Check out the new design

Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима - Азизул Ҳақ Умарий * - Таржималар мундарижаси

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Маънолар таржимаси Оят: (216) Сура: Бақара
كُتِبَ عَلَیْكُمُ الْقِتَالُ وَهُوَ كُرْهٌ لَّكُمْ ۚ— وَعَسٰۤی اَنْ تَكْرَهُوْا شَیْـًٔا وَّهُوَ خَیْرٌ لَّكُمْ ۚ— وَعَسٰۤی اَنْ تُحِبُّوْا شَیْـًٔا وَّهُوَ شَرٌّ لَّكُمْ ؕ— وَاللّٰهُ یَعْلَمُ وَاَنْتُمْ لَا تَعْلَمُوْنَ ۟۠
(ऐ ईमान वालो!) तुमपर युद्ध करना अनिवार्य कर दिया गया है, हालाँकि वह तुम्हें बिल्कुल नापसंद है। और हो सकता है कि तुम एक चीज़ को नापसंद करो और वह तुम्हारे लिए बेहतर हो और हो सकता कि तुम एक चीज़ को पसंद करो और वह तुम्हारे लिए बुरी हो। और अल्लाह जानता है और तुम नहीं जानते।[134]
134. आयत का भावार्थ यह है कि युद्ध ऐसी चीज़ नहीं, जो तुम्हें प्रिय हो। परंतु जब ऐसी स्थिति आ जाए कि शत्रु इस लिए आक्रमण और अत्याचार करने लगे कि लोगों ने अपने पूर्वजों की आस्था, परंपरा त्याग कर सत्य को अपना लिया है, जैसा कि इस्लाम के आरंभिक युग में हुआ, तो सत्धर्म की रक्षा के लिए युद्ध करना अनिवार्य हो जाता हो।
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (216) Сура: Бақара
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима - Азизул Ҳақ Умарий - Таржималар мундарижаси

Азизул Ҳақ ал-Умрий таржимаси.

Ёпиш