Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tippudi firooji ɗii


Firo maanaaji Aaya: (66) Simoore: Simoore hajju
وَهُوَ الَّذِیْۤ اَحْیَاكُمْ ؗ— ثُمَّ یُمِیْتُكُمْ ثُمَّ یُحْیِیْكُمْ ؕ— اِنَّ الْاِنْسَانَ لَكَفُوْرٌ ۟
अल्लाह वही है, जिसने तुम्हें अनस्तित्व से अस्तित्व में लाकर जीवन प्रदान किया, फिर जब तुम्हारी आयु समाप्त हो जाएगी, तो तुम्हें मौत देगा, फिर तुम्हारी मृत्यु के बाद तुम्हारे कर्मों का हिसाब लेने और तुम्हें उनका बदला देने के लिए तुम्हें फिर से जीवित करेगा। निश्चय इनसान, अल्लाह के साथ दूसरों की इबादत करके, उसकी नेमतों का (जबकि वे स्पष्ट हैं) बहुत ज़्यादा इनकार करने वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• من نعم الله على الناس تسخير ما في السماوات وما في الأرض لهم.
• लोगों पर अल्लाह की नेमतों में से यह भी है कि उसने आकाशों और धरती की सारी चीज़ों को उनके वश में कर दिया है।

• إثبات صفتي الرأفة والرحمة لله تعالى.
• अल्लाह तआला के लिए 'राफ़त' (करुणा) और 'रह़मत' (दया) के गुणों को साबित करना।

• إحاطة علم الله بما في السماوات والأرض وما بينهما.
• आकाशों और धरती की तथा उन दोनों के बीच की सारी चीज़ें अल्लाह के ज्ञान के घेरे में हैं।

• التقليد الأعمى هو سبب تمسك المشركين بشركهم بالله.
• अंधा अनुकरण ही मुश्रिकों के अपने शिर्क से चिपके रहने का कारण है।

 
Firo maanaaji Aaya: (66) Simoore: Simoore hajju
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Tippudi firooji ɗii

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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