ترجمة معاني القرآن الكريم - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - فهرس التراجم


ترجمة معاني آية: (154) سورة: الأعراف
وَلَمَّا سَكَتَ عَنْ مُّوْسَی الْغَضَبُ اَخَذَ الْاَلْوَاحَ ۖۚ— وَفِیْ نُسْخَتِهَا هُدًی وَّرَحْمَةٌ لِّلَّذِیْنَ هُمْ لِرَبِّهِمْ یَرْهَبُوْنَ ۟
फिर जब मूसा अलैहिस्सलाम का क्रोध शांत हो गया, तो उसने उन तख़्तियों को उठा लिया, जिन्हें उसने क्रोध में आकर फेंक दिया था। ये तख़्तियाँ पथभ्रष्टता से मार्गदर्शन और सत्य के बयान पर आधारित थीं, तथा उन लोगों के लिए दया पर आधारित थीं, जो अपने पालनहार का भय रखते और उसकी यातना से डरते हैं।
التفاسير العربية:
من فوائد الآيات في هذه الصفحة:
• في الآيات دليل على أن الخطأ في الاجتهاد مع وضوح الأدلة لا يعذر فيه صاحبه عند إجراء الأحكام عليه، وهو ما يسميه الفقهاء بالتأويل البعيد.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि स्पष्ट प्रमाणों के होते हुए इजतिहाद में ग़लती करने वाला उसपर हुक्म लागू करते समय क्षम्य नहीं होगा। इसी को इस्लामिक विद्वान 'तावीले बईद' (दूर की व्याख्या) का नाम देते हैं।

• من آداب الدعاء البدء بالنفس، حيث بدأ موسى عليه السلام دعاءه فطلب المغفرة لنفسه تأدُّبًا مع الله فيما ظهر عليه من الغضب، ثم طلب المغفرة لأخيه فيما عسى أن يكون قد ظهر منه من تفريط أو تساهل في رَدْع عَبَدة العجل عن ذلك.
• दुआ के शिष्टाचार में से एक यह है कि इनसान पहले अपने लिए दुआ करे, जैसा कि मूसा अलैहिस्सलाम ने अपनी दुआ शुरू की, तो पहले खुद अपने लिए क्षमा माँगी अल्लाह के साथ उस क्रोध के लिए शिष्टाचार अपनाते हुए जो उनसे प्रकट हुआ था, फिर अपने भाई के लिए माफ़ी तलब की, क्योंकि संभव है कि उनसे बछड़े की पूजा करने वालों को उससे रोकने में लापरवाही या ढिलाई हुई हो।

• التحذير من الغضب وسلطته على عقل الشخص؛ ولذلك نسب الله للغضب فعل السكوت كأنه هو الآمر والناهي.
• क्रोध तथा आदमी के दिमाग पर उसके प्रभुत्व (प्रबल प्रभाव) से सावधान करना। इसीलिए अल्लाह ने क्रोध की ओर 'मौन' (खामोश होने) के कार्य की निसबत की है। मानो कि वही आदेश देने वाला और निषेध करने वाला है।

• ضرورة التوقي من غضب الله، وخوف بطشه، فانظر إلى مقام موسى عليه السلام عند ربه، وانظر خشيته من غضب ربه.
• अल्लाह के क्रोध से बचने और उसकी पकड़ से डरने की आवश्यकता। चुनाँचे देखें कि मूसा अलैहिस्सलाम को अपने रब के पास क्या स्थान प्राप्त है, फिर भी वह अपने पालनहार के क्रोध से कितना सहमे हुए हैं।

 
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