Prijevod značenja časnog Kur'ana - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Sadržaj prijevodā


Prijevod značenja Ajet: (53) Sura: Sura Junus
وَیَسْتَنْۢبِـُٔوْنَكَ اَحَقٌّ هُوَ ؔؕ— قُلْ اِیْ وَرَبِّیْۤ اِنَّهٗ لَحَقٌّ ؔؕ— وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ ۟۠
और (ऐ रसूल!) बहुदेववादी लोग आपसे पूछते हैं : क्या यह यातना, जिसका हमसे वादा किया गया है, सत्य है? आप उनसे कह दें : हाँ, (अल्लाह की क़सम!) निश्चय यह बिल्कुल सत्य है और तुम उससे बच नहीं सकते हो।
Tefsiri na arapskom jeziku:
Poruke i pouke ajeta na ovoj stranici:
• الإنسان هو الذي يورد نفسه موارد الهلاك، فالله مُنَزَّه عن الظلم.
• मनुष्य स्वयं ही अपने आपको विनाश की जगहों में लाता है, क्योंकि अल्लाह अत्याचार से परे है।

• مهمة الرسول هي التبليغ للمرسل إليهم، والله يتولى حسابهم وعقابهم بحكمته، فقد يعجله في حياة الرسول أو يؤخره بعد وفاته.
• रसूल का कार्य उन लोगों को अल्लाह का संदेश पहुँचा देना है, जिनकी ओर उसे भेजा गया है, जबकि अल्लाह उनके हिसाब का प्रभार लेता है और अपनी हिकमत के अनुसार उन्हें दंडित करता है। चुनाँचे कभी रसूल के जीवनकाल ही में दंडित कर देता है और कभी उसकी मृत्यु के बाद विलंबित कर देता है।

• النفع والضر بيد الله عز وجل، فلا أحد من الخلق يملك لنفسه أو لغيره ضرًّا ولا نفعًا.
• लाभ और हानि सर्वशक्तिमान अल्लाह के हाथ में है। अतः सृष्टि में से कोई भी अपने लिए या दूसरों के लिए हानि या लाभ का अधिकार नहीं रखता।

• لا ينفع الإيمان صاحبه عند معاينة الموت.
•मृत्यु को देखकर ईमान लाने से इनसान को कोई फ़ायदा नहीं होगा।

 
Prijevod značenja Ajet: (53) Sura: Sura Junus
Indeks sura Broj stranice
 
Prijevod značenja časnog Kur'ana - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Sadržaj prijevodā

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

Zatvaranje