातना आ सकती है।
Арабча тафсирлар:
وَاِلٰی مَدْیَنَ اَخَاهُمْ شُعَیْبًا ؕ— قَالَ یٰقَوْمِ اعْبُدُوا اللّٰهَ مَا لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرُهٗ ؕ— وَلَا تَنْقُصُوا الْمِكْیَالَ وَالْمِیْزَانَ اِنِّیْۤ اَرٰىكُمْ بِخَیْرٍ وَّاِنِّیْۤ اَخَافُ عَلَیْكُمْ عَذَابَ یَوْمٍ مُّحِیْطٍ ۟
और मदयन की ओर उनके भाई शुऐब को भेजा। उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! अल्लाह की इबादत (उपासना) करो, उसके सिवा कोई तुम्हारा पूज्य नहीं और नाप-तौल में कमी न करो।[35] निःसंदेह मैं तुम्हें अच्छी स्थिति में देख रहा हूँ। और निःसंदेह मैं तुमपर एक घेर लेने वाले दिन की यातना से डरता हूँ।
35. शुऐब की जाति में शिर्क (मिश्रणवाद) के सिवा नाप-तौल में कमी करने का रोग भी था।
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ اَوْفُوا الْمِكْیَالَ وَالْمِیْزَانَ بِالْقِسْطِ وَلَا تَبْخَسُوا النَّاسَ اَشْیَآءَهُمْ وَلَا تَعْثَوْا فِی الْاَرْضِ مُفْسِدِیْنَ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! न्याय के साथ नाप और तौल को पूरा रखो और लोगों को उनकी चीज़ें कम न दो तथा धरती में उपद्रव फैलाते न फिरो।
Арабча тафсирлар:
بَقِیَّتُ اللّٰهِ خَیْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۚ۬— وَمَاۤ اَنَا عَلَیْكُمْ بِحَفِیْظٍ ۟
अल्लाह की दी हुई बचत, तुम्हारे लिए अच्छी है, यदि तुम ईमान वाले हो और मैं तुमपर कोई संरक्षक नहीं हूँ।
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا یٰشُعَیْبُ اَصَلٰوتُكَ تَاْمُرُكَ اَنْ نَّتْرُكَ مَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُنَاۤ اَوْ اَنْ نَّفْعَلَ فِیْۤ اَمْوَالِنَا مَا نَشٰٓؤُا ؕ— اِنَّكَ لَاَنْتَ الْحَلِیْمُ الرَّشِیْدُ ۟
उन्होंने कहा : ऐ शुऐब! क्या तेरी नमाज़ (इबादत) तुझे आदेश दे रही है कि हम उसे त्याग दें, जिसकी पूजा हमारे बाप-दादा करते आए हैं? अथवा अपने धन में वह न करें जो करना चाहें? वास्तव में, तू बड़ा ही सहनशील तथा भला व्यक्ति है!
Арабча тафсирлар:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَءَیْتُمْ اِنْ كُنْتُ عَلٰی بَیِّنَةٍ مِّنْ رَّبِّیْ وَرَزَقَنِیْ مِنْهُ رِزْقًا حَسَنًا ؕ— وَمَاۤ اُرِیْدُ اَنْ اُخَالِفَكُمْ اِلٰی مَاۤ اَنْهٰىكُمْ عَنْهُ ؕ— اِنْ اُرِیْدُ اِلَّا الْاِصْلَاحَ مَا اسْتَطَعْتُ ؕ— وَمَا تَوْفِیْقِیْۤ اِلَّا بِاللّٰهِ ؕ— عَلَیْهِ تَوَكَّلْتُ وَاِلَیْهِ اُنِیْبُ ۟
शुऐब ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम बताओ, यदि मैं अपने पालनहार की ओर से स्पष्ट प्रमाण पर हूँ और उसने मुझे अच्छी जीविका प्रदान की हो, (तो कैसे तुम्हारा साथ दूँ?) मैं नहीं चाहता कि तुम्हारा विरोध करते हुए वह कार्य करूँ, जिससे तुम्हें रोक रहा हूँ। मैं जहाँ तक हो सके, सुधार ही चाहता हूँ और यह जो कुछ करना चाहता हूँ, मुझे इसका सामर्थ्य अल्लाह ही से मिलेगा। मैंने उसी पर भरोसा किया है और उसी की ओर लौटता हूँ।
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ لَا یَجْرِمَنَّكُمْ شِقَاقِیْۤ اَنْ یُّصِیْبَكُمْ مِّثْلُ مَاۤ اَصَابَ قَوْمَ نُوْحٍ اَوْ قَوْمَ هُوْدٍ اَوْ قَوْمَ صٰلِحٍ ؕ— وَمَا قَوْمُ لُوْطٍ مِّنْكُمْ بِبَعِیْدٍ ۟
ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम्हें मेरा विरोध इस बात पर न उभारे कि तुमपर वैसी ही यातना आ पड़े, जो नूह़ की जाति, या हूद की जाति, या सालेह़ की जाति पर आई। और लूत की जाति तुमसे कुछ दूर नहीं है।
Арабча тафсирлар:
وَاسْتَغْفِرُوْا رَبَّكُمْ ثُمَّ تُوْبُوْۤا اِلَیْهِ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ رَحِیْمٌ وَّدُوْدٌ ۟
और अपने पालनहार से क्षमा माँगो, फिर उसी की ओर पलट आओ। निःसंदेह मेरा पालनहार अति दयालु तथा प्रेम करने वाला है।
Арабча тафсирлар:
قَالُوْا یٰشُعَیْبُ مَا نَفْقَهُ كَثِیْرًا مِّمَّا تَقُوْلُ وَاِنَّا لَنَرٰىكَ فِیْنَا ضَعِیْفًا ۚ— وَلَوْلَا رَهْطُكَ لَرَجَمْنٰكَ ؗ— وَمَاۤ اَنْتَ عَلَیْنَا بِعَزِیْزٍ ۟
उन्होंने कहा : ऐ शुऐब! तुम्हारी बहुत-सी बातें हम नहीं समझते और हम तुम्हें अपने बीच निर्बल देख रहे हैं। और यदि तुम्हारा क़बीला (हमारे धर्म पर) न होता, तो हम तुम्हें पथराव करके मार डालते और तुम हमारी नज़र में प्रतिष्ठित भी नहीं हो।
Арабча тафсирлар:
قَالَ یٰقَوْمِ اَرَهْطِیْۤ اَعَزُّ عَلَیْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ ؕ— وَاتَّخَذْتُمُوْهُ وَرَآءَكُمْ ظِهْرِیًّا ؕ— اِنَّ رَبِّیْ بِمَا تَعْمَلُوْنَ مُحِیْطٌ ۟
उसने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! क्या मेरा क़बीला तुम्हारे निकट अल्लाह से अधिक प्रभावशाली है?! और तुमने उस (अल्लाह) को पीठ पीछे डाल दिया है।[36] निःसंदेह मेरा पालनहार उसे घेरे में लिए हुए है, जो कुछ तुम कर रहे हो।
36. अर्थात तुम मेरे भाई बंधु के भय से मेरे विरुद्ध कुछ करने से रुक गए, तो क्या वे तुम्हारे विचार में अल्लाह से अधिक प्रभाव रखते हैं?
Арабча тафсирлар:
وَیٰقَوْمِ اعْمَلُوْا عَلٰی مَكَانَتِكُمْ اِنِّیْ عَامِلٌ ؕ— سَوْفَ تَعْلَمُوْنَ ۙ— مَنْ یَّاْتِیْهِ عَذَابٌ یُّخْزِیْهِ وَمَنْ هُوَ كَاذِبٌ ؕ— وَارْتَقِبُوْۤا اِنِّیْ مَعَكُمْ رَقِیْبٌ ۟
और ऐ मेरी जाति के लोगो! तुम अपने तरीक़े पर काम करो, मैं (भी अपने तरीक़े पर) काम कर रहा हूँ। तुम्हें बहुत जल्द पता चल जाएगा कि किसपर अपमानित कर देने वाली यातना आती है और कौन झूठा है? तथा तुम प्रतीक्षा करो, मैं (भी) तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करने वाला हूँ।
Арабча тафсирлар:
وَلَمَّا جَآءَ اَمْرُنَا نَجَّیْنَا شُعَیْبًا وَّالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗ بِرَحْمَةٍ مِّنَّا وَاَخَذَتِ الَّذِیْنَ ظَلَمُوا الصَّیْحَةُ فَاَصْبَحُوْا فِیْ دِیَارِهِمْ جٰثِمِیْنَ ۟ۙ
और जब हमारा आदेश आ गया, तो हमने शुऐब को और उसके साथ ईमान लाने वालों को अपनी दया से बचा लिया और अत्याचारियों को भयंकर आवाज़ (चीत्कार) ने पकड़ लिया। फिर वे अपने घरों में औंधे मुँह पड़े रह गए।
Арабча тафсирлар:
كَاَنْ لَّمْ یَغْنَوْا فِیْهَا ؕ— اَلَا بُعْدًا لِّمَدْیَنَ كَمَا بَعِدَتْ ثَمُوْدُ ۟۠
जैसै वे वहाँ कभी बसे ही नहीं थे। सुन लो! मदयन वाले भी वैसे ही (अल्लाह की दया से) दूर कर दिए गए, जैसे समूद जाति के लोग दूर कर दिए गए।
Арабча тафсирлар:
وَلَقَدْ اَرْسَلْنَا مُوْسٰی بِاٰیٰتِنَا وَسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
और हमने मूसा को अपनी निशानियों (चमत्कार) तथा स्पष्ट प्रमाण के साथ भेजा।
Арабча тафсирлар:
اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ فَاتَّبَعُوْۤا اَمْرَ فِرْعَوْنَ ۚ— وَمَاۤ اَمْرُ فِرْعَوْنَ بِرَشِیْدٍ ۟
फ़िरऔन और उसके प्रमुखों की ओर। तो उन्होंने फ़िरऔन के आदेश का पालन किया। जबकि फ़िरऔन का आदेश सटीक नहीं था।
Арабча тафсирлар:
یَقْدُمُ قَوْمَهٗ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فَاَوْرَدَهُمُ النَّارَ ؕ— وَبِئْسَ الْوِرْدُ الْمَوْرُوْدُ ۟
वह क़ियामत के दिन अपनी जाति के आगे-आगे चलेगा और उनको नरक में उतारेगा और वह क्या ही बुरा उतरने का स्थान है!
Арабча тафсирлар:
وَاُتْبِعُوْا فِیْ هٰذِهٖ لَعْنَةً وَّیَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— بِئْسَ الرِّفْدُ الْمَرْفُوْدُ ۟
और इस दुनिया में उनके पीछे लानत (धिक्कार) लगा दी गई और क़ियामत के दिन भी। कैसा बुरा पुरस्कार है, जो उन्हें दिया जाएगा!
Арабча тафсирлар:
ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْقُرٰی نَقُصُّهٗ عَلَیْكَ مِنْهَا قَآىِٕمٌ وَّحَصِیْدٌ ۟
(ऐ नबी!) ये बस्तियों के समाचार हैं, जिनका वर्णन हम आपके सामने कर रहे हैं। उनमें से कुछ खड़ी हैं और कुछ उजड़ चुकी हैं।
Арабча тафсирлар:
وَمَا ظَلَمْنٰهُمْ وَلٰكِنْ ظَلَمُوْۤا اَنْفُسَهُمْ فَمَاۤ اَغْنَتْ عَنْهُمْ اٰلِهَتُهُمُ الَّتِیْ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ لَّمَّا جَآءَ اَمْرُ رَبِّكَ ؕ— وَمَا زَادُوْهُمْ غَیْرَ تَتْبِیْبٍ ۟
और हमने उनपर अत्याचार नहीं किया, परंतु उन्होंने स्वयं अपने ऊपर अत्याचार किया। जब आपके पालनहार का आदेश आ गया, तो उनके वे पूज्य, जिन्हें वे अल्लाह के सिवा पुकारा करते थे, उनके कुछ भी काम न आए और उन्होंने केवल उन्हें हानि ही पहुँचाया।[37]
37. अर्थात ये जातियाँ अपने देवी-देवता की पूजा इसलिए करती थीं कि वे उन्हें लाभ पहुँचाएँगे। किंतु उनकी पूजा ही उनपर अधिक यातना का कारण बन गई।
Арабча тафсирлар:
وَكَذٰلِكَ اَخْذُ رَبِّكَ اِذَاۤ اَخَذَ الْقُرٰی وَهِیَ ظَالِمَةٌ ؕ— اِنَّ اَخْذَهٗۤ اَلِیْمٌ شَدِیْدٌ ۟
और तेरे पालनहार की पकड़ ऐसी ही होती है, जब वह अत्याचार करने वाली बस्तियों को पकड़ता है। निःसंदेह उसकी पकड़ बहुत दर्दनाक, बहुत कठोर होती है।[38]
38. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का कथन है कि अल्लाह अत्याचारी को अवसर देता है, यहाँ तक कि जब उसे पकड़ता है तो उससे बचता नहीं, और आपने फिर यही आयत पढ़ी। (सह़ीह़ बुख़ारी, ह़दीस संख्या : 4686)
Арабча тафсирлар:
اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّمَنْ خَافَ عَذَابَ الْاٰخِرَةِ ؕ— ذٰلِكَ یَوْمٌ مَّجْمُوْعٌ ۙ— لَّهُ النَّاسُ وَذٰلِكَ یَوْمٌ مَّشْهُوْدٌ ۟
निश्चय ही इसमें उसके लिए एक निशानी है, जो आख़िरत की यातना से डरे। वह ऐसा दिन होगा, जिसके लिए सभी लोग एकत्रित किए जाएँगे तथा उस दिन सभी लोग उपस्थित होंगे।
Арабча тафсирлар:
وَمَا نُؤَخِّرُهٗۤ اِلَّا لِاَجَلٍ مَّعْدُوْدٍ ۟ؕ
और हम उसे केवल एक निर्धारित अवधि के लिए पीछे कर रहे हैं।
Арабча тафсирлар:
یَوْمَ یَاْتِ لَا تَكَلَّمُ نَفْسٌ اِلَّا بِاِذْنِهٖ ۚ— فَمِنْهُمْ شَقِیٌّ وَّسَعِیْدٌ ۟
जिस दिन वह आ जाएगा, तो अल्लाह की अनुमति के बिना कोई प्राणी बात नहीं कर सकेगा, फिर उनमें से कुछ अभागे होंगे और कुछ भाग्यशाली होंगे।
Арабча тафсирлар:
فَاَمَّا الَّذِیْنَ شَقُوْا فَفِی النَّارِ لَهُمْ فِیْهَا زَفِیْرٌ وَّشَهِیْقٌ ۟ۙ
चुनाँचे जो लोग अभागे होंगे, वे नरक में होंगे, उसमें उन्हें चीखना और चिल्लाना होगा।
Арабча тафсирлар:
خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ فَعَّالٌ لِّمَا یُرِیْدُ ۟
वे उसमें हमेशा रहेंगे, जब तक आकाश तथा धरती अवस्थित हैं। परन्तु यह कि आपका पालनहार कुछ और चाहे। निःसंदेह आपका पालनहार जो चाहे, करने वाला है।
Арабча тафсирлар:
وَاَمَّا الَّذِیْنَ سُعِدُوْا فَفِی الْجَنَّةِ خٰلِدِیْنَ فِیْهَا مَا دَامَتِ السَّمٰوٰتُ وَالْاَرْضُ اِلَّا مَا شَآءَ رَبُّكَ ؕ— عَطَآءً غَیْرَ مَجْذُوْذٍ ۟
लेकिन जो भाग्यशाली हैं, तो (वे) स्वर्ग में होंगे, वे उसमें सदैव रहेंगे जब तक आकाश तथा धरती विद्यमान् हैं। परन्तु यह कि आपका पालनहार कुछ और चाहे। यह एक अनंत प्रदान है।
Арабча тафсирлар:
فَلَا تَكُ فِیْ مِرْیَةٍ مِّمَّا یَعْبُدُ هٰۤؤُلَآءِ ؕ— مَا یَعْبُدُوْنَ اِلَّا كَمَا یَعْبُدُ اٰبَآؤُهُمْ مِّنْ قَبْلُ ؕ— وَاِنَّا لَمُوَفُّوْهُمْ نَصِیْبَهُمْ غَیْرَ مَنْقُوْصٍ ۟۠
अतः (ऐ नबी!) आप उसके बारे में किसी संदेह में न रहें, जिसे ये पूजते हैं। ये उसी प्रकार पूजते हैं, जैसे इनसे पहले इनके बाप-दादा पूजते[39] थे। निःसंदेह हम इन्हें इनका हिस्सा बिना किसी कमी के पूरा-पूरा देने वाले हैं।
39. अर्थात इनकी पूजा निर्मूल और बाप-दादा की परंपरा पर आधारित है, जिसका सत्य से कोई संबंध नहीं है।
Арабча тафсирлар:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ فَاخْتُلِفَ فِیْهِ ؕ— وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَقُضِیَ بَیْنَهُمْ ؕ— وَاِنَّهُمْ لَفِیْ شَكٍّ مِّنْهُ مُرِیْبٍ ۟
और हमने मूसा को पुस्तक (तौरात) प्रदान की। तो उसमें विभेद किया गया। और यदि आपके पालनहार ने पहले से एक बात[40] निश्चित न की होती, तो उनके बीच निर्णय कर दिया गया होता। और निःसंदेह वे[41] उस (क़ुरआन) के बारे में असमंजस में डाल देनेवाले संदेह में पड़े हुए हैं।
40. अर्थात यह कि संसार में प्रत्येक को अपनी इच्छानुसार कर्म करने का अवसर दिया जाएगा। 41. अर्थात मिश्रणवादी क़ुरआन के विषय में।
Арабча тафсирлар:
وَاِنَّ كُلًّا لَّمَّا لَیُوَفِّیَنَّهُمْ رَبُّكَ اَعْمَالَهُمْ ؕ— اِنَّهٗ بِمَا یَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟
और निःसंदेह आपका पालनहार अवश्य प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों का पूरा बदला देगा। निश्चित रूप से वह उनके कर्मों से सूचित है।
Арабча тафсирлар:
فَاسْتَقِمْ كَمَاۤ اُمِرْتَ وَمَنْ تَابَ مَعَكَ وَلَا تَطْغَوْا ؕ— اِنَّهٗ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِیْرٌ ۟
अतः (ऐ नबी!) आप सुदृढ़ रहें जैसा आपको आदेश दिया गया है और वे लोग भी जिन्होंने आपके साथ तौबा की। तथा तुम सीमा का उल्लंघन[42] न करो, निःसंदेह वह (अल्लाह) जो कुछ तुम कर रहे हो, उसे ख़ूब देखने वाला है।
42. अर्थात धर्मादेश की सीमा का।
Арабча тафсирлар:
وَلَا تَرْكَنُوْۤا اِلَی الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا فَتَمَسَّكُمُ النَّارُ ۙ— وَمَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ اَوْلِیَآءَ ثُمَّ لَا تُنْصَرُوْنَ ۟
और अत्याचारियों की ओर न झुक पड़ो। अन्यथा तुम्हें भी आग पकड़ लेगी और अल्लाह के सिवा तुम्हारा कोई सहायक नहीं होगा (जो तुम्हें बचा सके)। फिर तुम्हारी सहायता नहीं की जाएगी।
Арабча тафсирлар:
وَاَقِمِ الصَّلٰوةَ طَرَفَیِ النَّهَارِ وَزُلَفًا مِّنَ الَّیْلِ ؕ— اِنَّ الْحَسَنٰتِ یُذْهِبْنَ السَّیِّاٰتِ ؕ— ذٰلِكَ ذِكْرٰی لِلذّٰكِرِیْنَ ۟ۚ
तथा आप दिन के दोनों सिरों में और रात के कुछ क्षणों[43] में नमाज़ क़ायम करें। निःसंदेह नेकियाँ बुराइयों को दूर कर देती[44] हैं। यह एक शिक्षा है, शिक्षा ग्रहण करने वालों के लिए।
43. नमाज़ के समय के सविस्तार विवरण के लिए देखिए सूरत बनी इसराईल, आयत : 78, सूरत ताहा, आयत : 130, तथा सूरतुर्-रूम, आयत : 17-18. 44. ह़दीस में आता है कि आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फरमाया : यदि किसी के द्वार पर एक नहर जारी हो, जिसमें वह पाँच बार स्नान करता हो, तो क्या उसके शरीर पर कुछ मैल रह जाएगी? इसी प्रकार पाँचों नमाज़ों से अल्लाह पापों को मिटा देता है। (बुख़ारी : 528, मुस्लिम : 667) किंतु बड़े-बड़े पाप जैसे शिर्क, हत्या इत्यादि बिना तौबा के क्षमा नहीं किए जाते।
Арабча тафсирлар:
وَاصْبِرْ فَاِنَّ اللّٰهَ لَا یُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
तथा आप धैर्य से काम लें, क्योंकि अल्लाह सदाचारियों का प्रतिफल नष्ट नहीं करता।
Арабча тафсирлар:
فَلَوْلَا كَانَ مِنَ الْقُرُوْنِ مِنْ قَبْلِكُمْ اُولُوْا بَقِیَّةٍ یَّنْهَوْنَ عَنِ الْفَسَادِ فِی الْاَرْضِ اِلَّا قَلِیْلًا مِّمَّنْ اَنْجَیْنَا مِنْهُمْ ۚ— وَاتَّبَعَ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا مَاۤ اُتْرِفُوْا فِیْهِ وَكَانُوْا مُجْرِمِیْنَ ۟
फिर तुमसे पहले गुज़रे हुए समुदायों में ऐसे बचे खुचे भले-समझदार लोग क्यों न हुए, जो धरती में बिगाड़ से रोकते? सिवाय उन थोड़े-से लोगों के, जिन्हें हमने उनमें से बचा लिया। और अत्याचारी लोग तो उसी सुख-सामग्री के पीछे पड़े रहे, जिसमें वे रखे गए थे और वे तो थे ही अपराधी।
Арабча тафсирлар:
وَمَا كَانَ رَبُّكَ لِیُهْلِكَ الْقُرٰی بِظُلْمٍ وَّاَهْلُهَا مُصْلِحُوْنَ ۟
और आपका पालनहार ऐसा नहीं है कि वह बस्तियों को अन्यायपूर्वक विनष्ट कर दे, जबकि उनके निवासी सुधार करने वाले हों।
Арабча тафсирлар:
وَلَوْ شَآءَ رَبُّكَ لَجَعَلَ النَّاسَ اُمَّةً وَّاحِدَةً وَّلَا یَزَالُوْنَ مُخْتَلِفِیْنَ ۟ۙ
और यदि आपका पालनहार चाहता, तो सब लोगों को एक ही समुदाय बना देता और वे सदैव विभेद करते ही रहेंगे।
Арабча тафсирлар:
اِلَّا مَنْ رَّحِمَ رَبُّكَ ؕ— وَلِذٰلِكَ خَلَقَهُمْ ؕ— وَتَمَّتْ كَلِمَةُ رَبِّكَ لَاَمْلَـَٔنَّ جَهَنَّمَ مِنَ الْجِنَّةِ وَالنَّاسِ اَجْمَعِیْنَ ۟
सिवाय उसके, जिसपर आपका पालनहार दया करे और इसी के लिए उसने उन्हें पैदा किया।[45] और आपके पालनहार की बात पूरी हो गई कि मैं नरक को सब जिन्नों तथा इनसानों से अवश्य भर दूँगा।[46]
45. अर्थात एक ही सत्धर्म पर सबको कर देता। परंतु उसने प्रत्येक को अपने विचार की स्वतंत्रता दी है कि जिस धर्म या विचार को चाहे अपनाए ताकि प्रलय के दिन सत्धर्म को ग्रहण न करने पर उन्हें यातना का स्वाद चखाया जाए। 46. क्योंकि इस स्वतंत्रता का ग़लत प्रयोग करके अधिकतर लोग सत्धर्म को छोड़ बैठे।
Арабча тафсирлар:
وَكُلًّا نَّقُصُّ عَلَیْكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الرُّسُلِ مَا نُثَبِّتُ بِهٖ فُؤَادَكَ ۚ— وَجَآءَكَ فِیْ هٰذِهِ الْحَقُّ وَمَوْعِظَةٌ وَّذِكْرٰی لِلْمُؤْمِنِیْنَ ۟
और हम रसूलों की खबरों में से आपको हर वह खबर सुनाते हैं, जिसके द्वारा हम आपके दिल को सुदृढ़ रखते हैं। और इसमें आपके पास सत्य आ गया है और ईमान वालों के लिए उपदेश और अनुस्मरण भी।
Арабча тафсирлар:
وَقُلْ لِّلَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ اعْمَلُوْا عَلٰی مَكَانَتِكُمْ ؕ— اِنَّا عٰمِلُوْنَ ۟ۙ
और (ऐ नबी!) आप उनसे कह दें, जो ईमान नहीं लाते कि तुम अपने रास्ते पर काम करते रहो। निःसंदेह हम (भी) काम करने वाले हैं।
Арабча тафсирлар:
وَانْتَظِرُوْا ۚ— اِنَّا مُنْتَظِرُوْنَ ۟
तथा तुम प्रतीक्षा[47] करो, निःसंदेह हम भी प्रतीक्षा करने वाले हैं।
47. अर्थात अपने परिणाम की।
Арабча тафсирлар:
وَلِلّٰهِ غَیْبُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَاِلَیْهِ یُرْجَعُ الْاَمْرُ كُلُّهٗ فَاعْبُدْهُ وَتَوَكَّلْ عَلَیْهِ ؕ— وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟۠
अल्लाह ही के पास आकाशों तथा धरती की छिपी हुई चीज़ों का ज्ञान है और सभी मामले उसी की ओर लौटाए जाते हैं। अतः आप उसी की इबादत (उपासना) करें और उसी पर भरोसा करें। और आपका पालनहार उससे अनभिज्ञ नहीं है, जो तुम कर रहे हो।
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Сура: Ҳуд сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима - Таржималар мундарижаси

Қуръон Карим маъноларининг ҳиндча таржимаси, мутаржим: Азизулҳақ Умарий

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