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কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - মারাঠি ভাষায় অনুবাদ - মুহাম্মদ শফী আনসারী * - অনুবাদসমূহের সূচী


অর্থসমূহের অনুবাদ আয়াত: (185) সূরা: আলে ইমরান
كُلُّ نَفْسٍ ذَآىِٕقَةُ الْمَوْتِ ؕ— وَاِنَّمَا تُوَفَّوْنَ اُجُوْرَكُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— فَمَنْ زُحْزِحَ عَنِ النَّارِ وَاُدْخِلَ الْجَنَّةَ فَقَدْ فَازَ ؕ— وَمَا الْحَیٰوةُ الدُّنْیَاۤ اِلَّا مَتَاعُ الْغُرُوْرِ ۟
१८५. प्रत्येक जीवाला मृत्युचा स्वाद चाखावा लागणारच आहे, आणि कयामतच्या दिवशी तुम्हाला आपला मोबदला पुरेपूर दिला जाईल. परंतु जो मनुष्य आगीपासून दूर हटविला गेला आणि जन्नतमध्ये दाखल केला गेला, निःसंशय, तो सफल झाला आणि या जगाचे जीवन केवळ धोक्याची सामुग्री आहे.१
(१) या आयतीत एक अटळ सत्य सांगितले आहे की मृत्युला कोणीही टाळू शकत नाही, दुसरे असे की या जगात ज्याने देखील चांगले-वाईट कर्म केले त्याला त्याचा पुरेपूर मोबदला दिला जाईल, तिसरे म्हणजे सफलतेची सीमा सांगितली गेली आहे की खऱ्या अर्थाने सफल तो आहे, ज्याने या जगात राहून आपल्या पालनकर्त्याला प्रसन्न केले, चौथे हे की हे ऐहिक जीवन केवळ धोक्याची सामुग्री आहे. एक मृगजळ आहे, जो याच्या मोहपाशातून स्वतःला वाचवून निघाला तो भाग्यवान आहे आणि जो त्यात अडकला तो असफल आणि दुर्दैवी आहे.
আরবি তাফসীরসমূহ:
 
অর্থসমূহের অনুবাদ আয়াত: (185) সূরা: আলে ইমরান
সূরাসমূহের সূচী পৃষ্ঠার নাম্বার
 
কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - মারাঠি ভাষায় অনুবাদ - মুহাম্মদ শফী আনসারী - অনুবাদসমূহের সূচী

মুহাম্মাদ শফী আনসারী অনূদিত।

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