কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - অনুবাদসমূহের সূচী


অর্থসমূহের অনুবাদ আয়াত: (45) সূরা: সূরা আল-আনআম
فَقُطِعَ دَابِرُ الْقَوْمِ الَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ؕ— وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟
काफिरों का पूरी तरह से सर्वनाश करके उनकी जड़ काट दी गई, और अल्लाह के रसूलों को विजय प्राप्त हुआ। और हर प्रकार का आभार और प्रशंसा अकेले अल्लाह के लिए है, जो सारे संसारों का रब है कि उसने अपने शत्रुओं का नाश किया और अपने दोस्तों की सहायता की।
আরবি তাফসীরসমূহ:
এই পৃষ্ঠার আয়াতগুলোর কতক ফায়দা:
• الأنبياء بشر، ليس لهم من خصائص الربوبية شيء البتة، ومهمَّتهم التبليغ، فهم لا يملكون تصرفًا في الكون، فلا يعلمون الغيب، ولا يملكون خزائن رزق ونحو ذلك.
• संदेष्टा मनुष्य होते हैं। उनके पास ईश्वरत्व की कोई विशेषता बिल्कुल नहीं होती। उनका मिशन केवल अल्लाह का संदेश पहुँचाना होता है। उनका ब्रह्मांड पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। चुनाँचे वे ग़ैब (अदृश्य) को नहीं जानते और न ही वे रोज़ी के खज़ानों आदि के मालिक होते हैं।

• اهتمام الداعية بأتباعه وخاصة أولئك الضعفاء الذين لا يبتغون سوى الحق، فعليه أن يقرِّبهم، ولا يقبل أن يبعدهم إرضاء للكفار.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले को चाहिए कि अपने अनुयायियों का ख़याल रखे, खासकर उन कमज़ोर लोगों का जो केवल सत्य की इच्छा रखते हैं। इसलिए उसे चाहिए कि उन्हें अपने क़रीब लाए, और काफ़िरों को खुश करने के लिए उन्हें दूर रखना स्वीकार न करे।

• إشارة الآية إلى أهمية العبادات التي تقع أول النهار وآخره.
• इस आयत में दिन की शुरुआत और उसके अंत में होने वाली इबादतों के महत्व की ओर संकेत है।

 
অর্থসমূহের অনুবাদ আয়াত: (45) সূরা: সূরা আল-আনআম
সূরাসমূহের সূচী পৃষ্ঠার নাম্বার
 
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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