Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción India * - Índice de traducciones

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Traducción de significados Capítulo: Sura Yusef   Versículo:

सूरा यूसुफ़

الٓرٰ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟۫
अलिफ़, लाम, रा। ये स्पष्ट किताब की आयतें हैं।
Las Exégesis Árabes:
اِنَّاۤ اَنْزَلْنٰهُ قُرْءٰنًا عَرَبِیًّا لَّعَلَّكُمْ تَعْقِلُوْنَ ۟
निःसंदेह हमने इस क़ुरआन को अरबी में उतारा है, ताकि तुम समझो।[1]
1. क्योंकि क़ुरआन के प्रथम संबोधित अरब लोग थे, फिर उनके द्वारा दूसरे सामान्य मनुष्यों को संबोधित किया गया है। तो यदि प्रथम संबोधित ही क़ुरआन नहीं समझ सकते, तो दूसरों को कैसे समझा सकते थे?
Las Exégesis Árabes:
نَحْنُ نَقُصُّ عَلَیْكَ اَحْسَنَ الْقَصَصِ بِمَاۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ هٰذَا الْقُرْاٰنَ ۖۗ— وَاِنْ كُنْتَ مِنْ قَبْلِهٖ لَمِنَ الْغٰفِلِیْنَ ۟
(ऐ नबी!) हम आपकी ओर इस क़ुरआन की वह़्य करके, आपके सामने एक बहुत अच्छा क़िस्सा बयान कर रहे हैं। निश्चय ही आप इससे पूर्व अनजानों में से थे।
Las Exégesis Árabes:
اِذْ قَالَ یُوْسُفُ لِاَبِیْهِ یٰۤاَبَتِ اِنِّیْ رَاَیْتُ اَحَدَ عَشَرَ كَوْكَبًا وَّالشَّمْسَ وَالْقَمَرَ رَاَیْتُهُمْ لِیْ سٰجِدِیْنَ ۟
जब यूसुफ़ ने अपने पिता से कहा : ऐ मेरे पिता! मैंने सपना देखा है कि ग्यारह सितारे, सूर्य तथा चाँद मुझे सजदा कर रहे हैं।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ یٰبُنَیَّ لَا تَقْصُصْ رُءْیَاكَ عَلٰۤی اِخْوَتِكَ فَیَكِیْدُوْا لَكَ كَیْدًا ؕ— اِنَّ الشَّیْطٰنَ لِلْاِنْسَانِ عَدُوٌّ مُّبِیْنٌ ۟
उसने कहा : ऐ मेरे बेटे! अपना स्वप्न अपने भाइयों को न बताना[2], अन्यथा वे तेरे विरुद्ध कोई चाल चलेंगे। निःसंदेह शैतान इनसान का खुला दुश्मन है।
2. यूसुफ़ अलैहिस्सलाम की दूसरी माँओं से दस भाई थे। और एक सगा भाई था। याक़ूब अलैहिस्सलाम यह जानते थे कि सौतीले भाई, यूसुफ़ से ईर्ष्या करते हैं। इसलिए उनको सावधान कर दिया कि अपना स्वप्न उन्हें न बताएँ।
Las Exégesis Árabes:
وَكَذٰلِكَ یَجْتَبِیْكَ رَبُّكَ وَیُعَلِّمُكَ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ وَیُتِمُّ نِعْمَتَهٗ عَلَیْكَ وَعَلٰۤی اٰلِ یَعْقُوْبَ كَمَاۤ اَتَمَّهَا عَلٰۤی اَبَوَیْكَ مِنْ قَبْلُ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ عَلِیْمٌ حَكِیْمٌ ۟۠
और ऐसे ही तेरा पालनहार तुझे चुन लेगा तथा तुझे बातों (सपनों) का अर्थ सिखाएगा और तुझपर और याक़ूब के घराने पर अपना अनुग्रह[3] पूरा करेगा, जिस तरह उसने इससे पहले उसे तेरे बाप-दादा इबराहीम और इसह़ाक़ पर पूरा किया था। निःसंदेह तेरा पालनहार सब कुछ जानने वाला, पूर्ण हिकमत वाला है।
3. यहाँ अनुग्रह से अभिप्राय नबी बनाना है। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Las Exégesis Árabes:
لَقَدْ كَانَ فِیْ یُوْسُفَ وَاِخْوَتِهٖۤ اٰیٰتٌ لِّلسَّآىِٕلِیْنَ ۟
वास्तव में, यूसुफ़ और उसके भाइयों (की कहानी) में पूछने वालों[4] के लिए कई निशानियाँ हैं।
4. यह प्रश्न यहूदियों ने मक्का वासियों के माध्यम से नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से किया था, कि वह कौन से नबी हैं जो शाम में रहते थे, और जब उनका पुत्र मिस्र निकल गया, तो उसपर रोते-रोते अंधे हो गए? इस पर यह पूरी सूरत उतरी। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Las Exégesis Árabes:
اِذْ قَالُوْا لَیُوْسُفُ وَاَخُوْهُ اَحَبُّ اِلٰۤی اَبِیْنَا مِنَّا وَنَحْنُ عُصْبَةٌ ؕ— اِنَّ اَبَانَا لَفِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنِ ۟ۙۖ
जब उन (भाइयों) ने कहा : यूसुफ़ और उसका भाई हमारे पिता को, हमसे अधिक प्रिय हैं। जबकि हम एक गिरोह हैं। वास्तव में, हमारे पिता खुली गुमराही में हैं।
Las Exégesis Árabes:
١قْتُلُوْا یُوْسُفَ اَوِ اطْرَحُوْهُ اَرْضًا یَّخْلُ لَكُمْ وَجْهُ اَبِیْكُمْ وَتَكُوْنُوْا مِنْ بَعْدِهٖ قَوْمًا صٰلِحِیْنَ ۟
यूसुफ़ को मार डालो या उसे किसी धरती में फेंक आओ। ताकि तुम्हारे पिता का ध्यान केवल तुम्हारी तरफ हो जाए और इसके बाद तुम नेक बन जाओ।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ قَآىِٕلٌ مِّنْهُمْ لَا تَقْتُلُوْا یُوْسُفَ وَاَلْقُوْهُ فِیْ غَیٰبَتِ الْجُبِّ یَلْتَقِطْهُ بَعْضُ السَّیَّارَةِ اِنْ كُنْتُمْ فٰعِلِیْنَ ۟
उनमें से एक कहने वाले ने कहा : यूसुफ़ का वध न करो। उसे किसी गहरे कुएँ के अंदर डाल दो। उसे कोई कारवाँ निकाल ले जाएगा, यदि कुछ करने वाले हो।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مَا لَكَ لَا تَاْمَنَّا عَلٰی یُوْسُفَ وَاِنَّا لَهٗ لَنٰصِحُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ हमारे पिता! क्या बात है कि यूसुफ़ के विषय में आप हमपर विश्वास नहीं करते? जबकि हम लोग उसका भला चाहने वाले हैं।
Las Exégesis Árabes:
اَرْسِلْهُ مَعَنَا غَدًا یَّرْتَعْ وَیَلْعَبْ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟
उसे कल हमारे साथ भेज दें, वह खाए-पिए और खेले-कूदे, और निःसंदेह हम उसकी रक्षा करने वाले हैं।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ اِنِّیْ لَیَحْزُنُنِیْۤ اَنْ تَذْهَبُوْا بِهٖ وَاَخَافُ اَنْ یَّاْكُلَهُ الذِّئْبُ وَاَنْتُمْ عَنْهُ غٰفِلُوْنَ ۟
उस (याक़ूब) ने कहा : यह मेरे लिए दुःख की बात है कि तुम उसे ले जाओ, तथा मैं इस बात से (भी) डरता हूँ कि उसे भेड़िया खा जाए और तुम उसका ध्यान न रख सको।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا لَىِٕنْ اَكَلَهُ الذِّئْبُ وَنَحْنُ عُصْبَةٌ اِنَّاۤ اِذًا لَّخٰسِرُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : यदि उसे भेड़िया खा गया, जबकि हम एक गिरोह हैं, तो वास्तव में, हम बड़े घाटे वाले हैं।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا ذَهَبُوْا بِهٖ وَاَجْمَعُوْۤا اَنْ یَّجْعَلُوْهُ فِیْ غَیٰبَتِ الْجُبِّ ۚ— وَاَوْحَیْنَاۤ اِلَیْهِ لَتُنَبِّئَنَّهُمْ بِاَمْرِهِمْ هٰذَا وَهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
फिर जब वे उसे ले गए और निश्चय कर लिया कि उसे गहरे कुएँ के अंदर डाल देंगे और हमने उस (यूसुफ़) की ओर वह़्य कर दी कि तुम अवश्य इन्हें इनके इस कर्म के बारे में बताओगे और वे कुछ जानते न होंगे।
Las Exégesis Árabes:
وَجَآءُوْۤ اَبَاهُمْ عِشَآءً یَّبْكُوْنَ ۟ؕ
और वे इशा के वक़्त रोते हुए अपने पिता के पास आए।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَاۤ اِنَّا ذَهَبْنَا نَسْتَبِقُ وَتَرَكْنَا یُوْسُفَ عِنْدَ مَتَاعِنَا فَاَكَلَهُ الذِّئْبُ ۚ— وَمَاۤ اَنْتَ بِمُؤْمِنٍ لَّنَا وَلَوْ كُنَّا صٰدِقِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ हमारे पिता! हम आपस में दौड़ का मुक़ाबला करने लगे और यूसुफ़ को अपने सामान के पास छोड़ दिया। इतने में उसे भेड़िया खा गया। और आप तो हमारा विश्वास करने वाले नहीं हैं, यद्यपि हम सच ही क्यों न बोल रहे हों।
Las Exégesis Árabes:
وَجَآءُوْ عَلٰی قَمِیْصِهٖ بِدَمٍ كَذِبٍ ؕ— قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًا ؕ— فَصَبْرٌ جَمِیْلٌ ؕ— وَاللّٰهُ الْمُسْتَعَانُ عَلٰی مَا تَصِفُوْنَ ۟
और वे उस (यूसुफ़) के कुर्ते पर झूठा रक्त[5] लगाकर लाए। उस (याक़ूब) ने कहा : बल्कि तुम्हारे मन ने तुम्हारे लिए एक चीज़ को सुंदर बना दिया है! सो अब (मेरा काम) बेहतर सब्र करना है और जो बात तुम बना रहे हो, उसपर अल्लाह ही सहायक है।
5. भाष्यकारों ने लिखा है कि वे बकरी के बच्चे का रक्त लगा कर लाए थे।
Las Exégesis Árabes:
وَجَآءَتْ سَیَّارَةٌ فَاَرْسَلُوْا وَارِدَهُمْ فَاَدْلٰی دَلْوَهٗ ؕ— قَالَ یٰبُشْرٰی هٰذَا غُلٰمٌ ؕ— وَاَسَرُّوْهُ بِضَاعَةً ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِمَا یَعْمَلُوْنَ ۟
और एक क़ाफ़िला आया। उसने अपने पानी भरने वाले को भेजा, उसने अपना डोल डाला, तो पुकार उठा : अरे, कितनी खुशी की बात है! यह तो एक बालक है। और उन्होंने उसे व्यापार का माल समझकर छिपा लिया और वे जो कुछ कर रहे थे अल्लाह उसे ख़ूब जानने वाला है।
Las Exégesis Árabes:
وَشَرَوْهُ بِثَمَنٍ بَخْسٍ دَرَاهِمَ مَعْدُوْدَةٍ ۚ— وَكَانُوْا فِیْهِ مِنَ الزَّاهِدِیْنَ ۟۠
और उन्होंने उसे थोड़े से मूल्य; गिनती के कुछ दिरहमों में बेच दिया और वे उसके बारे में कुछ अधिक की इच्छा नहीं रखते थे।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ الَّذِی اشْتَرٰىهُ مِنْ مِّصْرَ لِامْرَاَتِهٖۤ اَكْرِمِیْ مَثْوٰىهُ عَسٰۤی اَنْ یَّنْفَعَنَاۤ اَوْ نَتَّخِذَهٗ وَلَدًا ؕ— وَكَذٰلِكَ مَكَّنَّا لِیُوْسُفَ فِی الْاَرْضِ ؗ— وَلِنُعَلِّمَهٗ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ ؕ— وَاللّٰهُ غَالِبٌ عَلٰۤی اَمْرِهٖ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
और मिस्र के जिस व्यक्ति ने उसे खरीदा था, उसने अपनी पत्नी से कहा : इसे आदर-मान से रखो। संभव है यह हमें लाभ पहुँचाए, अथवा हम इसे अपना पुत्र बना लें। इस प्रकार उस भूभाग में हमने यूसुफ़ के लिए क़दम जमाने की राह निकाली और ताकि उसे बातों (सपनों) का अर्थ सिखाएँ। और अल्लाह अपना आदेश पूरा करके रहता है। परन्तु अधिकतर लोग नहीं जानते।
Las Exégesis Árabes:
وَلَمَّا بَلَغَ اَشُدَّهٗۤ اٰتَیْنٰهُ حُكْمًا وَّعِلْمًا ؕ— وَكَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
और जब वह अपनी जवानी को पहुँचा और मज़बूत व तवाना हो गया, तो हमने उसे प्रबोध तथा ज्ञान प्रदान किया और इसी प्रकार हम सदाचारियों को बदला देते हैं।
Las Exégesis Árabes:
وَرَاوَدَتْهُ الَّتِیْ هُوَ فِیْ بَیْتِهَا عَنْ نَّفْسِهٖ وَغَلَّقَتِ الْاَبْوَابَ وَقَالَتْ هَیْتَ لَكَ ؕ— قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اِنَّهٗ رَبِّیْۤ اَحْسَنَ مَثْوَایَ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
और उस स्त्री[6] ने उसके मन को रिझाया, जिसके घर में वह था। और द्वार बंद कर लिए और बोली : आ जाओ। उसने कहा : अल्लाह की पनाह! वह मेरा मालिक है। उसने मेरे निवास को अच्छा बनाया। वास्तव में, ज़ालिम लोग सफल नहीं होते।
6. अभिप्रेत मिस्र के राजा (अज़ीज़) की पत्नी है।
Las Exégesis Árabes:
وَلَقَدْ هَمَّتْ بِهٖ وَهَمَّ بِهَا لَوْلَاۤ اَنْ رَّاٰ بُرْهَانَ رَبِّهٖ ؕ— كَذٰلِكَ لِنَصْرِفَ عَنْهُ السُّوْٓءَ وَالْفَحْشَآءَ ؕ— اِنَّهٗ مِنْ عِبَادِنَا الْمُخْلَصِیْنَ ۟
और निश्चय ही वह स्त्री उसकी इच्छा कर चुकी थी। और वह (यूसुफ़) भी उसकी इच्छा कर लेता, यदि अपने पालनहार का प्रमाण न देख लेता।[7] हमने ऐसा इसलिए किया ताकि बुराई एवं अश्लीलता को उससे दूर रखें। वास्तव में, वह हमारे चुने हुए बंदों में से था।
7. यूसुफ़ अलैहिस्सलाम कोई फ़रिश्ता नहीं एक मनुष्य थे। इसलिए बुराई का इरादा कर सकते थे, किंतु उसी समय उनके दिल में यह बात आई कि मैं पाप करके अल्लाह की पकड़ से बच नहीं सकूँगा। इस प्रकार अल्लाह ने उन्हें बुराई से बचा लिया, जो यूसुफ़ (अलैहिस्सलाम) की बहुत बड़ी प्रधानता है।
Las Exégesis Árabes:
وَاسْتَبَقَا الْبَابَ وَقَدَّتْ قَمِیْصَهٗ مِنْ دُبُرٍ وَّاَلْفَیَا سَیِّدَهَا لَدَا الْبَابِ ؕ— قَالَتْ مَا جَزَآءُ مَنْ اَرَادَ بِاَهْلِكَ سُوْٓءًا اِلَّاۤ اَنْ یُّسْجَنَ اَوْ عَذَابٌ اَلِیْمٌ ۟
और दोनों दरवाज़े की ओर दौड़े और उस (स्त्री) ने यूसुफ़ का कुर्ता पीछे से फाड़ डाला और दोनों ने उस (स्त्री) के पति को दरवाज़े के पास पाया। उस (स्त्री) ने कहा : जिसने तेरी पत्नी के साथ बुराई का इरादा किया, उसकी सज़ा इसके सिवा क्या हो सकती है कि उसे बंदी बनाया जाए या उसे दर्दनाक सज़ा (दी जाए)?
Las Exégesis Árabes:
قَالَ هِیَ رَاوَدَتْنِیْ عَنْ نَّفْسِیْ وَشَهِدَ شَاهِدٌ مِّنْ اَهْلِهَا ۚ— اِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ قُبُلٍ فَصَدَقَتْ وَهُوَ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟
उसने कहा : इसी ने मुझे रिझाना चाहा था और उस स्त्री के घराने से एक गवाह ने गवाही दी कि यदि उसका कुर्ता आगे से फाड़ा गया है, तो वह (महिला) सच्ची है और वह झूठा है।
Las Exégesis Árabes:
وَاِنْ كَانَ قَمِیْصُهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ فَكَذَبَتْ وَهُوَ مِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
और यदि उसका कुर्ता पीछे से फाड़ा गया है, तो वह (महिला) झूठी और वह (यूसुफ़) सच्चा है।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا رَاٰ قَمِیْصَهٗ قُدَّ مِنْ دُبُرٍ قَالَ اِنَّهٗ مِنْ كَیْدِكُنَّ ؕ— اِنَّ كَیْدَكُنَّ عَظِیْمٌ ۟
फिर जब उस (अज़ीज़) ने देखा कि उसका कुर्ता पीछे से फाड़ा गया है, तो बोला : निःसंदेह ये तुम स्त्रियों की चाल है और निश्चय ही तुम्हारी चाल बड़ी घोर होती है।
Las Exégesis Árabes:
یُوْسُفُ اَعْرِضْ عَنْ هٰذَا ٚ— وَاسْتَغْفِرِیْ لِذَنْۢبِكِ ۖۚ— اِنَّكِ كُنْتِ مِنَ الْخٰطِـِٕیْنَ ۟۠
ऐ यूसुफ़! तुम इस बात को जाने दो और (ऐ स्त्री!) तू अपने पाप की क्षमा माँग। निःसंदेह तू ही पापियों में से है।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ نِسْوَةٌ فِی الْمَدِیْنَةِ امْرَاَتُ الْعَزِیْزِ تُرَاوِدُ فَتٰىهَا عَنْ نَّفْسِهٖ ۚ— قَدْ شَغَفَهَا حُبًّا ؕ— اِنَّا لَنَرٰىهَا فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
नगर की कुछ स्त्रियों ने कहा : अज़ीज़ (प्रमुख अधिकारी) की पत्नी, अपने दास को रिझा रही है! उसे उसके प्रेम ने मुग्ध कर दिया है। हमारे विचार में वह खुली गुमराही में है।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا سَمِعَتْ بِمَكْرِهِنَّ اَرْسَلَتْ اِلَیْهِنَّ وَاَعْتَدَتْ لَهُنَّ مُتَّكَاً وَّاٰتَتْ كُلَّ وَاحِدَةٍ مِّنْهُنَّ سِكِّیْنًا وَّقَالَتِ اخْرُجْ عَلَیْهِنَّ ۚ— فَلَمَّا رَاَیْنَهٗۤ اَكْبَرْنَهٗ وَقَطَّعْنَ اَیْدِیَهُنَّ ؗ— وَقُلْنَ حَاشَ لِلّٰهِ مَا هٰذَا بَشَرًا ؕ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا مَلَكٌ كَرِیْمٌ ۟
चुनाँचे जब उसने उन स्त्रियों की छलकपट की बात सुनी, तो उन्हें बुला भेजा और उनके लिए गाव-तकिए लगवाए और प्रत्येक स्त्री को एक छुरी दे दी।[8] और उसने (यूसुफ़ से) कहा : इनके सामने आ जाओ। फिर जब उन स्त्रियों ने उसे देखा, तो उन्होंने उसे बहुत बड़ा समझा और अपने हाथ काट डाले तथा बोल उठीं : अल्लाह की पनाह! यह मनुष्य नहीं है। यह तो कोई सम्मानित फ़रिश्ता है।
8. ताकि अतिथि स्त्रियाँ उससे फलों को काट कर खाएँ जो उनके लिए रखे गए थे।
Las Exégesis Árabes:
قَالَتْ فَذٰلِكُنَّ الَّذِیْ لُمْتُنَّنِیْ فِیْهِ ؕ— وَلَقَدْ رَاوَدْتُّهٗ عَنْ نَّفْسِهٖ فَاسْتَعْصَمَ ؕ— وَلَىِٕنْ لَّمْ یَفْعَلْ مَاۤ اٰمُرُهٗ لَیُسْجَنَنَّ وَلَیَكُوْنًا مِّنَ الصّٰغِرِیْنَ ۟
वह बोली : यह वही है, जिसके बारे में तुम मेरी निंदा कर रही थीं। वास्तव में, मैंने ही उसे रिझाया था, मगर वह बच निकला। और यदि वह मेरी बात न मानेगा, तो अवश्य ही बंदी बना दिया जाएगा और अवश्य ही अपमानित होगा।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ رَبِّ السِّجْنُ اَحَبُّ اِلَیَّ مِمَّا یَدْعُوْنَنِیْۤ اِلَیْهِ ۚ— وَاِلَّا تَصْرِفْ عَنِّیْ كَیْدَهُنَّ اَصْبُ اِلَیْهِنَّ وَاَكُنْ مِّنَ الْجٰهِلِیْنَ ۟
यूसुफ़ ने प्रार्थना की : ऐ मेरे पालनहार! मुझे क़ैद उससे अधिक प्रिय है, जिसकी ओर ये औरतें मुझे बुला रही हैं। और यदि तूने मुझसे इनके छल को दूर नहीं किया, तो मैं इनकी ओर झुक जाऊँगा और अज्ञानियों में से हो जाऊँगा।
Las Exégesis Árabes:
فَاسْتَجَابَ لَهٗ رَبُّهٗ فَصَرَفَ عَنْهُ كَیْدَهُنَّ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
तो उसके पालनहार ने उसकी प्रार्थना स्वीकार कर ली और उससे उनके छल को दूर कर दिया। निःसंदेह वह बड़ा सुनने वाला, बड़ा जानने वाला है।
Las Exégesis Árabes:
ثُمَّ بَدَا لَهُمْ مِّنْ بَعْدِ مَا رَاَوُا الْاٰیٰتِ لَیَسْجُنُنَّهٗ حَتّٰی حِیْنٍ ۟۠
फिर उन लोगों[9] ने निशानियाँ[10] देख लेने के बाद यही उचित समझा कि उस (यूसुफ़) को एक अवधि तक के लिए जेल में रखें।
9. अर्थात अज़ीज़ (मिस्र देश का शासक) और उसके साथियों ने। 10. अर्थात् यूसुफ़ के निर्दोष होने की निशानियाँ।
Las Exégesis Árabes:
وَدَخَلَ مَعَهُ السِّجْنَ فَتَیٰنِ ؕ— قَالَ اَحَدُهُمَاۤ اِنِّیْۤ اَرٰىنِیْۤ اَعْصِرُ خَمْرًا ۚ— وَقَالَ الْاٰخَرُ اِنِّیْۤ اَرٰىنِیْۤ اَحْمِلُ فَوْقَ رَاْسِیْ خُبْزًا تَاْكُلُ الطَّیْرُ مِنْهُ ؕ— نَبِّئْنَا بِتَاْوِیْلِهٖ ۚ— اِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
और क़ैदखाने में उसके साथ दो युवक दाख़िल हुए। उनमें से एक ने कहा : मैंने स्वप्न देखा है कि शराब निचोड़ रहा हूँ। और दूसरे ने कहा : मैंने स्वप्न देखा है कि अपने सिर के ऊपर रोटी उठाए हुए हूँ, जिसमें से पक्षी खा रहे हैं। हमें इसका अर्थ बता दीजिए। हम देख रहे हैं कि आप सदाचारियों में से हैं।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ لَا یَاْتِیْكُمَا طَعَامٌ تُرْزَقٰنِهٖۤ اِلَّا نَبَّاْتُكُمَا بِتَاْوِیْلِهٖ قَبْلَ اَنْ یَّاْتِیَكُمَا ؕ— ذٰلِكُمَا مِمَّا عَلَّمَنِیْ رَبِّیْ ؕ— اِنِّیْ تَرَكْتُ مِلَّةَ قَوْمٍ لَّا یُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ كٰفِرُوْنَ ۟
यूसुफ़ ने कहा : तुम दोनों के पास जो भोजन आता है, उसके तुम्हारे पास आने से पहले ही मैं तुम्हें उसकी हक़ीक़त बता दूँगा; यह उन बातों में से है, जो मेरे पालनहार ने मुझे सिखाई हैं। मैंने उन लोगों का धर्म त्याग दिया है, जो अल्लाह पर ईमान नहीं रखते और जो आख़िरत का इनकार करने वाले हैं।
Las Exégesis Árabes:
وَاتَّبَعْتُ مِلَّةَ اٰبَآءِیْۤ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ ؕ— مَا كَانَ لَنَاۤ اَنْ نُّشْرِكَ بِاللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— ذٰلِكَ مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ عَلَیْنَا وَعَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟
और मैंने अपने बाप-दादाओं; इबराहीम, इसह़ाक़ और याक़ूब के धर्म का अनुसरण किया है। हमारे लिए वैध नहीं कि हम किसी चीज़ को अल्लाह का साझी बनाएँ। यह हमपर और लोगों पर अल्लाह की कृपा है। लेकिन अधिकतर लोग शुक्रिया अदा नहीं करते।[11]
11. अर्थात तौह़ीद और नबियों के धर्म को नहीं मानते जो अल्लाह का उपकार है।
Las Exégesis Árabes:
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ ءَاَرْبَابٌ مُّتَفَرِّقُوْنَ خَیْرٌ اَمِ اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟ؕ
ऐ मेरे जेल के दोनों साथियो! क्या अलग-अलग अनेक पूज्य बेहतर हैं या एक प्रभुत्वशाली अल्लाह?
Las Exégesis Árabes:
مَا تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖۤ اِلَّاۤ اَسْمَآءً سَمَّیْتُمُوْهَاۤ اَنْتُمْ وَاٰبَآؤُكُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ بِهَا مِنْ سُلْطٰنٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— اَمَرَ اَلَّا تَعْبُدُوْۤا اِلَّاۤ اِیَّاهُ ؕ— ذٰلِكَ الدِّیْنُ الْقَیِّمُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
तुम अल्लाह के सिवा जिनकी इबादत (पूजा) करते हो, वे केवल नाम हैं, जो तुमने और तुम्हारे बाप-दादा ने रख लिए हैं। अल्लाह ने उनका कोई प्रमाण नहीं उतारा है। आदेश तो केवल अल्लाह का चलता है। उसने आदेश दिया है कि तुम एकमात्र उसी की इबादत (उपासना) करो। यही सीधा धर्म है। परन्तु अधिकतर लोग नहीं जानते।
Las Exégesis Árabes:
یٰصَاحِبَیِ السِّجْنِ اَمَّاۤ اَحَدُكُمَا فَیَسْقِیْ رَبَّهٗ خَمْرًا ۚ— وَاَمَّا الْاٰخَرُ فَیُصْلَبُ فَتَاْكُلُ الطَّیْرُ مِنْ رَّاْسِهٖ ؕ— قُضِیَ الْاَمْرُ الَّذِیْ فِیْهِ تَسْتَفْتِیٰنِ ۟ؕ
ऐ मेरे जेल के दोनों साथियो! तुम दोनो में से एक तो अपने मालिक को शराब पिलाएगा, और रहा दूसरा तो उसे सूली पर चढ़ाया जाएगा, फिर पक्षी उसके सिर में से खाएँगे। जिसके संबंध में तुम दोनों पूछ रहे हो, उसका निर्णय किया जा चुका है।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ لِلَّذِیْ ظَنَّ اَنَّهٗ نَاجٍ مِّنْهُمَا اذْكُرْنِیْ عِنْدَ رَبِّكَ ؗ— فَاَنْسٰىهُ الشَّیْطٰنُ ذِكْرَ رَبِّهٖ فَلَبِثَ فِی السِّجْنِ بِضْعَ سِنِیْنَ ۟۠
और (यूसुफ़ ने) उन दोनों में से जिसके बारे में समझा था कि वह रिहा होने वाला है, उससे कहा : अपने मालिक के पास मेरा ज़िक्र करना। परंतु शैतान ने उसे अपने मालिक के पास उसकी चर्चा करने की बात भुला दी। अतः वह (यूसुफ़) कई वर्ष तक जेल ही में रहा।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ الْمَلِكُ اِنِّیْۤ اَرٰی سَبْعَ بَقَرٰتٍ سِمَانٍ یَّاْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَّسَبْعَ سُنْۢبُلٰتٍ خُضْرٍ وَّاُخَرَ یٰبِسٰتٍ ؕ— یٰۤاَیُّهَا الْمَلَاُ اَفْتُوْنِیْ فِیْ رُءْیَایَ اِنْ كُنْتُمْ لِلرُّءْیَا تَعْبُرُوْنَ ۟
और (एक दिन) राजा ने कहा : निःसंदेह मैं (सपने में) सात मोटी गायों को देखता हूँ, जिनको सात दुबली गाएँ खा रही हैं और सात हरी बालियाँ हैं और दूसरी सात सूखी हैं। ऐ प्रमुखो! यदि तुम स्वप्न का अर्थ बता सकते हो, तो मुझे मेरे स्वप्न के संबंध में बताओ?
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْۤا اَضْغَاثُ اَحْلَامٍ ۚ— وَمَا نَحْنُ بِتَاْوِیْلِ الْاَحْلَامِ بِعٰلِمِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ये तो उलझे सपनों का मिश्रण है और हम ऐसे सपनों के अर्थ से अवगत नहीं हैं।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ الَّذِیْ نَجَا مِنْهُمَا وَادَّكَرَ بَعْدَ اُمَّةٍ اَنَا اُنَبِّئُكُمْ بِتَاْوِیْلِهٖ فَاَرْسِلُوْنِ ۟
और उन दोनों में से जो रिहा हुआ था और उसे एक अवधि के बाद याद आया, उसने कहा : मैं तुम्हें इसका अर्थ बताऊँगा। अतः मुझे भेजो।[12]
12. अर्थात क़ैद ख़ाने में यूसुफ़ अलैहिस्सलाम के पास।
Las Exégesis Árabes:
یُوْسُفُ اَیُّهَا الصِّدِّیْقُ اَفْتِنَا فِیْ سَبْعِ بَقَرٰتٍ سِمَانٍ یَّاْكُلُهُنَّ سَبْعٌ عِجَافٌ وَّسَبْعِ سُنْۢبُلٰتٍ خُضْرٍ وَّاُخَرَ یٰبِسٰتٍ ۙ— لَّعَلِّیْۤ اَرْجِعُ اِلَی النَّاسِ لَعَلَّهُمْ یَعْلَمُوْنَ ۟
ऐ यूसुफ़! ऐ सत्यवादी! हमें सात मोटी गायों के बारे में बताओ, जिन्हें सात दुबली गाएँ खा रही हैं और सात हरी बालियाँ हैं और सात सूखी, ताकि मैं लोगों के पास वापस जाऊँ, ताकि वे जान लें।[13]
13. अर्थात आपकी प्रतिष्ठा और ज्ञान को।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ تَزْرَعُوْنَ سَبْعَ سِنِیْنَ دَاَبًا ۚ— فَمَا حَصَدْتُّمْ فَذَرُوْهُ فِیْ سُنْۢبُلِهٖۤ اِلَّا قَلِیْلًا مِّمَّا تَاْكُلُوْنَ ۟
यूसुफ़ ने कहा : तुम सात वर्षों तक निरंतर खेती करोगे। चुनाँचे तुम जो (फ़सल) काटो, उसे उसकी बालियों ही में रहने दो सिवाय थोड़ी (मात्रा) के जो तुम खाओ।
Las Exégesis Árabes:
ثُمَّ یَاْتِیْ مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ سَبْعٌ شِدَادٌ یَّاْكُلْنَ مَا قَدَّمْتُمْ لَهُنَّ اِلَّا قَلِیْلًا مِّمَّا تُحْصِنُوْنَ ۟
फिर इसके बाद सात कठिन वर्ष आएँगे, जो उसे खा जाएँगे, जो तुमने उनके लिए पहले से इकट्ठा कर रखा होगा, सिवाय उस थोड़े-से हिस्से के जो तुम सुरक्षित कर लोगे।
Las Exégesis Árabes:
ثُمَّ یَاْتِیْ مِنْ بَعْدِ ذٰلِكَ عَامٌ فِیْهِ یُغَاثُ النَّاسُ وَفِیْهِ یَعْصِرُوْنَ ۟۠
फिर उसके बाद एक ऐसा वर्ष आएगा, जिसमें लोगों पर बारिश होगी तथा वे उसमें (रस) निचोड़ेंगे।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِیْ بِهٖ ۚ— فَلَمَّا جَآءَهُ الرَّسُوْلُ قَالَ ارْجِعْ اِلٰی رَبِّكَ فَسْـَٔلْهُ مَا بَالُ النِّسْوَةِ الّٰتِیْ قَطَّعْنَ اَیْدِیَهُنَّ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ بِكَیْدِهِنَّ عَلِیْمٌ ۟
और राजा ने कहा : उसे मेरे पास लाओ। फिर जब दूत यूसुफ़ के पास पहुँचा, तो उन्होंने (उससे) कहा : अपने मालिक के पास वापस जाओ[14] और उससे पूछो कि उन स्त्रियों का क्या मामला है, जिन्होंने अपने हाथ काट लिए थे? निःसंदेह मेरा पालनहार उन स्त्रियों के छल से भली-भाँति अवगत है।
14. यूसुफ़ अलैहिस्सलाम को बंदी बनाए जाने से अधिक उसका कारण जानने की चिंता थी। वह चाहते थे कि क़ैद से निकलने से पहले यह सिद्ध होना चाहिए कि मैं निर्दोष था।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ مَا خَطْبُكُنَّ اِذْ رَاوَدْتُّنَّ یُوْسُفَ عَنْ نَّفْسِهٖ ؕ— قُلْنَ حَاشَ لِلّٰهِ مَا عَلِمْنَا عَلَیْهِ مِنْ سُوْٓءٍ ؕ— قَالَتِ امْرَاَتُ الْعَزِیْزِ الْـٰٔنَ حَصْحَصَ الْحَقُّ ؗ— اَنَا رَاوَدْتُّهٗ عَنْ نَّفْسِهٖ وَاِنَّهٗ لَمِنَ الصّٰدِقِیْنَ ۟
राजा ने (उन स्त्रियों से) पूछा : तुम्हारा क्या मामला था, जब तुमने यूसुफ़ के मन को रिझाया था? उन्होंने कहा : अल्लाह की पनाह! हमने उसमें कोई बुराई नहीं देखी। तब अज़ीज़ की पत्नी बोल उठी : अब सत्य खूब उजागर हो गया। मैंने ही उसके मन को रिझाया था और निःसंदेह वह सच्चा में से है।[15]
15. यह क़ुरआन का बड़ा उपकार है कि उसने रसूलों तथा नबियों पर लगाए गए बहुत-से आरोपों का निवारण कर दिया है, जिसे अह्ले किताब (यहूदी तथा ईसाई) ने यूसुफ़ (अलैहिस्सलाम) के विषय में बहुत सी निर्मूल बातें गढ़ ली थीं, जिनको क़ुरआन ने आकर साफ़ कर दिया।
Las Exégesis Árabes:
ذٰلِكَ لِیَعْلَمَ اَنِّیْ لَمْ اَخُنْهُ بِالْغَیْبِ وَاَنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِیْ كَیْدَ الْخَآىِٕنِیْنَ ۟
(मैंने) यह इसलिए किया, ताकि वह जान ले कि मैंने उसकी अनुपस्थिति में उसके साथ विश्वासघात नहीं किया और निःसंदेह अल्लाह विश्वासघातियों के चाल को (सफलता का) मार्ग नहीं दिखाता।
Las Exégesis Árabes:
وَمَاۤ اُبَرِّئُ نَفْسِیْ ۚ— اِنَّ النَّفْسَ لَاَمَّارَةٌ بِالسُّوْٓءِ اِلَّا مَا رَحِمَ رَبِّیْ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ غَفُوْرٌ رَّحِیْمٌ ۟
और मैं खुद को बरी नहीं करती, निःसंदेह मन तो बुराई का बहुत आदेश देने वाला है, सिवाय उसके जिसपर मेरा पालनहार दया करे। निःसंदेह मेरा पालनहार अति क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ الْمَلِكُ ائْتُوْنِیْ بِهٖۤ اَسْتَخْلِصْهُ لِنَفْسِیْ ۚ— فَلَمَّا كَلَّمَهٗ قَالَ اِنَّكَ الْیَوْمَ لَدَیْنَا مَكِیْنٌ اَمِیْنٌ ۟
और राजा ने कहा : उसे मेरे पास लाओ, उसे मैं अपने लिए विशेष कर लूँ और जब (राजा ने) उन (यूसुफ़) से बात की, तो कहा : निःसंदेह आप आज हमारे यहाँ पदाधिकारी, विश्वसनीय हैं।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ اجْعَلْنِیْ عَلٰی خَزَآىِٕنِ الْاَرْضِ ۚ— اِنِّیْ حَفِیْظٌ عَلِیْمٌ ۟
(यूसुफ़) ने कहा : मुझे इस देश के ख़ज़ानों पर नियुक्त कर दीजिए। निःसंदेह मैं संरक्षण करने वाला, बड़ा जानकार हूँ।
Las Exégesis Árabes:
وَكَذٰلِكَ مَكَّنَّا لِیُوْسُفَ فِی الْاَرْضِ ۚ— یَتَبَوَّاُ مِنْهَا حَیْثُ یَشَآءُ ؕ— نُصِیْبُ بِرَحْمَتِنَا مَنْ نَّشَآءُ وَلَا نُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
और इसी प्रकार, हमने यूसुफ़ को उस धरती (देश) में अधिकार प्रदान किया। वह उसमें जहाँ चाहते, रहते थे। हम अपनी दया जिसे चाहें, प्रदान करते हैं और हम सदाचारियों का प्रतिफल नष्ट नहीं करते।
Las Exégesis Árabes:
وَلَاَجْرُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا یَتَّقُوْنَ ۟۠
और निश्चय आख़िरत का बदला उन लोगों के लिए अधिक बेहतर है, जो ईमान लाए और अल्लाह से डरते रहे।
Las Exégesis Árabes:
وَجَآءَ اِخْوَةُ یُوْسُفَ فَدَخَلُوْا عَلَیْهِ فَعَرَفَهُمْ وَهُمْ لَهٗ مُنْكِرُوْنَ ۟
और यूसुफ़ के भाई आए[16], फिर वे उसके पास गए, तो उसने उन्हें पहचान लिया, जबकि वे उसे पहचान नहीं सके।
16. अर्थात अकाल के युग में अन्न लेने के लिए फिलस्तीन से मिस्र आए थे।
Las Exégesis Árabes:
وَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ قَالَ ائْتُوْنِیْ بِاَخٍ لَّكُمْ مِّنْ اَبِیْكُمْ ۚ— اَلَا تَرَوْنَ اَنِّیْۤ اُوْفِی الْكَیْلَ وَاَنَا خَیْرُ الْمُنْزِلِیْنَ ۟
और जब उनका सामान तैयार कर दिया, तो कहा : मेरे पास अपने उस भाई[17] को लेकर आना जो तुम्हारे बाप की ओर से है। क्या तुम नहीं देखते कि मैं पूरी माप देता हूँ तथा मैं उत्तम अतिथि-सत्कार करने वाला हूँ?
17. जो यूसुफ़ अलैहिस्सलाम का सगा भाई बिनयामीन था।
Las Exégesis Árabes:
فَاِنْ لَّمْ تَاْتُوْنِیْ بِهٖ فَلَا كَیْلَ لَكُمْ عِنْدِیْ وَلَا تَقْرَبُوْنِ ۟
फिर यदि तुम उसे मेरे पास न लाए, तो तुम्हारे लिए मेरे पास न कोई माप होगा और न तुम मेरे पास आना।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا سَنُرَاوِدُ عَنْهُ اَبَاهُ وَاِنَّا لَفٰعِلُوْنَ ۟
वे बोले : हम उसके पिता को इसके लिए राज़ी करने का पूरा प्रयास करेंगे और हम अवश्य ऐसा करने वाले हैं।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ لِفِتْیٰنِهِ اجْعَلُوْا بِضَاعَتَهُمْ فِیْ رِحَالِهِمْ لَعَلَّهُمْ یَعْرِفُوْنَهَاۤ اِذَا انْقَلَبُوْۤا اِلٰۤی اَهْلِهِمْ لَعَلَّهُمْ یَرْجِعُوْنَ ۟
और यूसुफ़ ने अपने सेवकों को आदेश दिया : उनका मूलधन[18] उनकी बोरियों में रख दो। ताकि वे उसे पहचान लें, जब वे अपने परिजनों की ओर वापस जाएँ, शायद वे फिर आ जाएँ।
18. अर्थात जिस धन से अन्न ख़रीदा है।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا رَجَعُوْۤا اِلٰۤی اَبِیْهِمْ قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مُنِعَ مِنَّا الْكَیْلُ فَاَرْسِلْ مَعَنَاۤ اَخَانَا نَكْتَلْ وَاِنَّا لَهٗ لَحٰفِظُوْنَ ۟
फिर जब वे अपने पिता के पास लौटे, तो कहा : ऐ हमारे पिता! हमसे (भविष्य में) माप रोक लिया गया है। अतः हमारे साथ हमारे भाई को भेजें कि हम माप (ग़ल्ला) लेकर आएँ और निःसंदेह हम उसकी अवश्य रक्षा करने वाले हैं।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ هَلْ اٰمَنُكُمْ عَلَیْهِ اِلَّا كَمَاۤ اَمِنْتُكُمْ عَلٰۤی اَخِیْهِ مِنْ قَبْلُ ؕ— فَاللّٰهُ خَیْرٌ حٰفِظًا ۪— وَّهُوَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟
(याक़ूब अलैहिस्सलाम) ने कहा : क्या मैं इसके बारे में तुम्हारा वैसे ही विश्वास करूँ, जैसे इससे पहले इसके भाई (यूसुफ़) के बारे में तुम्हारा विश्वास किया था? तो अल्लाह ही बेहतर संरक्षण करने वाला है और वह सब दया करने वालों से अधिक दया करने वाला है।
Las Exégesis Árabes:
وَلَمَّا فَتَحُوْا مَتَاعَهُمْ وَجَدُوْا بِضَاعَتَهُمْ رُدَّتْ اِلَیْهِمْ ؕ— قَالُوْا یٰۤاَبَانَا مَا نَبْغِیْ ؕ— هٰذِهٖ بِضَاعَتُنَا رُدَّتْ اِلَیْنَا ۚ— وَنَمِیْرُ اَهْلَنَا وَنَحْفَظُ اَخَانَا وَنَزْدَادُ كَیْلَ بَعِیْرٍ ؕ— ذٰلِكَ كَیْلٌ یَّسِیْرٌ ۟
और जब उन्होंने अपना सामान खोला, तो देखा कि उनका मूलधन उन्हें लौटा दिया गया है। वे बोल उठे : पिता जी! हमें और क्या चाहिए? यह हमारा धन हमें वापस कर दिया गया है। (अब) हम अपने घर वालों के लिए ग़ल्ला लाएँगे और अपने भाई की रक्षा करेंगे और एक ऊँट के बोझभर (ग़ल्ला) अधिक[19] लाएँगे। यह माप तो बहुत आसान है।
19. अर्थात अपने भाई बिनयामीन का जो उनकी दूसरी माँ से था।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ لَنْ اُرْسِلَهٗ مَعَكُمْ حَتّٰی تُؤْتُوْنِ مَوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ لَتَاْتُنَّنِیْ بِهٖۤ اِلَّاۤ اَنْ یُّحَاطَ بِكُمْ ۚ— فَلَمَّاۤ اٰتَوْهُ مَوْثِقَهُمْ قَالَ اللّٰهُ عَلٰی مَا نَقُوْلُ وَكِیْلٌ ۟
उस (याक़ूब) ने कहा : मैं उसे तुम्हारे साथ हरगिज़ नहीं भेजूँगा, यहाँ तक कि तुम मुझसे अल्लाह के नाम पर प्रतिज्ञा करो कि उसे मेरे पास अवश्य लाओगे, सिवाय इसके कि तुम (सब) को घेर लिया[20] जाए। फिर जब उन्होंने उसे अपना दृढ़ वचन दिया, तो उस (याक़ूब) ने कहा : हम जो कुछ कह रहे हैं, उसपर अल्लाह निरीक्षक (गवाह) है।
20. अर्थात विवश कर दिए जाओ।
Las Exégesis Árabes:
وَقَالَ یٰبَنِیَّ لَا تَدْخُلُوْا مِنْ بَابٍ وَّاحِدٍ وَّادْخُلُوْا مِنْ اَبْوَابٍ مُّتَفَرِّقَةٍ ؕ— وَمَاۤ اُغْنِیْ عَنْكُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ ؕ— اِنِ الْحُكْمُ اِلَّا لِلّٰهِ ؕ— عَلَیْهِ تَوَكَّلْتُ ۚ— وَعَلَیْهِ فَلْیَتَوَكَّلِ الْمُتَوَكِّلُوْنَ ۟
और (जब वे जाने लगे) तो याक़ूब ने कहा : ऐ मेरे बेटो! तुम एक ही द्वार से (मिस्र में) प्रवेश न करना, बल्कि अलग-अलग द्वारों से प्रवेश करना। और मैं तुम्हें अल्लाह की ओर से (आने वाली) किसी चीज़ से नहीं बचा सकता। आदेश तो केवल अल्लाह का चलता है। मैंने उसी पर भरोसा किया और भरोसा करने वालों को उसी पर भरोसा करना चाहिए।
Las Exégesis Árabes:
وَلَمَّا دَخَلُوْا مِنْ حَیْثُ اَمَرَهُمْ اَبُوْهُمْ ؕ— مَا كَانَ یُغْنِیْ عَنْهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ شَیْءٍ اِلَّا حَاجَةً فِیْ نَفْسِ یَعْقُوْبَ قَضٰىهَا ؕ— وَاِنَّهٗ لَذُوْ عِلْمٍ لِّمَا عَلَّمْنٰهُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
और जब उन्होंने (मिस्र में उस तरह) प्रवेश किया, जैसे उनके पिता ने उन्हें आदेश दिया था, वह उन्हें अल्लाह की ओर से आने वाली किसी चीज़ से नहीं बचा सकते थे; परंतु याक़ूब के दिल में एक इच्छा थी, जो उन्होंने पूरी कर ली।[21] और निःसंदेह वह बड़े ज्ञानवान थे, इस वजह से कि हमने उन्हें ज्ञान प्रदान किया था। लेकिन अधिकांश लोग नहीं जानते।
21. अर्थात एक अपना उपाय था।
Las Exégesis Árabes:
وَلَمَّا دَخَلُوْا عَلٰی یُوْسُفَ اٰوٰۤی اِلَیْهِ اَخَاهُ قَالَ اِنِّیْۤ اَنَا اَخُوْكَ فَلَا تَبْتَىِٕسْ بِمَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
और जब वे यूसुफ़ के पास प्रवेश किए, तो उन्होंने अपने भाई को अपने पास जगह दी।(और) कहा : निःसंदेह मैं तुम्हारा भाई (यूसुफ़) हूँ। अतः जो (दुर्व्यवहार) वे करते रहे हैं उसपर दुःखी न हो।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا جَهَّزَهُمْ بِجَهَازِهِمْ جَعَلَ السِّقَایَةَ فِیْ رَحْلِ اَخِیْهِ ثُمَّ اَذَّنَ مُؤَذِّنٌ اَیَّتُهَا الْعِیْرُ اِنَّكُمْ لَسٰرِقُوْنَ ۟
फिर जब उसने उन्हें उनके सामान के साथ तैयार कर दिया, तो (अनाज) मापने का बर्तन अपने भाई के सामान में रख दिया। फिर एक पुकारने वाले ने पुकारा : ऐ क़ाफ़िले वालो! निःसंदेह तुम निश्चय चोर हो!
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا وَاَقْبَلُوْا عَلَیْهِمْ مَّاذَا تَفْقِدُوْنَ ۟
वे उनकी ओर मुतवज्जेह होकर बोले : तुम्हारी क्या चीज़ खो गई है?
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا نَفْقِدُ صُوَاعَ الْمَلِكِ وَلِمَنْ جَآءَ بِهٖ حِمْلُ بَعِیْرٍ وَّاَنَا بِهٖ زَعِیْمٌ ۟
उन्होंने कहा : हमें राजा का मापक नहीं मिल रहा है। और जो उसे ले आए, उसके लिए एक ऊँट का बोझ (ग़ल्ला) है और मैं उसके लिए गारंटी[22] देता हूँ।
22. अर्थात एक ऊँट के बोझ बराबर पुरस्कार देने का भार मुझ पर है।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ عَلِمْتُمْ مَّا جِئْنَا لِنُفْسِدَ فِی الْاَرْضِ وَمَا كُنَّا سٰرِقِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : अल्लाह की क़सम! निश्चय तुम जान चुके हो कि हम इस देश में बिगाड़ पैदा करने नहीं आए हैं और न हम कभी चोर थे।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا فَمَا جَزَآؤُهٗۤ اِنْ كُنْتُمْ كٰذِبِیْنَ ۟
उन लोगों ने कहा : फिर उसका[23] क्या दंड है, यदि तुम झूठे निकले?
23. अर्थात चोर का।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا جَزَآؤُهٗ مَنْ وُّجِدَ فِیْ رَحْلِهٖ فَهُوَ جَزَآؤُهٗ ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الظّٰلِمِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : उसका दंड यह है कि जिसके सामान में वह पाया जाए, वही व्यक्ति उसका दंड है। हम अत्याचारियों को इसी प्रकार दंड देते हैं।[24]
24. अर्थात याक़ूब अलैहिस्सलाम के धर्म-विधान में चोर को दास बना लेने का नियम था। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Las Exégesis Árabes:
فَبَدَاَ بِاَوْعِیَتِهِمْ قَبْلَ وِعَآءِ اَخِیْهِ ثُمَّ اسْتَخْرَجَهَا مِنْ وِّعَآءِ اَخِیْهِ ؕ— كَذٰلِكَ كِدْنَا لِیُوْسُفَ ؕ— مَا كَانَ لِیَاْخُذَ اَخَاهُ فِیْ دِیْنِ الْمَلِكِ اِلَّاۤ اَنْ یَّشَآءَ اللّٰهُ ؕ— نَرْفَعُ دَرَجٰتٍ مَّنْ نَّشَآءُ ؕ— وَفَوْقَ كُلِّ ذِیْ عِلْمٍ عَلِیْمٌ ۟
चुनाँचे उसने अपने (सगे) भाई के थैले से पहले, उनके थैलों की तलाशी शुरू की। फिर उसे अपने भाई के थैले से निकाला। इस प्रकार, हमने यूसुफ़ के लिए उपाय किया।[25] वह राजा के नियम के अनुसार अपने भाई को नहीं रख सकते थे, परंतु यह कि अल्लाह चाहे। हम जिसके चाहते हैं, पद ऊँचे कर देते हैं और प्रत्येक ज्ञानवान से ऊपर एक बड़ा ज्ञानवान है।[26]
25. उनके भाई बिनयामीन को रोकने के लिए। 26 अर्थात अल्लाह से बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो सकता। इसलिए किसी को अपने ज्ञान पर गर्व नहीं होना चाहिए।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْۤا اِنْ یَّسْرِقْ فَقَدْ سَرَقَ اَخٌ لَّهٗ مِنْ قَبْلُ ۚ— فَاَسَرَّهَا یُوْسُفُ فِیْ نَفْسِهٖ وَلَمْ یُبْدِهَا لَهُمْ ۚ— قَالَ اَنْتُمْ شَرٌّ مَّكَانًا ۚ— وَاللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَصِفُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : यदि इसने चोरी की है, तो निःसंदेह इससे पहले इसके एक भाई ने भी चोरी की थी। तो यूसुफ़ ने इस बात को अपने दिल ही में रखा और उनके सामने प्रकट नहीं किया। (यूसुफ़ ने अपने मन में) कहा : तुम सबसे बुरे स्थान वाले हो और जो कुछ तुम वर्णन कर रहे हो, अल्लाह उसे सबसे अधिक जानता है।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الْعَزِیْزُ اِنَّ لَهٗۤ اَبًا شَیْخًا كَبِیْرًا فَخُذْ اَحَدَنَا مَكَانَهٗ ۚ— اِنَّا نَرٰىكَ مِنَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ अज़ीज़![27] इसका एक बहुत बूढ़ा पिता है। इसलिए आप हममें से किसी को इसके स्थान पर रख लीजिए। निःसंदेह हम आपको उपकारी देखते हैं।
27. यहाँ "अज़ीज़" का प्रयोग यूसुफ़ (अलैहिस्सलाम) के लिए किया गया है। क्योंकि उन्हीं के पास सरकार के अधिक्तर अधिकार थे।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ مَعَاذَ اللّٰهِ اَنْ نَّاْخُذَ اِلَّا مَنْ وَّجَدْنَا مَتَاعَنَا عِنْدَهٗۤ ۙ— اِنَّاۤ اِذًا لَّظٰلِمُوْنَ ۟۠
यूसुफ़ ने कहा : अल्लाह की शरण चाहते हैं कि हम उसके अतिरिक्त किसी को पकड़ें, जिसके पास हमने अपना सामान पाया है! निश्चय उस समय तो हम अत्याचारी ठहरेंगे।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا اسْتَیْـَٔسُوْا مِنْهُ خَلَصُوْا نَجِیًّا ؕ— قَالَ كَبِیْرُهُمْ اَلَمْ تَعْلَمُوْۤا اَنَّ اَبَاكُمْ قَدْ اَخَذَ عَلَیْكُمْ مَّوْثِقًا مِّنَ اللّٰهِ وَمِنْ قَبْلُ مَا فَرَّطْتُّمْ فِیْ یُوْسُفَ ۚ— فَلَنْ اَبْرَحَ الْاَرْضَ حَتّٰی یَاْذَنَ لِیْۤ اَبِیْۤ اَوْ یَحْكُمَ اللّٰهُ لِیْ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الْحٰكِمِیْنَ ۟
फिर जब वे उनसे बिल्कुल निराश हो गए, तो परामर्श करते हुए अलग जा बैठे। उनके बड़े ने कहा : क्या तुम नहीं जानते कि तुम्हारे पिता ने तुमसे अल्लाह को गवाह बनाकर दृढ़ वचन लिया है? और इससे पहले तुमने यूसुफ़ के बारे में जो कोताही की? (अब) मैं इस धरती (मिस्र) से हरगिज़ नहीं हिलूँगा, यहाँ तक कि मेरे पिता मुझे अनुमति प्रदान कर दें, या अल्लाह मेरे लिए फैसला कर दे और वह सब फैसला करने वालों से बेहतर है।
Las Exégesis Árabes:
اِرْجِعُوْۤا اِلٰۤی اَبِیْكُمْ فَقُوْلُوْا یٰۤاَبَانَاۤ اِنَّ ابْنَكَ سَرَقَ ۚ— وَمَا شَهِدْنَاۤ اِلَّا بِمَا عَلِمْنَا وَمَا كُنَّا لِلْغَیْبِ حٰفِظِیْنَ ۟
तुम अपने पिता के पास लौट जाओ और कहो, ऐ हमारे पिता! आपके पुत्र ने चोरी की है और हमने वही कहा, जो हमने जाना[28] और हम ग़ैब जानने वाले नहीं थे।[29]
28. अर्थात राजा का प्याला उसके सामान से निकलते देखा। 29. अर्थात आपको उसके वापस लाने का वचन देते समय यह नहीं जानते थे कि वह चोरी करेगा। (तफ़्सीर क़ुर्तुबी)
Las Exégesis Árabes:
وَسْـَٔلِ الْقَرْیَةَ الَّتِیْ كُنَّا فِیْهَا وَالْعِیْرَ الَّتِیْۤ اَقْبَلْنَا فِیْهَا ؕ— وَاِنَّا لَصٰدِقُوْنَ ۟
आप उस बस्ती वालों से पूछ लें, जिसमें हम थे और उस क़ाफ़िले से भी, जिसके साथ हम आए हैं। और निःसंदेह हम बिलकुल सच्चे हैं।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ بَلْ سَوَّلَتْ لَكُمْ اَنْفُسُكُمْ اَمْرًا ؕ— فَصَبْرٌ جَمِیْلٌ ؕ— عَسَی اللّٰهُ اَنْ یَّاْتِیَنِیْ بِهِمْ جَمِیْعًا ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟
याक़ूब ने कहा : (ऐसा नहीं है), बल्कि तुम्हारे दिलों ने एक बात बना ली है। इसलिए मेरा काम उत्तम सब्र है। आशा है कि अल्लाह उन सब को मेरे पास ले आएगा। निःसंदेह वही सब कुछ जानने वाला, पूर्ण हिकमत वाला है।
Las Exégesis Árabes:
وَتَوَلّٰی عَنْهُمْ وَقَالَ یٰۤاَسَفٰی عَلٰی یُوْسُفَ وَابْیَضَّتْ عَیْنٰهُ مِنَ الْحُزْنِ فَهُوَ كَظِیْمٌ ۟
और वह उनसे वापस फिरा और कहा : हाय अफ़सोस, यूसुफ़ की जुदाई पर! और उसकी दोनों आँखें शोक के कारण सफेद हो गईं। तो वह शोक से भरा हुआ था।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا تَاللّٰهِ تَفْتَؤُا تَذْكُرُ یُوْسُفَ حَتّٰی تَكُوْنَ حَرَضًا اَوْ تَكُوْنَ مِنَ الْهٰلِكِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : अल्लाह की क़सम! आप बराबर यूसुफ़ को याद करते रहेंगे, यहाँ तक कि (शोक से) घुल जाएँ या अपना विनाश कर लें।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ اِنَّمَاۤ اَشْكُوْا بَثِّیْ وَحُزْنِیْۤ اِلَی اللّٰهِ وَاَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
उन्होंने कहा : मैं तो अपने दुःख तथा शोक की शिकायत केवल अल्लाह से करता हूँ और मैं अल्लाह की ओर से वह (बात) जानता हूँ, जो तुम नहीं जानते।
Las Exégesis Árabes:
یٰبَنِیَّ اذْهَبُوْا فَتَحَسَّسُوْا مِنْ یُّوْسُفَ وَاَخِیْهِ وَلَا تَایْـَٔسُوْا مِنْ رَّوْحِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّهٗ لَا یَایْـَٔسُ مِنْ رَّوْحِ اللّٰهِ اِلَّا الْقَوْمُ الْكٰفِرُوْنَ ۟
ऐ मेरे बेटो! जाओ और यूसुफ़ तथा उसके भाई का पता लगाओ। और अल्लाह की दया से निराश न हो। वास्तव में, अल्लाह की दया से वही निराश होते हैं, जो काफ़िर हैं।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا دَخَلُوْا عَلَیْهِ قَالُوْا یٰۤاَیُّهَا الْعَزِیْزُ مَسَّنَا وَاَهْلَنَا الضُّرُّ وَجِئْنَا بِبِضَاعَةٍ مُّزْجٰىةٍ فَاَوْفِ لَنَا الْكَیْلَ وَتَصَدَّقْ عَلَیْنَا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یَجْزِی الْمُتَصَدِّقِیْنَ ۟
फिर जब (यूसुफ़ के भाई) उनके पास (मिस्र) गए, तो कहा : ऐ अज़ीज़! हमपर और हमारे घर वालों पर विपत्ति (अकाल) आ पड़ी है और हम थोड़ा-सा धन (मूल्य) लाए हैं। लेकिन हमें पूरी-पूरी माप प्रदान करें और हमें दान (भी) दें। निःसंदेह अल्लाह दान करने वालों को बदला देता है।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ هَلْ عَلِمْتُمْ مَّا فَعَلْتُمْ بِیُوْسُفَ وَاَخِیْهِ اِذْ اَنْتُمْ جٰهِلُوْنَ ۟
यूसुफ़ ने कहा : क्या तुम्हें ज्ञात है कि तुमने यूसुफ़ तथा उसके भाई के साथ क्या कुछ किया, जब तुम नासमझ थे?
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْۤا ءَاِنَّكَ لَاَنْتَ یُوْسُفُ ؕ— قَالَ اَنَا یُوْسُفُ وَهٰذَاۤ اَخِیْ ؗ— قَدْ مَنَّ اللّٰهُ عَلَیْنَا ؕ— اِنَّهٗ مَنْ یَّتَّقِ وَیَصْبِرْ فَاِنَّ اللّٰهَ لَا یُضِیْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : क्या निश्चय वास्तव में आप ही यूसुफ़ हैं? यूसुफ़ ने कहा : मैं यूसुफ़ हूँ और यह मेरा भाई है। निश्चय अल्लाह ने हमपर उपकार किया है। निःसंदेह जो (अल्लाह से) डरता है तथा धैर्य रखता है, तो अल्लाह सदाचारियों का प्रतिफल नष्ट नहीं करता।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا تَاللّٰهِ لَقَدْ اٰثَرَكَ اللّٰهُ عَلَیْنَا وَاِنْ كُنَّا لَخٰطِـِٕیْنَ ۟
उन्होंने कहा : अल्लाह की क़सम! निश्चय अल्लाह ने आपको हमपर श्रेष्ठता प्रदान की है। निःसंदेह हम वास्तव में दोषी थे।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ لَا تَثْرِیْبَ عَلَیْكُمُ الْیَوْمَ ؕ— یَغْفِرُ اللّٰهُ لَكُمْ ؗ— وَهُوَ اَرْحَمُ الرّٰحِمِیْنَ ۟
यूसुफ़ ने कहा : आज तुम्हारी कोई भर्त्सना नहीं की जाएगी। अल्लाह तुम्हें क्षमा करे। वह दया करने वालों में सबसे अधिक दया करने वाला है।
Las Exégesis Árabes:
اِذْهَبُوْا بِقَمِیْصِیْ هٰذَا فَاَلْقُوْهُ عَلٰی وَجْهِ اَبِیْ یَاْتِ بَصِیْرًا ۚ— وَاْتُوْنِیْ بِاَهْلِكُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟۠
मेरा यह कुर्ता ले जाओ और उसे मेरे पिता के चेहरे पर डाल दो, वह देखने लगेंगे। और अपने सभी घर वालों को मेरे पास ले आओ।
Las Exégesis Árabes:
وَلَمَّا فَصَلَتِ الْعِیْرُ قَالَ اَبُوْهُمْ اِنِّیْ لَاَجِدُ رِیْحَ یُوْسُفَ لَوْلَاۤ اَنْ تُفَنِّدُوْنِ ۟
और जब क़ाफ़िला चल पड़ा, तो उनके पिता ने कहा : निःसंदेह मुझे यूसुफ़ की सुगंध आ रही है, यदि तुम मुझे बहका हुआ न समझो।
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا تَاللّٰهِ اِنَّكَ لَفِیْ ضَلٰلِكَ الْقَدِیْمِ ۟
उन लोगों[30] ने कहा : अल्लाह की क़सम! निश्चय आप अपनी पुरानी भ्रांति ही में पड़े हुए हैं।
30. याक़ूब अलैहिस्सलाम के परिजनों ने जो फ़िलस्तीन में उनके पास थे।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّاۤ اَنْ جَآءَ الْبَشِیْرُ اَلْقٰىهُ عَلٰی وَجْهِهٖ فَارْتَدَّ بَصِیْرًا ۚؕ— قَالَ اَلَمْ اَقُلْ لَّكُمْ ۚ— اِنِّیْۤ اَعْلَمُ مِنَ اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
फिर जैसे ही शुभ सूचना देने वाला आया, उसने वह (कुर्ता) उनके मुख पर डाल दिया तो वह फिर से देखने लगे। कहने लगे : क्या मैंने तुमसे कहा नहीं था कि निःसंदेह मैं अल्लाह की ओर से जो जानता हूँ, तुम नहीं जानते?
Las Exégesis Árabes:
قَالُوْا یٰۤاَبَانَا اسْتَغْفِرْ لَنَا ذُنُوْبَنَاۤ اِنَّا كُنَّا خٰطِـِٕیْنَ ۟
उन्होंने कहा : ऐ हमारे पिता! हमारे लिए हमारे पापों की क्षमा के लिए प्रार्थना करें। निश्चय हम ही दोषी थे।
Las Exégesis Árabes:
قَالَ سَوْفَ اَسْتَغْفِرُ لَكُمْ رَبِّیْ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
उस (याक़ूब) ने कहा : मैं तुम्हारे लिए अपने पालनहार से क्षमा की प्रार्थना करूँगा। निःसंदेह वही अत्यंत क्षमा करने वाला, असीम दयावान् है।
Las Exégesis Árabes:
فَلَمَّا دَخَلُوْا عَلٰی یُوْسُفَ اٰوٰۤی اِلَیْهِ اَبَوَیْهِ وَقَالَ ادْخُلُوْا مِصْرَ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ اٰمِنِیْنَ ۟ؕ
फिर जब वे यूसुफ़ के पास पहुँचे, तो उन्होंने अपने माता-पिता को अपने पास जगह दी और कहा : सुरक्षित वि निश्चिंत मिस्र में प्रवेश करो, यदि अल्लाह ने चाहा।
Las Exégesis Árabes:
وَرَفَعَ اَبَوَیْهِ عَلَی الْعَرْشِ وَخَرُّوْا لَهٗ سُجَّدًا ۚ— وَقَالَ یٰۤاَبَتِ هٰذَا تَاْوِیْلُ رُءْیَایَ مِنْ قَبْلُ ؗ— قَدْ جَعَلَهَا رَبِّیْ حَقًّا ؕ— وَقَدْ اَحْسَنَ بِیْۤ اِذْ اَخْرَجَنِیْ مِنَ السِّجْنِ وَجَآءَ بِكُمْ مِّنَ الْبَدْوِ مِنْ بَعْدِ اَنْ نَّزَغَ الشَّیْطٰنُ بَیْنِیْ وَبَیْنَ اِخْوَتِیْ ؕ— اِنَّ رَبِّیْ لَطِیْفٌ لِّمَا یَشَآءُ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْعَلِیْمُ الْحَكِیْمُ ۟
तथा उसने अपने माता-पिता को सिंहासन पर ऊँचा बिठाया और सब उन (यूसुफ़) के आगे सजदे में गिर गए और यूसुफ़ ने कहा : ऐ मेरे पिता! यह मेरे पहले के स्वप्न का अर्थ है। निःसंदेह मेरे पालनहार ने उसे सच कर दिया। तथा निःसंदेह उसने मुझपर उपकार किया, जब मुझे कारावास से निकाला और आप लोगों को गाँव से ले आया, इसके पश्चात् कि शैतान ने मेरे तथा मेरे भाइयों के बीच झगड़ा डाल दिया। निःसंदेह मेरा पालनहार जो चाहे, उसका सूक्ष्म उपाय करने वाला है। निश्चय वही सब कुछ जानने वाला, पूर्ण हिकमत वाला है।
Las Exégesis Árabes:
رَبِّ قَدْ اٰتَیْتَنِیْ مِنَ الْمُلْكِ وَعَلَّمْتَنِیْ مِنْ تَاْوِیْلِ الْاَحَادِیْثِ ۚ— فَاطِرَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۫— اَنْتَ وَلِیّٖ فِی الدُّنْیَا وَالْاٰخِرَةِ ۚ— تَوَفَّنِیْ مُسْلِمًا وَّاَلْحِقْنِیْ بِالصّٰلِحِیْنَ ۟
ऐ मेरे पालनहार! तूने मुझे राज्य में से हिस्सा प्रदान किया तथा बातों के अर्थ (असल तथ्य) में से कुछ सिखाया। ऐ आकाशों तथा धरती के पैदा करने वाले! दुनिया तथा आख़िरत में तू ही मेरा संरक्षक है। मुझे मुसलमान होने की अवस्था में मृत्यु दे और मुझे सदाचारियों से मिला दे।
Las Exégesis Árabes:
ذٰلِكَ مِنْ اَنْۢبَآءِ الْغَیْبِ نُوْحِیْهِ اِلَیْكَ ۚ— وَمَا كُنْتَ لَدَیْهِمْ اِذْ اَجْمَعُوْۤا اَمْرَهُمْ وَهُمْ یَمْكُرُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) ये ग़ैब (परोक्ष) के कुछ समाचार हैं, जो हम आपकी ओर वह़्य करते हैं। और आप उन (भाइयों) के पास नहीं थे, जब उन्होंने अपने काम का दृढ़ निश्चय किया और वे गुप्त उपाय कर रहे थे।
Las Exégesis Árabes:
وَمَاۤ اَكْثَرُ النَّاسِ وَلَوْ حَرَصْتَ بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
और अधिकांश लोग, अगरचे आप उत्सुक हों, हरगिज़ ईमान लाने वाले नहीं हैं।
Las Exégesis Árabes:
وَمَا تَسْـَٔلُهُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ ؕ— اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟۠
हालाँकि आप उनसे इस (धर्म प्रचार) पर कोई पारिश्रमिक नहीं माँगते। यह (क़ुरआन) तो संसार वालों के लिए मात्र एक उपदेश है।
Las Exégesis Árabes:
وَكَاَیِّنْ مِّنْ اٰیَةٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ یَمُرُّوْنَ عَلَیْهَا وَهُمْ عَنْهَا مُعْرِضُوْنَ ۟
तथा आकाशों और धरती में कितनी ही निशानियाँ[31] हैं, जिनपर से वे गुज़रते हैं और वे उनपर ध्यान नहीं देते।[32]
31. अर्थात सहस्त्रों वर्ष की यह कथा इस विवरण के साथ वह़्य द्वारा ही संभव है, जो आपके अल्लाह के नबी होने तथा क़ुरआन के अल्लाह की वाणी होने का स्पष्ट प्रमाण है। 32. अर्थात संसार की प्रत्येक चीज़ अल्लाह के अस्तित्व और उसकी शक्ति और सदगुणों की परिचायक है, मात्र सोच-विचार की आवश्यक्ता है।
Las Exégesis Árabes:
وَمَا یُؤْمِنُ اَكْثَرُهُمْ بِاللّٰهِ اِلَّا وَهُمْ مُّشْرِكُوْنَ ۟
और उनमें से अधिकांश अल्लाह पर ईमान नहीं रखते, परंतु इस हाल में कि वे साझी ठहराने[33] वाले होते हैं।
33. अर्थात अल्लाह के अस्तित्व और गुणों का विश्वास रखते हैं, फिर भी पूजा अन्य की करते हैं।
Las Exégesis Árabes:
اَفَاَمِنُوْۤا اَنْ تَاْتِیَهُمْ غَاشِیَةٌ مِّنْ عَذَابِ اللّٰهِ اَوْ تَاْتِیَهُمُ السَّاعَةُ بَغْتَةً وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
तो क्या वे निर्भय हो गए हैं कि उनपर अल्लाह की यातना में से कोई ढांक लेने वाली विपत्ति आ पड़े, या उनपर अचानक क़ियामत आ जाए और वे सोचते भी न हों?
Las Exégesis Árabes:
قُلْ هٰذِهٖ سَبِیْلِیْۤ اَدْعُوْۤا اِلَی اللّٰهِ ؔ۫— عَلٰی بَصِیْرَةٍ اَنَا وَمَنِ اتَّبَعَنِیْ ؕ— وَسُبْحٰنَ اللّٰهِ وَمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟
(ऐ नबी!) आप कह दें : यही मेरा रास्ता है। मैं और मेरा अनुसरण करने वाले पूर्ण अंतर्दृष्टि तथा स्पष्ट प्रमाण के साथ अल्लाह की ओर बुलाते हैं। तथा अल्लाह पवित्र है और मैं मुश्रिकों (बहुदेववादियों) में से नहीं हूँ।
Las Exégesis Árabes:
وَمَاۤ اَرْسَلْنَا مِنْ قَبْلِكَ اِلَّا رِجَالًا نُّوْحِیْۤ اِلَیْهِمْ مِّنْ اَهْلِ الْقُرٰی ؕ— اَفَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— وَلَدَارُ الْاٰخِرَةِ خَیْرٌ لِّلَّذِیْنَ اتَّقَوْا ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
और हमने आपसे पहले बस्तियों के रहने वालों में से केवल पुरुषों[34] को नबी बनाकर भेजे, जिनकी ओर हम वह़्य किया करते थे। तो क्या ये धरती में चले-फिरे नहीं, कि देखते उनका परिणाम कैसा हुआ, जो इनसे पहले थे? और निश्चय आख़िरत (परलोक) का घर उनके लिए उत्तम है, जो अल्लाह से डरते रहे। तो क्या तुम समझते नहीं?
34. क़ुरआन की अनेक आयतों में आपको यह बात मिलेगी कि रसूलों का इनकार उनकी जातियों ने दो ही कारणों से किया : एक तो यह कि उनके एकेश्वरवाद की शिक्षा उनके बाप-दादा की परंपरा के विरुद्ध थी, इसलिए सत्य को जानते हुए भी उन्होंने उसका विरोध किया। दूसरा यह कि उनके दिल में यह बात नहीं उतरी कि कोई मानव पुरुष अल्लाह का रसूल हो सकता है! उनके हिसाब से रसूल तो किसी फ़रिश्ते को होना चाहिए। फिर यदि रसूलों को किसी जाति ने स्वीकार भी किया, तो कुछ युगों के पश्चात उन्हें ईश्वर अथवा ईश्वर का पुत्र बनाकर एकेश्वरवाद को आघात पहुँचाया और शिर्क (मिश्रणवाद) का द्वार खोल दिया। इसीलिए क़ुरआन ने इन दोनों कुविचारों का बार बार खंडन किया है।
Las Exégesis Árabes:
حَتّٰۤی اِذَا اسْتَیْـَٔسَ الرُّسُلُ وَظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ قَدْ كُذِبُوْا جَآءَهُمْ نَصْرُنَا ۙ— فَنُجِّیَ مَنْ نَّشَآءُ ؕ— وَلَا یُرَدُّ بَاْسُنَا عَنِ الْقَوْمِ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
यहाँ तक कि जब रसूल बिलकुल निराश हो गए और लोगों को विश्वास हो गया कि निश्चय उनसे झूठ बोला गया था, तो उनके पास हमारी सहायता आ गई। फिर हम जिसे चाहते थे, उसे बचा लिया गया। और हमारी यातना अपराधियों से हटाई नहीं जाती।
Las Exégesis Árabes:
لَقَدْ كَانَ فِیْ قَصَصِهِمْ عِبْرَةٌ لِّاُولِی الْاَلْبَابِ ؕ— مَا كَانَ حَدِیْثًا یُّفْتَرٰی وَلٰكِنْ تَصْدِیْقَ الَّذِیْ بَیْنَ یَدَیْهِ وَتَفْصِیْلَ كُلِّ شَیْءٍ وَّهُدًی وَّرَحْمَةً لِّقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟۠
निःसंदेह उनकी कहानियों में, बुद्धिमानों के लिए बड़ी शिक्षा है। यह (क़ुरआन) हरगिज़ ऐसी बात नहीं, जो गढ़ ली जाए। लेकिन इससे पहले की पुस्तकों की पुष्टि करने वाला और प्रत्येक वस्तु का विवरण (ब्योरा) है, तथा उन लोगों के लिए, जो ईमान (विश्वास) रखते हैं, मार्गदर्शन और दया है।
Las Exégesis Árabes:
 
Traducción de significados Capítulo: Sura Yusef
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Traducción de los significados del Sagrado Corán - Traducción India - Índice de traducciones

Traducción del significado del Noble Corán al indio por Azizul-Haqq Al-Umary

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