Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Маратийча таржима * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Оят: (73) Сура: Зумар сураси
وَسِیْقَ الَّذِیْنَ اتَّقَوْا رَبَّهُمْ اِلَی الْجَنَّةِ زُمَرًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْهَا وَفُتِحَتْ اَبْوَابُهَا وَقَالَ لَهُمْ خَزَنَتُهَا سَلٰمٌ عَلَیْكُمْ طِبْتُمْ فَادْخُلُوْهَا خٰلِدِیْنَ ۟
७३. आणि जे लोक आपल्या पालनकर्त्याचे भय राखत होते, त्यांचे समूहच्या समूह जन्नतकडे पाठविले जातील, येथेपर्यर्ंत की जेव्हा ते जन्नतजवळ पोहोचतील आणि दरवाजे उघडले जातील,१ आणि तिथले रक्षक त्यांना म्हणतील की तुमच्यावर सलाम असो, तुम्ही खूश राहा. तर तुम्ही यांच्यात सदैवकाळाकरिता या.
(१) हदीस वचनातील उल्लेखानुसार जन्नतचे आठ दरवाजे आहेत. त्यापैकी एकाचे नाव ‘रय्यान’ आहे, ज्यातून केवळ रोजा (व्रत) राखणारेच दाखल होतील. (सहीह बुखारी नं. २२५७, मुस्लिम नं. ८०८) त्याच प्रकारे इतर दरवाज्यांचीही नावे असतील. उदा. नमाजचा दरवाजा, जकातचा दरवाजा, जिहाद (धर्मयुद्धा) चा दरवाजा वगैरे. (सहीह बुखारी किताबुस सेयाम, मुस्लिम-किताबुज जकात) प्रत्येक दरवाज्याची रुंदी चाळीस वर्षांच्या अंतराएवढी असेल, तरीही ते भरगच्च असतील. (सहीह मुस्लिम किताबुज जोहद) सर्वांत प्रथम जन्नतचा दरवाजा ठोठावणारे पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम असतील. (मुस्लिम किताबुल ईमान)
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (73) Сура: Зумар сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Маратийча таржима - Таржималар мундарижаси

Маратийча таржима, таржимон: Муҳаммад Шафийъ Ансорий, Бирр жамияти нашри, Бомбай

Ёпиш