Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tippudi firooji ɗii


Firo maanaaji Simoore: Simoore Lukmaan   Aaya:

सूरा लुक़्मान

Ina jeyaa e payndaale simoore ndee:
الأمر باتباع الحكمة التي تضمّنها القرآن، والتحذير من الإعراض عنها.
क़ुरआन में निहित हिकमत (ज्ञान) का पालन करने का आदेश, तथा उससे विमुख होने से चेतावनी।

الٓمّٓ ۟ۚ
(अलिफ़, लाम, मीम) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
Faccirooji aarabeeji:
تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْحَكِیْمِ ۟ۙ
(ऐ रसूल) आपपर उतरने वाली ये आयतें, उस किताब की आयतें हैं, जो हिकमत की बात करती है।
Faccirooji aarabeeji:
هُدًی وَّرَحْمَةً لِّلْمُحْسِنِیْنَ ۟ۙ
वह उन लोगों के लिए मार्गदर्शन और दया है, जो अपने पालनहार के अधिकारों और उसके बंदों के अधिकारों को पूरा करके अच्छा कार्य करते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
الَّذِیْنَ یُقِیْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَیُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ هُمْ یُوْقِنُوْنَ ۟ؕ
जो सम्पूर्ण रूप से नमाज़ अदा करते हैं, अपने धनों की ज़कात देते हैं तथा वे आख़िरत में पेश आने वाली घटनाओं : पुनर्जीवन, हिसाब, पुण्य और दंड पर विश्वास रखते हैंl
Faccirooji aarabeeji:
اُولٰٓىِٕكَ عَلٰی هُدًی مِّنْ رَّبِّهِمْ وَاُولٰٓىِٕكَ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ۟
जो लोग इन गुणों से विशिष्ट हैं, वे अपने पालनहार की ओर से मार्गदर्शन पर क़ायम हैं और वही अपनी मुराद को पहुँचने वाले और भय से मुक्ति पाने वाले हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یَّشْتَرِیْ لَهْوَ الْحَدِیْثِ لِیُضِلَّ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ بِغَیْرِ عِلْمٍ ۖۗ— وَّیَتَّخِذَهَا هُزُوًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ لَهُمْ عَذَابٌ مُّهِیْنٌ ۟
तथा लोगों के बीच कोई (जैसे नज़्र बिन हारिस) ऐसा व्यक्ति भी है, जो असावधान करने वाली बातें अपनाता है, ताकि वह बिना किसी ज्ञान के लोगों को अल्लाह के दीन से हटाकर उन बातों में लगा दे, और अल्लाह की आयतों को मज़ाक का सामान बनाकर उनका परिहास करता है। इन विशेषताओं के साथ वर्णित लोगों के लिए आख़िरत में अपमानजनक यातना है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِ اٰیٰتُنَا وَلّٰی مُسْتَكْبِرًا كَاَنْ لَّمْ یَسْمَعْهَا كَاَنَّ فِیْۤ اُذُنَیْهِ وَقْرًا ۚ— فَبَشِّرْهُ بِعَذَابٍ اَلِیْمٍ ۟
और जब उसके सामने हमारी आयतें पढ़ी जाती हैं, तो वह उन्हें सुनने से ऐसे घमंड करते हुए पीठ फेर लेता है, जैसे कि उसने उन्हें सुना ही न हो। मानो उसके कानों में आवाज़ें सुनने से बहरापन है। तो (ऐ रसूल) उसे कष्टदायी यातना की शुभसूचना दे दें, जो उसकी प्रतीक्षा कर रही है।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ جَنّٰتُ النَّعِیْمِ ۟ۙ
जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए और नेक कार्य किए, उनके लिए नेमत के बाग़ हैं, जिनमें वे उसका आनंद लेंगे, जो अल्लाह ने उनके लिए तैयार किया है।
Faccirooji aarabeeji:
خٰلِدِیْنَ فِیْهَا ؕ— وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّا ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
वे उन बागों में सदैव रहेंगे। अल्लाह ने उनसे इसका सच्चा वादा किया है, जिसमें कोई संदेह नहीं है। वह पवित्र अल्लाह प्रभुत्वशाली है, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता। वह अपनी रचना, नियति (तक़दीर नियत करने) और शरीयतसाज़ी में हिकमत वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
خَلَقَ السَّمٰوٰتِ بِغَیْرِ عَمَدٍ تَرَوْنَهَا وَاَلْقٰی فِی الْاَرْضِ رَوَاسِیَ اَنْ تَمِیْدَ بِكُمْ وَبَثَّ فِیْهَا مِنْ كُلِّ دَآبَّةٍ ؕ— وَاَنْزَلْنَا مِنَ السَّمَآءِ مَآءً فَاَنْۢبَتْنَا فِیْهَا مِنْ كُلِّ زَوْجٍ كَرِیْمٍ ۟
पवित्र अल्लाह ने बिना खंभों के ऊपर उठे हुए आकाश पैदा किए, और धरती में अचल पहाड़ गाड़ दिए, ताकि वह तुम्हें लेकर हिलने-डुलने न लगे और धरती के ऊपर सभी प्रकार के जानवर फैला दिए। तथा हमने आकाश से बारिश का पानी उतारा। फिर हमने धरती के ऊपर हर तरह की खुश-मंज़र चीज़ें उगाईं, जिनसे इनसान और जानवर लाभ प्राप्त करते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
هٰذَا خَلْقُ اللّٰهِ فَاَرُوْنِیْ مَاذَا خَلَقَ الَّذِیْنَ مِنْ دُوْنِهٖ ؕ— بَلِ الظّٰلِمُوْنَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟۠
यह उपर्युक्त अल्लाह की रचना है। तो (ऐ मुश्रिको) मुझे दिखाओ कि उन लोगों ने क्या कुछ पैदा किया है, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पूजते हो?! बल्कि ये अत्याचारी लोग स्पष्ट रूप से सच्चाई से भटके हुए हैं। क्योंकि वे अपने पालनहार के साथ उनको साझी बनाते हैं, जो कुछ भी पैदा नहीं कर सकते, बल्कि वे स्वयं पैदा किए गए हैं।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• طاعة الله تقود إلى الفلاح في الدنيا والآخرة.
• अल्लाह का आज्ञापालन दुनिया एवं आखिरत में सफलता की ओर ले जाता है।

• تحريم كل ما يصد عن الصراط المستقيم من قول أو فعل.
• सीधे रास्ते से रोकने वाले सभी शब्दों या कर्मों का निषेध।

• التكبر مانع من اتباع الحق.
• अहंकार लोगों को सच्चाई का पालन करने से रोकता है।

• انفراد الله بالخلق، وتحدي الكفار أن تخلق آلهتهم شيئًا.
• अल्लाह का सृष्टि में एकल होना, और काफ़िरों को इस बात की चुनौती कि उनके पूज्य कोई चीज़ पैदा करके दिखाएँ।

وَلَقَدْ اٰتَیْنَا لُقْمٰنَ الْحِكْمَةَ اَنِ اشْكُرْ لِلّٰهِ ؕ— وَمَنْ یَّشْكُرْ فَاِنَّمَا یَشْكُرُ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ كَفَرَ فَاِنَّ اللّٰهَ غَنِیٌّ حَمِیْدٌ ۟
हमने लुक़मान को धर्म की गहन समझ और सही निर्णय की शक्ति प्रदान की थी और उससे कहा था : (ऐ लुक़मान) अपने पालनहार का शुक्रिया अदा करो कि उसने तुम्हें उसके आज्ञापालन का सामर्थ्य प्रदान किया है। और जो अपने रब का शुक्रिया अदा करेगा, तो उसके शुक्रिया का लाभ उसे ही प्राप्त होगा। अल्लाह को उसके शुक्रिया की कोई आवश्यकता नहीं है। और जिसने अल्लाह की ओर से मिली हुई नेमत का इनकार किया और उसके साथ कुफ़्र किया, तो उसके कुफ़्र का नुक़सान उसे ही होगा और वह अल्लाह को कुछ भी नुकसान नहीं पहुँचाएगा। क्योंकि वह अपनी सारी मख़लूक़ से बेनियाज़ है, हर हाल में प्रशंसनीय है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذْ قَالَ لُقْمٰنُ لِابْنِهٖ وَهُوَ یَعِظُهٗ یٰبُنَیَّ لَا تُشْرِكْ بِاللّٰهِ ؔؕ— اِنَّ الشِّرْكَ لَظُلْمٌ عَظِیْمٌ ۟
और (ऐ रसूल) याद करें, जब लुक़मान ने अपने बेटे से, उसे अच्छे कार्य में रुचि दिलाते हुए और बुरे कार्य से सावधान करते हुए कहा : ऐ मेरे बेटे! अल्लाह के साथ उसके अलावा की इबादत न कर। अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य की इबादत करना, अपने आप पर बहुत बड़ा अत्याचार है। क्योंकि यह सबसे बड़ा गुनाह है और इसके नतीजे में इनसान सदा जहन्नम में रहने का हक़दार बन जाता है।
Faccirooji aarabeeji:
وَوَصَّیْنَا الْاِنْسَانَ بِوَالِدَیْهِ ۚ— حَمَلَتْهُ اُمُّهٗ وَهْنًا عَلٰی وَهْنٍ وَّفِصٰلُهٗ فِیْ عَامَیْنِ اَنِ اشْكُرْ لِیْ وَلِوَالِدَیْكَ ؕ— اِلَیَّ الْمَصِیْرُ ۟
और हमने इनसान को उन चीज़ों में अपने माता-पिता की आज्ञा मानने और उनके साथ सद्व्यवहार करने की ताकीद की है, जिनमें अल्लाह की अवज्ञा नहीं है। उसकी माँ ने कष्ट के बाद कष्ट का सामना करते हुए उसे अपने पेट में रखा और दो साल में उसका स्तनपान छुड़ाया। और हमने उससे कहा : अल्लाह ने तुझे जो नेमतें प्रदान की हैं, उनपर अल्लाह का शुक्रिया अदा कर, फिर अपने माँ-बाप का शुक्रिया अदा कर कि उन्होंने तेरी परवरिश और देखभाल की। सबको मेरी ही ओर लौटकर आना है, फिर मैं हर एक को वह बदला दूँगा जिसका वह हक़दार है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِنْ جٰهَدٰكَ عَلٰۤی اَنْ تُشْرِكَ بِیْ مَا لَیْسَ لَكَ بِهٖ عِلْمٌ فَلَا تُطِعْهُمَا وَصَاحِبْهُمَا فِی الدُّنْیَا مَعْرُوْفًا ؗ— وَّاتَّبِعْ سَبِیْلَ مَنْ اَنَابَ اِلَیَّ ۚ— ثُمَّ اِلَیَّ مَرْجِعُكُمْ فَاُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
और यदि माता-पिता पूरा ज़ोर लगा दें कि तुम किसी और को अल्लाह का साझी बनाओ, तो इसमें उनकी बात न मानो, क्योंकि सृष्टिकर्ता की अवज्ञा में किसी प्राणी की बात नहीं मानी जा सकती। और दुनिया में उनके साथ सद्व्यवहार, अच्छे संबंध और भलाई के साथ रहो। और उन लोगों के रास्ते पर चलो, जो तौहीद और आज्ञापालन के द्वारा मेरी ओर लौटते हैं। फिर क़ियामत के दिन तुम सभी को अकेले मेरी ही ओर लौटकर आना है, तब मैं तुम्हें बताऊँगा कि तुम दुनिया में क्या किया करते थे और तुम्हें उसका बदला दूँगा।
Faccirooji aarabeeji:
یٰبُنَیَّ اِنَّهَاۤ اِنْ تَكُ مِثْقَالَ حَبَّةٍ مِّنْ خَرْدَلٍ فَتَكُنْ فِیْ صَخْرَةٍ اَوْ فِی السَّمٰوٰتِ اَوْ فِی الْاَرْضِ یَاْتِ بِهَا اللّٰهُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَطِیْفٌ خَبِیْرٌ ۟
ऐ मेरे बेटे! निश्चय कोई बुरा या अच्छा काम, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, राई के एक दाने के वज़न के समान हो और वह किसी चट्टान के भीतर हो, जिसे कोई नहीं जानता, या वह आकाशों में या पृथ्वी में किसी भी स्थान पर हो - तो निश्चित रूप से अल्लाह उसे क़ियामत के दिन ले आएगा और बंदे को उसका बदला देगा। निश्चय अल्लाह सूक्ष्मदर्शी है, छोटी से छोटी चीज़ भी उससे छिपी नहीं है, वह उनके तथ्यों और उनके स्थान से पूरी तरह अवगत है।
Faccirooji aarabeeji:
یٰبُنَیَّ اَقِمِ الصَّلٰوةَ وَاْمُرْ بِالْمَعْرُوْفِ وَانْهَ عَنِ الْمُنْكَرِ وَاصْبِرْ عَلٰی مَاۤ اَصَابَكَ ؕ— اِنَّ ذٰلِكَ مِنْ عَزْمِ الْاُمُوْرِ ۟ۚ
ऐ मेरे बेटे! नमाज़ को उसके संपूर्ण तरीक़े से अदा करके क़ायम कर, भलाई का आदेश दे और बुराई से रोक, तथा इस राह में तुझे जो भी कठिनाई का सामना हो, उसपर धैर्य रख। तुझे यहाँ जिस चीज़ का आदेश दिया गया है, उसका पालन करना तेरे लिए ज़रूरी है। इसलिए इसमें तेरे लिए चयन का कोई विकल्प नहीं है।
Faccirooji aarabeeji:
وَلَا تُصَعِّرْ خَدَّكَ لِلنَّاسِ وَلَا تَمْشِ فِی الْاَرْضِ مَرَحًا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یُحِبُّ كُلَّ مُخْتَالٍ فَخُوْرٍ ۟ۚ
और अहंकार के कारण लोगों से अपना मुँह न फेर तथा धरती पर अकड़कर और खुशी से खुद को निहारते हुए न चल। निश्चय अल्लाह अकड़कर चलने वाले और मिली हुई नेमतों पर गर्व करने वाले से प्रेम नहीं करता, जो उनके कारण लोगों के सामने गर्व करता हैं और उनपर अल्लाह का शुक्रिया अदा नहीं करता है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاقْصِدْ فِیْ مَشْیِكَ وَاغْضُضْ مِنْ صَوْتِكَ ؕ— اِنَّ اَنْكَرَ الْاَصْوَاتِ لَصَوْتُ الْحَمِیْرِ ۟۠
अपनी चाल में बहुत तेज़ चलने और धीरे-धीरे चलने के बीच ऐसी मध्यम चाल अपनाओ, जिससे संजीदगी का पता चले। तथा अपनी आवाज़ कुछ नीची रखो। इतनी ऊँची न करो कि दूसरों को कष्ट हो। सबसे बुरी आवाज़ गधों की आवाज़ है, क्योंकि उनकी आवाजें ऊँची होती हैं।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• لما فصَّل سبحانه ما يصيب الأم من جهد الحمل والوضع دلّ على مزيد برّها.
• जब अल्लाह ने गर्भावस्था और प्रसव से माँ को पहुँचने वाली कठिनाइयों का विस्तृत उल्लेख किया, तो इससे पता चला कि उसके साथ अधिक सद्व्यवहार करना चाहिए।

• نفع الطاعة وضرر المعصية عائد على العبد.
• आज्ञाकारिता का लाभ और अवज्ञा का नुक़सान बंदे ही पर लौटने वाला है।

• وجوب تعاهد الأبناء بالتربية والتعليم.
• बच्चों की शिक्षा और प्रशिक्षण पर ध्यान देने की अनिवार्यता।

• شمول الآداب في الإسلام للسلوك الفردي والجماعي.
• इस्लाम में शिष्टाचार का व्यक्तिगत और सामूहिक व्यवहार को शामिल होना।

اَلَمْ تَرَوْا اَنَّ اللّٰهَ سَخَّرَ لَكُمْ مَّا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ وَاَسْبَغَ عَلَیْكُمْ نِعَمَهٗ ظَاهِرَةً وَّبَاطِنَةً ؕ— وَمِنَ النَّاسِ مَنْ یُّجَادِلُ فِی اللّٰهِ بِغَیْرِ عِلْمٍ وَّلَا هُدًی وَّلَا كِتٰبٍ مُّنِیْرٍ ۟
(ऐ लोगो!) क्या तुमने नहीं देखा कि अल्लाह ने तुम्हारे लिए आकाशों में जो कुछ सूर्य, चंद्रमा और ग्रहें हैं, उनसे लाभ उठाना आसान बना दिया है, तथा धरती में जो जानवर, पेड़ और पौधे हैं, उन्हें भी (उपयोग में लाना) तुम्हारे लिए आसान बना दिया है। और तुमपर अपनी नेमतें पूरी कर दी हैं, चाहे जो स्पष्ट रूप से दिखाई देती हैं, जैसे कि छवि की सुंदरता और अच्छे रूप, तथा जो अप्रत्यक्ष और गुप्त हैं, जैसे कि विवेक और ज्ञान। इन नेमतों की उपस्थिति के बावजूद, कुछ लोग ऐसे हैं, जो अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के बारे में अल्लाह की वह़्य (प्रकाशना) पर आधारित ज्ञान, प्रबुद्ध बुद्धि और अल्लाह की ओर से उतरने वाली किसी स्पष्ट किताब के बिना ही विवाद करते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا قِیْلَ لَهُمُ اتَّبِعُوْا مَاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ قَالُوْا بَلْ نَتَّبِعُ مَا وَجَدْنَا عَلَیْهِ اٰبَآءَنَا ؕ— اَوَلَوْ كَانَ الشَّیْطٰنُ یَدْعُوْهُمْ اِلٰی عَذَابِ السَّعِیْرِ ۟
और जब इन अल्लाह के एकेश्वरवाद के बारे में बहस करने वाले लोगों से कहा जाता है : अल्लाह ने अपने रसूल पर जो वह़्य (प्रकाशना) उतारी है, उसका अनुसरण करो, तो वे कहते हैं : हम उसका अनुसरण नहीं करेंगे। बल्कि हम तो उसका अनुसरण करेंगे, जिसपर हमने अपने पूर्वजों को पाया है कि वे हमारे देवताओं की पूजा करते थे। क्या वे अपने पूर्वजों का अनुसरण करेंगे, भले ही शैतान उन्हें (मूर्तियों की पूजा के द्वारा पथभ्रष्ट करके) क़ियामत के दिन भड़कती आग की यातना की ओर बुला रहा हो?!
Faccirooji aarabeeji:
وَمَنْ یُّسْلِمْ وَجْهَهٗۤ اِلَی اللّٰهِ وَهُوَ مُحْسِنٌ فَقَدِ اسْتَمْسَكَ بِالْعُرْوَةِ الْوُثْقٰی ؕ— وَاِلَی اللّٰهِ عَاقِبَةُ الْاُمُوْرِ ۟
जो व्यक्ति अल्लाह की ओर रुख कर ले, अपनी इबादत को उसी के लिए विशुद्ध करके और अपने काम को बेहतर बनाकर, तो उसने सबसे मज़बूत चीज़ थाम ली है, जिसे कोई मोक्ष की आशा रखने वाला व्यक्ति थाम सकता है। क्योंकि उसे उस चीज़ के टूटने का भय नहीं होता है, जो उसने पकड़ रखी है। और केवल अल्लाह ही की ओर समस्त मामलों अंजाम और उनका लौटना है, फिर वह हर एक को वह बदला देगा जिसका वह हक़दार है।
Faccirooji aarabeeji:
وَمَنْ كَفَرَ فَلَا یَحْزُنْكَ كُفْرُهٗ ؕ— اِلَیْنَا مَرْجِعُهُمْ فَنُنَبِّئُهُمْ بِمَا عَمِلُوْا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
तथा जिसने कुफ़्र किया, तो (ऐ रसूल) उसका कुफ़्र आपको शोकाकुल न करे। क़ियामत के दिन अकेले हमारी ही ओर उनको लौटना है। फिर हम उन्हें बताएँगे, जो कुछ उन्होंने दुनिया में पाप किए थे और उन्हें उनका बदला देंगे। निःसंदेह अल्लाह सीनों की बातों को ख़ूब जानने वाला है। इनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है
Faccirooji aarabeeji:
نُمَتِّعُهُمْ قَلِیْلًا ثُمَّ نَضْطَرُّهُمْ اِلٰی عَذَابٍ غَلِیْظٍ ۟
हम उन्हें इस दुनिया में थोड़े समय के लिए सुख-सामग्री प्रदान कर लाभ उठाने का अवसर देंगे, फिर उन्हें क़ियामत के दिन घोर यातना की ओर विवश कर देंगे, जो जहन्नम की यातना है।
Faccirooji aarabeeji:
وَلَىِٕنْ سَاَلْتَهُمْ مَّنْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ لَیَقُوْلُنَّ اللّٰهُ ؕ— قُلِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ ؕ— بَلْ اَكْثَرُهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
यदि (ऐ रसूल) आप इन मुश्रिकों से पूछें : आकाशों को किसने पैदा किया और धरती किसने बनाई? तो वे अवश्य यही कहेंगे : उन्हें अल्लाह ने पैदा किया है। उनसे कह दें : हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने तुम्हारे ऊपर तर्क को प्रकट कर दिया। लेकिन उनमें से अधिकतर लोग अपनी अज्ञानता के कारण यह नहीं जानते कि प्रशंसा के पात्र कौन है।
Faccirooji aarabeeji:
لِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ هُوَ الْغَنِیُّ الْحَمِیْدُ ۟
केवल अल्लाह ही का है, जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है। वही उनका पैदा करने वाला, वही उनका मालिक और वही उनका प्रबंध करने वाला है। निःसंदेह अल्लाह अपने सभी प्राणियों से बेनियाज़, दुनिया एवं आख़िरत में सभी प्रशंसा के योग्य है।
Faccirooji aarabeeji:
وَلَوْ اَنَّمَا فِی الْاَرْضِ مِنْ شَجَرَةٍ اَقْلَامٌ وَّالْبَحْرُ یَمُدُّهٗ مِنْ بَعْدِهٖ سَبْعَةُ اَبْحُرٍ مَّا نَفِدَتْ كَلِمٰتُ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَزِیْزٌ حَكِیْمٌ ۟
अगर धरती के ऊपर जितने पेड़ हैं, सबको काटकर क़लम बना लिया जाए और समुद्र को इसके लिए स्याही बना दिया जाए, भले ही उसमें सात समुद्र और बढ़ा दिए जाएँ, तो अल्लाह के शब्द समाप्त नहीं होंगे, क्योंकि वे अनंत हैं। निःसंदेह अल्लाह अत्यंत प्रभुत्वशाली है, उसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, वह अपनी रचना और प्रबंधन में हिकमत वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
مَا خَلْقُكُمْ وَلَا بَعْثُكُمْ اِلَّا كَنَفْسٍ وَّاحِدَةٍ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَمِیْعٌ بَصِیْرٌ ۟
(ऐ लोगो) तुम्हें पैदा करना और क़ियामत के दिन हिसाब और बदला के लिए पुनर्जीवित करना ऐसे ही आसान है, जैसे एक जीव को पैदा करना और मरणोपरांत उसे पुनर्जीवित करके उठाना आसान है। निःसंदेह अल्लाह सब कुछ सुनने वाला है, एक आवाज़ का सुनना उसे दूसरी आवाज़ के सुनने से ग़ाफ़िल नहीं करता है। वह सब कुछ देखने वाला है, एक चीज़ का देखना उसे दूसरी चीज़ को देखने से ग़ाफ़िल नहीं करता है। बिलकुल इसी तरह एक प्राणी को पैदा करना या उसे मरणोपरांत पुनर्जीवित करना उसे दूसरे प्राणी को पैदा करने और उसे मरणोपरांत पुनर्जीवित करने से ग़ाफ़िल नहीं करता है।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• نعم الله وسيلة لشكره والإيمان به، لا وسيلة للكفر به.
• अल्लाह की नेमतों उसका आभार प्रकट करने और उसपर ईमान लाने का साधन हैं, उसकी कृतघ्नता का साधन नहीं है।

• خطر التقليد الأعمى، وخاصة في أمور الاعتقاد.
• अंधे अनुकरण का खतरा, विशेष रूप से अक़ीदे (विश्वास) के मामलों में।

• أهمية الاستسلام لله والانقياد له وإحسان العمل من أجل مرضاته.
• अल्लाह के प्रति समर्पण करने, उसका आज्ञापालन करने और उसकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए सत्कर्म करने का महत्व।

• عدم تناهي كلمات الله.
• अल्लाह के शब्दों का अनंत होना।

اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ یُوْلِجُ الَّیْلَ فِی النَّهَارِ وَیُوْلِجُ النَّهَارَ فِی الَّیْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ؗ— كُلٌّ یَّجْرِیْۤ اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی وَّاَنَّ اللّٰهَ بِمَا تَعْمَلُوْنَ خَبِیْرٌ ۟
क्या तुमने नहीं देखा कि अल्लाह दिन को बढ़ाने के लिए रात को कम करता है, और दिन से घटाकर रात को बढ़ाता है, तथा उसने सूर्य और चंद्रमा के मार्ग निर्धारित कर दिए; क्योंकि प्रत्येक एक निर्दिष्ट अवधि तक अपनी कक्षा में आगे बढ़ता है। और यह कि अल्लाह तुम्हारे कर्मों से पूरी तरह सूचित है, उससे तुम्हारा कोई काम छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
Faccirooji aarabeeji:
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْحَقُّ وَاَنَّ مَا یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهِ الْبَاطِلُ ۙ— وَاَنَّ اللّٰهَ هُوَ الْعَلِیُّ الْكَبِیْرُ ۟۠
यह प्रबंधन और तक़दीर इस बात की गवाही देती है कि अकेला अल्लाह ही सत्य है। चुनाँचे वह अपने अस्तित्व और अपने गुणों और कार्यों में सत्य है।और उसे छोड़कर मुश्रिक लोग जिसे पूजते हैं, वह असत्य है, उसका कोई आधार नहीं है। और यह कि अल्लाह अपने अस्तित्व, अपनी प्रबलता और शक्ति के साथ अपने समस्त प्राणियों पर सर्वोच्च है, जिससे ऊँचा कोई नहीं, जो हर चीज़ से बड़ा है।
Faccirooji aarabeeji:
اَلَمْ تَرَ اَنَّ الْفُلْكَ تَجْرِیْ فِی الْبَحْرِ بِنِعْمَتِ اللّٰهِ لِیُرِیَكُمْ مِّنْ اٰیٰتِهٖ ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّكُلِّ صَبَّارٍ شَكُوْرٍ ۟
क्या तुमने नहीं देखा कि समुद्र में नावें अल्लाह की दया और उसके वशीभूत करने से चलती हैं, ताकि वह (ऐ लोगो!) तुम्हें अपनी शक्ति और दया को दर्शाने वाली निशानियाँ दिखाए। निःसंदेह इसमें हर उस व्यक्ति के लिए अल्लाह की शक्ति की निशानियाँ हैं, जो विपत्तियों से ग्रस्त होने पर बहुत धैर्य रखने वाला, नेमतों के प्राप्त होने पर बहुत आभार प्रकट करने वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
وَاِذَا غَشِیَهُمْ مَّوْجٌ كَالظُّلَلِ دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ۚ۬— فَلَمَّا نَجّٰىهُمْ اِلَی الْبَرِّ فَمِنْهُمْ مُّقْتَصِدٌ ؕ— وَمَا یَجْحَدُ بِاٰیٰتِنَاۤ اِلَّا كُلُّ خَتَّارٍ كَفُوْرٍ ۟
जब उन्हें हर तरफ से पहाड़ों और बादलों की तरह लहरें घेर लेती हैं, तो वे अकेले अल्लाह ही को पुकारते हैं, इस हाल में कि दुआ और इबादत को उसी के लिए विशुद्ध करने वाले होते हैं। फिर जब अल्लाह उनकी दुआ स्वीकार कर लेता है और उन्हें बचाकर थल तक पहुँचा देता है और डूबने से सुरक्षित रखता है, तो उनमें से कुछ लोग मध्यम-मार्ग वाले होते हैं, जो आवश्यक आभार को आदर्श तरीक़े से पूरा नहीं करते हैं। और उनमें से कुछ लोग अल्लाह की नेमत का इनकार करने वाले होते हैं। और हमारी आयतों का इनकार वही करता है, जो बड़ा विश्वासघाती है (जैसे कि यह व्यक्ति है जिसने अल्लाह से वादा किया था कि यदि उसे बचा लिया, तो वह अवश्य उसका शुक्रिया अदा करने वालों में से हो जाएगा), तथा जो अल्लाह की नेमतों के प्रति बड़ा कृतघ्न है, वह अपने उस पालनहार का आभारी नहीं होता है, जिसने उनके साथ उसपर अनुग्रह किया है।
Faccirooji aarabeeji:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اتَّقُوْا رَبَّكُمْ وَاخْشَوْا یَوْمًا لَّا یَجْزِیْ وَالِدٌ عَنْ وَّلَدِهٖ ؗ— وَلَا مَوْلُوْدٌ هُوَ جَازٍ عَنْ وَّالِدِهٖ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ فَلَا تَغُرَّنَّكُمُ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا ۥ— وَلَا یَغُرَّنَّكُمْ بِاللّٰهِ الْغَرُوْرُ ۟
ऐ लोगो! अपने रब से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से दूर रहकर, डरो, और उस दिन की यातना से डरो, जिस दिन पिता न अपनी संतान के कुछ काम आएगा और न संतान अपने पिता के कुछ काम आएगी। निश्चय अल्लाह का क़ियामत के दिन बदला देने का वादा पक्का है और अपरिहार्य रूप से घटित होने वाला है। अतः दुनिया का जीवन और उसकी वासनाएँ और विचलित करने वाली चीज़ें तुम्हें धोखे में न डालें, तथा अल्लाह के तुम्हारे प्रति सहनशीलता से काम लेने और तुमसे यातना को विलंबित करने के कारण शैतान तुम्हें धोखा न देने पाए।
Faccirooji aarabeeji:
اِنَّ اللّٰهَ عِنْدَهٗ عِلْمُ السَّاعَةِ ۚ— وَیُنَزِّلُ الْغَیْثَ ۚ— وَیَعْلَمُ مَا فِی الْاَرْحَامِ ؕ— وَمَا تَدْرِیْ نَفْسٌ مَّاذَا تَكْسِبُ غَدًا ؕ— وَمَا تَدْرِیْ نَفْسٌ بِاَیِّ اَرْضٍ تَمُوْتُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌ خَبِیْرٌ ۟۠
निःसंदेह अकेले अल्लाह ही के पास क़ियामत का ज्ञान है; चुनाँचे वह जानता है कि वह कब आएगी। तथा वह जब चाहे बारिश बरसाता है। और वह जानता है कि गर्भाशयों में क्या है, क्या वह नर है या मादा?! सौभाग्यशाली है या दुर्भाग्यशाली?! तथा कोई प्राणी नहीं जानता कि वह कल अच्छा या बुरा क्या करेगा, और न कोई प्राणी यह जानता है कि किस धरती में उसकी मौत आएगी। बल्कि यह सब केवल अल्लाह ही जानता है। निःसंदेह अल्लाह इन सभी बातों को जानने वाला और इनकी खबर रखने वाला है। इनमें से कोई भी चीज़ उससे छिपी नहीं है।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• نقص الليل والنهار وزيادتهما وتسخير الشمس والقمر: آيات دالة على قدرة الله سبحانه، ونعمٌ تستحق الشكر.
• रात और दिन को कम करना और बढ़ाना, तथा सूर्य और चंद्रमा को वशीभूत करना : अल्लाह की शक्ति को दर्शाने वाली निशानियाँ हैं, और ऐसी नेमतें हैं, जो कृतज्ञता प्रकट करने के पात्र हैं।

• الصبر والشكر وسيلتان للاعتبار بآيات الله.
• सब्र और शुक्र अल्लाह की निशानियों से उपदेश ग्रहण करने के दो साधन हैं।

• الخوف من القيامة يقي من الاغترار بالدنيا، ومن الخضوع لوساوس الشياطين.
• क़ियामत का भय दुनिया के धोखे में पड़ने और शैतान के वसवसों की चपेट में आने से बचाता है।

• إحاطة علم الله بالغيب كله.
• अल्लाह का ज्ञान ग़ैब की सभी बातों को घेरे हुए है।

 
Firo maanaaji Simoore: Simoore Lukmaan
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Tippudi firooji ɗii

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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