Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Translations’ Index


Translation of the meanings Surah: Al-Muzzammil   Ayah:

सूरा अल्-मुज़्ज़म्मिल

Purposes of the Surah:
بيان الأسباب المعينة على القيام بأعباء الدعوة.
अल्लाह के धर्म की ओर निमंत्रण का बोझ उठाने में सहायक कारणों का वर्णन।

یٰۤاَیُّهَا الْمُزَّمِّلُ ۟ۙ
ऐ कपड़े में लिपटने वाले! (अर्थात् नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम)
Arabic explanations of the Qur’an:
قُمِ الَّیْلَ اِلَّا قَلِیْلًا ۟ۙ
रात में नमाज़ पढ़ा करें, सिवाय उसके थोड़े भाग के।
Arabic explanations of the Qur’an:
نِّصْفَهٗۤ اَوِ انْقُصْ مِنْهُ قَلِیْلًا ۟ۙ
अगर चाहें तो आधी रात नमाज़ पढ़ें, या आधी रात से थोड़ा-सा कम पढ़ें यहाँ तक कि एक तिहाई तक पहुँच जाएँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
اَوْ زِدْ عَلَیْهِ وَرَتِّلِ الْقُرْاٰنَ تَرْتِیْلًا ۟ؕ
या उससे कुछ ज़्यादा पढ़ें, यहाँ तक कि दो-तिहाई तक पहुँच जाएँ। और जब क़ुरआन पढ़ें तो उसे साफ़-साफ़ और ठहर-ठहर कर पढ़ें।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّا سَنُلْقِیْ عَلَیْكَ قَوْلًا ثَقِیْلًا ۟
हम आपपर (ऐ रसूल!) क़ुरआन उतारेंगे, जो एक भारी वाणी है, क्योंकि उसमें कर्तव्यों, हदों (शरई दण्डों), प्रावधानों (नियमों) और शिष्टाचार आदि का उल्लेख है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ نَاشِئَةَ الَّیْلِ هِیَ اَشَدُّ وَطْاً وَّاَقْوَمُ قِیْلًا ۟ؕ
निश्चय रात की घड़ियाँ, तिलावत के साथ दिल के अधिक अनुकूल होती हैं और बात करने में अधिक उपयुक्त होती हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ لَكَ فِی النَّهَارِ سَبْحًا طَوِیْلًا ۟ؕ
निश्चय आपको दिन के दौरान बहुत-से कार्य करने होते हैं, जिनमें व्यस्त होकर आप क़ुरआन नहीं पढ़ पाते। अतः रात में नमाज़ पढ़ा करें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاذْكُرِ اسْمَ رَبِّكَ وَتَبَتَّلْ اِلَیْهِ تَبْتِیْلًا ۟ؕ
और अल्लाह को अनेक प्रकार के ज़िक्र के साथ याद करें और उसके लिए इबादत को ख़ालिस करके हर चीज़ से कटकर केवल अल्लाह ही के हो जाएँ।
Arabic explanations of the Qur’an:
رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ فَاتَّخِذْهُ وَكِیْلًا ۟
वह सूर्योदय के स्थान का रब और सूर्यास्त के स्थान का रब है। उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। अतः तुम उसी को अपना कार्यसाधक बनाकर अपने सभी कामों में उसी पर भरोसा करो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَاهْجُرْهُمْ هَجْرًا جَمِیْلًا ۟
और ये झुठलाने वाले जो उपहास और अपशब्द कहते हैं, उनपर सब्र करें और बिना किसी नुक़सान के उन्हें छोड़ दें।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَذَرْنِیْ وَالْمُكَذِّبِیْنَ اُولِی النَّعْمَةِ وَمَهِّلْهُمْ قَلِیْلًا ۟
इन झुठलाने वालों की परवाह न करें, जो दुनिया के सुख का आनंद लेने वाले हैं और मुझे तथा उन्हें छोड़ दें, और उनके बारे में थोड़ी देर प्रतीक्षा करें, यहाँ तक कि उनका निर्धारित समय आ जाए।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ لَدَیْنَاۤ اَنْكَالًا وَّجَحِیْمًا ۟ۙ
निश्चय हमारे पास आख़िरत में भारी बेड़ियाँ हैं और भड़कती हुई आग है।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَّطَعَامًا ذَا غُصَّةٍ وَّعَذَابًا اَلِیْمًا ۟۫
उपर्युक्त के अतिरिक्त, गले में अटकने वाला सख़्त कड़वा भोजन और दर्दनाक यातना है।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَوْمَ تَرْجُفُ الْاَرْضُ وَالْجِبَالُ وَكَانَتِ الْجِبَالُ كَثِیْبًا مَّهِیْلًا ۟
यह यातना काफ़िरों को उस दिन होगी, जिस दिन धरती और पर्वत काँप उठेंगे और पर्वत उसकी भयावहता की गंभीरता से बिखरे हुए तरल रेत हो जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّاۤ اَرْسَلْنَاۤ اِلَیْكُمْ رَسُوْلًا ۙ۬— شَاهِدًا عَلَیْكُمْ كَمَاۤ اَرْسَلْنَاۤ اِلٰی فِرْعَوْنَ رَسُوْلًا ۟ؕ
निश्चय हमने तुम्हारी ओर एक रसूल भेजा है, जो क़ियामत के दिन तुम्हारे कर्मों की गवाही देने वाला है, जैसे हमने फ़िरऔन की ओर एक रसूल अर्थात मूसा अलैहिस्सलाम को भेजा।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَعَصٰی فِرْعَوْنُ الرَّسُوْلَ فَاَخَذْنٰهُ اَخْذًا وَّبِیْلًا ۟
फ़िरऔन ने अपने पालनहार द्वारा अपनी ओर भेजे गए रसूल की अवज्ञा की। चुनाँचे हमने उसे दुनिया में पानी में डुबोकर, तथा आख़िरत में आग की यातना के साथ कड़ी सज़ा दी। अतः तुम अपने रसूल की अवज्ञा न करो, अन्यथा तुम्हें भी उसी की तरह यातना का सामना करना पड़ेगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
فَكَیْفَ تَتَّقُوْنَ اِنْ كَفَرْتُمْ یَوْمًا یَّجْعَلُ الْوِلْدَانَ شِیْبَا ۟
फिर (यदि तुमने अल्लाह का इनकार किया और उसके रसूल को झुठलाया) तो तुम अपने आपको उस लंबे कठोर दिन से कैसे बचाओगे और सुरक्षित रखोगे, जिसकी भयावहता की गंभीरता और लंबाई के कारण छोटे बच्चों के बाल सफ़ेद हो जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
١لسَّمَآءُ مُنْفَطِرٌ بِهٖ ؕ— كَانَ وَعْدُهٗ مَفْعُوْلًا ۟
उस दिन की भयावहता से आकाश फट जाएगा। अल्लाह का वादा अनिवार्य रूप से पूरा होकर रहेगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ هٰذِهٖ تَذْكِرَةٌ ۚ— فَمَنْ شَآءَ اتَّخَذَ اِلٰی رَبِّهٖ سَبِیْلًا ۟۠
निश्चय यह उपदेश (जिसमें क़ियामत के दिन की भयावहता और भीषणता का उल्लेख है) एक याददेहानी है, जिससे ईमान वाले लाभ उठाते हैं। अतः जो अपने रब की ओर ले जाने वाला मार्ग पकड़ना चाहे, पकड़ ले।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• أهمية قيام الليل وتلاوة القرآن وذكر الله والصبر للداعية إلى الله.
• अल्लाह की ओर बुलाने का कार्य करने वाले के लिए रात में जागकर नमाज़ पढ़ने, क़ुरआन की तिलावत करने, अल्लाह का ज़िक्र करने और धैर्य से काम लेने का महत्व।

• فراغ القلب في الليل له أثر في الحفظ والفهم.
• रात में हृदय के खाली होने का याद करने और समझने पर प्रभाव पड़ता है।

• تحمّل التكاليف يقتضي تربية صارمة.
• शरई ज़िम्मेदारियों को वहन करने के लिए सख्त तरबियत की आवश्यकता होती है।।

• الترف والتوسع في التنعم يصدّ عن سبيل الله.
• विलासिता और आनंद का विस्तार, अल्लाह के मार्ग से रोकता है।

اِنَّ رَبَّكَ یَعْلَمُ اَنَّكَ تَقُوْمُ اَدْنٰی مِنْ  الَّیْلِ وَنِصْفَهٗ وَثُلُثَهٗ وَطَآىِٕفَةٌ مِّنَ الَّذِیْنَ مَعَكَ ؕ— وَاللّٰهُ یُقَدِّرُ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ ؕ— عَلِمَ اَنْ لَّنْ تُحْصُوْهُ فَتَابَ عَلَیْكُمْ فَاقْرَءُوْا مَا تَیَسَّرَ مِنَ الْقُرْاٰنِ ؕ— عَلِمَ اَنْ سَیَكُوْنُ مِنْكُمْ مَّرْضٰی ۙ— وَاٰخَرُوْنَ یَضْرِبُوْنَ فِی الْاَرْضِ یَبْتَغُوْنَ مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ ۙ— وَاٰخَرُوْنَ یُقَاتِلُوْنَ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ۖؗ— فَاقْرَءُوْا مَا تَیَسَّرَ مِنْهُ ۙ— وَاَقِیْمُوا الصَّلٰوةَ وَاٰتُوا الزَّكٰوةَ وَاَقْرِضُوا اللّٰهَ قَرْضًا حَسَنًا ؕ— وَمَا تُقَدِّمُوْا لِاَنْفُسِكُمْ مِّنْ خَیْرٍ تَجِدُوْهُ عِنْدَ اللّٰهِ هُوَ خَیْرًا وَّاَعْظَمَ اَجْرًا ؕ— وَاسْتَغْفِرُوا اللّٰهَ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟۠
निश्चय आपका रब (ऐ रसूल) जानता है कि आप कभी दो-तिहाई रात से कुछ कम नमाज़ पढ़ते हैं, और कभी आधी रात, तो कभी एक तिहाई रात क़ियाम करते हैं। ईमान वालों का एक समूह भी आपके साथ नमाज़ में खड़ा होता है। तथा अल्लाह ही रात और दिन का निर्धारण करता है और उनकी घड़ियों को गिनता है। उसे पता है कि तुम रात के समय का बिलकुल ठीक-ठीक हिसाब नहीं रख सकते। इसलिए तुम्हारे लिए अपेक्षित की खोज में, रात के अधिकतर भाग को नमाज़ में गुज़ारना कठिन है। इसलिए, उसने तुम पर दया की। अतः रात में से जितना आसान हो, नमाज़ पढ़ो। अल्लाह जानता है कि तुममें से (ऐ मोमिनो) कुछ लोग बीमार होंगे, जिन्हें बीमारी ने थका दिया होगा, तथा कुछ अन्य लोग अल्लाह की रोज़ी की तलाश में यात्रा कर रहे होंगे, तथा कुछ दूसरे लोग अल्लाह की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए और उसकी बात को ऊँचा करने के लिए, काफ़िरों से युद्ध कर रहे होंगे। तो इन लोगें के लिए रात में नमाज़ के लिए खड़े होना बहुत मुश्किल है। अतः रात में उतनी नमाज़ पढ़ो, जितनी तुम्हारे लिए आसान हो। तथा फ़र्ज़ नमाज़ को संपूर्ण तरीक़े से अदा करो, और अपने धन की ज़कात दो, तथा अपने धन का कुछ भाग अल्लाह के मार्ग में खर्च करो। और तुम अपने लिए जो भी भलाई आगे भेजोगे, उसे सबसे बेहतर और बड़े प्रतिफल वाला पाओगे। और अल्लाह से क्षमा माँगते रहो। निश्चय अल्लाह अपने तौबा करने वाले बंदों को क्षमा करने वाला, उनपर दया करने वाला है।
Arabic explanations of the Qur’an:
Benefits of the verses in this page:
• المشقة تجلب التيسير.
• कठिनाई, आसानी लाती है।

• وجوب الطهارة من الخَبَث الظاهر والباطن.
• आंतरिक एवं बाहरी अपवित्रता से पवित्रता प्राप्त करना ज़रूरी है।

• الإنعام على الفاجر استدراج له وليس إكرامًا.
• दुराचारी को नेमतें प्रदान करना, दरअसल उसे ढील देना है, उसके लिए सम्मान के तौर पर नहीं है।

 
Translation of the meanings Surah: Al-Muzzammil
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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