Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима * - Таржималар мундарижаси

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Маънолар таржимаси Оят: (28) Сура: Каҳф сураси
وَاصْبِرْ نَفْسَكَ مَعَ الَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ رَبَّهُمْ بِالْغَدٰوةِ وَالْعَشِیِّ یُرِیْدُوْنَ وَجْهَهٗ وَلَا تَعْدُ عَیْنٰكَ عَنْهُمْ ۚ— تُرِیْدُ زِیْنَةَ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۚ— وَلَا تُطِعْ مَنْ اَغْفَلْنَا قَلْبَهٗ عَنْ ذِكْرِنَا وَاتَّبَعَ هَوٰىهُ وَكَانَ اَمْرُهٗ فُرُطًا ۟
और अपने आपको उन लोगों के साथ रोके रखें, जो सुबह-शाम अपने पालनहार को पुकारते हैं। वे उसका चेहरा चाहते हैं। और सांसारिक जीवन की शोभा की चाह[13] में अपनी आँखों को उनसे न फेरें। और उसकी बात न मानें, जिसके दिल को हमने अपनी याद से ग़ाफ़िल कर दिया है, और वह अपनी इच्छा के पीछे लगा हुआ है, और उसका मामला हद से बढ़ा हुआ है।
13. भाष्यकारों ने लिखा है कि यह आयत उस समय उतरी जब मुश्रिक क़ुरैश के कुछ प्रमुखों ने नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से यह माँग की, कि आप अपने निर्धन अनुयायियों के साथ न रहें। तो हम आपके पास आकर आपकी बातें सुनेंगे। इसलिए अल्लाह ने आपको आदेश दिया कि इनका आदर किया जाए, ऐसा नहीं होना चाहिए कि इनकी उपेक्षा करके उन धनवानों की बात मानी जाए जो अल्लाह की याद से निश्चेत हैं।
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (28) Сура: Каҳф сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима - Таржималар мундарижаси

Қуръон Карим маъноларининг ҳиндча таржимаси, мутаржим: Азизулҳақ Умарий

Ёпиш