Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Маратийча таржима * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Оят: (87) Сура: Намл сураси
وَیَوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ فَفَزِعَ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ اِلَّا مَنْ شَآءَ اللّٰهُ ؕ— وَكُلٌّ اَتَوْهُ دٰخِرِیْنَ ۟
८७. आणि ज्या दिवशी सूर फुंकला जाईल तेव्हा ते सर्वच्या सर्व, जे आकाशांमध्ये आणि जमिनीवर आहेत घाबरून उठतील,१ परंतु ज्याला अल्लाह इच्छिल (सुरक्षित ठेवील) आणि सर्वच्या सर्व विवश, लाचार होऊन त्याच्यासमोर हजर होतील.
(१) ‘सुर’शी अभिप्रेत तो शंख होय, ज्यात इस्राफील (अलै.) अल्लाहच्या आदेशाने फुंक मारतील. ही फुंक दोन किंवा दोनपेक्षा जास्त असेल. पहिल्या फुंकीत सारे जग घाबरून जाऊन बेभान होईल, दुसऱ्या फुंकीत सर्व मरण पावतील आणि तिसऱ्या खेपेस सर्व लोक कबरींमधून जिवंत होऊन उभे राहतील आणि काहींच्या मते चौथी फुंक असेल ज्यात सर्व हश्र (हिशोबा) च्या मैदानात जमा होतील. या ठिकाणी कोणती फुंक अभिप्रेत आहे? इमाम इब्ने कसीर यांच्या मते ही पहिली फुंक आणि इमाम शौकानी यांच्या मते तिसरी फुंक होय, जेव्हा लोक कबरीमधून उठतील.
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (87) Сура: Намл сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Маратийча таржима - Таржималар мундарижаси

Маратийча таржима, таржимон: Муҳаммад Шафийъ Ансорий, Бирр жамияти нашри, Бомбай

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