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কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - মারাঠি ভাষায় অনুবাদ - মুহাম্মদ শফী আনসারী * - অনুবাদসমূহের সূচী


অর্থসমূহের অনুবাদ আয়াত: (48) সূরা: আন-নিসা
اِنَّ اللّٰهَ لَا یَغْفِرُ اَنْ یُّشْرَكَ بِهٖ وَیَغْفِرُ مَا دُوْنَ ذٰلِكَ لِمَنْ یَّشَآءُ ۚ— وَمَنْ یُّشْرِكْ بِاللّٰهِ فَقَدِ افْتَرٰۤی اِثْمًا عَظِیْمًا ۟
४८. निःसंशय, अल्लाह आपल्यासह कोणाला सहभागी केले जाणे माफ करत नाही आणि याच्याखेरीज ज्याला इच्छिल माफ करील १ आणि जो अल्लाहसोबत दुसऱ्याला सहभागी करील तर त्याने अल्लाहवर फार मोठे असत्य रचले. २
(१) अर्थात असे अपराध की ज्यांची माफी मागितल्याविना ईमानधारकांनी मरण पावावे, तेव्हा अल्लाहने इच्छिल्यास एखाद्याला शिक्षा-यातना न देता माफ करील, परंतु बहुतेकांना शिक्षा दिल्यानंतर आणि बहुतेकांना पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम यांच्या शिफारसीवर माफ करील, परंतु शिर्क (अल्लाहसह कोणाला सहभागी ठरविणे) कदापि माफ करणार नाही, कारण अनेकेश्ववाद्यांवर अल्लाहने जन्नतला हराम केले आहे. (२) अन्य एका ठिकाणी फर्माविले ‘1शिर्क फार मोठा अत्याचार आहे’ (लुकमान) हदीस वचनातही याला फार मोठे अपराध असल्याचे सांगितले गेले आहे.
আরবি তাফসীরসমূহ:
 
অর্থসমূহের অনুবাদ আয়াত: (48) সূরা: আন-নিসা
সূরাসমূহের সূচী পৃষ্ঠার নাম্বার
 
কুরআনুল কারীমের অর্থসমূহের অনুবাদ - মারাঠি ভাষায় অনুবাদ - মুহাম্মদ শফী আনসারী - অনুবাদসমূহের সূচী

মুহাম্মাদ শফী আনসারী অনূদিত।

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