Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима * - Таржималар мундарижаси

XML CSV Excel API
Please review the Terms and Policies

Маънолар таржимаси Оят: (20) Сура: Ғошия сураси
وَاِلَی الْاَرْضِ كَیْفَ سُطِحَتْ ۟
तथा धरती को (नहीं देखते) कि कैसे बिछाई गई है?[3]
3. (17-20) इन आयतों में फिर विषय बदल कर एक प्रश्न किया जा रहा है कि जो क़ुरआन की शिक्षा तथा परलोक की सूचना को नहीं मानते, अपने सामने उन चीज़ों को नहीं देखते जो रात दिन उनके सामने आती रहती हैं, ऊँटों तथा पर्वतों और आकाश एवं धरती पर विचार क्यों नहीं करते कि क्या ये सब अपने आप पैदा हो गए हैं या इनका कोई रचयिता है? यह तो असंभव है कि रचना हो और रचयिता न हो। यदि मानते हैं कि किसी शक्ति ने इनको बनाया है जिसका कोई साझी नहीं तो उसके अकेले पूज्य होने और उसके फिर से पैदा करने की शक्ति और सामर्थ्य का क्यों इनकार करते हैं? (तर्जुमानुल क़ुरआन)
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (20) Сура: Ғошия сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Ҳиндча таржима - Таржималар мундарижаси

Қуръон Карим маъноларининг ҳиндча таржимаси, мутаржим: Азизулҳақ Умарий

Ёпиш