আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (92) ছুৰা: ছুৰা আন-নামল
وَاَنْ اَتْلُوَا الْقُرْاٰنَ ۚ— فَمَنِ اهْتَدٰی فَاِنَّمَا یَهْتَدِیْ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ ضَلَّ فَقُلْ اِنَّمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُنْذِرِیْنَ ۟
तथा मुझे आदेश दिया गया है कि मैं लोगों को क़ुरआन पढ़कर सुनाऊँ। फिर जो इससे मार्गदर्शन प्राप्त करे तथा इसमें जो कुछ है उसके अनुसार काम करे, तो उसके मार्गदर्शन प्राप्त करने का लाभ स्वंय उसी को होगा। परंतु जो उससे भटककर गुमराह हो जाए और उसका इनकार कर दे तथा उसमें जो कुछ है उसके अनुसार कार्य न करे, तो आप कह दें : मैं तो केवल चेतावनी देने वालों में से हूँ, मैं तुम्हें अल्लाह की यातना के बारे में चेतावनी देता हूँ, और तुम्हें सीधे रास्ते पर चलाना मेरे हाथ में नहीं है।
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
এই পৃষ্ঠাৰ আয়াতসমূহৰ পৰা সংগৃহীত কিছুমান উপকাৰী তথ্য:
• الإيمان والعمل الصالح سببا النجاة من الفزع يوم القيامة.
• ईमान तथा सत्कर्म क़ियामत के दिन भय से मुक्ति का साधन हैं।

• الكفر والعصيان سبب في دخول النار.
• कुफ़्र एवं अवज्ञा नरक की आग में प्रवेश करने का कारण है।

• تحريم القتل والظلم والصيد في الحرم.
• 'ह़रम' की सीमाओं के अंदर क़त्ल, अत्याचार और शिकार करना ह़राम है।

• النصر والتمكين عاقبة المؤمنين.
• ईमान वालों को अंततः विजय और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (92) ছুৰা: ছুৰা আন-নামল
ছুৰাৰ তালিকা পৃষ্ঠা নং
 
আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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