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কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - কুরআনুল কারীমের সংক্ষিপ্ত তাফসীরের হিন্দি ভাষায় অনুবাদ * - অনুবাদসমূহের সূচী


অর্থসমূহের অনুবাদ সূরা: আন-নাহল   আয়াত:
ثُمَّ اِنَّ رَبَّكَ لِلَّذِیْنَ عَمِلُوا السُّوْٓءَ بِجَهَالَةٍ ثُمَّ تَابُوْا مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ وَاَصْلَحُوْۤا اِنَّ رَبَّكَ مِنْ بَعْدِهَا لَغَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
फिर (ऐ रसूल!) आपका पालनहार उन लोगों के लिए जिन्होंने बुरे कर्म किए उनके परिणामों से अनभिज्ञ होने के कारण, भले ही वे जानबूझकर किए हों, फिर उन्होंने बुरे कार्य करने के बाद अल्लाह के समक्ष तौबा कर ली और अपने उन कार्यों का सुधार कर लिया जिनमें खराबी थी, तो आपका पालनहार तौबा कर लेने के बाद उनके गुनाहों को माफ़ करने वाला, उन पर दया करने वाला है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّ اِبْرٰهِیْمَ كَانَ اُمَّةً قَانِتًا لِّلّٰهِ حَنِیْفًا ؕ— وَلَمْ یَكُ مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟ۙ
निःसंदेह इबराहीम अलैहिस्सलाम सभी अच्छे गुणों से सुसज्जित, सदैव अपने पालनहार का आज्ञापालन करने वाले और सभी धर्मों से विमुख होकर इस्लाम की ओेर आकृष्ट थे। तथा वह कभी भी शिर्क करने वालों में से नहीं थे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
شَاكِرًا لِّاَنْعُمِهٖ ؕ— اِجْتَبٰىهُ وَهَدٰىهُ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
वह अल्लाह की ओर से प्राप्त होने वाली नेमतों के प्रति आभार प्रकट करने वाले थे। अल्लाह ने उन्हें नुबुव्वत (ईशदूतत्व) के लिए चुन लिया था और सीधे धर्म इस्लाम की ओर उनका मार्गदर्शन किया था।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَاٰتَیْنٰهُ فِی الدُّنْیَا حَسَنَةً ؕ— وَاِنَّهٗ فِی الْاٰخِرَةِ لَمِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟ؕ
और हमने उन्हें दुनिया में नबी बनाया, तथा अच्छी प्रशंसा और नेक संतान प्रदान की। और वह आख़िरत में निश्चित रूप से उन सदाचारियों में से हैं, जिनके लिए अल्लाह ने जन्नत के ऊँचे दर्जे तैयार कर रखे हैं।
আরবি তাফসীরসমূহ:
ثُمَّ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ اَنِ اتَّبِعْ مِلَّةَ اِبْرٰهِیْمَ حَنِیْفًا ؕ— وَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟
फिर (ऐ रसूल!) हमने आपकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की कि तौहीद, मुश्रिकों से अलग होने, अल्लाह की ओर बुलाने और उसकी शरीयत पर अमल करने के मामले में, इबराहीम अलैहिस्सलाम के तरीक़े का अनुसरण करें, जो समस्त धर्मों से विमुख होकर इस्लाम धर्म की ओर एकाग्र थे, तथा वह कभी भी मुश्रिकों में से नहीं थे जैसाकि मुश्रिकों का दावा है, बल्कि वह एक अल्लाह की इबादत करने वाले थे।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّمَا جُعِلَ السَّبْتُ عَلَی الَّذِیْنَ اخْتَلَفُوْا فِیْهِ ؕ— وَاِنَّ رَبَّكَ لَیَحْكُمُ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
शनिवार के दिन का सम्मान करना तो केवल उन्हीं यहूदियों पर फ़र्ज़ किया गया था, जिन्होंने उसके बारे में मतभेद किया था। ताकि वे उस दिन अपने सारे कार्यों को छोड़कर इबादत में व्यस्त रहें, जबकि वे जुमे के दिन से भटक गए थे, जिसमें उन्हें सारे कार्य छोड़ इबादत का आदेश दिया गया था। और (ऐ रसूल!) निश्चय ही आपका पालनहार इन मतभेद करने वालों के बीच क़ियामत के दिन उस विषय में निर्णय कर देगा, जिसमें वे मतभेद किया करते थे, फिर हर एक को वह बदला देगा, जिसका वह हक़दार होगा।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اُدْعُ اِلٰی سَبِیْلِ رَبِّكَ بِالْحِكْمَةِ وَالْمَوْعِظَةِ الْحَسَنَةِ وَجَادِلْهُمْ بِالَّتِیْ هِیَ اَحْسَنُ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِمَنْ ضَلَّ عَنْ سَبِیْلِهٖ وَهُوَ اَعْلَمُ بِالْمُهْتَدِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप और आपके मानने वाले मोमिन, आमंत्रित व्यक्ति की दशा, उसकी समझ और उसकी अधीनता (आज्ञाकारिता) की अपेक्षाओं के अनुसार, तथा प्रोत्साहन और धमकी पर आधारित सदुपदेश के साथ इस्लाम के धर्म की ओर बुलाएँ। और उनसे ऐसे तरीक़े से बहस करें, जो कथन, विचार एवं संस्कार के रूप से सबसे अच्छा है। क्योंकि आपका काम लोगों को मार्गदर्शन प्रदान करना नहीं, बल्कि आपका काम केवल उन्हें संदेश पहुँचाना है। निःसंदेह आपका रब उसे सबसे अधिक जानता है, जो इस्लाम के धर्म से भटक गया, और वह उन लोगों को भी सबसे अधिक जानता है, जो उसके मार्ग पर चलने वाले हैं। इसलिए आप उन पर बिल्कुल ही न पछताएँ।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَاِنْ عَاقَبْتُمْ فَعَاقِبُوْا بِمِثْلِ مَا عُوْقِبْتُمْ بِهٖ ؕ— وَلَىِٕنْ صَبَرْتُمْ لَهُوَ خَیْرٌ لِّلصّٰبِرِیْنَ ۟
और यदि तुम अपने दुश्मन से बदला लेना चाहो, तो उसे उतनी ही सज़ा दो जितना तुम्हें कष्ट पहुँचाया गया है, उससे अधिक नहीं। और अगर बदला लेने की शक्ति के बावजूद तुम उसे सज़ा देने के बजाय सब्र से काम लो, तो ऐसा करना तुममें से सब्र करने वालों के लिए, उन्हें सज़ा देकर बदला लेने से बेहतर है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
وَاصْبِرْ وَمَا صَبْرُكَ اِلَّا بِاللّٰهِ وَلَا تَحْزَنْ عَلَیْهِمْ وَلَا تَكُ فِیْ ضَیْقٍ مِّمَّا یَمْكُرُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) आप उनकी ओर से पहुँचने वाले कष्ट पर सब्र करें। और आपको सब्र की तौफ़ीक़ केवल अल्लाह के तौफ़ीक़ प्रदान करने से मिलती है। और आप काफ़िरों के आपसे उपेक्षा करने से दुखी न हों और उनके छल और चाल से आपका दिल तंग न हो।
আরবি তাফসীরসমূহ:
اِنَّ اللّٰهَ مَعَ الَّذِیْنَ اتَّقَوْا وَّالَّذِیْنَ هُمْ مُّحْسِنُوْنَ ۟۠
निःसंदेह अल्लाह उन लोगों के साथ है, जो गुनाहों से बचकर अल्लाह से डरते हैं और जो नेकियाँ करके और आदेशों का पालनकर उत्तमकार हैं। अतः वह विजय और समर्थन के साथ उनके साथ है।
আরবি তাফসীরসমূহ:
এই পৃষ্ঠার আয়াতগুলোর কতক ফায়দা:
• اقتضت رحمة الله أن يقبل توبة عباده الذين يعملون السوء من الكفر والمعاصي، ثم يتوبون ويصلحون أعمالهم، فيغفر الله لهم.
• यह अल्लाह की दया की अपेक्षा है कि वह अपने उन बंदों की तौबा स्वीकार कर लेता है, जो कुफ़्र और पाप करते हैं, फिर तौबा करते हैं और अपने कर्मों का सुधार कर लेते हैं, तो अल्लाह उन्हें क्षमा कर देता है।

• يحسن بالمسلم أن يتخذ إبراهيم عليه السلام قدوة له.
• एक मुसलमान को चाहिए कि इबराहीम अलैहिस्सलाम को अपना आदर्श बनाए।

• على الدعاة إلى دين الله اتباع هذه الطرق الثلاث: الحكمة، والموعظة الحسنة، والمجادلة بالتي هي أحسن.
• अल्लाह के धर्म की ओर बुलाने वालों को चाहिए कि वे इन तीन तरीक़ो का पालन करें : हिकमत, अच्छी नसीहत और अच्छे तरीक़ से बहस करना।

• العقاب يكون بالمِثْل دون زيادة، فالمظلوم منهي عن الزيادة في عقوبة الظالم.
• सज़ा जुर्म के बराबर होनी चाहिए, उससे ज़्यादा नहीं। इसलिए मज़लूम को ज़ालिम की सज़ा में वृद्धि करने से रोका गया है।

 
অর্থসমূহের অনুবাদ সূরা: আন-নাহল
সূরাসমূহের সূচী পৃষ্ঠার নাম্বার
 
কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - কুরআনুল কারীমের সংক্ষিপ্ত তাফসীরের হিন্দি ভাষায় অনুবাদ - অনুবাদসমূহের সূচী

মারকাযু তাফসীর লিদ-দিরাসাতিল কুরআনিয়্যাহ থেকে প্রকাশিত।

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