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Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción India - Azizul-Haqq Al-Umary * - Índice de traducciones

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Traducción de significados Capítulo: Yusef   Versículo:
فَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ جَعَلَ السِّقَایَةَ فِیْ رَحْلِ اَخِیْهِ ثُمَّ اَذَّنَ مُؤَذِّنٌ اَیَّتُهَا الْعِیْرُ اِنَّكُمْ لَسٰرِقُوْنَ ۟
फिर जब उसने उन्हें उनके सामान के साथ तैयार कर दिया, तो (अनाज) मापने का बर्तन अपने भाई के सामान में रख दिया। फिर एक पुकारने वाले ने पुकारा : ऐ क़ाफ़िले वालो! निःसंदेह तुम निश्चय चोर हो!
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا وَاَقْبَلُوْا عَلَیْهِمْ مَّاذَا تَفْقِدُوْنَ ۟
वे उनकी ओर मुतवज्जेह होकर बोले : तुम्हारी क्या चीज़ खो गई है?
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا نَفْقِدُ صُوَاعَ الْمَلِكِ وَلِمَنْ جَآءَ بِهٖ حِمْلُ بَعِیْرٍ وَّاَنَا بِهٖ زَعِیْمٌ ۟
उन्होंने कहा : हमें राजा का मापक नहीं मिल रहा है। और जो उसे ले आए, उसके लिए एक ऊँट का बोझ (ग़ल्ला) है और मैं उसके लिए गारंटी[22] देता हूँ।
22. अर्थात एक ऊँट के बोझ बराबर पुरस्कार देने का भार मुझ पर है।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ عَلِمْتُمْ مَّا جِئْنَا لِنُفْسِدَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كُنَّا سٰرِقِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : अल्लाह की क़सम! निश्चय तुम जान चुके हो कि हम इस देश में बिगाड़ पैदा करने नहीं आए हैं और न हम कभी चोर थे।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا فَمَا جَزَآؤُهٗۤ اِنْ كُنْتُمْ كٰذِبِیْنَ ۟
उन लोगों ने कहा : फिर उसका[23] क्या दंड है, यदि तुम झूठे निकले?
23. अर्थात चोर का।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا جَزَآؤُهٗ مَنْ وُّجِدَ فِیْ رَحْلِهٖ فَهُوَ جَزَآؤُهٗ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الظّٰلِمِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : उसका दंड यह है कि जिसके सामान में वह पाया जाए, वही व्यक्ति उसका दंड है। हम अत्याचारियों को इसी प्रकार दंड देते हैं।[24]
24. अर्थात याक़ूब अलैहिस्सलाम के धर्म-विधान में चोर को दास बना लेने का नियम था। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Las Exégesis Árabes:
فَبَدَاَ بِاَوْعِیَتِهِمْ قَبْلَ وِعَآءِ اَخِیْهِ ثُمَّ اسْتَخْرَجَهَا مِنْ وِّعَآءِ اَخِیْهِ ؕ— كَذٰلِكَ كِدْنَا لِیُوْسُفَ ؕ— مَا كَانَ لِیَاْخُذَ اَخَاهُ فِیْ دِیْنِ الْمَلِكِ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— نَرْفَعُ دَرَجٰتٍ مَّنْ نَّشَآءُ ؕ— وَفَوْقَ كُلِّ ذِیْ عِلْمٍ عَلِیْمٌ ۟
चुनाँचे उसने अपने (सगे) भाई के थैले से पहले, उनके थैलों की तलाशी शुरू की। फिर उसे अपने भाई के थैले से निकाला। इस प्रकार, हमने यूसुफ़ के लिए उपाय किया।[25] वह राजा के नियम के अनुसार अपने भाई को नहीं रख सकते थे, परंतु यह कि अल्लाह चाहे। हम जिसके चाहते हैं, पद ऊँचे कर देते हैं और प्रत्येक ज्ञानवान से ऊपर एक बड़ा ज्ञानवान है।[26]
25. उनके भाई बिनयामीन को रोकने के लिए। 26 अर्थात अल्लाह से बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो सकता। इसलिए किसी को अपने ज्ञान पर गर्व नहीं होना चाहिए।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْۤا اِنْ یَّسْرِقْ فَقَدْ سَرَقَ اَخٌ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ ۚ— فَاَسَرَّهَا یُوْسُفُ فِیْ نَفْسِهٖ وَلَمْ یُبْدِهَا لَهُمْ ۚ— قَالَ اَنْتُمْ شَرٌّ مَّكَانًا ۚ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَصِفُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : यदि इसने चोरी की है, तो निःसंदेह इससे पहले इसके एक भाई ने भी चोरी की थी। तो यूसुफ़ ने इस बात को अपने दिल ही में रखा और उनके सामने प्रकट नहीं किया। (यूसुफ़ ने अपने मन में) कहा : तुम सबसे बुरे स्थान वाले हो और जो कुछ तुम वर्णन कर रहे हो, अल्लाह उसे सबसे अधिक जानता है।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الْعَزِیْزُ اِنَّ لَهٗۤ اَبًا شَیْخًا كَبِیْرًا فَخُذْ اَحَدَنَا مَكَانَهٗ ۚ— اِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ अज़ीज़![27] इसका एक बहुत बूढ़ा पिता है। इसलिए आप हममें से किसी को इसके स्थान पर रख लीजिए। निःसंदेह हम आपको उपकारी देखते हैं।
27. यहाँ "अज़ीज़" का प्रयोग यूसुफ़ (अलैहिस्सलाम) के लिए किया गया है। क्योंकि उन्हीं के पास सरकार के अधिक्तर अधिकार थे।
Las Exégesis Árabes:
 
Traducción de significados Capítulo: Yusef
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Traducida por Aziz ul-Haqq al-Umri.

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