আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ছুৰা আল-ফুৰক্বান   আয়াত:

सूरा अल्-फ़ुर्क़ान

ছুৰাৰ উদ্দেশ্য:
الانتصار للرسول صلى الله عليه وسلم وللقرآن ودفع شبه المشركين.
रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का और क़ुरआन का समर्थन करना तथा मुश्रिकों के संदेहों का खंडन करना।

تَبٰرَكَ الَّذِیْ نَزَّلَ الْفُرْقَانَ عَلٰی عَبْدِهٖ لِیَكُوْنَ لِلْعٰلَمِیْنَ نَذِیْرَا ۟ۙ
उस अस्तित्व की भलाई बहुत अधिक और बहुल है, जिसने अपने बंदे और रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाला क़ुरआन उतारा, ताकि वह मानव जाति और जिन्न की ओर, उन्हें अल्लाह की यातना से डराने वाला रसूल हो जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
١لَّذِیْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَلَمْ یَتَّخِذْ وَلَدًا وَّلَمْ یَكُنْ لَّهٗ شَرِیْكٌ فِی الْمُلْكِ وَخَلَقَ كُلَّ شَیْءٍ فَقَدَّرَهٗ تَقْدِیْرًا ۟
वह अस्तित्व कि केवल उसी के लिए आकाशों और धरती का राज्य है। उसने कोई संतान नहीं बनाई। और उसके राज्य में कभी उसका कोई शरीक नहीं रहा है। तथा उसने सारी चीज़ों को पैदा किया, और अपने ज्ञान एवं हिकमत के अनुसार उनकी रचना का ऐसा अंदाज़ा नियत किया, जो उनके लिए उपयुक्त हो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• دين الإسلام دين النظام والآداب، وفي الالتزام بالآداب بركة وخير.
• इस्लाम धर्म व्यवस्था और शिष्टाचार का धर्म है। और शिष्टाचार का पालन करने में बरकत और भलाई है।

• منزلة رسول الله صلى الله عليه وسلم تقتضي توقيره واحترامه أكثر من غيره.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का रुतबा इस बात का तक़ाज़ा करता है कि दूसरों की तुलना में आपका अधिक आदर और सम्मान किया जाए।

• شؤم مخالفة سُنَّة النبي صلى الله عليه وسلم.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सुन्नत का उल्लंघन करने का दुर्भाग्य।

• إحاطة ملك الله وعلمه بكل شيء.
• हर चीज़ अल्लाह के राज्य और उसके ज्ञान के घेरे में है।

وَاتَّخَذُوْا مِنْ دُوْنِهٖۤ اٰلِهَةً لَّا یَخْلُقُوْنَ شَیْـًٔا وَّهُمْ یُخْلَقُوْنَ وَلَا یَمْلِكُوْنَ لِاَنْفُسِهِمْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا وَّلَا یَمْلِكُوْنَ مَوْتًا وَّلَا حَیٰوةً وَّلَا نُشُوْرًا ۟
मुश्रिकों ने अल्लाह को छोड़कर ऐसे पूज्य बना लिए, जो कोई भी छोटी या बड़ी चीज़ नहीं पैदा कर सकते। बल्कि वे स्वयं पैदा किए जाते हैं। अल्लाह ने उन्हें अनस्तित्व से अस्तित्व प्रदान किया है। वे अपने किसी हानि को दूर करने, या अपने लिए कोई लाभ प्राप्त करने की भी शक्ति नहीं रखते। वे न किसी जीवित को मार सकते और न किसी मृत को जीवित कर सकते। तथा वे मुर्दों को उनकी क़ब्रों से उठा भी नहीं सकते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اِفْكُ ١فْتَرٰىهُ وَاَعَانَهٗ عَلَیْهِ قَوْمٌ اٰخَرُوْنَ ۛۚ— فَقَدْ جَآءُوْ ظُلْمًا وَّزُوْرًا ۟ۚۛ
और अल्लाह एवं उसके रसूल के साथ कुफ़्र करने वालों ने कहा : यह क़ुरआन केवल एक झूठ है, जिसे मुह़म्मद ने गढ़ लिया है और झूठमूठ अल्लाह से संबद्ध कर दिया है। इसे गढ़ने में अन्य लोगों ने भी उसका साथ दिया है। निश्चय इन काफ़िरों ने एक असत्य बात गढ़ी है। क्योंकि क़ुरआन अल्लाह की वाणी है। कोई इनसान या जिन्न इस तरह की वाणी कदापि नहीं ला सकता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالُوْۤا اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ اكْتَتَبَهَا فَهِیَ تُمْلٰی عَلَیْهِ بُكْرَةً وَّاَصِیْلًا ۟
और इन क़ुरआन को झुठलाने वालों ने कहा : क़ुरआन पहले लोगों की कहानियाँ और उनकी लिखी हुई बे सिर पैर की बातें हैं। मुहम्मद ने उन्हें लिखवा लिया है और वही उनके सामने सुबह-शाम पढ़ी जाती हैं।.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ اَنْزَلَهُ الَّذِیْ یَعْلَمُ السِّرَّ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ غَفُوْرًا رَّحِیْمًا ۟
(ऐ रसूल!) इन झुठलाने वालों से कह दें : क़ुरआन को उस अल्लाह ने उतारा है, जो आकाशों और धरती की हर बात को जानता है। क़ुरआन गढ़ा हुआ नहीं है, जैसा कि तुमने दावा किया है। फिर उन्हें तौबा की प्रेरणा देते हुए कहा : अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को माफ़ करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالُوْا مَالِ هٰذَا الرَّسُوْلِ یَاْكُلُ الطَّعَامَ وَیَمْشِیْ فِی الْاَسْوَاقِ ؕ— لَوْلَاۤ اُنْزِلَ اِلَیْهِ مَلَكٌ فَیَكُوْنَ مَعَهٗ نَذِیْرًا ۟ۙ
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले मुश्रिकों ने कहा : यह व्यक्ति जो अल्लाह की ओर से रसूल होने का दावा करता है, इसे क्या है कि अन्य लोगों की तरह खाना खाता है और रोज़ी की तलाश में बाज़ारों में चलता-फिरता है? अल्लाह ने इसके साथ कोई फ़रिश्ता क्यों न उतारा, जो इसके साथ रहकर इसकी पुष्टि करता और इसका सहयोग करता?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَوْ یُلْقٰۤی اِلَیْهِ كَنْزٌ اَوْ تَكُوْنُ لَهٗ جَنَّةٌ یَّاْكُلُ مِنْهَا ؕ— وَقَالَ الظّٰلِمُوْنَ اِنْ تَتَّبِعُوْنَ اِلَّا رَجُلًا مَّسْحُوْرًا ۟
या उसपर आकाश से कोई खज़ाना उतारा जाता, या उसके पास कोई बाग़ होता, जिसके वह फल खाता और रोज़ी की तलाश में बाज़ारों के चक्कर लगाने से बच जाता। तथा इन ज़ालिमों ने यह भी कहा : (ऐ मोमिनो!) तुम किसी रसूल का पालन नहीं करते। बल्कि एक ऐसे व्यक्ति का अनुसरण कर रहे हो, जो जादू के असर से विवेकहीन हो गया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اُنْظُرْ كَیْفَ ضَرَبُوْا لَكَ الْاَمْثَالَ فَضَلُّوْا فَلَا یَسْتَطِیْعُوْنَ سَبِیْلًا ۟۠
(ऐ रसूल!) उनका यह आश्चर्यजनक रवैया देखिए कि उन्होंने कैसे आपके बारे में झूठी और बेबुनियाद बातें की हैं। चुनाँचे कभी उन्होंने आपको जादूगर कहा, कभी कहा कि आप जादू से प्रभावित हैं तथा कभी आपको पागल और दीवाना कहा। यही कारण है कि वे सत्य से भटक गए और अब वे हिदायत का मार्ग नहीं अपना सकते, तथा आपकी सच्चाई और अमानतदारी पर वार करने का भी कोई रास्ता नहीं पा सकते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
تَبٰرَكَ الَّذِیْۤ اِنْ شَآءَ جَعَلَ لَكَ خَیْرًا مِّنْ ذٰلِكَ جَنّٰتٍ تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ ۙ— وَیَجْعَلْ لَّكَ قُصُوْرًا ۟
बहुत बरकत वाला है वह अल्लाह, जो यदि चाहे तो आपको उससे उत्तम चीज़ें प्रदान कर दे, जो उन्होंने आपके लिए प्रस्तावित किया है। इस प्रकार कि वह आपके लिए दुनिया में ऐसे बाग़ बना दे, जिनके महलों और पेड़ों के नीचे से नहरें बहती हों, जिनके आप फल खाएँ, और आपके लिए ऐसे महल बना दे, जिनमें आप सुख-सुविधा के साथ रहें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
بَلْ كَذَّبُوْا بِالسَّاعَةِ وَاَعْتَدْنَا لِمَنْ كَذَّبَ بِالسَّاعَةِ سَعِیْرًا ۟ۚ
उन्होंने ये बातें सत्य की खोज और प्रमाण की तलाश में नहीं कही हैं, बल्कि असल बात यह है कि उन्होंने क़ियामत के दिन को झुठलाया है। और हमने उस आदमी के लिए जो क़ियामत के दिन को झुठलाए, एक बहुत बड़ी अत्यंत भड़कती हुई आग तैयार कर रखी है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• اتصاف الإله الحق بالخلق والنفع والإماتة والإحياء، وعجز الأصنام عن كل ذلك.
• सत्य पूज्य का पैदा करने, लाभ पहुँचाने, मृत्यु एवं जीवन देने के गुणों से परिपूर्ण होना, जबकि मूर्तियों का यह सब करने में अक्षम होना।

• إثبات صفتي المغفرة والرحمة لله.
• अल्लाह के लिए 'क्षमा' एवं 'दया' के गुणों का प्रमाण।

• الرسالة لا تستلزم انتفاء البشرية عن الرسول.
• पैगंबरी के लिए यह आवश्यक नहीं है कि पैगंबर मानव जाति में से नहीं होना चाहिए।

• تواضع النبي صلى الله عليه وسلم حيث يعيش كما يعيش الناس.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की विनम्रता कि आप वैसे ही रहते थे जैसे लोग रहते थे।

اِذَا رَاَتْهُمْ مِّنْ مَّكَانٍ بَعِیْدٍ سَمِعُوْا لَهَا تَغَیُّظًا وَّزَفِیْرًا ۟
जब जहन्नम काफ़िरों को देखेगी, जबकि वे एक दूर स्थान से उसकी ओर हाँककर ले जाए जा रहे होंगे, तो वे उसे ज़ोर से उबलते हुए, और उनपर उसके क्रोध की तीव्रता के कारण एक आकुल करने वाली आवाज़ सुनेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِذَاۤ اُلْقُوْا مِنْهَا مَكَانًا ضَیِّقًا مُّقَرَّنِیْنَ دَعَوْا هُنَالِكَ ثُبُوْرًا ۟ؕ
और जब इन काफ़िरों को जहन्नम के एक तंग स्थान में, उनके हाथों को गरदनों के साथ मिलाकर ज़ंजीरों से बाँधकर फेंका जाएगा, तो वे उससे छुटकारा पाने की आशा में ख़ुद के लिए विनाश का आह्वान करेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَا تَدْعُوا الْیَوْمَ ثُبُوْرًا وَّاحِدًا وَّادْعُوْا ثُبُوْرًا كَثِیْرًا ۟
(ऐ काफ़िरो!) आज एक विनाश को मत पुकारो, बल्कि बहुत अधिक विनाशों को पुकारो। लेकिन तुम्हारी फ़रियाद सुनी नहीं जाएगी, बल्कि तुम दर्दनाक यातना में हमेशा पड़े रहोगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ اَذٰلِكَ خَیْرٌ اَمْ جَنَّةُ الْخُلْدِ الَّتِیْ وُعِدَ الْمُتَّقُوْنَ ؕ— كَانَتْ لَهُمْ جَزَآءً وَّمَصِیْرًا ۟
(ऐ रसूल!) उनसे कह दें : क्या यह उक्त यातना, जिसका तुम्हारे सामने वर्णन किया गया है, बेहतर है या अमरता की जन्नत, जिसकी नेमतें सदा उपलब्ध रहेंगी और कभी भी ख़त्म नहीं होंगी? तथा यही वह जन्नत है, जिसका अल्लाह ने अपने मोमिन बंदों से वादा किया है कि वह उनके लिए प्रतिफल और ठिकाना होगी, जहाँ वे क़ियामत के दिन लौटकर जाएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَهُمْ فِیْهَا مَا یَشَآءُوْنَ خٰلِدِیْنَ ؕ— كَانَ عَلٰی رَبِّكَ وَعْدًا مَّسْـُٔوْلًا ۟
उनके लिए इस जन्नत में वे सारी नेमतें होंगी, जो वे चाहेंगे। यह अल्लाह पर एक ऐसा वादा है, जिसकी उसके डरने वाले बंदे उससे माँग करेंगे। और अल्लाह का वादा पूरा होकर रहता है। क्योंकि वह अपना वादा कभी नहीं तोड़ता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَوْمَ یَحْشُرُهُمْ وَمَا یَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ فَیَقُوْلُ ءَاَنْتُمْ اَضْلَلْتُمْ عِبَادِیْ هٰۤؤُلَآءِ اَمْ هُمْ ضَلُّوا السَّبِیْلَ ۟ؕ
जिस दिन अल्लाह झुठलाने वाले मुश्रिकों को एकत्र करेगा, तथा उन्हें भी एकत्र करेगा जिनकी वे अल्लाह के सिवा पूजा करते थे। फिर अल्लाह पूज्यों से, उनके पूजकों को फटकार लगाने हेतु, कहेगा : क्या तुमने मेरे बंदों को उन्हें अपनी पूजा का आदेश देकर पथभ्रष्ट किया था, या वे अपने आप भटक गए थे?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا سُبْحٰنَكَ مَا كَانَ یَنْۢبَغِیْ لَنَاۤ اَنْ نَّتَّخِذَ مِنْ دُوْنِكَ مِنْ اَوْلِیَآءَ وَلٰكِنْ مَّتَّعْتَهُمْ وَاٰبَآءَهُمْ حَتّٰی نَسُوا الذِّكْرَ ۚ— وَكَانُوْا قَوْمًا بُوْرًا ۟
वे पूज्य कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! तू इस बात से पवित्र है कि तेरा कोई साझी हो। हमारे लिए यह उचित नहीं था कि तुझे छोड़कर अन्य लोगों को संरक्षक बनाकर उनका संरक्षण ग्रहण करते, तो फिर हम तेरे बंदों से किस तरह आह्वान कर सकते थे कि वे तुझे छोड़कर हमारी पूजा करें?! लेकिन असल बात यह है कि तूने इन मुश्रिकों को दुनिया की सुख-सुविधाएँ प्रदान कीं और इनसे पहले इनके बाप-दादों को भी ढील देने के लिए धन-संपन्नता प्रदान की थी, यहाँ तक कि वे तेरी याद को भूला गए। इसलिए उन्होंने तेरे साथ दूसरों की पूजा की, तथा वे अपने दुर्भाग्य के कारण विनष्ट होने वाले लोग थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَقَدْ كَذَّبُوْكُمْ بِمَا تَقُوْلُوْنَ ۙ— فَمَا تَسْتَطِیْعُوْنَ صَرْفًا وَّلَا نَصْرًا ۚ— وَمَنْ یَّظْلِمْ مِّنْكُمْ نُذِقْهُ عَذَابًا كَبِیْرًا ۟
(ऐ मुश्रिको!) तुम्हारे उन पूज्यों ने, जिनकी तुमने अल्लाह के अलावा पूजा की थी, तुम्हें उसमें झूठा ठहरा दिया, जो तुम उनपर दावा करते हो। अतः तुम अपनी अक्षमता के कारण अपने आपसे न यातना टाल सकते हो और न ही अपनी मदद कर सकते हो। तथा (ऐ मोमिनो!) तुम में से जो व्यक्ति अल्लाह का साझी बनाकर अत्याचार करेगा, हम उसे बहुत बड़ी यातना चखाएँगे, जैसा कि हम ऊपर उल्लिखित लोगों को चखा चुके हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا قَبْلَكَ مِنَ الْمُرْسَلِیْنَ اِلَّاۤ اِنَّهُمْ لَیَاْكُلُوْنَ الطَّعَامَ وَیَمْشُوْنَ فِی الْاَسْوَاقِ ؕ— وَجَعَلْنَا بَعْضَكُمْ لِبَعْضٍ فِتْنَةً ؕ— اَتَصْبِرُوْنَ ۚ— وَكَانَ رَبُّكَ بَصِیْرًا ۟۠
(ऐ रसूल!) हमने आपसे पहले जितने भी रसूल भेजे, वे सभी इनसान थे, जो खाना खाते थे और बाज़ारों में चलते-फिरते थे। अतः इस मामले में आप कोई अनूठे नबी नहीं हैं। तथा (ऐ लोगो!) हमने तुम्हें खुशहाली एवं ग़रीबी तथा स्वास्थ्य एवं बीमारी आदि अलग-अलग अवस्थाओं में रखकर, एक-दूसरे के लिए परीक्षण बनाया है। क्या तुम अपने इस परीक्षण में धैर्य से काम लोगे, कि अल्लाह तुम्हें तुम्हारे धैर्य का प्रतिफल प्रदान करे?! और तुम्हारा रब देख रहा है कि कौन सब्र करता है और कौन सब्र नहीं करता, तथा कौन उसका आज्ञापालन करता है और कौन उसकी अवज्ञा करता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الجمع بين الترهيب من عذاب الله والترغيب في ثوابه.
• अल्लाह की यातना से डराने के साथ-साथ उसके सवाब की प्रेरणा देना।

• متع الدنيا مُنْسِية لذكر الله.
• दुनिया की समृद्धि अल्लाह की याद को भुलाने वाली है।

• بشرية الرسل نعمة من الله للناس لسهولة التعامل معهم.
• रसूलों का इनसान होना अल्लाह की ओर से लोगों के लिए एक नेमत है, क्योंकि उनके साथ व्यवहार करना आसान होता है।

• تفاوت الناس في النعم والنقم اختبار إلهي لعباده.
• लोगों का नेमतों और निक़मतों (सज़ाओं) में अलग-अलग होना, अल्लाह की ओर से उसके बंदों के लिए एक परीक्षण है।

وَقَالَ الَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ لِقَآءَنَا لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْنَا الْمَلٰٓىِٕكَةُ اَوْ نَرٰی رَبَّنَا ؕ— لَقَدِ اسْتَكْبَرُوْا فِیْۤ اَنْفُسِهِمْ وَعَتَوْ عُتُوًّا كَبِیْرًا ۟
और जो काफ़िर हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और हमारी सज़ा से नहीं डरते, उन्होंने कहा : अल्लाह ने हमारे पास फ़रिश्ते क्यों नहीं भेजे, जो हमें मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सत्यता के विषय में बताते, अथवा हम अपने पालनहार को अपनी आँखों से देख लेते और वह हमें इस विषय में सब कुछ बता देता? निश्चित रूप से इन लोगों के दिलों में अहंकार इतना बढ़ गया है कि उसने इन्हें ईमान से रोक दिया है और वे ऐसा कहकर कुफ़्र और सरकशी में सीमा को पार कर चुके हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یَوْمَ یَرَوْنَ الْمَلٰٓىِٕكَةَ لَا بُشْرٰی یَوْمَىِٕذٍ لِّلْمُجْرِمِیْنَ وَیَقُوْلُوْنَ حِجْرًا مَّحْجُوْرًا ۟
जिस दिन काफ़िर लोग फ़रिश्तों को देखेंगे अपनी मौत के समय, क़ब्र की ज़िंदगी में, दोबारा जीवित किए जाते समय तथा उस समय जब वे हिसाब-किताब के लिए धकेलकर ले जाए जाएँगे और जब वे जहन्नम में डाले जाएँगे- तो इन सभी स्थितियों में उनके लिए कोई अच्छी खबर नहीं होगी। जबकि ईमान वालों का मामला इसके विपरीत होगा। तथा फ़रिश्ते उन अपराधियों से कहेंगे : अल्लाह की ओर से तुम्हें कोई खुशख़बरी मिलने वाली नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَدِمْنَاۤ اِلٰی مَا عَمِلُوْا مِنْ عَمَلٍ فَجَعَلْنٰهُ هَبَآءً مَّنْثُوْرًا ۟
तथा काफ़िरों ने इस दुनिया में नेकी और भलाई के जो कार्य किए होंगे, हम उसकी ओर बढ़कर उसे उनके कुफ़्र के कारण उस बिखरी हुई धूल की तरह अमान्य और बेकार कर देंगे, जिसे देखने वाला खिड़की से अंदर आने वाली सूर्य की किरणों में देखता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ یَوْمَىِٕذٍ خَیْرٌ مُّسْتَقَرًّا وَّاَحْسَنُ مَقِیْلًا ۟
उस दिन जन्नत वाले मोमिन इन काफ़िरों से बेहतर स्थिति और आराम की बेहतर जगह में होंगे। यह उनके अल्लाह पर ईमान और उनके अच्छे कर्मों के कारण होगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَوْمَ تَشَقَّقُ السَّمَآءُ بِالْغَمَامِ وَنُزِّلَ الْمَلٰٓىِٕكَةُ تَنْزِیْلًا ۟
तथा (ऐ रसूल!) उस दिन को याद करें, जब आकाश फट जाएगा और पतले सफ़ेद बादल दिखाई देंगे, तथा फ़रिश्तों को उनकी बड़ी संख्या के कारण निरंतर 'महशर' की भूमि में उतारा जाएगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلْمُلْكُ یَوْمَىِٕذِ ١لْحَقُّ لِلرَّحْمٰنِ ؕ— وَكَانَ یَوْمًا عَلَی الْكٰفِرِیْنَ عَسِیْرًا ۟
उस दिन वास्तविक राज्य एवं हक़ीक़ी बादशाहत केवल 'रहमान' की होगी और वह दिन काफ़िरों के लिए बड़ा कठिन होगा। जबकि ईमान वालों की स्थिति इसके विपरीत होगी। उनके लिए वह बहुत आसान होगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَوْمَ یَعَضُّ الظَّالِمُ عَلٰی یَدَیْهِ یَقُوْلُ یٰلَیْتَنِی اتَّخَذْتُ مَعَ الرَّسُوْلِ سَبِیْلًا ۟
और (ऐ रसूल!) उस दिन को याद करें, जिस दिन अत्याचारी रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का अनुसरण न करने के कारण, घोर पछतावे से अपने दोनों हाथ चबाएगा और कहेगा : ऐ काश! मैंने रसूल का उस चीज़ में पालन किया होता जो कुछ वह अपने पालनहार की ओर से लाए थे और उसके साथ उद्धार का मार्ग अपनाया होता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یٰوَیْلَتٰی لَیْتَنِیْ لَمْ اَتَّخِذْ فُلَانًا خَلِیْلًا ۟
तथा वह बड़े अफसोस के साथ अपने आपको अभिशाप देते हुए कहेगा : हाय मेरा विनाश! काश मैंने फलाँ काफ़िर व्यक्ति को मित्र न बनाया होता।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَقَدْ اَضَلَّنِیْ عَنِ الذِّكْرِ بَعْدَ اِذْ جَآءَنِیْ ؕ— وَكَانَ الشَّیْطٰنُ لِلْاِنْسَانِ خَذُوْلًا ۟
निश्चय इस काफ़िर मित्र ने मुझे क़ुरआन से भटका दिया, जब कि वह रसूल के माध्यम से मेरे पास पहुँच चुका था। तथा शैतान मनुष्य को हमेशा छोड़ जाने वाला है। जब उसपर कोई मुसीबत आती है, तो उससे किनारा कर लेता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالَ الرَّسُوْلُ یٰرَبِّ اِنَّ قَوْمِی اتَّخَذُوْا هٰذَا الْقُرْاٰنَ مَهْجُوْرًا ۟
तथा उस दिन रसूल अपनी जाति की हालत के बारे में शिकायत करते हुए कहेगा : ऐ मेरे पालनहार! मेरी क़ौम के लोग, जिनकी ओर तूने मुझे भेजा था, इस क़ुरआन को को छोड़कर इससे दूर हो गए थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَكَذٰلِكَ جَعَلْنَا لِكُلِّ نَبِیٍّ عَدُوًّا مِّنَ الْمُجْرِمِیْنَ ؕ— وَكَفٰی بِرَبِّكَ هَادِیًا وَّنَصِیْرًا ۟
ऐ रसूल! जिस प्रकार आपको आपके समुदाय द्वारा कष्ट दिया गया और लोगों को आपकी राह से रोका गया, उसी प्रकार हमने आपसे पूर्व नबियों में से प्रत्येक नबी के लिए उसके समुदाय के अपराधियों में से एक दुश्मन बना दिया। तथा आपका रब एक पथ-प्रदर्शक के रूप में पर्याप्त है जो सत्य का मार्गदर्शन करता है, तथा वह एक सहायक के रूप में पर्याप्त है, जो आपके शत्रु के विरुद्ध आपकी सहायता करता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَوْلَا نُزِّلَ عَلَیْهِ الْقُرْاٰنُ جُمْلَةً وَّاحِدَةً ۛۚ— كَذٰلِكَ ۛۚ— لِنُثَبِّتَ بِهٖ فُؤَادَكَ وَرَتَّلْنٰهُ تَرْتِیْلًا ۟
और अल्लाह का इनकार करने वालों ने कहा : यह क़ुरआन रसूल पर एक ही बार में क्यों नहीं उतार दिया गया? इस तरह थोड़ा-थोड़ा करके क्यों उतारा गया? (अल्लाह कहता है :) हमने क़ुरआन को ऐसे ही थोड़ा-थोड़ा करके इसलिए उतारा, ताकि (ऐ रसूल!) हम समय-समय पर इसे उतारकर आपके दिल को दृढ़ता प्रदान करें। तथा हमने इसे थोड़ा-थोड़ा इसलिए भी उतारा, ताकि इसे समझना और याद करना आसान हो जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الكفر مانع من قبول الأعمال الصالحة.
• 'कुफ़्र' नेक कामों के क़बूल होने की राह में बाधा है।

• خطر قرناء السوء.
• बुरे साथियों का ख़तरा।

• ضرر هجر القرآن.
• क़ुरआन को छोड़ने का नुक़सान।

• من حِكَمِ تنزيل القرآن مُفَرّقًا طمأنة النبي صلى الله عليه وسلم وتيسير فهمه وحفظه والعمل به.
• क़ुरआन को थोड़ा-थोड़ा करके उतारने की हिकमतों में नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के दिल को मज़बूत करना और उसके समझने, याद करने तथा अमल करने को सुविधाजनक बनाना शामिल हैं।

وَلَا یَاْتُوْنَكَ بِمَثَلٍ اِلَّا جِئْنٰكَ بِالْحَقِّ وَاَحْسَنَ تَفْسِیْرًا ۟ؕ
और ये शिर्क करने वाले लोग (ऐ रसूल!) आपके पास कोई प्रस्तावित उदाहरण नहीं लाते, परंतु हम आपके पास उसका सच्चा और सटीक जवाब ले आते हैं तथा आपके सामने उससे बेहतर व्याख्या प्रस्तुत कर देते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلَّذِیْنَ یُحْشَرُوْنَ عَلٰی وُجُوْهِهِمْ اِلٰی جَهَنَّمَ ۙ— اُولٰٓىِٕكَ شَرٌّ مَّكَانًا وَّاَضَلُّ سَبِیْلًا ۟۠
जो लोग क़ियामत के दिन अपने मुख के बल नरक की ओर घसीटकर ले जाए जाएँगे, वही सबसे बुरे स्थान पर हैं; क्योंकि उनका स्थान नरक है। तथा वे सत्य के मार्ग से सबसे अधिक भटके हुए हैं; क्योंकि उनका मार्ग कुफ़्र और पथभ्रष्टता का मार्ग है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ وَجَعَلْنَا مَعَهٗۤ اَخَاهُ هٰرُوْنَ وَزِیْرًا ۟ۚۖ
हमने मूसा (अलैहिस्सलाम) को तौरात प्रदान की तथा उनके साथ उनके भाई हारून (अलैहिस्सलाम) को भी रसूल बना दिया, ताकि वह उनके सहायक बन जाएँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَقُلْنَا اذْهَبَاۤ اِلَی الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ؕ— فَدَمَّرْنٰهُمْ تَدْمِیْرًا ۟ؕ
फिर हमने उन दोनों से कहा कि तुम फ़िरऔन तथा उसके समुदाय के पास जाओ, जिन्होंने मेरी आयतों को झुठलाया। चुनाँचे उन दोनों ने मेरा आज्ञापालन किया और उन लोगों के पास गए और उन्हें अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने की ओर आमंत्रित किया। परंतु उन्होंने उन दोनों को झुठला दिया, इसलिए हमने उन्हें बुरी तरह नष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَوْمَ نُوْحٍ لَّمَّا كَذَّبُوا الرُّسُلَ اَغْرَقْنٰهُمْ وَجَعَلْنٰهُمْ لِلنَّاسِ اٰیَةً ؕ— وَاَعْتَدْنَا لِلظّٰلِمِیْنَ عَذَابًا اَلِیْمًا ۟ۚۙ
और नूह की क़ौम को भी, जब उन्होंने नूह अलैहिस्सलाम को झुठलाकर, सभी रसूलों को झुठलाने का कार्य किया, तो हमने उन्हें समुद्र में डुबाकर नाश कर दिया और उनके विनाश को इस बात की निशानी बना दिया कि हम ज़ालिमों को जड़ से उखाड़ फेंकने की पूरी शक्ति रखते हैं। तथा हमने इन अत्याचारियों के लिए क़ियामत के दिन दर्दनाक यातना तैयार कर रखी है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَّعَادًا وَّثَمُوْدَاۡ وَاَصْحٰبَ الرَّسِّ وَقُرُوْنًا بَیْنَ ذٰلِكَ كَثِیْرًا ۟
तथा हमने विनष्ट कर दिया हूद के समुदाय आद को, सालेह के समुदाय समूद को और कुएँ वालों को। तथा हमने इन तीनों के बीच की अवधि में भी बहुत-से समुदायों को विनष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَكُلًّا ضَرَبْنَا لَهُ الْاَمْثَالَ ؗ— وَكُلًّا تَبَّرْنَا تَتْبِیْرًا ۟
इन नष्ट किए गए समुदायों में से प्रत्येक समुदाय के समक्ष हमने पिछले समुदायों के विनाश और उसके कारणों का वर्णन किया, ताकि वे उपदेश ग्रहण करें। तथा हमने प्रत्येक समुदाय को उनके कुफ़्र एवं हठ के कारण बुरी तरह नष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ اَتَوْا عَلَی الْقَرْیَةِ الَّتِیْۤ اُمْطِرَتْ مَطَرَ السَّوْءِ ؕ— اَفَلَمْ یَكُوْنُوْا یَرَوْنَهَا ۚ— بَلْ كَانُوْا لَا یَرْجُوْنَ نُشُوْرًا ۟
(ऐ नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम!) आपके समुदाय के ये झुठलाने वाले लोग - शाम के देश की यात्रा के समय - लूत की जाति की बस्ती के पास से गुज़रते हैं, जिस पर, उसकी अभद्रता की सज़ा के रूप में पत्थरों की वर्षा हुई थी, ताकि वे शिक्षा ग्रहण करें। तो क्या उन्होंने इस बस्ती से आँखें मूंद लीं, इसलिए उन्होंने इसे नहीं देखा? नहीं, बल्कि वे मरने के बाद पुनः जीवित होकर उठने की आशा ही नहीं रखते थे जिसके बाद उनका हिसाब-किताब लिया जाएगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِذَا رَاَوْكَ اِنْ یَّتَّخِذُوْنَكَ اِلَّا هُزُوًا ؕ— اَهٰذَا الَّذِیْ بَعَثَ اللّٰهُ رَسُوْلًا ۟
और जब ये झुठलाने वाले (ऐ रसूल!) आपसे मिलते हैं, तो आपका उपहास करते हैं तथा ठट्ठा और इनकार के रूप में कहते हैं : क्या यही है, जिसे अल्लाह ने हमारी ओर रसूल बनाकर भेजा है?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنْ كَادَ لَیُضِلُّنَا عَنْ اٰلِهَتِنَا لَوْلَاۤ اَنْ صَبَرْنَا عَلَیْهَا ؕ— وَسَوْفَ یَعْلَمُوْنَ حِیْنَ یَرَوْنَ الْعَذَابَ مَنْ اَضَلُّ سَبِیْلًا ۟
निश्चय यह हमें हमारे देवताओं की पूजा करने से दूर करने वाला था। यदि हम उनकी पूजा करने पर जमे न रहते, तो वह अपने तर्कों और सबूतों के साथ हमें उससे दूर कर देता। तथा जब वे अपनी क़ब्रों में और क़ियामत के दिन अज़ाब देखेंगे, तो जान लेंगे कि कौन सबसे अधिक रास्ते से भटका हुआ था? क्या वे लोग का अथवा रसूल? तथा यह भी जान लेंगे कि उनमें से कौन सबसे ज़्यादा गुमराह था।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَرَءَیْتَ مَنِ اتَّخَذَ اِلٰهَهٗ هَوٰىهُ ؕ— اَفَاَنْتَ تَكُوْنُ عَلَیْهِ وَكِیْلًا ۟ۙ
क्या (ऐ रसूल!) आपने उस व्यक्ति को देखा, जिसने अपनी इच्छा को अपना पूज्य बना लिया और उसकी आज्ञा का पालन किया, तो क्या आप उसके संरक्षक होंगे कि उसे ईमान की ओर लौटा लें और उसे कुफ़्र से रोक दें?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الكفر بالله والتكذيب بآياته سبب إهلاك الأمم.
• अल्लाह का इनकार करना तथा उसकी आयतों को झुठलाना समुदायों के विनाश का कारण रहा है।

• غياب الإيمان بالبعث سبب عدم الاتعاظ.
• पुनर्जीवन पर ईमान का अभाव, सीख ग्रहण न करने का कारण है।

• السخرية بأهل الحق شأن الكافرين.
• सच्चे लोगों का मज़ाक़ उड़ाना काफिरों का काम है।

• خطر اتباع الهوى.
• इच्छाओं का पालन करने का जोखिम।

اَمْ تَحْسَبُ اَنَّ اَكْثَرَهُمْ یَسْمَعُوْنَ اَوْ یَعْقِلُوْنَ ؕ— اِنْ هُمْ اِلَّا كَالْاَنْعَامِ بَلْ هُمْ اَضَلُّ سَبِیْلًا ۟۠
बल्कि, क्या (ऐ रसूल!) आप यह समझते हैं कि जिन लोगों को आप अल्लाह के एकेश्वरवाद और उसकी आज्ञाकारिता की ओर बुला रहे हैं, उनमें से अधिकांश लोग आपकी बात को स्वीकार करने के लिए सुनते या तर्कों और प्रमाणों को समझते हैं?! वे सुनने एवं समझने के मामले में पशुओं के समान हैं, बल्कि वे पशुओं से भी अधिक पथभ्रष्ट हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلَمْ تَرَ اِلٰی رَبِّكَ كَیْفَ مَدَّ الظِّلَّ ۚ— وَلَوْ شَآءَ لَجَعَلَهٗ سَاكِنًا ۚ— ثُمَّ جَعَلْنَا الشَّمْسَ عَلَیْهِ دَلِیْلًا ۟ۙ
क्या (ऐ रसूल!) क्या आपने अल्लाह की रचना की निशानियों को नहीं देखा, जब उसने धरती के चेहरे पर छाया फैला दी। यदि वह चाहता कि उसे स्थिर कर दे और वह न हिले, तो निश्चय वह उसे ऐसा ही बनाता। फिर हमने सूर्य को उसका संकेत देने वाला बना दिया, जिसके साथ वह लंबा और छोटा होता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
ثُمَّ قَبَضْنٰهُ اِلَیْنَا قَبْضًا یَّسِیْرًا ۟
फिर जैसे-जैसे सूरज बुलंद होता है, हम छाया को धीरे-धीरे कम करते हुए समेट लेते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الَّیْلَ لِبَاسًا وَّالنَّوْمَ سُبَاتًا وَّجَعَلَ النَّهَارَ نُشُوْرًا ۟
और अल्लाह ही वह हस्ती है, जिसने तुम्हारे लिए रात को वस्त्र के समान बनाया, जो तुम्हें ढाँप लेता है तथा अन्य चीज़ों को छिपाता है। तथा वही है जिसने तुम्हारे लिए नींद को विश्राम बनाया, जिसके आग़ोश में तुम अपने कार्यों से आराम करते हो तथा वही है जिसने दिन को तुम्हारे लिए अपने कामों पर जाने का समय बनाया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْۤ اَرْسَلَ الرِّیٰحَ بُشْرًاۢ بَیْنَ یَدَیْ رَحْمَتِهٖ ۚ— وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً طَهُوْرًا ۟ۙ
वही है जिसने हवाओं को बारिश की शुभ सूचना देने वाली बनाकर भेजा, जो अल्लाह की अपने बंदों पर दया में से है। तथा हमने आकाश से बारिश का साफ पानी उतारा, जिससे वे अपने आप को शुद्ध (पाक) करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لِّنُحْیِ بِهٖ بَلْدَةً مَّیْتًا وَّنُسْقِیَهٗ مِمَّا خَلَقْنَاۤ اَنْعَامًا وَّاَنَاسِیَّ كَثِیْرًا ۟
ताकि हम उस उतरने वाले पानी से पौधे रहित बंजर भूमि को, विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ उगाकर और उसमें हरियाली फैलाकर, पुनर्जीवित करें और ताकि उस पानी से हम अपने पैदा किए हुए बहुत-से पशुओं और इनसानों को सेराब करें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ صَرَّفْنٰهُ بَیْنَهُمْ لِیَذَّكَّرُوْا ۖؗ— فَاَبٰۤی اَكْثَرُ النَّاسِ اِلَّا كُفُوْرًا ۟
हमने क़ुरआन में उन तर्कों और प्रमाणों को विविध रूप से वर्णन किया, ताकि वे सीख ग्रहण करें। परंतु अधिकांश लोगों ने सत्य को नकारने और उससे अनजान बनने ही की नीति अपनाई।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَوْ شِئْنَا لَبَعَثْنَا فِیْ كُلِّ قَرْیَةٍ نَّذِیْرًا ۟ؗۖ
और यदि हम चाहते तो प्रत्येक बस्ती में उन्हें चेतावनी देने और अल्लाह की सज़ा से डराने के लिए एक रसूल भेज देते। लेकिन हमने ऐसा नहीं चाहा। बल्कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को सभी लोगों के लिए रसूल बनाकर भेज दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَا تُطِعِ الْكٰفِرِیْنَ وَجَاهِدْهُمْ بِهٖ جِهَادًا كَبِیْرًا ۟
अतः आप काफ़िरों की उनके साथ नरमी करने की माँग और उनके दिए गए सुझावों को न मानें। तथा अपने ऊपर अवतरित इस क़ुरआन के द्वारा उनसे बड़ा जिहाद (संघर्ष) करें, उनके कष्ट पर धैर्य रखते हुए तथा उन्हें अल्लाह की ओर बुलाने में कठिनाइयों को सहते हुए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ مَرَجَ الْبَحْرَیْنِ هٰذَا عَذْبٌ فُرَاتٌ وَّهٰذَا مِلْحٌ اُجَاجٌ ۚ— وَجَعَلَ بَیْنَهُمَا بَرْزَخًا وَّحِجْرًا مَّحْجُوْرًا ۟
पवित्र अल्लाह ही है, जिसने दो समुद्रों के पानी को मिला दिया। उसने उनमें से मीठे को नमकीन के साथ मिलाया और उन दोनों के बीच एक पर्दा और मज़बूत आड़ बना दिया, जो दोनों के पानी को आपस में मिलने से रोकता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ خَلَقَ مِنَ الْمَآءِ بَشَرًا فَجَعَلَهٗ نَسَبًا وَّصِهْرًا ؕ— وَكَانَ رَبُّكَ قَدِیْرًا ۟
वही है, जिसने पुरुष एवं स्त्री के वीर्य से मनुष्य को पैदा किया। तथा जिसने मनुष्यों को पैदा किया, उसने उनके बीच वंशगत रिश्ता तथा ससुराली रिश्ता बनाया। और (ऐ रसूल!) आपका पालनहार सर्वशक्तिमान है, उसे कोई चीज़ विवश नहीं कर सकती। उसकी शक्ति का एक प्रतीक यह है कि उसने पुरुष एवं स्त्री के वीर्य से मनुष्य को पैदा किया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَنْفَعُهُمْ وَلَا یَضُرُّهُمْ ؕ— وَكَانَ الْكَافِرُ عَلٰی رَبِّهٖ ظَهِیْرًا ۟
ये काफ़िर लोग अल्लाह के अलावा उन मूर्तियों की पूजा करते हैं, जो उनकी आज्ञा मानने से उन्हें लाभ नहीं देती हैं और यदि वे उनकी अवज्ञा करते हैं तो उन्हें नुकसान नहीं पहुँचाती हैं। तथा काफ़िर ऐसे कार्यों में शैतान का अनुयायी है, जो अल्लाह को क्रोधित करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• انحطاط الكافر إلى مستوى دون مستوى الحيوان بسبب كفره بالله.
• काफ़िर अपने कुफ़्र (अल्लाह में अविश्वास) के कारण जानवर के स्तर से नीचे के स्तर तक गिर जाता है।

• ظاهرة الظل آية من آيات الله الدالة على قدرته.
• 'छाया' अल्लाह की शक्ति को दर्शाने वाली निशानियों में से एक है।

• تنويع الحجج والبراهين أسلوب تربوي ناجح.
•अलग-अलग प्रकार के तर्क एवं प्रमाण प्रस्तुत करना, एक सफल प्रशिक्षणिक पद्धति है।

• الدعوة بالقرآن من صور الجهاد في سبيل الله.
• क़ुरआन द्वारा लोगों को अल्लाह की ओर बुलाना, अल्लाह के मार्ग में जिहाद करने का एक रूप है।

وَمَاۤ اَرْسَلْنٰكَ اِلَّا مُبَشِّرًا وَّنَذِیْرًا ۟
और हमने (ऐ रसूल!) आपको, ईमान एवं अच्छे कार्यों के द्वारा अल्लाह का आज्ञापालन करने वालों के लिए ख़ुशख़बरी देने वाला तथा कुफ़्र और पाप के द्वारा उसकी अवज्ञा करने वालों के लिए सावधान करने वाला बनाकर भेजा है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ مَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ اِلَّا مَنْ شَآءَ اَنْ یَّتَّخِذَ اِلٰی رَبِّهٖ سَبِیْلًا ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें : मैं तुमसे अल्लाह का संदेश पहुँचाने पर कोई बदला नहीं माँगता। परंतु तुममें से जो व्यक्ति कुछ ख़र्च करके अल्लाह की प्रसन्नता का रास्ता अपनाना चाहे, उसे ऐसा करना चाहिए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَتَوَكَّلْ عَلَی الْحَیِّ الَّذِیْ لَا یَمُوْتُ وَسَبِّحْ بِحَمْدِهٖ ؕ— وَكَفٰی بِهٖ بِذُنُوْبِ عِبَادِهٖ خَبِیْرَا ۟
और (ऐ रसूल!) आप अपने सभी मामलों में उस नित्य जीवी पर भरोसा कीजिए, जिसे कभी मौत नहीं आएगी और उसकी प्रशंसा करते हुए हर प्रकार की कमी से उसकी पवित्रता बयान कीजिए। वह अपने बंदों के गुनाहों की पूरी ख़बर रखने के लिए काफ़ी है। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह उन्हें उनका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
١لَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰی عَلَی الْعَرْشِ ۛۚ— اَلرَّحْمٰنُ فَسْـَٔلْ بِهٖ خَبِیْرًا ۟
जिसने आकाशों तथा धरती और उनके बीच मौजूद सारी वस्तुओं को छह दिनों में पैदा किया। फिर वह अपनी महिमा के योग्य अर्श पर बुलंद हुआ। और वह अत्यंत दयावान् है। अतः (ऐ रसूल!) आप उसके बारे में किसी ज्ञाता से पूछिए। और वह अल्लाह है जो सब कुछ जानता है, उससे कुछ भी छिपा नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِذَا قِیْلَ لَهُمُ اسْجُدُوْا لِلرَّحْمٰنِ ۚ— قَالُوْا وَمَا الرَّحْمٰنُ ۗ— اَنَسْجُدُ لِمَا تَاْمُرُنَا وَزَادَهُمْ نُفُوْرًا ۟
और जब काफ़िरों से कहा जाता है कि रह़मान (अत्यंत दयावान्) को सजदा करो, तो वे कहते हैं कि हम रहमान को सजदा नहीं करते और रह़मान क्या चीज़ है? हम उसे नहीं जानते और न ही उसे स्वीकार करते हैं। क्या हम उसे सजदा करने लगें, जिसे सजदा करने का तू हमें आदेश देता है जबकि हम उसे नहीं जानते हैं?! तथा उसका उन्हें सजदा करने के आदेश ने उन्हें अल्लाह पर ईमान लाने से दूरी में और बढ़ा दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
تَبٰرَكَ الَّذِیْ جَعَلَ فِی السَّمَآءِ بُرُوْجًا وَّجَعَلَ فِیْهَا سِرٰجًا وَّقَمَرًا مُّنِیْرًا ۟
बड़ी बरकत वाला है वह, जिसने ग्रहों और गतिमान तारों के लिए आकाश में घर बनाए, तथा आकाश में एक ऐसा सूर्य बनाया जो प्रकाश बिखेरता है, तथा उसमें एक चंद्रमा बनाया जो सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिंबित करके धरती को रोशन करता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَهُوَ الَّذِیْ جَعَلَ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ خِلْفَةً لِّمَنْ اَرَادَ اَنْ یَّذَّكَّرَ اَوْ اَرَادَ شُكُوْرًا ۟
और अल्लाह ही है, जिसने रात और दिन को एक-दूसरे के आगे-पीछे आने वाला बना दिया, उस व्यक्ति के लिए जो अल्लाह की आयतों से उपदेश ग्रहण करना चाहे ताकि उसे मार्गदर्शन प्राप्त हो, अथवा अल्लाह का उसकी नेमतों पर शुक्र अदा करना चाहे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَعِبَادُ الرَّحْمٰنِ الَّذِیْنَ یَمْشُوْنَ عَلَی الْاَرْضِ هَوْنًا وَّاِذَا خَاطَبَهُمُ الْجٰهِلُوْنَ قَالُوْا سَلٰمًا ۟
और 'रह़मान' (अत्यंत दयावान् अल्लाह) के मोमिन बंदे वे हैं, जो धरती पर गरिमा और नम्रता के साथ चलते हैं, तथा जब अज्ञानी (अक्खड़) लोग उन्हें संबोधित करते हैं, तो वे उन्हें बदला नहीं देते। बल्कि, वे उनसे ऐसी भली बात कहते हैं, जिसमें वे अक्खड़पन नहीं दिखाते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ یَبِیْتُوْنَ لِرَبِّهِمْ سُجَّدًا وَّقِیَامًا ۟
और जो लोग अपने रब के सामने, अपने माथे पर सजदा करते हुए और अपने पैरों पर खड़े हुए, नमाज़ पढ़ते हुए रात बिताते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَا اصْرِفْ عَنَّا عَذَابَ جَهَنَّمَ ۖۗ— اِنَّ عَذَابَهَا كَانَ غَرَامًا ۟ۗۖ
तथा जो अपने पालनहार से अपनी प्रार्थना में कहते हैं : ऐ हमारे पालनहार! हमसे जहन्न की यातना को हटा दे। निःसंदेह जहन्नम की यातना उस व्यक्ति से चिपक जाने वाली है जो काफ़िर होकर मरता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّهَا سَآءَتْ مُسْتَقَرًّا وَّمُقَامًا ۟
वह (जहन्नम) बहुत ही बुरी जगह है उसमें ठहरने वालों के लिए तथा बहुत बुरा निवास स्थान है उसमें निवास करने वालों के लिए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ اِذَاۤ اَنْفَقُوْا لَمْ یُسْرِفُوْا وَلَمْ یَقْتُرُوْا وَكَانَ بَیْنَ ذٰلِكَ قَوَامًا ۟
और वे लोग कि जब अपना धन खर्च करते हैं, तो फ़िज़ूलखर्ची की सीमा तक नहीं पहुँचते और जिनपर ख़र्च करने के लिए वे बाध्य हैं, उनपर ख़र्च करने में तंगी नहीं करते हैं। बल्कि खर्च करने के मामले में फ़िज़ूलख़र्ची और कंजूसी के बीच संतुलित राह अपनाते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الداعي إلى الله لا يطلب الجزاء من الناس.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला लोगों से बदला नहीं माँगता।

• ثبوت صفة الاستواء لله بما يليق به سبحانه وتعالى.
• अल्लाह के लिए "इस्तिवा" (अर्श पर बुलंद होने) के गुण का प्रमाण, जैसा कि उस सर्वशक्तिमान की महिमा के योग्य है।

• أن الرحمن اسم من أسماء الله لا يشاركه فيه أحد قط، دال على صفة من صفاته وهي الرحمة.
• "रहमान" अल्लाह के नामों में से एक ऐसा नाम है, जिसमें कोइ कभी भी उसका साझी नहीं हो सकता। यह अल्लाह के गुणों में से एक गुण "रहमत" (दया) को इंगित करता है।

• إعانة العبد بتعاقب الليل والنهار على تدارُكِ ما فاتَهُ من الطاعة في أحدهما.
• रात और दिन को एक-दूसरे के पीछे लाकर बंदे की उस नेकी के कार्य की भरपाई करने में मदद करना, जो उससे उन दोनों में से किसी एक में छूट गया है।

• من صفات عباد الرحمن التواضع والحلم، وطاعة الله عند غفلة الناس، والخوف من الله، والتزام التوسط في الإنفاق وفي غيره من الأمور.
• अल्लाह के सदाचारी बंदों के गुणों में विनम्रता, सहनशीलता, लोगों की लापरवाह के समय अल्लाह की आज्ञाकारिता, अल्लाह का भय, तथा खर्च करने और अन्य मामलों में मध्यमता अपनाने की प्रतिबद्धता शामिल है।

وَالَّذِیْنَ لَا یَدْعُوْنَ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ وَلَا یَقْتُلُوْنَ النَّفْسَ الَّتِیْ حَرَّمَ اللّٰهُ اِلَّا بِالْحَقِّ وَلَا یَزْنُوْنَ ۚؕ— وَمَنْ یَّفْعَلْ ذٰلِكَ یَلْقَ اَثَامًا ۟ۙ
तथा जो लोग अल्लाह के अलावा किसी अन्य पूज्य को नहीं पुकारते। तथा उस व्यक्ति को क़त्ल नहीं करते, जिसके क़त्ल को अल्लाह ने हराम किया है, सिवाय इसके कि जिसके क़त्ल को अल्लाह ने अधिकृत किया है, जैसे कि हत्यारे, या धर्मत्यागी (मुर्तद्द), या विवाहित व्यभिचारी को क़त्ल करना। तथा वे व्यभिचार नहीं करते हैं। और जो व्यक्ति इन बड़े-बड़े गुनाहों में से कोई गुनाह करेगा, वह क़ियामत के दिन उसकी सज़ा भुगतेगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یُّضٰعَفْ لَهُ الْعَذَابُ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ وَیَخْلُدْ فِیْهٖ مُهَانًا ۟ۗۖ
क़ियामत के दिन उसकी यातना दुगनी कर दी जाएगी और वह उस यातना में अपमानित और तिरस्कृत होकर सदा बना रहेगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِلَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ عَمَلًا صَالِحًا فَاُولٰٓىِٕكَ یُبَدِّلُ اللّٰهُ سَیِّاٰتِهِمْ حَسَنٰتٍ ؕ— وَكَانَ اللّٰهُ غَفُوْرًا رَّحِیْمًا ۟
लेकिन जिसने अल्लाह के सामने तौबा कर ली, ईमान ले आया और अच्छा कर्म किया, जो उसकी सच्ची तौबा को इंगित करता है, तो अल्लाह ऐसे लोगों के बुरे कर्मों को अच्छे कर्मों से बदल देगा। और अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों के पापों को क्षमा करने वाला और उनपर दया करने वाला है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَنْ تَابَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَاِنَّهٗ یَتُوْبُ اِلَی اللّٰهِ مَتَابًا ۟
और जो अल्लाह के सामने तौबा करता है और आज्ञाकारिता के कार्य करके तथा अवज्ञा को त्यागकर अपनी सच्ची तौबा को साबित करता है, तो निश्चय उसकी तौबा स्वीकार की जाती है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ لَا یَشْهَدُوْنَ الزُّوْرَ ۙ— وَاِذَا مَرُّوْا بِاللَّغْوِ مَرُّوْا كِرَامًا ۟
तथा जो लोग असत्य में भाग नहीं लेते; जैसे पाप और और निषिद्ध मनोरंजन के स्थानों (पर उपस्थित नहीं होते)। और जब वे बेकार की बात और काम से गुज़रते हैं, तो अपने आपको उससे बचाते हुए सज्जनतापूर्वक गुज़र जाते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ اِذَا ذُكِّرُوْا بِاٰیٰتِ رَبِّهِمْ لَمْ یَخِرُّوْا عَلَیْهَا صُمًّا وَّعُمْیَانًا ۟
और वे लोग कि जब उन्हें अल्लाह की सुनाई देने योग्य तथा देखने योग्य निशानियों के साथ उपदेश दिया जाता है, तो वे सुनाई देने योग्य निशानियों को सुनने से बहरे नहीं बनते, न ही देखने योग्य निशानियों को देखने से अंधे बनते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَالَّذِیْنَ یَقُوْلُوْنَ رَبَّنَا هَبْ لَنَا مِنْ اَزْوَاجِنَا وَذُرِّیّٰتِنَا قُرَّةَ اَعْیُنٍ وَّاجْعَلْنَا لِلْمُتَّقِیْنَ اِمَامًا ۟
तथा जो लोग अपने पालनहार से दुआ करते हुए कहते हैं : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारी पत्नियों में से और हमारी संतान में से कोई ऐसा प्रदान कर, जो अपनी धर्मपरायणता और सत्य पर दृढ़ता के कारण हमारी आँखों को सुकून दे। और हमें सच्चाई में परहेज़गारों का 'इमाम' (अग्रगामी) बना कि हमारा अनुसरण किया जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اُولٰٓىِٕكَ یُجْزَوْنَ الْغُرْفَةَ بِمَا صَبَرُوْا وَیُلَقَّوْنَ فِیْهَا تَحِیَّةً وَّسَلٰمًا ۟ۙ
उक्त विशेषताएँ रखने वाले ये लोग, अल्लाह की आज्ञा मानने में धैर्य रखने के कारण, जन्नतुल फ़िरदौस के अंदर उच्च भवन दिए जाएँगे और वहाँ फ़रिश्तों द्वारा अभिवादन और सलाम के साथ उनका स्वागत किया जाएगा, और वे हर प्रकार की विपत्तियों से सुरक्षित रहेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— حَسُنَتْ مُسْتَقَرًّا وَّمُقَامًا ۟
वे वहाँ हमेशा के लिए रहेंगे। वह बहुत ही अच्छी ठहरने की जगह है, जहाँ वे ठहरेंगे और बहुत अच्छा निवास स्थान है, जहाँ वे निवास करेंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ مَا یَعْبَؤُا بِكُمْ رَبِّیْ لَوْلَا دُعَآؤُكُمْ ۚ— فَقَدْ كَذَّبْتُمْ فَسَوْفَ یَكُوْنُ لِزَامًا ۟۠
(ऐ रसूल!) आप कुफ़्र पर अड़े रहने वाले काफ़िरों से कह दें : मेरा पालनहार तुम्हारी परवाह नहीं करता कि उसे तुम्हारे आज्ञापालन से कोई लाभ मिलने वाला है। यदि उसके कुछ बंदे ऐसे न होते, जो उसे इबादत के तौर पर और कुछ माँगने के लिए पुकारते रहते हैं, तो वह तुम्हारी कभी परवाह न करता। क्योंकि रसूल तुम्हारे रब की ओर से तुम्हारे पास जो कुछ लाए हैं, उसमें तुमने रसूल को झुठलाया है। अतः उस झुठलाने का दंड तो तुम्हें मिलकर ही रहेगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• من صفات عباد الرحمن: البعد عن الشرك، وتجنُّب قتل الأنفس بغير حق، والبعد عن الزنى، والبعد عن الباطل، والاعتبار بآيات الله، والدعاء.
• रहमान (परम दयालु अल्लाह) के बंदों के गुणों में : शिर्क से दूर रहना, किसी की अकारण हत्या से बचना, व्यभिचार से दूर रहना, असत्य से दूर रहना, अल्लाह की निशानियों से सीख ग्रहण करना तथा दुआ करना, शामिल हैं।

• التوبة النصوح تقتضي ترك المعصية وفعل الطاعة.
• सच्ची तौबा गुनाह को छोड़ने और अच्छे काम करने की अपेक्षा करती है।

• الصبر سبب في دخول الفردوس الأعلى من الجنة.
• धैर्य (सब्र) जन्नतुल फ़िरदौस में प्रवेश करने का कारण है।

• غنى الله عن إيمان الكفار.
• अल्लाह काफ़िरों के ईमान से बेपरवाह है।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ছুৰা আল-ফুৰক্বান
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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