Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi Translation * - Translations’ Index

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Translation of the meanings Ayah: (180) Surah: Āl-‘Imrān
وَلَا یَحْسَبَنَّ الَّذِیْنَ یَبْخَلُوْنَ بِمَاۤ اٰتٰىهُمُ اللّٰهُ مِنْ فَضْلِهٖ هُوَ خَیْرًا لَّهُمْ ؕ— بَلْ هُوَ شَرٌّ لَّهُمْ ؕ— سَیُطَوَّقُوْنَ مَا بَخِلُوْا بِهٖ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— وَلِلّٰهِ مِیْرَاثُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَاللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟۠
जो लोग उस चीज़ में कंजूसी करते हैं, जो अल्लाह ने उन्हें अपने अनुग्रह से प्रदान किया[102] है, वे कदापि यह न समझें कि (उनका) यह (कृत्य) उनके लिए अच्छा है। बल्कि यह उनके लिए बुरा है। उन्होंने जिस चीज़ में कंजूसी की होगी, उसे क़ियामत के दिन उनके गले का तौक़[103] बना दिया जाएगा। और आकाशों तथा धरती का उत्तराधिकार (विरासत) अल्लाह के लिए[104] है और जो कुछ तुम करते हो अल्लाह उससे सूचित है।
102. अर्थात धन-धान्य की ज़कात नहीं देते। 103. सह़ीह़ बुखारी में अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने कहा : जिसे अल्लाह ने धन दिया है, और वह उस की ज़कात नहीं देता, तो प्रलय के दिन उसका धन गंजा सर्प बना दिया जाएगा, जो उसके गले का हार बन जाएगा। और उसे अपने जबड़ों से पकड़ेगा, तथा कहेगा कि मैं तुम्हारा कोष हुँ! मैं तुम्हारा धन हूँ। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4565) 104. अर्थात प्रलय के दिन वही अकेला सब का स्वामी होगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
 
Translation of the meanings Ayah: (180) Surah: Āl-‘Imrān
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Translation of the Quran meanings into Indian by Azizul-Haqq Al-Umary.

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