Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Ayah: (49) Surah: An-Nisā’
اَلَمْ تَرَ اِلَی الَّذِیْنَ یُزَكُّوْنَ اَنْفُسَهُمْ ؕ— بَلِ اللّٰهُ یُزَكِّیْ مَنْ یَّشَآءُ وَلَا یُظْلَمُوْنَ فَتِیْلًا ۟
क्या आप - ऐ रसूल! - उन लोगों के मामले से अवगत नहीं हैं, जो खुद अपनी और अपने कार्यों की प्रशंसा करते हैं? बल्कि केवल अल्लाह ही है जो अपने बंदों में से जिसकी चाहे प्रशंसा करे और पवित्र बनाए, क्योंकि वह दिलों की गुप्त बातों को जानने वाला है। तथा उनके सत्कर्मों के सवाब में कुछ भी कमी नहीं की जाएगी, चाहे वह खजूर की गुठली के धागे के बराबर ही क्यों न हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• كفاية الله للمؤمنين ونصره لهم تغنيهم عما سواه.
• मोमिनों के लिए अल्लाह की पर्याप्तता और उसकी मदद के बाद उन्हें किसी और की ज़रूरत नहीं रहती।

• بيان جرائم اليهود، كتحريفهم كلام الله، وسوء أدبهم مع رسوله صلى الله عليه وسلم، وتحاكمهم إلى غير شرعه سبحانه.
• यहूदियों के अपराधों का वर्णन, जैसे कि अल्लाह के शब्दों को विकृत करना, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के साथ अभद्र व्यवहार करना और अल्लाह की शरीयत के अलावा किसी और के पास फैसला के लिए जाना।

• بيان خطر الشرك والكفر، وأنه لا يُغْفر لصاحبه إذا مات عليه، وأما ما دون ذلك فهو تحت مشيئة الله تعالى.
• शिर्क एवं कुफ़्र (बहुदेववाद और अविश्वास) के खतरे का बयान, और यह कि शिर्क या कुफ़्र की हालत में मर जाने वाले को क्षमा नहीं किया जाएगा। रहा मामला इनसे कमतर गुनाह का, तो वह अल्लाह तआला की इच्छा के अधीन है।

 
Translation of the meanings Ayah: (49) Surah: An-Nisā’
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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