আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ছুৰা আন-নামল   আয়াত:

सूरा अन्-नम्ल

ছুৰাৰ উদ্দেশ্য:
الامتنان على النبي صلى الله عليه وسلم بنعمة القرآن وشكرها والصبر على تبليغه.
नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर क़ुरआन की ने'मत के द्वारा उपकार जताना, और इसपर आभारी होने तथा इसके प्रसार पर धैर्य रखने की प्रेरणा देना।

طٰسٓ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْقُرْاٰنِ وَكِتَابٍ مُّبِیْنٍ ۟ۙ
(ता, सीन) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है। आपपर उतरने वाली ये आयतें क़ुरआन तथा एक स्पष्ट और असंदिग्ध पुस्तक की आयतें हैं। जो कोई भी इस (पुस्तक) पर विचार करता है, वह जान लेता है कि यह अल्लाह की ओर से है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
هُدًی وَّبُشْرٰی لِلْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۙ
ये आयतें सत्य की ओर मार्गदर्शन करने वाली, उसकी ओर ले जाने वाली तथा अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान रखने वालों को ख़ुशख़बरी सुनाने वाली हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
الَّذِیْنَ یُقِیْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَیُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ یُوْقِنُوْنَ ۟
जो पूर्णतम तरीक़े से नमाज़ अदा करते हैं, अपने माल की ज़कात निकाल कर उसके हक़दारों को देते हैं, तथा वे आख़िरत के सवाब और सज़ा पर विश्वास रखते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّ الَّذِیْنَ لَا یُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ زَیَّنَّا لَهُمْ اَعْمَالَهُمْ فَهُمْ یَعْمَهُوْنَ ۟ؕ
निःसंदेह जो काफ़िर आख़िरत तथा उसके सवाब और सज़ा पर ईमान नहीं रखते, हमने उनके बुरे कामों को उनके लिए सुंदर बना दिया है। चुनाँचे वे उन्हें करते रहते हैं। इसलिए वे भटकते फिर रहे हैं, उन्हें सत्य या मार्गदर्शन नहीं मिल रहा है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اُولٰٓىِٕكَ الَّذِیْنَ لَهُمْ سُوْٓءُ الْعَذَابِ وَهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ هُمُ الْاَخْسَرُوْنَ ۟
उक्त विशेषताओं वाले ही वे लोग हैं, जिनके लिए इस दुनिया में क़त्ल एवं क़ैद की बुरी यातना है, तथा वे आख़िरत में सबसे ज़्यादा घाटा उठाने वाले होंगे। क्योंकि वे क़ियामत के दिन खुद को और अपने परिवार को, उन्हें हमेशा के लिए जहन्नम का वासी बनाकर, घाटे में डाल देंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِنَّكَ لَتُلَقَّی الْقُرْاٰنَ مِنْ لَّدُنْ حَكِیْمٍ عَلِیْمٍ ۟
और निःसंदेह (ऐ रसूल!) आप अपने ऊपर उतरने वाले इस क़ुरआन को एक ऐसी हस्ती की ओर से प्राप्त कर रहे हैं, जो अपनी रचना, प्रबंधन और विधान में पूर्ण हिकमत वाली है, सब कुछ जानने वाली है, उसके बंदों के हितों में से कोई भी वस्तु उससे छिपी नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِذْ قَالَ مُوْسٰی لِاَهْلِهٖۤ اِنِّیْۤ اٰنَسْتُ نَارًا ؕ— سَاٰتِیْكُمْ مِّنْهَا بِخَبَرٍ اَوْ اٰتِیْكُمْ بِشِهَابٍ قَبَسٍ لَّعَلَّكُمْ تَصْطَلُوْنَ ۟
याद करो (ऐ रसूल!) जिस समय मूसा ने अपने घर वालों से कहा : निःसंदेह मैंने एक आग देखी है। मैं तुम्हारे पास उसे जलाने वाले से कोई ख़बर लाऊँगा, जिससे हमें रास्ते का पता चलेगा, अथवा तुम्हारे पास उससे आग का कोई अंगारा लेकर आऊँगा, ताकि तुम उसके द्वारा अपने आपको ठंड से गर्म कर सको।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَمَّا جَآءَهَا نُوْدِیَ اَنْ بُوْرِكَ مَنْ فِی النَّارِ وَمَنْ حَوْلَهَا ؕ— وَسُبْحٰنَ اللّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
जब वह उस आग के स्थान पर पहुँचे, जो उन्होंने देखी थी, तो अल्लाह ने उन्हें पुकारा : बरकत वाला है वह जो इस आग में है, तथा जो इसके आस-पास फ़रिश्ते हैं। तथा सारे संसारों का पालनहार पवित्र और पाक है उन विशेषताओं से जो उसके योग्य नहीं हैं, जिनसे पथभ्रष्ट लोग उसे विशेषित करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
یٰمُوْسٰۤی اِنَّهٗۤ اَنَا اللّٰهُ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟ۙ
अल्लाह ने उनसे कहा : ऐ मूसा! निःसंदेह मैं ही अल्लाह हूँ। सब पर प्रभुत्वशाली हूँ, मुझे कोई पराजित नहीं कर सकता। अपनी रचना, नियति और विधान में पूर्ण हिकमत वाला हूँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَلْقِ عَصَاكَ ؕ— فَلَمَّا رَاٰهَا تَهْتَزُّ كَاَنَّهَا جَآنٌّ وَّلّٰی مُدْبِرًا وَّلَمْ یُعَقِّبْ ؕ— یٰمُوْسٰی لَا تَخَفْ ۫— اِنِّیْ لَا یَخَافُ لَدَیَّ الْمُرْسَلُوْنَ ۟ۗۖ
और अपनी लाठी डाल दो। मूसा ने आदेश का पालन किया, लेकिन जब उसे साँप की तरह हिलते और रेंगते हुए देखा, तो उससे पीठ फेरकर भागे और पीछे मुड़कर नहीं देखा। तो अल्लाह ने उनसे कहा : इससे भय न खाओ l क्योंकि मेरे पास रसूल साँप या किसी और से नहीं डरते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِلَّا مَنْ ظَلَمَ ثُمَّ بَدَّلَ حُسْنًا بَعْدَ سُوْٓءٍ فَاِنِّیْ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
सिवाय उसके जिसने कोई पाप करके अपने ऊपर अत्याचार किया। फिर उसके बाद तौबा कर ली, तो निःसंदेह मैं उसे बहुत क्षमा करने वाला, उसपर बेहद दयालु हूँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَدْخِلْ یَدَكَ فِیْ جَیْبِكَ تَخْرُجْ بَیْضَآءَ مِنْ غَیْرِ سُوْٓءٍ ۫— فِیْ تِسْعِ اٰیٰتٍ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَقَوْمِهٖ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟
और अपना हाथ अपनी कमीज़ के गरीबान में डालो, उसमें डालने के बाद वह कोढ़ (बरस) के बिना बर्फ़ की तरह सफ़ेद निकलेगा। यह उन नौ निशानियों में से एक है, जो आपकी सच्चाई की गवाही देती हैं। (ये नौ निशानियाँ : हाथ का चमकना, लाठी, अकाल, फलों की कमी, तूफान (बाढ़), टिड्डी, खटमल, मेंढक और खून हैं।) इन्हें फ़िरऔन तथा उसकी क़ौम के पास ले जाओ। वे अल्लाह का इनकार करने के कारण उसकी आज्ञाकारिता से निकलने वाले लोग हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَمَّا جَآءَتْهُمْ اٰیٰتُنَا مُبْصِرَةً قَالُوْا هٰذَا سِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟ۚ
फिर जब उनके पास हमारी ये निशानियाँ, जिनके साथ हमने मूसा का समर्थन किया था, स्पष्ट और साफ तौर पर आ गईं, तो उन्होंने कहा : ये निशानियाँ जिन्हें मूसा लेकर आया है, स्पष्ट जादू हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• القرآن هداية وبشرى للمؤمنين.
• क़ुरआन मोमिनों के लिए मार्गदर्शन तथा शुभ सूचना है।

• الكفر بالله سبب في اتباع الباطل من الأعمال والأقوال، والحيرة، والاضطراب.
• अल्लाह का इनकार असत्य कर्मों और वचनों का पालन करने, हैरानी और बेचैनी का कारण है।

• تأمين الله لرسله وحفظه لهم سبحانه من كل سوء.
• अल्लाह अपने रसूलों की रक्षा करता है और हर बुराई से उन्हें सुरक्षित रखता है।

وَجَحَدُوْا بِهَا وَاسْتَیْقَنَتْهَاۤ اَنْفُسُهُمْ ظُلْمًا وَّعُلُوًّا ؕ— فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُفْسِدِیْنَ ۟۠
उन्होंने इन स्पष्ट निशानियों का इनकार कर दिया और उन्हें मानने पर नहीं आए। हालाँकि उनके दिलों को इस बात का अच्छी तरह विश्वास था कि ये अल्लाह की ओर से हैं; ऐसा उन्होंने अत्याचार और सत्य से अहंकार के कारण किया। अतः (ऐ रसूल!) विचार करें कि अपने कुफ़्र और अवज्ञा के द्वारा घरती पर बिगाड़ पैदा करने वालों का परिणाम कैसा रहा! निश्चय हमने उन्हें नष्ट कर दिया और उन सबका विनाश कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا دَاوٗدَ وَسُلَیْمٰنَ عِلْمًا ۚ— وَقَالَا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْ فَضَّلَنَا عَلٰی كَثِیْرٍ مِّنْ عِبَادِهِ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
निःसंदेह हमने दाऊद तथा उनके पुत्र सुलैमान को ज्ञान प्रदान किया। उसी में पक्षियों की बातों का ज्ञान भी शामिल है। दाऊद और सुलैमान ने प्रभुत्वशाली और महान अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए कहा : हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने हमें ज्ञान और नुबुव्वत (पैग़ंबरी) से सम्मानित करके अपने बहुत-से ईमान वाले बंदों पर श्रेष्ठता प्रदान की।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَوَرِثَ سُلَیْمٰنُ دَاوٗدَ وَقَالَ یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ عُلِّمْنَا مَنْطِقَ الطَّیْرِ وَاُوْتِیْنَا مِنْ كُلِّ شَیْءٍ ؕ— اِنَّ هٰذَا لَهُوَ الْفَضْلُ الْمُبِیْنُ ۟
और सुलैमान नुबुव्वत (पैग़ंबरी), ज्ञान तथा राजत्व में अपने पिता दाऊद के उत्तराधिकारी बने और खुद अपने तथा अपने पिता पर अल्लाह के अनुग्रह का वर्णन करते हुए कहा : ऐ लोगो! अल्लाह ने हमें पक्षियों की आवाज़ों को समझना सिखाया और हमें हर उस चीज़ में से प्रदान किया, जो उसने नबियों और बादशाहों को प्रदान किया। निःसंदेह यह जो अल्लाह ने हमें प्रदान किया, निश्चय यही स्पष्ट अनुकंपा है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَحُشِرَ لِسُلَیْمٰنَ جُنُوْدُهٗ مِنَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ وَالطَّیْرِ فَهُمْ یُوْزَعُوْنَ ۟
और सुलैमान के लिए मनुष्यों, जिन्नों और पक्षियों में से उनके सैनिक इकट्ठे किए गए, फिर वे एक व्यवस्थित तरीके से चलाए जाते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
حَتّٰۤی اِذَاۤ اَتَوْا عَلٰی وَادِ النَّمْلِ ۙ— قَالَتْ نَمْلَةٌ یّٰۤاَیُّهَا النَّمْلُ ادْخُلُوْا مَسٰكِنَكُمْ ۚ— لَا یَحْطِمَنَّكُمْ سُلَیْمٰنُ وَجُنُوْدُهٗ ۙ— وَهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
वे चलाए जाते रहे यहाँ तक कि जब वे चींटियों की एक घाटी (शाम - लेवंत - में एक जगह) में पहुँचे, तो एक चींटी ने कहा : ऐ चींटियो! अपने घरों में प्रवेश कर जाओ। ताकि सुलैमान और उसके सैनिक तुम्हें नष्ट न कर दें, जबकि उन्हें तुम्हारे बारे में पता भी न हो। क्योंकि अगर वे तुम्हारे बारे में जानते, तो वे तुम्हें नहीं रौंदते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَتَبَسَّمَ ضَاحِكًا مِّنْ قَوْلِهَا وَقَالَ رَبِّ اَوْزِعْنِیْۤ اَنْ اَشْكُرَ نِعْمَتَكَ الَّتِیْۤ اَنْعَمْتَ عَلَیَّ وَعَلٰی وَالِدَیَّ وَاَنْ اَعْمَلَ صَالِحًا تَرْضٰىهُ وَاَدْخِلْنِیْ بِرَحْمَتِكَ فِیْ عِبَادِكَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
जब सुलैमान अलैहिस्सलाम ने चींटी की बात सुनी, तो उसकी इस बात से हँसते हुए मुसकुराए और अपने पवित्र रब से प्रार्थना करते हुए कहने लगे : ऐ मेरे पालनहार! मुझे सामर्थ्य प्रदान कर और मुझे अपनी उस ने'मत के लिए आभारी होने की प्रेरणा दे, जो तूने मुझे और मेरे माता-पिता को प्रदान की है। तथा मुझे सामर्थ्य दे कि मैं नेक कार्य करूँ, जिससे तू पसंद करे। और मुझे अपनी दया से अपने सदाचारी बंदों के समूह में शामिल कर ले।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَتَفَقَّدَ الطَّیْرَ فَقَالَ مَا لِیَ لَاۤ اَرَی الْهُدْهُدَ ۖؗ— اَمْ كَانَ مِنَ الْغَآىِٕبِیْنَ ۟
और सुलैमान ने पक्षियों का निरीक्षण किया, पर हुदहुद को नहीं देखा। तो इसपर कहा : क्या बात है कि मैं हुदहुद को नहीं देख रहा हूँ? क्या किसी बाधा के कारण मैं उसे नहीं देख पा रहा हूँ अथवा वह अनुपस्थित है?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَاُعَذِّبَنَّهٗ عَذَابًا شَدِیْدًا اَوْ لَاَاذْبَحَنَّهٗۤ اَوْ لَیَاْتِیَنِّیْ بِسُلْطٰنٍ مُّبِیْنٍ ۟
जब उनके लिए उसकी अनुपस्थिति स्पष्ट हो गई, तो उन्होंने कहा : मैं उसे अनुपस्थित रहने की कड़ी सज़ा दूँगा अथवा उसे ज़बह कर डालूँगा, या फिर वह मेरे पास एक स्पष्ट तर्क लेकर आए, जो उसके अनुपस्थित होने के कारण को बयान करे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَمَكَثَ غَیْرَ بَعِیْدٍ فَقَالَ اَحَطْتُّ بِمَا لَمْ تُحِطْ بِهٖ وَجِئْتُكَ مِنْ سَبَاٍ بِنَبَاٍ یَّقِیْنٍ ۟
हुदहुद लंबे समय तक अनुपस्थित नही रहा, फिर जब वह आया, तो सुलैमान अलैहिस्सलाम से कहा : मैं ऐसी बात से अवगत हुआ हूँ जिससे आप अवगत नहीं हैं। तथा मैं "सबा" वालों के विषय में एक सच्ची ख़बर लेकर आया हूँ, जिसमें कोई संदेह नहीं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• التبسم ضحك أهل الوقار.
• मुसकुराना प्रतिष्ठित लोगों की हँसी है।

• شكر النعم أدب الأنبياء والصالحين مع ربهم.
• नेमतों का शुक्रिया अदा करना, नबियों तथा नेक लोगों के अपने पालनहार के साथ शिष्टाचार का प्रतीक है।

• الاعتذار عن أهل الصلاح بظهر الغيب.
• नेक लोगों की ओर से उनकी अनुपस्थिति में उज़्र करना।

• سياسة الرعية بإيقاع العقاب على من يستحقه، وقبول عذر أصحاب الأعذار.
• लोगों के मामलों का प्रबंधन इस प्रकार करना कि दंड के लायक लोगों को दंड देना और उज़्र (बहाना) वाले लोगों के उज़्र को स्वीकार करना।

• قد يوجد من العلم عند الأصاغر ما لا يوجد عند الأكابر.
• कभी-कभी छोटों के पास वह ज्ञान होता है, जो बड़ों के पास नहीं होता।

اِنِّیْ وَجَدْتُّ امْرَاَةً تَمْلِكُهُمْ وَاُوْتِیَتْ مِنْ كُلِّ شَیْءٍ وَّلَهَا عَرْشٌ عَظِیْمٌ ۟
मैंने एक स्त्री को उनपर शासन करते पाया है और उस स्त्री को शक्ति एवं शासन के सारे साधन प्राप्त हैं और उसके पास एक बड़ा सिंहासन भी है, जिसपर बैठकर वह अपने लोगों के मामलों का प्रबंधन करती है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَجَدْتُّهَا وَقَوْمَهَا یَسْجُدُوْنَ لِلشَّمْسِ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَزَیَّنَ لَهُمُ الشَّیْطٰنُ اَعْمَالَهُمْ فَصَدَّهُمْ عَنِ السَّبِیْلِ فَهُمْ لَا یَهْتَدُوْنَ ۟ۙ
मैंने उस स्त्री तथा उसकी जाति को पाया है कि वे पवित्र एवं सर्वशक्तिमान अल्लाह को छोड़कर सूरज को सजदा करते हैं। तथा शैतान ने उनके शिर्क एवं पाप के कार्यों को उनके लिए शोभनीय बना दिया है और उन्हें सत्य के मार्ग से हटा दिया है। अतः वे उसकी ओर मार्गदर्शन नहीं पाते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلَّا یَسْجُدُوْا لِلّٰهِ الَّذِیْ یُخْرِجُ الْخَبْءَ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَیَعْلَمُ مَا تُخْفُوْنَ وَمَا تُعْلِنُوْنَ ۟
शैतान ने उनके शिर्क एवं पाप के कार्यों को उनके लिए सुंदर बना दिया है; ताकि वे अकेले अल्लाह को सजदा न करें, जो आकाश में छिपी वर्षा तथा धरती में छिपे पौधों को निकालता है, तथा वह उन कार्यों को जानता है, जो तुम छिपाते हो और जो तुम ज़ाहिर तरते हो। उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ رَبُّ الْعَرْشِ الْعَظِیْمِ ۟
अल्लाह वह है जिसके अतिरिक्त कोई सत्य पूज्य नहीं, जो महान सिंहासन का रब है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ سَنَنْظُرُ اَصَدَقْتَ اَمْ كُنْتَ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने हुदहुद से कहा : हम देखेंगे कि तू अपने दावे में सच्चा है अथवा तू झूठों में से है?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِذْهَبْ بِّكِتٰبِیْ هٰذَا فَاَلْقِهْ اِلَیْهِمْ ثُمَّ تَوَلَّ عَنْهُمْ فَانْظُرْ مَاذَا یَرْجِعُوْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने एक पत्र लिखा और उसे हुदहुद के हवाले करते हुए कहा : मेरा यह पात्र लेकर जाओ और इसे "सबा" वालों को पहुँचा देना और उनसे एक तरफ हटकर सुनते रहना कि वे इसके बारे में क्या जवाब देते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَتْ یٰۤاَیُّهَا الْمَلَؤُا اِنِّیْۤ اُلْقِیَ اِلَیَّ كِتٰبٌ كَرِیْمٌ ۟
रानी ने पत्र प्राप्त किया और कहा : ऐ सरदारो! मेरी ओर एक बहुत प्रतिष्ठित पत्र फेंका गया है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّهٗ مِنْ سُلَیْمٰنَ وَاِنَّهٗ بِسْمِ اللّٰهِ الرَّحْمٰنِ الرَّحِیْمِ ۟ۙ
सुलैमान की ओर से भेजे गए और "बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम" से प्रारंभ होने वाले इस पत्र का मज़मून यह है :
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلَّا تَعْلُوْا عَلَیَّ وَاْتُوْنِیْ مُسْلِمِیْنَ ۟۠
यह कि तुम अभिमान न करो तथा अल्लाह को एकमात्र पूज्य मानने और उसके साथ शिर्क को परित्याग करने के मेरे आह्वान को स्वीकार करते हुए, आज्ञाकारी बनकर, मेरे पास आ जाओ। क्योंकि तुमने अल्लाह के साथ सूर्य की पूजा की है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَتْ یٰۤاَیُّهَا الْمَلَؤُا اَفْتُوْنِیْ فِیْۤ اَمْرِیْ ۚ— مَا كُنْتُ قَاطِعَةً اَمْرًا حَتّٰی تَشْهَدُوْنِ ۟
रानी ने कहा : ऐ प्रमुखो एवं सज्जनो! मुझे मेरे मामले में सही हल बताओ। मैं किसी मामले का फ़ैसला करने वाली नहीं, यहाँ तक तुम मेरे पास उपस्थित हो और उसके बारे में अपनी राय व्यक्त करो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا نَحْنُ اُولُوْا قُوَّةٍ وَّاُولُوْا بَاْسٍ شَدِیْدٍ ۙ۬— وَّالْاَمْرُ اِلَیْكِ فَانْظُرِیْ مَاذَا تَاْمُرِیْنَ ۟
उसकी जाति के सरदारों ने उससे कहा : हम बड़ी ताकत के मालिक हैं तथा युद्ध में प्रबल शक्ति रखते हैं। और राय वही है जो आप देखती हैं। इसलिए देखें कि आप हमें क्या करने का आदेश देती हैं। क्योंकि हम उसे लागू करने में सक्षम हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَتْ اِنَّ الْمُلُوْكَ اِذَا دَخَلُوْا قَرْیَةً اَفْسَدُوْهَا وَجَعَلُوْۤا اَعِزَّةَ اَهْلِهَاۤ اَذِلَّةً ۚ— وَكَذٰلِكَ یَفْعَلُوْنَ ۟
रानी ने कहा : राजा जब किसी बस्ती में प्रवेश करते हैं, तो क़त्ल तथा लूट-पाट का बाज़ार गर्म करके उसे ख़राब कर देते हैं और उसके सरदारों और अशराफिया को अपमानित करते हैं, जबकि वे पहले उसमें प्रतिष्ठा और शक्ति वाले थे। तथा राजा हमेशा ऐसा ही करते हैं, जब वे किसी बस्ती को पराजित करते हैं; ताकि लोगों के दिलों में आतंक और दहशत पैदा कर सकें।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِنِّیْ مُرْسِلَةٌ اِلَیْهِمْ بِهَدِیَّةٍ فَنٰظِرَةٌ بِمَ یَرْجِعُ الْمُرْسَلُوْنَ ۟
मैं यह पत्र भेजने वाले तथा उसके लोगों के पास एक उपहार भेजने वाली हूँ और देखती हूँ कि दूत इस उपहार को भेजने के बाद क्या उत्तर लाते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• إنكار الهدهد على قوم سبأ ما هم عليه من الشرك والكفر دليل على أن الإيمان فطري عند الخلائق.
• हुदहुद का "सबा" जाति के शिर्क एवं कुफ़्र को नकारना, इस बात का प्रमाण है कि सृष्टि के अंदर ईमान जन्मजात है।

• التحقيق مع المتهم والتثبت من حججه.
• आरोपी से पूछताछ और उसके तर्कों का सत्यापन।

• مشروعية الكشف عن أخبار الأعداء.
• शत्रुओं के समाचारों को प्रकट करने की वैधता।

• من آداب الرسائل افتتاحها بالبسملة.
• पत्रों के शिष्टाचार में से एक उसे बिस्मिल्लाह से शुरू करना है।

• إظهار عزة المؤمن أمام أهل الباطل أمر مطلوب.
• बातिल परस्तों के सामने मोमिन की प्रतिष्ठा का इज़हार अपेक्षित है।

فَلَمَّا جَآءَ سُلَیْمٰنَ قَالَ اَتُمِدُّوْنَنِ بِمَالٍ ؗ— فَمَاۤ اٰتٰىنِ اللّٰهُ خَیْرٌ مِّمَّاۤ اٰتٰىكُمْ ۚ— بَلْ اَنْتُمْ بِهَدِیَّتِكُمْ تَفْرَحُوْنَ ۟
जब रानी का दूत और उसके साथ उसके सहायक उपहार लेकर सुलैमान के पास आए, तो सुलैमान ने उनके उपहार भेजने को नकारते हुए कहा : क्या तुम धन से मेरी सहायता करते हो, ताकि मुझे अपनी ओर से फेर सको? (सुनो!) अल्लाह ने मुझे पैग़ंबरी, राजत्व तथा धन-दौलत के रूप में जो कुछ दिया है, वह उससे बेहतर है, जो उस ने तुम्हें दिया है। बल्कि, तुम ही लोग इस प्रकार के सांसारिक उपहारों के दिए जाने पर खुश होते हो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِرْجِعْ اِلَیْهِمْ فَلَنَاْتِیَنَّهُمْ بِجُنُوْدٍ لَّا قِبَلَ لَهُمْ بِهَا وَلَنُخْرِجَنَّهُمْ مِّنْهَاۤ اَذِلَّةً وَّهُمْ صٰغِرُوْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने रानी के दूत से कहा : तुम जो उपहार लेकर आए हो, उसे लेकर उनके पास वापस जाओ। यदि वे आज्ञाकारी बनकर मेरे पास नहीं आए, तो हम रानी तथा उसके लोगों पर ऐसी सेनाएँ लेकर आएँगे जिनका सामना करने की उनमें कोई शक्ति नहीं और हम अवश्य उन्हें 'सबा' से इस हाल में निकालेंगे कि वे वहाँ सम्मान पूर्ण रहने के बाद अपमानित और तिरस्कृत होंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ یٰۤاَیُّهَا الْمَلَؤُا اَیُّكُمْ یَاْتِیْنِیْ بِعَرْشِهَا قَبْلَ اَنْ یَّاْتُوْنِیْ مُسْلِمِیْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने अपने राज्य के प्रमुख लोगों को संबोधित करते हुए कहा : ऐ प्रमुखो! तुममें से कौन रानी का सिंहासन मेरे पास लेकर आएगा, इससे पहले कि वे आज्ञाकारी होकर मेरे पास आएँ?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ عِفْرِیْتٌ مِّنَ الْجِنِّ اَنَا اٰتِیْكَ بِهٖ قَبْلَ اَنْ تَقُوْمَ مِنْ مَّقَامِكَ ۚ— وَاِنِّیْ عَلَیْهِ لَقَوِیٌّ اَمِیْنٌ ۟
एक बलवान सरकश जिन्न ने कहा : इससे पहले कि आप अपनी इस जगह से उठें, मैं उसका सिंहासन आपके पास ले आऊँगा, और निःसंदेह मैं उसके उठाने की पूरी शक्ति रखता हूँ तथा उसमें जो कुछ है, उसके प्रति अमानतदार हूँ। इसलिए मैं उसमें कोई कमियागीरी नहीं करूँगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ الَّذِیْ عِنْدَهٗ عِلْمٌ مِّنَ الْكِتٰبِ اَنَا اٰتِیْكَ بِهٖ قَبْلَ اَنْ یَّرْتَدَّ اِلَیْكَ طَرْفُكَ ؕ— فَلَمَّا رَاٰهُ مُسْتَقِرًّا عِنْدَهٗ قَالَ هٰذَا مِنْ فَضْلِ رَبِّیْ ۫— لِیَبْلُوَنِیْۤ ءَاَشْكُرُ اَمْ اَكْفُرُ ؕ— وَمَنْ شَكَرَ فَاِنَّمَا یَشْكُرُ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ كَفَرَ فَاِنَّ رَبِّیْ غَنِیٌّ كَرِیْمٌ ۟
सुलैमान के पास उपस्थित एक सदाचारी ज्ञानी व्यक्ति, जिसके पास आसमानी किताबों का ज्ञान था, जिसमें अल्लाह का वह "इस्मे आज़म" (महान नाम) भी शामिल है, जिसकी विशेषता यह है कि यदि उसके द्वारा दुआ की जाए तो अल्लाह क़बूल करता है, ने कहा : मैं आपके पलक झपकाने से पहले ही उसका सिंहासन आपके पास ले आऊँगा; इस तौर पर कि मैं अल्लाह से प्रार्थना करूँगा और वह उसे यहाँ ले आएगाl अतः उसने प्रार्थना की और अल्लाह ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली। जब सुलैमान ने उसके सिंहासन को अपने पास हाज़िर देखा, तो कहा : यह मेरे पालनहार की कृपा से है; ताकि वह मेरी परीक्षा ले कि मैं उसकी नेमतों का शुक्र अदा करता हूँ या उनकी नाशुक्री करता हूँ? और जो अल्लाह का शुक्र अदा करता है, तो उसकी शुक्रगुज़ारी का लाभ उसी को मिलता है। क्योंकि अल्लाह बेनियाज़ है, बंदों की शुक्रगुज़ारी उसे नहीं बढ़ाती। तथा जिसने अल्लाह की नेमतों का इनकार किया और उनपर अल्लाह का शुक्र अदा नहीं किया, तो निश्चय मेरा पालनहार उसके शुक्र से बहुत बेनियाज़, बहुत उदार है। तथा यह उसकी उदारता है कि नेमतों की नाशुक्री करने वालों को भी प्रदान करता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ نَكِّرُوْا لَهَا عَرْشَهَا نَنْظُرْ اَتَهْتَدِیْۤ اَمْ تَكُوْنُ مِنَ الَّذِیْنَ لَا یَهْتَدُوْنَ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : उसके लिए उसके राज-सिंहासन का रूप बदल दो। ताकि हम देखें : क्या वह इस तथ्य को जान पाती है कि यह उसी का सिंहासन है, या कि वह उन लोगों में से हो जाती है जो अपनी वस्तुएँ भी नहीं पहचान पाते हैं?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَلَمَّا جَآءَتْ قِیْلَ اَهٰكَذَا عَرْشُكِ ؕ— قَالَتْ كَاَنَّهٗ هُوَ ۚ— وَاُوْتِیْنَا الْعِلْمَ مِنْ قَبْلِهَا وَكُنَّا مُسْلِمِیْنَ ۟
जब सबा की रानी सुलैमान के पास आई, तो उसकी परीक्षा करने के लिए उससे कहा गया : क्या यह तेरे सिंहासन के समान है? उसने प्रश्न के अनुसार उत्तर दिया : मानो यह वही है। तो सुलैमान ने कहा : अल्लाह ने हमें इससे पहले ही ज्ञान दे रखा था कि वह इस तरह के कार्यों को अंजाम देने की पूरी शक्ति रखता है। तथा हम अल्लाह के आदेश के अधीन थे और उसके प्रति आज्ञाकारी थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَصَدَّهَا مَا كَانَتْ تَّعْبُدُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّهَا كَانَتْ مِنْ قَوْمٍ كٰفِرِیْنَ ۟
और उसे अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) से उस चीज़ ने रोक रखा था जो वह अपनी जाति का अनुकरण करते हुए अल्लाह के अलावा पूजती थी। निःसंदेह वह उन लोगों में से थी जो अल्लाह का इनकार करने वाले थे। इसलिए वह (भी) उनके समान काफ़िर थी।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قِیْلَ لَهَا ادْخُلِی الصَّرْحَ ۚ— فَلَمَّا رَاَتْهُ حَسِبَتْهُ لُجَّةً وَّكَشَفَتْ عَنْ سَاقَیْهَا ؕ— قَالَ اِنَّهٗ صَرْحٌ مُّمَرَّدٌ مِّنْ قَوَارِیْرَ ؕ۬— قَالَتْ رَبِّ اِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ وَاَسْلَمْتُ مَعَ سُلَیْمٰنَ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
उससे कहा गया कि महल में प्रवेश कर जाओ, जो एक सतह के समान था। जब उसने महल को देखा, तो उसे कोई जलाशय समझ बैठी और उसमें उतरने के लिए अपनी दोनों पिंडलियाँ खोल दीं। सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : यह एक चिकना कांच का भवन है। फिर उसे इस्लाम की ओर आमंत्रित किया। और उसने उनके आमंत्रण को स्वीकार कर लिया, यह कहते हुए : ऐ मेरे पालनहार! मैंने तेरे साथ तेरे अलावा की पूजा करके अपने ऊपर अत्याचार किया है और (अब) मैं सुलैमान अलैहिस्सलाम के साथ सभी प्राणियों के पालनहार अल्लाह की आज्ञाकारिणी हो गई।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• عزة الإيمان تحصّن المؤمن من التأثر بحطام الدنيا.
• ईमान की गरिमा मोमिन को सांसारिक सामग्री से प्रभावित होने से बचाती है।

• الفرح بالماديات والركون إليها صفة من صفات الكفار.
• भौतिक चीजों से खुश होना और उनपर भरोसा करना काफ़िरों की विशेषताओं में से एक विशेषता है।

• يقظة شعور المؤمن تجاه نعم الله.
• मोमिन अल्लाह की नेमतों के प्रति सदैव सजग रहता है।

• اختبار ذكاء الخصم بغية التعامل معه بما يناسبه.
• विरोधी पक्ष के साथ उचित व्यवहार करने के लिए उसकी बुद्धि का परीक्षण करना।

• إبراز التفوق على الخصم للتأثير فيه.
• विरोधी पक्ष को प्रभावित करने के लिए उस पर श्रेष्ठता दिखाना।

وَلَقَدْ اَرْسَلْنَاۤ اِلٰی ثَمُوْدَ اَخَاهُمْ صٰلِحًا اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ فَاِذَا هُمْ فَرِیْقٰنِ یَخْتَصِمُوْنَ ۟
हमने समूद जाति की ओर उनके नसबी भाई सालेह अलैहिस्सलाम को भेजा कि तुम केवल एकमात्र अल्लाह की इबादत करो। परंतु उनके निमंत्रण के बाद वे दो समूह बन गए : एक ईमान लाने वाला समूह और दूसरा काफिर समूह, वे इस बात पर झगड़ने लगे कि उनमें से कौन सत्य पर है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالَ یٰقَوْمِ لِمَ تَسْتَعْجِلُوْنَ بِالسَّیِّئَةِ قَبْلَ الْحَسَنَةِ ۚ— لَوْلَا تَسْتَغْفِرُوْنَ اللّٰهَ لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ ۟
सालेह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : तुम रहमत से पहले अज़ाब को क्यों जल्दी माँगते हो? तुम अपने पापों के लिए अल्लाह से क्षमा क्यों नहीं माँगते, इस आशा में कि वह तुमपर दया करे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوا اطَّیَّرْنَا بِكَ وَبِمَنْ مَّعَكَ ؕ— قَالَ طٰٓىِٕرُكُمْ عِنْدَ اللّٰهِ بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ تُفْتَنُوْنَ ۟
उनके समुदाय ने सत्य से हठधर्म दिखाते हुए उनसे कहा : हम तुमसे तथा तुम्हारे साथ जो मोमिन हैं उनसे अपशकुन लेते हैं। सालेह अलैहिस्सलाम ने उनसे कहा : तुम अपने ऊपर आने वाली कठिनाइयों के कारण पक्षियों को उड़ाकर जो अपशकुन लेते हो, अल्लाह के पास उसका ज्ञान है, उसमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है। बल्कि तुम्हें जो बड़ी मात्रा में भलाई प्रदान की जा रही है तथा तुम जो बुराइयों से ग्रस्त होते हो, उनके द्वारा तुम आज़माए जा रहे हो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَكَانَ فِی الْمَدِیْنَةِ تِسْعَةُ رَهْطٍ یُّفْسِدُوْنَ فِی الْاَرْضِ وَلَا یُصْلِحُوْنَ ۟
और "हिज्र" शहर में नौ आदमी थे, जो कुफ़्र और पापों के द्वारा धरती में बिगाड़ पैदा करते थे, तथा ईमान और अच्छे कर्मों के द्वारा उसमें सुधार नहीं करते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قَالُوْا تَقَاسَمُوْا بِاللّٰهِ لَنُبَیِّتَنَّهٗ وَاَهْلَهٗ ثُمَّ لَنَقُوْلَنَّ لِوَلِیِّهٖ مَا شَهِدْنَا مَهْلِكَ اَهْلِهٖ وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟
उन्होंने एक-दूसरे से कहा : हममें से प्रत्येक व्यक्ति अल्लाह की क़सम खाए कि हम अवश्य ही रात में उसके घर पर हमला करेंगे, फिर हम अवश्य ही उसे और उसके परिवार को क़त्ल कर देंगे। फिर हम अवश्य ही उसके खून के उत्तराधिकारी से कह देंगे : हम सालेह और उसके परिवार की हत्या के समय उपस्थित नहीं थे और हमने जो कहा, उसमें हम बिलकुल सच्चे हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَكَرُوْا مَكْرًا وَّمَكَرْنَا مَكْرًا وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
और उन्होंने सालेह तथा उनके ईमान वाले अनुयायियों को नष्ट करने के लिए एक छिपी हुई साजिश रची, तथा हमने भी उनकी मदद करने, उन्हें उन लोगों की साज़िश से बचाने और उनकी जाति के काफ़िरों को नष्ट करने के लिए गुप्त उपाय किया, और वे इसके बारे में नहीं जानते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ مَكْرِهِمْ ۙ— اَنَّا دَمَّرْنٰهُمْ وَقَوْمَهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟
तो (ऐ रसूल!) आप ग़ौर कीजिए कि उनकी साज़िश और चाल का परिणाम कैसा रहा? हमने उन्हें अपनी ओर से यातना देकर सबको विनष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَتِلْكَ بُیُوْتُهُمْ خَاوِیَةً بِمَا ظَلَمُوْا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیَةً لِّقَوْمٍ یَّعْلَمُوْنَ ۟
तो ये उनके घर हैं जिनकी दीवारें उनकी छतों समेत गिर गई हैं और अपने निवासियों से खाली हैं, ऐसा उनके अत्याचार के कारण हुआ है। इन लोगों को उनके अत्याचार के कारण जो यातना पहुँची है, उसमें उन लोगों के लिए निश्चय एक सबक़ है जो ईमान रखते हैं, क्योंकि वही लोग हैं जो निशानियों से सबक़ हासिल करते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَنْجَیْنَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا یَتَّقُوْنَ ۟
और हमने सालेह अलैहिस्सलाम के समुदाय में से उन लोगों को बचा लिया, जो अल्लाह पर ईमान लाए तथा अल्लाह से उसकी आज्ञाओं का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर डरते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلُوْطًا اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖۤ اَتَاْتُوْنَ الْفَاحِشَةَ وَاَنْتُمْ تُبْصِرُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) लूत अलैहिस्सलाम को याद करें, जब उन्होंने अपनी जाति से, उन्हें फटकार लगाते तथा उनकी निंदा करते हुए कहा : क्या तुम अपने क्लबों में खुले तौर पर घिनौना काम - लिवात - करते हो, जबकि तुम एक-दूसरे को देखते हो?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَىِٕنَّكُمْ لَتَاْتُوْنَ الرِّجَالَ شَهْوَةً مِّنْ دُوْنِ النِّسَآءِ ؕ— بَلْ اَنْتُمْ قَوْمٌ تَجْهَلُوْنَ ۟
क्या वाक़ई तुम औरतों को छोड़कर कामवासना की पूर्ति के लिए मर्दों के पास जाते हो! तुम शुद्धता या संतान नहीं चाहते, केवल एक पशु वासना की पूर्ति चाहते हो।बल्कि, तुम ऐसे लोग हो जिन्हें अपने ऊपर अनिवार्य ईमान, पवित्रता और पापों से दूरी का भी ज्ञान नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الاستغفار من المعاصي سبب لرحمة الله.
• पापों से क्षमा माँगना अल्लाह की दया का कारण है।

• التشاؤم بالأشخاص والأشياء ليس من صفات المؤمنين.
• व्यक्तियों तथा वस्तुओं से अपशकुन लेना मोमिनों की विशेषताओं में से नहीं है।

• عاقبة التمالؤ على الشر والمكر بأهل الحق سيئة.
• सच्चे लोगों के प्रति बुराई और साज़िश पर एक-दूसरे की मदद करने का परिणाम बुरा होता है।

• إعلان المنكر أقبح من الاستتار به.
• बुराई को खुल्लम-खुल्ला करना, उसे छुपाकर करने के मुक़ाबले में अधिक बुरा है।

• الإنكار على أهل الفسوق والفجور واجب.
• अवज्ञा और पाप करने वालों की निंदा करना ज़रूरी है।

فَمَا كَانَ جَوَابَ قَوْمِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ قَالُوْۤا اَخْرِجُوْۤا اٰلَ لُوْطٍ مِّنْ قَرْیَتِكُمْ ۚ— اِنَّهُمْ اُنَاسٌ یَّتَطَهَّرُوْنَ ۟
उनकी जाति के पास इसके सिवा कोई उत्तर नहीं था कि उन्होंने कहा : लूत के परिवार को अपनी बस्ती से निकाल दो। ये ऐसे लोग हैं जो गंदगी और अशुद्धता से बड़े पवित्र बनते हैं। उन्होंने यह बात लूत के परिवार का मज़ाक उड़ाते हुए कही थी, जो उनके द्वारा किए जाने वाले घिनौने कामों में हिस्सा नहीं लेते थे, बल्कि उन्हें करने पर उनकी निंदा करते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَاَنْجَیْنٰهُ وَاَهْلَهٗۤ اِلَّا امْرَاَتَهٗ ؗ— قَدَّرْنٰهَا مِنَ الْغٰبِرِیْنَ ۟
अतः हमने उन्हें और उनके घर वालों को बचा लिया, केवल उनकी पत्नी को छोड़कर। हमने उसके बारे में यह फैसला कर दिया था कि वह यातना में बाक़ी रहने वालों में से होगी, ताकि वह हलाक होने वालों में से हो जाए।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَمْطَرْنَا عَلَیْهِمْ مَّطَرًا ۚ— فَسَآءَ مَطَرُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟۠
हमने उनपर आसमान से पत्थर बरसाए, तो यह उन लोगों के लिए बहुत बुरी और विनाशकारी बारिश थी, जो यातना से डराए गए थे, परंतु वे नहीं माने।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ وَسَلٰمٌ عَلٰی عِبَادِهِ الَّذِیْنَ اصْطَفٰی ؕ— ءٰٓاللّٰهُ خَیْرٌ اَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें : सारी प्रशंसा अल्लाह के लिए है उसकी नेमतों पर, तथा उसकी ओर से नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के सहाबा के लिए उसकी उस यातना से सुरक्षा (हिफ़ाज़त) है, जिसके साथ लूत और सालेह (अलैहिमस्सलाम) की जाति के लोग दंडित किए गए। क्या सत्य पूज्य अल्लाह जिसके हाथ में हर चीज़ का राज्य है, बेहतर है अथवा बहुदेववादियों द्वारा पूजे जाने वाले देवता, जो किसी लाभ और हानि के मालिक नहीं हैं?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَاَنْزَلَ لَكُمْ مِّنَ السَّمَآءِ مَآءً ۚ— فَاَنْۢبَتْنَا بِهٖ حَدَآىِٕقَ ذَاتَ بَهْجَةٍ ۚ— مَا كَانَ لَكُمْ اَنْ تُنْۢبِتُوْا شَجَرَهَا ؕ— ءَاِلٰهٌ مَّعَ اللّٰهِ ؕ— بَلْ هُمْ قَوْمٌ یَّعْدِلُوْنَ ۟ؕ
अथवा वह (बेहतर) है, जिसने बिना किसी पूर्व नमूने के आकाशों एवं धरती को पैदा किया तथा उसने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए आकाश से बारिश का पानी उतारा, फिर हमने उससे सुंदर और भव्य बगीचे उगाए। तुम्हारे लिए संभव नहीं था कि तुम उन बागों के पेड़ों को उगाते, क्योंकि तुम ऐसा करने में अक्षम थे। अतः अल्लाह ही है जिसने उन्हें उगाया। क्या किसी अन्य पूज्य ने अल्लाह के साथ यह सब काम किया है?! नहीं! बल्कि वे ऐसे लोग हैं जो सत्य से भटक जाते हैं, इसलिए अन्यायपूर्ण रूप से सृष्टिकर्ता को सृष्टि के बराबर कर देते हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمَّنْ جَعَلَ الْاَرْضَ قَرَارًا وَّجَعَلَ خِلٰلَهَاۤ اَنْهٰرًا وَّجَعَلَ لَهَا رَوَاسِیَ وَجَعَلَ بَیْنَ الْبَحْرَیْنِ حَاجِزًا ؕ— ءَاِلٰهٌ مَّعَ اللّٰهِ ؕ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟ؕ
अथवा वह (बेहतर) है, जिसने धरती को स्थिर बनाया, जो अपने ऊपर मौजूद चीज़ों के साथ हिलती-डुलती नहीं है, तथा उसके भीतर बहने वाली नदियों को बनाया और उसके लिए स्थिर पर्वत बनाए, तथा दो समुद्रों : खारे और मीठे के बीच एक विभाजक बनाया, जो खारे पानी को मीठे पानी के साथ मिलने से रोकता है ताकि उसका स्वाद ख़राब न हो और वह पीने के लिए उपयुक्त न रह जाए। क्या किसी (अन्य) पूज्य ने अल्लाह के साथ यह सारा काम किया है?! कदापि नहीं, बल्कि उनके अधिकांश लोग (अल्लाह की महानता को) नहीं जानते। यदि वे जानते होते तो अल्लाह की किसी सृष्टि को कभी उसका साझी नहीं बनाते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمَّنْ یُّجِیْبُ الْمُضْطَرَّ اِذَا دَعَاهُ وَیَكْشِفُ السُّوْٓءَ وَیَجْعَلُكُمْ خُلَفَآءَ الْاَرْضِ ؕ— ءَاِلٰهٌ مَّعَ اللّٰهِ ؕ— قَلِیْلًا مَّا تَذَكَّرُوْنَ ۟ؕ
अथवा वह (बेहतर) है कि जब कोई कष्ट में पड़ा हुआ व्याकुल व्यक्ति उसे पुकारता है, तो उसकी पुकार सुनता है, तथा इनसान जब रोग और निर्धनता का शिकार होता है, तो उसे इनसे मुक्ति प्रदान करता है, और तुम्हें धरती में उत्तराधिकारी बनाता है, तुम पीढ़ी दर पीढ़ी एक-दूसरे के उत्तराधिकारी बनते हो। क्या कोई (अन्य) पूज्य है जो अल्लाह के साथ यह सारा काम करता है?! कदापि नहीं, तुम बहुत कम उपदेश और सीख ग्रहण करते हो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَمَّنْ یَّهْدِیْكُمْ فِیْ ظُلُمٰتِ الْبَرِّ وَالْبَحْرِ وَمَنْ یُّرْسِلُ الرِّیٰحَ بُشْرًاۢ بَیْنَ یَدَیْ رَحْمَتِهٖ ؕ— ءَاِلٰهٌ مَّعَ اللّٰهِ ؕ— تَعٰلَی اللّٰهُ عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟ؕ
अथवा वह (बेहतर) है, जो थल एवं जल के अँधेरों में विभिन्न स्थलचिह्नों एवं नक्षत्रों द्वारा तुम्हें मार्गदर्शन प्रदान करता है। तथा जो हवाओं को उस वर्षा से पूर्व शुभ सूचना बनाकर भेजता है, जिसके द्वारा वह अपने बंदों पर दया करता है। क्या कोई (अन्य) पूज्य है, जो अल्लाह के साथ यह सारा काम करता है?! अल्लाह उनके उसकी सृष्टियों को उसका साझी बनाने से पाक है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• لجوء أهل الباطل للعنف عندما تحاصرهم حجج الحق.
• असत्यवादी लोग जब सत्य के तर्कों से घिर जाते हैं, तो हिंसा का सहारा लेते हैं।

• رابطة الزوجية دون الإيمان لا تنفع في الآخرة.
• ईमान के बिना वैवाहिक बंधन आख़िरत में लाभ नहीं देगा।

• ترسيخ عقيدة التوحيد من خلال التذكير بنعم الله.
• अल्लाह की नेमतों को याद दिलाकर एकेश्वरवाद के अक़ीदे को दिलों में मज़बूत करना।

• كل مضطر من مؤمن أو كافر فإن الله قد وعده بالإجابة إذا دعاه.
• हर व्याकुल व्यक्ति, चाहे मोमिन हो या काफ़िर, अल्लाह ने उसकी प्रार्थना को क़बूल करने का वादा किया है, यदि वह उससे प्रार्थना करता है।

اَمَّنْ یَّبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ وَمَنْ یَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ ؕ— ءَاِلٰهٌ مَّعَ اللّٰهِ ؕ— قُلْ هَاتُوْا بُرْهَانَكُمْ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
अथवा वह (बेहतर) है, जो गर्भ के अंदर चरण दर चरण सृष्टि की शुरुआत करता है, फिर उसे मृत्यु देने के बाद पुनः जीवित करेगा। और जो तुम्हें आकाश से उसकी ओर से उतरने वाली वर्षा के द्वारा जीविका प्रदान करता है, तथा तुम्हें धरती से उसमें पौधे उगाकर जीविका देता है? क्या कोई (अन्य) पूज्य है, जो अल्लाह के साथ यह सब करता है?! (ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : तुम जिस शिर्क पर क़ायम हो, उसपर अपने प्रमाण प्रस्तुत करो, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि तुम सत्य पर हो?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ لَّا یَعْلَمُ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ الْغَیْبَ اِلَّا اللّٰهُ ؕ— وَمَا یَشْعُرُوْنَ اَیَّانَ یُبْعَثُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप कह दें कि आकाशों में मौजूद फ़रिश्ते और धरती में मौजूद इनसान ग़ैब (परोक्ष) को नहीं जानते। बल्कि एकमात्र अल्लाह ही उसे जानता है। तथा अल्लाह के सिवा आकाशों एवं धरती में मौजूद सभी प्राणी यह नहीं जानते कि वे बदले के लिए कब पुनः जीवित किए जाएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
بَلِ ادّٰرَكَ عِلْمُهُمْ فِی الْاٰخِرَةِ ۫— بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ مِّنْهَا ۫— بَلْ هُمْ مِّنْهَا عَمُوْنَ ۟۠
अथवा क्या निरंतर उन्हें आख़िरत के बारे में ज्ञान होता रहा, तो वे इसके बारे में निश्चित हैं? नहीं! बल्कि वे आख़िरत के बारे में संदेह और विस्मय के शिकार हैं। बल्कि, उनकी अंतर्दृष्टि उससे अंधी हो गई है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقَالَ الَّذِیْنَ كَفَرُوْۤا ءَاِذَا كُنَّا تُرٰبًا وَّاٰبَآؤُنَاۤ اَىِٕنَّا لَمُخْرَجُوْنَ ۟
तथा काफ़िरों ने इनकार करते हुए कहा : क्या जब हम (और हमारे बाप-दादा) मर जाएँगे और मिट्टी बन जाएँगे, तो क्या यह संभव है कि हमें पुनः जीवित किया जाएगा?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
لَقَدْ وُعِدْنَا هٰذَا نَحْنُ وَاٰبَآؤُنَا مِنْ قَبْلُ ۙ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّاۤ اَسَاطِیْرُ الْاَوَّلِیْنَ ۟
निश्चय हमसे वादा किया गया है और इससे पहले हमारे बाप-दादा पिता से भी वादा किया गया था कि हम सभी को पुनर्जीवित किया जाएगा, लेकिन हमने उस वादे की पूर्ति नहीं देखी। हम सब से किया गया यह वादा पहले लोगों की झूठी कथाएँ हैं, जो उन्होंने अपनी पुस्तकों में लिख रखी हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ سِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَانْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप मरणोपरांत पुनः जीवित कर उठाए जाने का इनकार करने वालों से कह दें : धरती के किसी भी हिस्से में चलो-फिरो, फिर विचार करो कि पुनर्जीवन को झुठलाने वाले अपराधियों का परिणाम कैसा रहा? हमने इसका इनकार करने के कारण उन्हें नष्ट कर दिया।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَلَا تَحْزَنْ عَلَیْهِمْ وَلَا تَكُنْ فِیْ ضَیْقٍ مِّمَّا یَمْكُرُوْنَ ۟
इन मुश्रिकों के आपके बुलावे से मुँह फेरने के कारण आप शोक न करें, और उनकी साज़िशों से आपका दिल तंग न हो। क्योंकि अल्लाह उनके विरुद्ध आपकी सहायता करेगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
आपके समुदाय के मरणोपरांत पुनः जीवित कर उठाए जाने का इनकार करने वाले काफ़िर कहते हैं : तुम और ईमान वाले जिस यातना का हमसे वादा करते हो, वह कब आएगी, यदि तुम उसमें सच्चे हो, जिसका तुम दावा करते हो?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
قُلْ عَسٰۤی اَنْ یَّكُوْنَ رَدِفَ لَكُمْ بَعْضُ الَّذِیْ تَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : जिस यातना की तुम जल्दी मचा रहे हो, संभव है कि उसका कुछ हिस्सा तुम्हारे निकट आ गया हो।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَذُوْ فَضْلٍ عَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟
और निःसंदेह (ऐ रसूल!) आपका पालनहार लोगों पर अति दयावान है कि वह लोगों के कुफ़्र और पापों के बावजूद उन्हें यातना देने में जल्दी नहीं करता। लेकिन अधिकांश लोग अल्लाह की नेमतों का शुक्र अदा नहीं करते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِنَّ رَبَّكَ لَیَعْلَمُ مَا تُكِنُّ صُدُوْرُهُمْ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۟
और निःसंदेह आपका पालनहार जानता है जो उसके बंदों के दिल छिपाए हुए हैं तथा वे जो कुछ प्रकट करते हैं, उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है, और वह उन्हें इसके लिए प्रतिफल देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَا مِنْ غَآىِٕبَةٍ فِی السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ اِلَّا فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟
जो भी वस्तु आकाश में लोगों से ओझल है, या धरती में लोगों से ओझल है, वह एक स्पष्ट किताब अर्थात् लौह़े-महफ़ूज़ में लिखित रूप से मौजूद है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّ هٰذَا الْقُرْاٰنَ یَقُصُّ عَلٰی بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ اَكْثَرَ الَّذِیْ هُمْ فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर अवतरित होने वाला यह क़ुरआन बनी-इसराईल के सामने उन अधिकांश बातों का वर्णन करता है, जिनमें वे विभेद करते हैं तथा उनकी पथभ्रष्टता को उजागर करता है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• علم الغيب مما اختص به الله، فادعاؤه كفر.
• परोक्ष (ग़ैब) का ज्ञान अल्लाह के साथ विशिष्ट है, इसलिए इसको जानने का दावा करना कुफ़्र है।

• الاعتبار بالأمم السابقة من حيث مصيرها وأحوالها طريق النجاة.
• पिछली जातियों के परिणाम और उनके हालात से पाठ ग्रहण करना मोक्ष का मार्ग है।

• إحاطة علم الله بأعمال عباده.
• अल्लाह अपने बंदों के सभी कार्यों से सूचित है।

• تصحيح القرآن لانحرافات بني إسرائيل وتحريفهم لكتبهم.
• क़ुरआन बनी-इसराईल की गुमराहियों तथा उनके अपनी किताबों के विरूपण को सुधारता है।

وَاِنَّهٗ لَهُدًی وَّرَحْمَةٌ لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۟
और निःसंदेह यह (क़ुरआन) उन मोमिनों के लिए मार्गदर्शन और दया है जो इसकी शिक्षाओं पर अमल करने वाले हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّ رَبَّكَ یَقْضِیْ بَیْنَهُمْ بِحُكْمِهٖ ۚ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْعَلِیْمُ ۟ۚ
निश्चय (ऐ रसूल!) आपका रब क़ियामत के दिन लोगों के बीच अर्थात् उनके ईमान वालों और उनके काफ़िरों के बीच अपने न्याय से फ़ैसला करेगा। अतः वह मोमिन पर दया करेगा और काफ़िर को यातना देगा। तथा वही सब पर प्रभुत्वशाली है जो अपने दुश्मनों से बदला लेता है और उसे कोई पराजित नहीं कर सकता, वह सब कुछ जानने वाला है, उसपर सत्यनिष्ठ और असत्यता का पालन करने वाले गड्डमड्ड नहीं हो सकते।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
فَتَوَكَّلْ عَلَی اللّٰهِ ؕ— اِنَّكَ عَلَی الْحَقِّ الْمُبِیْنِ ۟
अतः आप अल्लाह पर भरोसा करें, तथा अपने सभी मामलों में उसी पर निर्भर रहें। निःसंदेह आप स्पष्ट सत्य पर हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّكَ لَا تُسْمِعُ الْمَوْتٰی وَلَا تُسْمِعُ الصُّمَّ الدُّعَآءَ اِذَا وَلَّوْا مُدْبِرِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप उन मरे हुए लोगों को नहीं सुना सकते, जिनके दिल अल्लाह के इनकार के कारण मर चुके हैं। तथा जिनके कानों को अल्लाह ने सत्य सुनने से बहरा कर दिया है, आप उन्हें (भी) वह बात नहीं सुना सकते, जिसकी ओर आप उन्हें बुला रहे हैं, जबकि वे आपसे मुँह फेरकर पलट जाएँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَاۤ اَنْتَ بِهٰدِی الْعُمْیِ عَنْ ضَلٰلَتِهِمْ ؕ— اِنْ تُسْمِعُ اِلَّا مَنْ یُّؤْمِنُ بِاٰیٰتِنَا فَهُمْ مُّسْلِمُوْنَ ۟
तथा आप उन्हें सत्य मार्ग नहीं दिखा सकते, जिनकी अंतर्दृष्टि सत्य से अंधी हो गई है। अतः आप उनके लिए शोक न करें और न अपने आप को थकाएँ। आप सत्य बात केवल उन्हीं को समझा सकते हैं, जो हमारी आयतों पर ईमान रखते हैं, सो वही अल्लाह के आदेशों का पालन करने वाले हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاِذَا وَقَعَ الْقَوْلُ عَلَیْهِمْ اَخْرَجْنَا لَهُمْ دَآبَّةً مِّنَ الْاَرْضِ تُكَلِّمُهُمْ ۙ— اَنَّ النَّاسَ كَانُوْا بِاٰیٰتِنَا لَا یُوْقِنُوْنَ ۟۠
जब उनके कुफ़्र एवं पापों पर अडिग रहने के कारण यातना उनपर साबित और आवश्यक हो जाएगी, तथा केवल बुरे लोग ही शेष रह जाएँगे, तो हम क़ियामत के निकट होने पर उनके लिए क़ियामत की बड़ी निशानियों में से एक निशानी निकालेंगे, और वह (निशानी) धरती का एक जानवर है, जो लोगों से इस तरह बात करेगा जो वे समझेंगे, कि लोग हमारे नबी पर उतरने वाली हमारी आयतों पर विश्वास नहीं करते थे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَوْمَ نَحْشُرُ مِنْ كُلِّ اُمَّةٍ فَوْجًا مِّمَّنْ یُّكَذِّبُ بِاٰیٰتِنَا فَهُمْ یُوْزَعُوْنَ ۟
तथा (ऐ रसूल!) उस दिन को याद कीजिए, जब हम प्रत्येक समुदाय से उनके प्रमुखों का एक समूह इकट्ठा करेंगे, उन लोगों में से जो हमारी आयतों को झुठलाया करते थे। उनमें से प्रथम व्यक्ति से लेकर अंतिम तक को प्रस्तुत किया जाएगा, फिर वे हिसाब-किताब की ओर हाँककर ले जाए जाएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
حَتّٰۤی اِذَا جَآءُوْ قَالَ اَكَذَّبْتُمْ بِاٰیٰتِیْ وَلَمْ تُحِیْطُوْا بِهَا عِلْمًا اَمَّاذَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
उनको हाँका जाता रहेगा, यहाँ तक कि जब वे अपने हिसाब-किताब के स्थान पर पहुँच जाएँगे, तो अल्लाह उनको फटकारते हुए कहेगा : क्या तुमने मेरी उन आयतों को झुठलाया था जो मेरे एकेश्वरवाद को दर्शाने वाली थीं और मेरी शरीयत को सम्मिलित थीं, जबकि तुम्हें उनके असत्य होने का पूर्ण ज्ञान नहीं था कि तुम्हारे लिए उनका झुठलाना उचित होता! या तुमने उनके साथ कौन-सा रवैया अपनाया था, पुष्टि करने का या झुठलाने का?!
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَوَقَعَ الْقَوْلُ عَلَیْهِمْ بِمَا ظَلَمُوْا فَهُمْ لَا یَنْطِقُوْنَ ۟
अल्लाह के इनकार तथा उसकी आयतों को झुठलाकर अत्याचार करने के कारण उनपर यातना आ पहुँचेगी। अतः वे अपने बचाव के संदर्भ में कोई बात नहीं कर सकेंगे, क्योंकि वे ऐसा करने में असमर्थ और उनके तर्क अमान्य होंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اَلَمْ یَرَوْا اَنَّا جَعَلْنَا الَّیْلَ لِیَسْكُنُوْا فِیْهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟
क्या मरणोपरांत पुनः जीवित किए जाने को झुठलाने वाले ये लोग नहीं देखते कि हमने रात बनाई, ताकि वे उसमें सोकर आराम कर सकें, तथा दिन को प्रकाशमान बनाया, ताकि उसमें देख सकें और अपने कामों के लिए निकल सकें। इस बार-बार होने वाली मृत्यु और उसके बाद जी उठने में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए स्पष्ट निशानियाँ हैं।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَیَوْمَ یُنْفَخُ فِی الصُّوْرِ فَفَزِعَ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ اِلَّا مَنْ شَآءَ اللّٰهُ ؕ— وَكُلٌّ اَتَوْهُ دٰخِرِیْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) याद करें उस दिन को, जब सूर फूँकने के कार्य पर नियुक्त फ़रिश्ता नरसिंघा में द्वितीय बार फूँकेगा, तो आकाशों एवं धरती में मौजूद सारी चीज़ें घबरा जाएँगी, सिवाय उसके जिसे अल्लाह ने अपनी कृपा से इस घबराहट से अलग कर दिया। उस दिन अल्लाह के सभी प्राणी उसके पास आज्ञाकारी एवं हीन होकर आएँगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَتَرَی الْجِبَالَ تَحْسَبُهَا جَامِدَةً وَّهِیَ تَمُرُّ مَرَّ السَّحَابِ ؕ— صُنْعَ اللّٰهِ الَّذِیْۤ اَتْقَنَ كُلَّ شَیْءٍ ؕ— اِنَّهٗ خَبِیْرٌ بِمَا تَفْعَلُوْنَ ۟
उस दिन तुम पहाड़ों को देखकर सोचोगे कि वे स्थिर हैं, हिल नहीं रहे हैं, जबकि वास्तव में वे बादलों की तरह तेज गति से चल रहे होंगे। यह अल्लाह की कारीगरी है, अतः वही है जो उन्हें चला रहा है। निःसंदेह वह भली-भाँति जानता है जो कुछ तुम करते हो, तुम्हारे कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है, और वह शीघ्र ही तुम्हें उनका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• أهمية التوكل على الله.
• अल्लाह पर भरोसा करने का महत्त्व।

• تزكية النبي صلى الله عليه وسلم بأنه على الحق الواضح.
• नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के प्रति यह सफ़ाई कि आप स्पष्ट सत्य पर हैं।

• هداية التوفيق بيد الله، وليست بيد الرسول صلى الله عليه وسلم.
• सुपथ पर चलने का सामर्थ्य प्रदान करना अल्लाह के हाथ में है, रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के हाथ में नहीं है।

• دلالة النوم على الموت، والاستيقاظ على البعث.
• 'नींद', मौत को तथा जागना, "मौत के बाद पुनः जीवित कर उठाए जाने" को दर्शाता है।

مَنْ جَآءَ بِالْحَسَنَةِ فَلَهٗ خَیْرٌ مِّنْهَا ۚ— وَهُمْ مِّنْ فَزَعٍ یَّوْمَىِٕذٍ اٰمِنُوْنَ ۟
जो कोई क़ियामत के दिन ईमान और नेक कामों के साथ आएगा, उसके लिए जन्नत होगी, और वे अल्लाह के उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के कारण क़ियामत के दिन की घबराहट से सुरक्षित होंगे।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَمَنْ جَآءَ بِالسَّیِّئَةِ فَكُبَّتْ وُجُوْهُهُمْ فِی النَّارِ ؕ— هَلْ تُجْزَوْنَ اِلَّا مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
परंतु जो कुफ़्र और पाप के साथ आएगा, तो उनके लिए नरक है जिसमें उन्हें उनके चेहरों के बल डाला जाएगा, तथा उनसे उन्हें डाँटते और अपमानित करते हुए कहा जाएगा : क्या तुम्हें उसके सिवा किसी और चीज़ का बदला दिया जाएगा, जो तुम दुनिया में कुफ़्र और पाप किया करते थे?
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
اِنَّمَاۤ اُمِرْتُ اَنْ اَعْبُدَ رَبَّ هٰذِهِ الْبَلْدَةِ الَّذِیْ حَرَّمَهَا وَلَهٗ كُلُّ شَیْءٍ ؗ— وَّاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आप उनसे कह दें : मुझे तो केवल यही आदेश दिया गया है कि मैं मक्का (नगर) के पालनहार की उपासना करूँ, जिसने इसे प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्रदान किया है। अतः इसमें रक्त नहीं बहाया जाएगा, इसमें किसी पर अत्याचार नहीं किया जाएगा, इसके शिकार को नहीं मारा जाएगा और यहाँ के पेड़ों को नहीं काटा जाएगा। वही पवित्र अल्लाह हर वस्तु का मालिक है। तथा मुझे आदेश दिया गया है कि मैं अल्लाह के आगे समर्पण करने वालों, उसके आज्ञाकारियों में से हो जाऊँ।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَاَنْ اَتْلُوَا الْقُرْاٰنَ ۚ— فَمَنِ اهْتَدٰی فَاِنَّمَا یَهْتَدِیْ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ ضَلَّ فَقُلْ اِنَّمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُنْذِرِیْنَ ۟
तथा मुझे आदेश दिया गया है कि मैं लोगों को क़ुरआन पढ़कर सुनाऊँ। फिर जो इससे मार्गदर्शन प्राप्त करे तथा इसमें जो कुछ है उसके अनुसार काम करे, तो उसके मार्गदर्शन प्राप्त करने का लाभ स्वंय उसी को होगा। परंतु जो उससे भटककर गुमराह हो जाए और उसका इनकार कर दे तथा उसमें जो कुछ है उसके अनुसार कार्य न करे, तो आप कह दें : मैं तो केवल चेतावनी देने वालों में से हूँ, मैं तुम्हें अल्लाह की यातना के बारे में चेतावनी देता हूँ, और तुम्हें सीधे रास्ते पर चलाना मेरे हाथ में नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
وَقُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ سَیُرِیْكُمْ اٰیٰتِهٖ فَتَعْرِفُوْنَهَا ؕ— وَمَا رَبُّكَ بِغَافِلٍ عَمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟۠
और (ऐ रसूल!) आप कह दें : अल्लाह की अनगिनत नेमतों के लिए हर प्रकार की प्रशंसा उसी के लिए है। शीघ्र ही अल्लाह तुम्हें स्वंय तुम्हारे अंदर, तथा आकाश एवं धरती और जीविका में अपनी निशानियाँ दिखाएगा। तो तुम उन्हें ऐसे पहचान लोगे कि वह तुम्हें सच्चाई को मानने के लिए मार्गदर्शन करेगा। तथा तुम्हारा पालनहार उससे बेख़बर नहीं है जो कुछ तुम करते हो, बल्कि वह उससे अवगत है। उससे कुछ भी छिपा नहीं है और शीघ्र ही वह तुम्हें उसका बदला देगा।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الإيمان والعمل الصالح سببا النجاة من الفزع يوم القيامة.
• ईमान तथा सत्कर्म क़ियामत के दिन भय से मुक्ति का साधन हैं।

• الكفر والعصيان سبب في دخول النار.
• कुफ़्र एवं अवज्ञा नरक की आग में प्रवेश करने का कारण है।

• تحريم القتل والظلم والصيد في الحرم.
• 'ह़रम' की सीमाओं के अंदर क़त्ल, अत्याचार और शिकार करना ह़राम है।

• النصر والتمكين عاقبة المؤمنين.
• ईमान वालों को अंततः विजय और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

 
অৰ্থানুবাদ ছুৰা: ছুৰা আন-নামল
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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