Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tippudi firooji ɗii


Firo maanaaji Aaya: (10) Simoore: Simoore Huud
وَلَىِٕنْ اَذَقْنٰهُ نَعْمَآءَ بَعْدَ ضَرَّآءَ مَسَّتْهُ لَیَقُوْلَنَّ ذَهَبَ السَّیِّاٰتُ عَنِّیْ ؕ— اِنَّهٗ لَفَرِحٌ فَخُوْرٌ ۟ۙ
और यदि हम उसे गरीबी और बीमारी के पश्चात आजीविका में विस्तार और स्वास्थ्य का मज़ा चखा दें, तो वह अवश्य कहेगा : विपत्ति मुझसे दूर हो गई और तकलीफ़ ख़त्म हो गई। वह इस पर अल्लाह का शुक्रिया अदा नहीं करता। वह ख़ुशी से इतराता फिरता है और अल्लाह की प्रदान की हुई नेमतों पर लोगों के सामने शेखी बघारता और गर्व करता है।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• سعة علم الله تعالى وتكفله بأرزاق مخلوقاته من إنسان وحيوان وغيرهما.
• अल्लाह के ज्ञान की व्यापकता और उसका मनुष्यों, जानवरों और अन्य सहित अपनी सभी सृष्टियों की आजीविका की ज़िम्मेदारी उठाना।

• بيان علة الخلق؛ وهي اختبار العباد بامتثال أوامر الله واجتناب نواهيه.
• सृष्टि की रचना के कारण का वर्णन; और वह अल्लाह के आदेशों के अनुपालन और उसकी मना की हुई चीज़ों से बचने में बंदों का परीक्षण है।

• لا ينبغي الاغترار بإمهال الله تعالى لأهل معصيته، فإنه قد يأخذهم فجأة وهم لا يشعرون.
• गुनाहगारों के लिए अल्लाह की छूट से धोखा नहीं खाना चाहिए, क्योंकि वह अचानक उन्हें पकड़ सकता है और उन्हें एहसास भी नहीं होगा।

• بيان حال الإنسان في حالتي السعة والشدة، ومدح موقف المؤمن المتمثل في الصبر والشكر.
• संपन्नता और कठिनाई की स्थिति में मानवीय स्थिति का वर्णन तथा सब्र और शुक्र के रूप में प्रदर्शित मोमिन की स्थिति की प्रशंसा।

 
Firo maanaaji Aaya: (10) Simoore: Simoore Huud
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Tippudi firooji ɗii

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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