Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Маратийча таржима * - Таржималар мундарижаси


Маънолар таржимаси Оят: (30) Сура: Фуссилат сураси
اِنَّ الَّذِیْنَ قَالُوْا رَبُّنَا اللّٰهُ ثُمَّ اسْتَقَامُوْا تَتَنَزَّلُ عَلَیْهِمُ الْمَلٰٓىِٕكَةُ اَلَّا تَخَافُوْا وَلَا تَحْزَنُوْا وَاَبْشِرُوْا بِالْجَنَّةِ الَّتِیْ كُنْتُمْ تُوْعَدُوْنَ ۟
३०. वास्तविक ज्या लोकांनी असे म्हटले की आमचा स्वामी व पालनकर्ता अल्लाह आहे, मग त्यावर अटळ राहिले१ तर त्यांच्याजवळ फरिश्ते (हे सांगत) येतात की तुम्ही मुळीच भयभीत आणि दुःखी होऊ नका. (किंबहुना) त्या जहन्नतचा शुभ समाचार ऐकवा, जिचा तुम्हाला वायदा दिला गेला आहे.
(१) अर्थात परिस्थिती कितीही कठीण असो, ईमानावर अटळ राहावे, त्यापासून परावृत्त होऊ नये. काहींनी कायम राहण्याचा अर्थ निष्कपटता असा घेतला आहे, म्हणजे केवळ एक अल्लाहचीच उपासना व आज्ञा पालन करणे. जसे हदीस वचनात उल्लेखित आहे की एका माणसाने पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम यांना विनंती केली, ‘‘मला अशी गोष्ट सांगा की तुमच्यानंतर मला दुसऱ्या कोणाला विचारण्याची गरज न भासावी,’’ त्यावर पैगंबरांनी फर्माविले, ‘‘सांगा, मी अल्लाहवर ईमान राखले, मग यावर अटळ राहा.’’ (सहीह मुस्लिम किताबुल ईमान बाबु जामिअे औसाफिल इस्लाम)
Арабча тафсирлар:
 
Маънолар таржимаси Оят: (30) Сура: Фуссилат сураси
Суралар мундарижаси Бет рақами
 
Қуръони Карим маъноларининг таржимаси - Маратийча таржима - Таржималар мундарижаси

Маратийча таржима, таржимон: Муҳаммад Шафийъ Ансорий, Бирр жамияти нашри, Бомбай

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