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Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi translation of Al-Mukhtsar in interpretation of the Noble Quran * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Mā’idah   Ayah:
اِنَّمَا یُرِیْدُ الشَّیْطٰنُ اَنْ یُّوْقِعَ بَیْنَكُمُ الْعَدَاوَةَ وَالْبَغْضَآءَ فِی الْخَمْرِ وَالْمَیْسِرِ وَیَصُدَّكُمْ عَنْ ذِكْرِ اللّٰهِ وَعَنِ الصَّلٰوةِ ۚ— فَهَلْ اَنْتُمْ مُّنْتَهُوْنَ ۟
मादक पदार्थों तथा जुए को सुंदर बनाकर शैतान का इरादा तो सिर्फ दिलों के बीच दुश्मनी और नफरत पैदा करना, तथा अल्लाह के स्मरण से और नमाज़ से ध्यान भटकाना है। तो क्या तुम (ऐ मोमिनो!) इन बुरे कामों को छोड़ने वाले हो? इसमें कोई संदेह नहीं कि यही तुम्हारे लिए उपयुक्त है, इसलिए बाज़ आ जाओ।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاَطِیْعُوا اللّٰهَ وَاَطِیْعُوا الرَّسُوْلَ وَاحْذَرُوْا ۚ— فَاِنْ تَوَلَّیْتُمْ فَاعْلَمُوْۤا اَنَّمَا عَلٰی رَسُوْلِنَا الْبَلٰغُ الْمُبِیْنُ ۟
शरीयत के आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर अल्लाह का आज्ञापालन करो और रसूल का आज्ञापालन करो तथा अवज्ञा से सावधान रहो। फिर यदि तुम उससे मुँह मोड़ो, तो जान लो कि हमारे रसूल का दायित्व केवल उस संदेश को पहुँचा देना है, जिसका अल्लाह ने उन्हें पहुँचाने का आदेश दिया है और वह उसे पहुँचा चुके हैं। इसलिए यदि तुम मार्गदर्शन अपना लो, तो इसमें तुम्हारा ही लाभ है, और यदि बुरे कर्म करो, तो तुम्हारा ही नुक़सान होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
لَیْسَ عَلَی الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ جُنَاحٌ فِیْمَا طَعِمُوْۤا اِذَا مَا اتَّقَوْا وَّاٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ ثُمَّ اتَّقَوْا وَّاٰمَنُوْا ثُمَّ اتَّقَوْا وَّاَحْسَنُوْا ؕ— وَاللّٰهُ یُحِبُّ الْمُحْسِنِیْنَ ۟۠
जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए, तथा उसकी निकटता प्राप्त करने के लिए अच्छे कर्म किए, उनपर उसमें कोई पाप नहीं जो उन्होंने शराब का उसके निषिद्ध होने से पहले सेवन किया था, यदि वे निषिद्ध चीज़ों से परहेज़ करते थे, अपने ऊपर अल्लाह के क्रोध से डरने वाले, उसपर ईमान रखने वाले, अच्छे कर्म करने वाले थे, फिर अल्लाह के प्रति उनका ध्यान बढ़ गया यहाँ तक कि वे उसकी इस तरह इबादत करने लगें, मानो कि वे उसे देख रहे हों, और अल्लाह उन लोगों से प्रेम करता है जो उसकी इस तरह इबादत करते हैं कि मानो वे उसे देख रहे हों; क्योंकि वे उसमें हमेशा अल्लाह के निरीक्षण का आभास करने वाले होते हैं। और यह स्थिति मोमिन को अपने काम को अच्छी तरह और पूर्ण रूप से करने के लिए प्रेरित करती है।
Arabic explanations of the Qur’an:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَیَبْلُوَنَّكُمُ اللّٰهُ بِشَیْءٍ مِّنَ الصَّیْدِ تَنَالُهٗۤ اَیْدِیْكُمْ وَرِمَاحُكُمْ لِیَعْلَمَ اللّٰهُ مَنْ یَّخَافُهٗ بِالْغَیْبِ ۚ— فَمَنِ اعْتَدٰی بَعْدَ ذٰلِكَ فَلَهٗ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
ऐ ईमान वालो! अल्लाह तुम्हारी इस तरह परीक्षा लेगा कि वह जंगली शिकार में से कुछ तुम्हारे पास ले आएगा, जबकि तुम एहराम की अवस्था में होगे। उनमें से छोटे शिकार को तुम अपने हाथों से पकड़ोगे और बड़े शिकार को अपने भालों से, ताकि अल्लाह जान ले (प्रत्यक्ष रूप से जानना जिसपर बंदों की पकड़ होती है) कि कौन अल्लाह के ज्ञान पर पूर्ण ईमान रखने की वजह से उससे बिन देखे डरता है। इसलिए वह अपने उस स्रष्टा के डर से शिकार करने से रुक जाता है, जिससे उसका कार्य छिपा नहीं रहता है। अतः जो हद से आगे बढ़े और ह़ज्ज या उम्रा के एहराम की हालत में शिकार करे, तो उसके लिए क़ियामत के दिन दर्दनाक अज़ाब है; क्योंकि उसने वह कार्य किया है जिससे अल्लाह ने मना किया था।
Arabic explanations of the Qur’an:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَقْتُلُوا الصَّیْدَ وَاَنْتُمْ حُرُمٌ ؕ— وَمَنْ قَتَلَهٗ مِنْكُمْ مُّتَعَمِّدًا فَجَزَآءٌ مِّثْلُ مَا قَتَلَ مِنَ النَّعَمِ یَحْكُمُ بِهٖ ذَوَا عَدْلٍ مِّنْكُمْ هَدْیًا بٰلِغَ الْكَعْبَةِ اَوْ كَفَّارَةٌ طَعَامُ مَسٰكِیْنَ اَوْ عَدْلُ ذٰلِكَ صِیَامًا لِّیَذُوْقَ وَبَالَ اَمْرِهٖ ؕ— عَفَا اللّٰهُ عَمَّا سَلَفَ ؕ— وَمَنْ عَادَ فَیَنْتَقِمُ اللّٰهُ مِنْهُ ؕ— وَاللّٰهُ عَزِیْزٌ ذُو انْتِقَامٍ ۟
ऐ ईमान वालो! हज्ज या उम्रा के एहराम की स्थिति में जंगली शिकार न मारो। तथा तुममें से जो व्यक्ति जान-बूझकर शिकार मारे, तो उसने जो शिकार मारा है उसी के समान उसपर ऊँट, या गाय, या बकरी में से बदला (दंड) अनिवार्य है, जिसका निर्णय मुसलमानों में से दो न्यायप्रिय व्यक्ति करेंगे। और जिस पशु का वे निर्णय कर दें, उसके साथ वही किया जाएगा जो हज्ज की क़ुर्बानी के जानवर के साथ किया जाता है। अर्थात् उसे मक्का भेजा जाएगा और हरम में ज़बह किया जाएगा, या उस जानवर की क़ीमत के बराबर खाद्य पदार्थ हरम के निर्धनों को दिया जाएगा, हर निर्धन को आधा सा'। या हर आधे सा' खाद्य पदार्थ के बदले एक दिन रोज़ा रखना होगा। यह सब इसलिए कि शिकार करने वाला अपने किए के परिणाम का स्वाद चख ले। अल्लाह ने उसे क्षमा कर दिया, जो अतीत में हरम का शिकार मारा गया और एहराम की स्थिति में जो भूमि का शिकार मारा गया उसके हराम ठहराए जाने से पहले। जो व्यक्ति हराम घोषित होने के बाद भी ऐसा करेगा, अल्लाह उसे उसपर यातना देकर उससे बदला लेगा। अल्लाह बहुत शक्तिशाली, ताक़त वाला है और उसकी शक्ति में से एक यह है कि वह उससे बदला लेता है जो उसकी अवज्ञा करता है, यदि वह चाहे, उसे कोई ऐसा करने से रोक नहीं सकता।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• عدم مؤاخذة الشخص بما لم يُحَرَّم أو لم يبلغه تحريمه.
• किसी व्यक्ति की उस चीज़ पर पकड़ न करना जो निषिद्ध नहीं है या उसके निषिद्ध होने की सूचना उसे नहीं पहुँची है।

• تحريم الصيد على المحرم بالحج أو العمرة، وبيان كفارة قتله.
• जो व्यक्ति हज्ज या उम्रा के एहराम की स्थिति में है, उसपर शिकार का हराम होना, तथा उसके शिकार को मारने के प्रायश्चित का बयान।

• من حكمة الله عز وجل في التحريم: ابتلاء عباده، وتمحيصهم، وفي الكفارة: الردع والزجر.
• अल्लाह तआला के किसी चीज़ को हराम करने की एक हिकमत : अपने बंदों का परीक्षण और उनकी जाँच करना, तथा प्रायश्चित की हिकमत : निरोध और डाँट-फटकार है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Mā’idah
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Issued by Tafsir Center for Quranic Studies

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