Translation of the Meanings of the Noble Qur'an - Hindi Translation * - Translations’ Index

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Translation of the meanings Surah: Al-Infitār   Ayah:

सूरा अल्-इन्फ़ितार

اِذَا السَّمَآءُ انْفَطَرَتْ ۟ۙ
जब आकाश फट जाएगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْكَوَاكِبُ انْتَثَرَتْ ۟ۙ
तथा जब तारे झड़ जाएँगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْبِحَارُ فُجِّرَتْ ۟ۙ
और जब समुद्र बह निकलेंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِذَا الْقُبُوْرُ بُعْثِرَتْ ۟ۙ
और जब क़बरें उलट दी जाएँगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
عَلِمَتْ نَفْسٌ مَّا قَدَّمَتْ وَاَخَّرَتْ ۟ؕ
तब प्रत्येक प्राणी जान लेगा, जो उसने आगे भेजा और जो पीछे छोड़ा।[1]
1. (1-5) इनमें प्रलय के दिन आकाश ग्रहों तथा धरती और समाधियों पर जो दशा गुज़रेगी, उसका चित्रण किया गया है। तथा चेतावनी दी गई है कि हर एक की करतूत उसके सामने आ जाएगी।
Arabic explanations of the Qur’an:
یٰۤاَیُّهَا الْاِنْسَانُ مَا غَرَّكَ بِرَبِّكَ الْكَرِیْمِ ۟ۙ
ऐ इनसान! तुझे किस चीज़ ने तेरे उदार पालनहार से बहका दिया?
Arabic explanations of the Qur’an:
الَّذِیْ خَلَقَكَ فَسَوّٰىكَ فَعَدَلَكَ ۟ۙ
जिसने तेरी रचना की, फिर तुझे ठीक ठाक किया, फिर तुझे संतुलित बनाया।
Arabic explanations of the Qur’an:
فِیْۤ اَیِّ صُوْرَةٍ مَّا شَآءَ رَكَّبَكَ ۟ؕ
जिस रूप में भी उसने चाहा, तुझे बना दिया।[2]
2. (6-8) भावार्थ यह है कि इनसान की पैदाइश में अल्लाह की शक्ति, दक्षता तथा दया के जो लक्षण हैं, उनके दर्पण में यह बताया गया है कि प्रलय को असंभव न समझो। यह सब व्यवस्था इस बात का प्रमाण है कि तुम्हारा अस्तित्व व्यर्थ नहीं है कि मनमानी करो। (देखिए : तर्जुमानुल क़ुरआन, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद) इसका अर्थ यह भी हो सकता है कि जब तुम्हारा अस्तित्व और रूप-रेखा कुछ भी तुम्हारे बस में नहीं, तो फिर जिस शक्ति ने सब किया उसी की शक्ति में प्रलय तथा प्रतिकार के होने को क्यों नहीं मानते?
Arabic explanations of the Qur’an:
كَلَّا بَلْ تُكَذِّبُوْنَ بِالدِّیْنِ ۟ۙ
हरगिज़ नहीं, बल्कि तुम बदले (के दिन) को झुठलाते हो।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِنَّ عَلَیْكُمْ لَحٰفِظِیْنَ ۟ۙ
हालाँकि निःसंदेह तुमपर निगेहबान नियुक्त हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
كِرَامًا كٰتِبِیْنَ ۟ۙ
जो सम्माननीय लिखने वाले हैं।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَعْلَمُوْنَ مَا تَفْعَلُوْنَ ۟
वे जानते हैं, जो तुम करते हो।[3]
3. (9-12) इन आयतों में इस भ्रम का खंडन किया गया है कि सभी कर्मों और कथनों का ज्ञान कैसे हो सकता है।
Arabic explanations of the Qur’an:
اِنَّ الْاَبْرَارَ لَفِیْ نَعِیْمٍ ۟ۙ
निःसंदेह नेक लोग बड़ी नेमत (आनंद) में होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَاِنَّ الْفُجَّارَ لَفِیْ جَحِیْمٍ ۟ۙ
और निःसंदेह दुराचारी लोग जहन्नम में होंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
یَّصْلَوْنَهَا یَوْمَ الدِّیْنِ ۟
वे उसमें बदले के दिन प्रवेश करेंगे।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَا هُمْ عَنْهَا بِغَآىِٕبِیْنَ ۟ؕ
और वे उससे कभी ग़ायब होने वाले नहीं हैं।[4]
4. (13-16) इन आयतों में सदाचारियों तथा दुराचारियों का परिणाम बताया गया है कि एक स्वर्ग के सुखों में रहेगा और दूसरा नरक के दंड का भागी बनेगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
وَمَاۤ اَدْرٰىكَ مَا یَوْمُ الدِّیْنِ ۟ۙ
और आप क्या जानें कि बदले का दिन क्या है?
Arabic explanations of the Qur’an:
ثُمَّ مَاۤ اَدْرٰىكَ مَا یَوْمُ الدِّیْنِ ۟ؕ
फिर आप क्या जानें कि बदले का दिन क्या है?
Arabic explanations of the Qur’an:
یَوْمَ لَا تَمْلِكُ نَفْسٌ لِّنَفْسٍ شَیْـًٔا ؕ— وَالْاَمْرُ یَوْمَىِٕذٍ لِّلّٰهِ ۟۠
जिस दिन कोई प्राणी किसी प्राणी के लिए किसी चीज़ का अधिकार न रखेगा और उस दिन आदेश केवल अल्लाह का होगा।[5]
5. (17-19) इन आयतों में दो वाक्यों में प्रलय की चर्चा दोहराकर उसकी भयानकता को दर्शाते हुए बताया गया है कि निर्णय बे लाग होगा। कोई किसी की सहायता नहीं कर सकेगा। सत्य आस्था और सत्कर्म ही सहायक होंगे जिसका मार्ग क़ुरआन दिखा रहा है। क़ुरआन की सभी आयतों में प्रतिकार का दिन प्रलय के दिन को ही बताया गया है जिस दिन प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मानुसार प्रतिकार मिलेगा।
Arabic explanations of the Qur’an:
 
Translation of the meanings Surah: Al-Infitār
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Translation of the Quran meanings into Indian by Azizul-Haqq Al-Umary.

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