আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ * - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ


অৰ্থানুবাদ আয়াত: (26) ছুৰা: ছুৰা আন-নাজম
وَكَمْ مِّنْ مَّلَكٍ فِی السَّمٰوٰتِ لَا تُغْنِیْ شَفَاعَتُهُمْ شَیْـًٔا اِلَّا مِنْ بَعْدِ اَنْ یَّاْذَنَ اللّٰهُ لِمَنْ یَّشَآءُ وَیَرْضٰی ۟
२६. आणखी कितीतरी फरिश्ते आकाशांमध्ये आहेत, ज्यांची शिफारस काहीच उपयोगी पडू शकत नाही, मात्र ही गोष्ट वेगळी की अल्लाह आपल्या इच्छेने व आपल्या खुशीने ज्याला इच्छिल आज्ञा (अनुमती) देईल.१
(१) अर्थात फरिश्ते, जी अल्लाहच्या निकटची सृष्टी (निर्मिती) आहे, त्यांना देखील शिफारस करण्याचा अधिकार फक्त त्याच लोकांसाठी असेल, ज्यांच्यासाठी अल्लाह पसंत करील. जेव्हा ही वस्तुस्थिती आहे, तेव्हा मग या दगडाच्या मूर्त्या कशा प्रकारे शिफारस करू शकतील, ज्याच्याशी तुम्ही आस बाळगून बसला आहात? तसेच अल्लाह अनेक ईश्वरांच्या उपासकांसाठी, एखाद्याला शिफारस करण्याचा अधिकार देईल तरी कसा? वस्तुतः शिर्क (अल्लाहसोबत इतरांनाही उपास्य ठरविणे) त्याच्या ठायी माफ होणार नाही. कारण हा गुन्हा अगदी अक्षम्य आहे.
আৰবী তাফছীৰসমূহ:
 
অৰ্থানুবাদ আয়াত: (26) ছুৰা: ছুৰা আন-নাজম
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আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ - মাৰাঠী অনুবাদ - অনুবাদসমূহৰ সূচীপত্ৰ

মাৰাঠী ভাষাত আল-কোৰআনুল কাৰীমৰ অৰ্থানুবাদ। অনুবাদ কৰিছে মুহাম্মদ শ্বফী আনচাৰী চাহাবে। প্ৰকাশ কৰিছে আল-বিৰ ফাউণ্ডেচন মুম্বাই।

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