Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима * - Таржималар мундарижаси

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Маънолар таржимаси Оят: (124) Сура: Наҳл сураси
اِنَّمَا جُعِلَ السَّبْتُ عَلَی الَّذِیْنَ اخْتَلَفُوْا فِیْهِ ؕ— وَاِنَّ رَبَّكَ لَیَحْكُمُ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
सब्त' (शनिवार के दिन का सम्मान)[58] तो केवल उन लोगों पर अनिवार्य किया गया, जिन्होंने उसके विषय में मतभेद किया। और निःसंदेह आपका पालनहार उनके बीच क़ियामत के दिन निश्चय उस विषय में फ़ैसला करेगा, जिसमें वे मतभेद किया करते थे।
58. अर्थात सब्त का सम्मान जैसे इस्लाम में नहीं है, इसी प्रकार इबराहीम अलैहिस्स्लाम के धर्म में भी नहीं है। यह तो केवल उनके लिए निर्धारित किया गया, जिन्होंने विभेद करके जुमुआ के दिन की जगह सब्त का दिन निर्धारित कर लिया। तो अल्लाह ने उनके लिए उसी का सम्मान अनिवार्य कर दिया कि इसमें शिकार न करो। (देखिए : सूरतुल-आराफ़, आयत : 163)
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (124) Сура: Наҳл сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима - Таржималар мундарижаси

Қуръон Карим маъноларининг ҳиндча таржимаси, мутаржим: Азизулҳақ Умарий

Ёпиш