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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Luqmān   Ayah:
اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ یُوْلِجُ الَّیْلَ فِی النَّهَارِ وَیُوْلِجُ النَّهَارَ فِی الَّیْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ؗ— كُلٌّ یَّجْرِیْۤ اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی وَّاَنَّ اللّٰهَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟
क्या तुमने नहीं देखा कि अल्लाह दिन को बढ़ाने के लिए रात को कम करता है, और दिन से घटाकर रात को बढ़ाता है, तथा उसने सूर्य और चंद्रमा के मार्ग निर्धारित कर दिए; क्योंकि प्रत्येक एक निर्दिष्ट अवधि तक अपनी कक्षा में आगे बढ़ता है। और यह कि अल्लाह तुम्हारे कर्मों से पूरी तरह सूचित है, उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّ مَا یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الْبَاطِلُ ۙ— وَاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْعَلِیُّ الْكَبِیْرُ ۟۠
यह प्रबंधन और तक़दीर इस बात की गवाही देती है कि अकेला अल्लाह ही सत्य है। चुनाँचे वह अपने अस्तित्व और अपने गुणों और कार्यों में सत्य है।और उसे छोड़कर मुश्रिक लोग जिसे पूजते हैं, वह असत्य है, उसका कोई आधार नहीं है। और यह कि अल्लाह अपने अस्तित्व, अपनी प्रबलता और शक्ति के साथ अपने समस्त प्राणियों पर सर्वोच्च है, जिससे ऊँचा कोई नहीं, जो हर चीज़ से बड़ा है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَلَمْ تَرَ اَنَّ الْفُلْكَ تَجْرِیْ فِی الْبَحْرِ بِنِعْمَتِ اللّٰهِ لِیُرِیَكُمْ مِّنْ اٰیٰتِهٖ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ۟
क्या तुमने नहीं देखा कि समुद्र में नावें अल्लाह की दया और उसके वशीभूत करने से चलती हैं, ताकि वह (ऐ लोगो!) तुम्हें अपनी शक्ति और दया को दर्शाने वाली निशानियाँ दिखाए। निःसंदेह इसमें हर उस व्यक्ति के लिए अल्लाह की शक्ति की निशानियाँ हैं, जो विपत्तियों से ग्रस्त होने पर बहुत धैर्य रखने वाला, नेमतों के प्राप्त होने पर बहुत आभार प्रकट करने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا غَشِیَهُمْ مَّوْجٌ كَالظُّلَلِ دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ۚ۬— فَلَمَّا نَجّٰىهُمْ اِلَی الْبَرِّ فَمِنْهُمْ مُّقْتَصِدٌ ؕ— وَمَا یَجْحَدُ بِاٰیٰتِنَاۤ اِلَّا كُلُّ خَتَّارٍ كَفُوْرٍ ۟
जब उन्हें हर तरफ से पहाड़ों और बादलों की तरह लहरें घेर लेती हैं, तो वे अकेले अल्लाह ही को पुकारते हैं, इस हाल में कि दुआ और इबादत को उसी के लिए विशुद्ध करने वाले होते हैं। फिर जब अल्लाह उनकी दुआ स्वीकार कर लेता है और उन्हें बचाकर थल तक पहुँचा देता है और डूबने से सुरक्षित रखता है, तो उनमें से कुछ लोग मध्यम-मार्ग वाले होते हैं, जो आवश्यक आभार को आदर्श तरीक़े से पूरा नहीं करते हैं। और उनमें से कुछ लोग अल्लाह की नेमत का इनकार करने वाले होते हैं। और हमारी आयतों का इनकार वही करता है, जो बड़ा विश्वासघाती है (जैसे कि यह व्यक्ति है जिसने अल्लाह से वादा किया था कि यदि उसे बचा लिया, तो वह अवश्य उसका शुक्रिया अदा करने वालों में से हो जाएगा), तथा जो अल्लाह की नेमतों के प्रति बड़ा कृतघ्न है, वह अपने उस पालनहार का आभारी नहीं होता है, जिसने उनके साथ उसपर अनुग्रह किया है।
Arabic explanations of the Qur’an:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اتَّقُوْا رَبَّكُمْ وَاخْشَوْا یَوْمًا لَّا یَجْزِیْ وَالِدٌ عَنْ وَّلَدِهٖ ؗ— وَلَا مَوْلُوْدٌ هُوَ جَازٍ عَنْ وَّالِدِهٖ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ فَلَا تَغُرَّنَّكُمُ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا ۥ— وَلَا یَغُرَّنَّكُمْ بِاللّٰهِ الْغَرُوْرُ ۟
ऐ लोगो! अपने रब से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर, डरो, और उस दिन की यातना से डरो, जिस दिन पिता न अपनी संतान के कुछ काम आएगा और न संतान अपने पिता के कुछ काम आएगी। निश्चय अल्लाह का क़ियामत के दिन बदला देने का वादा पक्का है और अपरिहार्य रूप से घटित होने वाला है। अतः दुनिया का जीवन और उसकी वासनाएँ और विचलित करने वाली चीज़ें तुम्हें धोखे में न डालें, तथा अल्लाह के तुम्हारे प्रति सहनशीलता से काम लेने और तुमसे यातना को विलंबित करने के कारण शैतान तुम्हें धोखा न देने पाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ اللّٰهَ عِنْدَهٗ عِلْمُ السَّاعَةِ ۚ— وَیُنَزِّلُ الْغَیْثَ ۚ— وَیَعْلَمُ مَا فِی الْاَرْحَامِ ؕ— وَمَا تَدْرِیْ نَفْسٌ مَّاذَا تَكْسِبُ غَدًا ؕ— وَمَا تَدْرِیْ نَفْسٌ بِاَیِّ اَرْضٍ تَمُوْتُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌ خَبِیْرٌ ۟۠
निःसंदेह अकेले अल्लाह ही के पास क़ियामत का ज्ञान है; चुनाँचे वह जानता है कि वह कब आएगी। तथा वह जब चाहे बारिश बरसाता है। और वह जानता है कि गर्भाशयों में क्या है, क्या वह नर है या मादा?! सौभाग्यशाली है या दुर्भाग्यशाली?! तथा कोई प्राणी नहीं जानता कि वह कल अच्छा या बुरा क्या करेगा, और न कोई प्राणी यह जानता है कि किस धरती में उसकी मौत आएगी। बल्कि यह सब केवल अल्लाह ही जानता है। निःसंदेह अल्लाह इन सभी बातों को जानने वाला और इनकी खबर रखने वाला है। इनमें से कोई भी चीज़ उससे छिपी नहीं है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• نقص الليل والنهار وزيادتهما وتسخير الشمس والقمر: آيات دالة على قدرة الله سبحانه، ونعمٌ تستحق الشكر.
• रात और दिन को कम करना और बढ़ाना, तथा सूर्य और चंद्रमा को वशीभूत करना : अल्लाह की शक्ति को दर्शाने वाली निशानियाँ हैं, और ऐसी नेमतें हैं, जो कृतज्ञता प्रकट करने के पात्र हैं।

• الصبر والشكر وسيلتان للاعتبار بآيات الله.
• सब्र और शुक्र अल्लाह की निशानियों से उपदेश ग्रहण करने के दो साधन हैं।

• الخوف من القيامة يقي من الاغترار بالدنيا، ومن الخضوع لوساوس الشياطين.
• क़ियामत का भय दुनिया के धोखे में पड़ने और शैतान के वसवसों की चपेट में आने से बचाता है।

• إحاطة علم الله بالغيب كله.
• अल्लाह का ज्ञान ग़ैब की सभी बातों को घेरे हुए है।

 
Translation of the meanings Surah: Luqmān
Surahs’ Index Page Number
 
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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