আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (36) ছুৰা: ছুৰা আল-ফুৰক্বান
فَقُلْنَا اذْهَبَاۤ اِلَی الْقَوْمِ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ؕ— فَدَمَّرْنٰهُمْ تَدْمِیْرًا ۟ؕ
फिर हमने उन दोनों से कहा कि तुम फ़िरऔन तथा उसके समुदाय के पास जाओ, जिन्होंने मेरी आयतों को झुठलाया। चुनाँचे उन दोनों ने मेरा आज्ञापालन किया और उन लोगों के पास गए और उन्हें अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने की ओर आमंत्रित किया। परंतु उन्होंने उन दोनों को झुठला दिया, इसलिए हमने उन्हें बुरी तरह नष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الكفر بالله والتكذيب بآياته سبب إهلاك الأمم.
• अल्लाह का इनकार करना तथा उसकी आयतों को झुठलाना समुदायों के विनाश का कारण रहा है।

• غياب الإيمان بالبعث سبب عدم الاتعاظ.
• पुनर्जीवन पर ईमान का अभाव, सीख ग्रहण न करने का कारण है।

• السخرية بأهل الحق شأن الكافرين.
• सच्चे लोगों का मज़ाक़ उड़ाना काफिरों का काम है।

• خطر اتباع الهوى.
• इच्छाओं का पालन करने का जोखिम।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (36) ছুৰা: ছুৰা আল-ফুৰক্বান
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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