ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني آية: (40) سورة: الرعد
وَاِنْ مَّا نُرِیَنَّكَ بَعْضَ الَّذِیْ نَعِدُهُمْ اَوْ نَتَوَفَّیَنَّكَ فَاِنَّمَا عَلَیْكَ الْبَلٰغُ وَعَلَیْنَا الْحِسَابُ ۟
(ऐ नबी!) यदि हम आपकी मृत्यु से पहले आपको उस यातना का कुछ भाग दिखा दें जिसका हम उनसे वादा करते हैं, तो यह हमारा काम है, या उसे आपको दिखाने से पहले ही आपको मौत दे दें, तो आपका काम केवल उसको पहुँचा देना है, जिसे पहुँचाने का हमने आपको आदेश दिया है। आपका काम उन्हें बदला देना या उनका हिसाब लेना नहीं है। क्योंकि यह हमारा काम है।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• الترغيب في الجنة ببيان صفتها، من جريان الأنهار وديمومة الرزق والظل.
• जन्नत की विशेषताएँ, जैसे नहरों के प्रवाह और जीविका और छाया के स्थायित्व को बयान करके उसके लिए प्रोत्साहित करना।

• خطورة اتباع الهوى بعد ورود العلم وأنه من أسباب عذاب الله.
• ज्ञान के आगमन के बाद इच्छाओं का पालन करने का खतरा और यह कि वह अल्लाह की सज़ा के कारणों में से है।

• بيان أن الرسل بشر، لهم أزواج وذريات، وأن نبينا صلى الله عليه وسلم ليس بدعًا بينهم، فقد كان مماثلًا لهم في ذلك.
• इस बात का वर्णन कि रसूल इनसान थे। उनकी पत्नियाँ और बच्चे थे। और हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उनके बीच कोई अनूठे नहीं हैं। क्योंकि आप उसमें उनके समान ही थे।

 
ترجمة معاني آية: (40) سورة: الرعد
فهرس السور رقم الصفحة
 
ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - فهرس التراجم

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

إغلاق