Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tippudi firooji ɗii


Firo maanaaji Simoore: Simoore juremdeero   Aaya:

सूरा अर्-रह़मान

Ina jeyaa e payndaale simoore ndee:
تذكير الجن والإنس بنعم الله الباطنة والظاهرة، وآثار رحمته في الدنيا والآخرة.
जिन्न और मानव जाति को अल्लाह की आंतरिक और बाहरी नेमतों, तथा दुनिया और आख़िरत में उसकी दया के प्रभावों की याद दिलाना।

اَلرَّحْمٰنُ ۟ۙ
अर-रहमान' व्यापक दया वाला।
Faccirooji aarabeeji:
عَلَّمَ الْقُرْاٰنَ ۟ؕ
उसने लोगों को क़ुरआन सिखाया, उसका याद करना आसान करके और उसके अर्थ को समझना सुगम बनाकर।
Faccirooji aarabeeji:
خَلَقَ الْاِنْسَانَ ۟ۙ
उसने इनसान को ठीक-ठाक बनाया और उसे अच्छी शक्ल-सूरत दी।
Faccirooji aarabeeji:
عَلَّمَهُ الْبَیَانَ ۟
उसे सिखाया कि अपने दिल की बात को मौखिक और लिखित रूप में कैसे व्यक्त करे।
Faccirooji aarabeeji:
اَلشَّمْسُ وَالْقَمَرُ بِحُسْبَانٍ ۟ۙ
सूरज और चाँद दोनों की गति निर्धारित की। दोनों एक सटीक गणना के अनुसार चल रहे हैं; ताकि लोगों को वर्षों की गिनती और हिसाब का ज्ञान प्राप्त हो।
Faccirooji aarabeeji:
وَّالنَّجْمُ وَالشَّجَرُ یَسْجُدٰنِ ۟
और बिना तने वाले पौधे और पेड़ अल्लाह को, उसके आदेश के अधीन होकर और उसके प्रति समर्पित होकर सजदा करते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَالسَّمَآءَ رَفَعَهَا وَوَضَعَ الْمِیْزَانَ ۟ۙ
तथा उसने आकाश को धरती के ऊपर उसके छत के रूप में ऊँचा किया। तथा धरती पर न्याय को स्थापित किया और अपने बंदों को उसका आदेश दिया।
Faccirooji aarabeeji:
اَلَّا تَطْغَوْا فِی الْمِیْزَانِ ۟
उसने न्याय को इसलिए स्थापित किया, ताकि (ऐ लोगो!) तुम अन्याय न करो और माप-तौल में धोखाधड़ी से काम न लो।
Faccirooji aarabeeji:
وَاَقِیْمُوا الْوَزْنَ بِالْقِسْطِ وَلَا تُخْسِرُوا الْمِیْزَانَ ۟
और अपने बीच न्याय के साथ तौल को सीधा रखो और जब तुम दूसरों को नाप या तौलकर दो, तो नाप या तौल में कमी न करो।
Faccirooji aarabeeji:
وَالْاَرْضَ وَضَعَهَا لِلْاَنَامِ ۟ۙ
और उसने धरती को प्राणियों के लिए उसपर रहने योग्य बनाया।
Faccirooji aarabeeji:
فِیْهَا فَاكِهَةٌ وَّالنَّخْلُ ذَاتُ الْاَكْمَامِ ۟ۖ
उसमें ऐसे पेड़ हैं जो फल देते हैं, तथा आवरणों वाले खजूर के वृक्ष हैं जिनमें से खजूर बनते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَالْحَبُّ ذُو الْعَصْفِ وَالرَّیْحَانُ ۟ۚ
और उसमें भूसे वाले अनाज जैसे गेहूँ और जौ हैं, तथा उसमें ऐसे पौधे हैं, जिनकी सुगंध तुम्हें अच्छी लगती है।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
خَلَقَ الْاِنْسَانَ مِنْ صَلْصَالٍ كَالْفَخَّارِ ۟ۙ
उसने आदम अलैहिस्सलाम को पकी हुई मिट्टी की तरह, बजने वाली सूखी मिट्टी से पैदा किया।
Faccirooji aarabeeji:
وَخَلَقَ الْجَآنَّ مِنْ مَّارِجٍ مِّنْ نَّارٍ ۟ۚ
और जिन्नों के पिता को धुआँ रहित आग की ज्वाला से पैदा किया।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
رَبُّ الْمَشْرِقَیْنِ وَرَبُّ الْمَغْرِبَیْنِ ۟ۚ
वह सर्दी और गर्मी में सूर्य के उदय होने के दोनों स्थानों और उसके अस्त होने के दोनों स्थानों का रब है।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• كتابة الأعمال صغيرها وكبيرها في صحائف الأعمال.
• बंदों के छोटे-बड़े सभी कार्य कर्मपत्रों में लिखे जाते हैं।

• ابتداء الرحمن بذكر نعمه بالقرآن دلالة على شرف القرآن وعظم منته على الخلق به.
• रहमान (परम दयावान् अल्लाह) का अपनी नेमतों का उल्लेख क़ुरआन से शुरू करना, क़ुरआन की प्रतिष्ठा तथा उसके द्वारा इनसान पर उसके उपकार की महानता का संकेत है।

• مكانة العدل في الإسلام.
• इस्लाम में न्याय का स्थान।

• نعم الله تقتضي منا العرفان بها وشكرها، لا التكذيب بها وكفرها.
• अल्लाह की नेमतों की अपेक्षा यह है कि हम उन्हें स्वीकार करें और उनका शुक्र अदा करें, न कि उन्हें नकारें और उनकी नाशुक्री करें।

مَرَجَ الْبَحْرَیْنِ یَلْتَقِیٰنِ ۟ۙ
अल्लाह ने खारे और मीठे दो सागरों को मिला दिया, जो आँखों को आपस में मिलते हुए दिखते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
بَیْنَهُمَا بَرْزَخٌ لَّا یَبْغِیٰنِ ۟ۚ
(जबकि) उन दोनों के बीच एक अवरोध है, जो उन्हें एक-दूसरे पर हावी होने से रोकता है; ताकि मीठा पानी, मीठा और नमकीन पानी, नमकीन बना रहे।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
یَخْرُجُ مِنْهُمَا اللُّؤْلُؤُ وَالْمَرْجَانُ ۟ۚ
दोनों सागरों से छोटे और बड़े मोती निकलते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
وَلَهُ الْجَوَارِ الْمُنْشَاٰتُ فِی الْبَحْرِ كَالْاَعْلَامِ ۟ۚ
और केवल उसी पवित्र और महान अल्लाह का अधिकार चलता है, पहाड़ों की तरह समुद्र में चलने वाले जहाज़ों पर।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟۠
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
كُلُّ مَنْ عَلَیْهَا فَانٍ ۟ۚۖ
धरती के ऊपर मौजूद सभी प्राणी अनिवार्य रूप से नष्ट होने वाले हैं।
Faccirooji aarabeeji:
وَّیَبْقٰی وَجْهُ رَبِّكَ ذُو الْجَلٰلِ وَالْاِكْرَامِ ۟ۚ
और (ऐ रसूल!) आपके रब का चेहरा, जो महानता और अपने बंदों पर उपकार और कृतज्ञता वाला है, बाक़ी रहेगा। उसपर कभी भी विनाश नहीं आएगा।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
یَسْـَٔلُهٗ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— كُلَّ یَوْمٍ هُوَ فِیْ شَاْنٍ ۟ۚ
आकाशों में जो भी फ़रिश्ते हैं तथा धरती पर जो भी जिन्न और इनसान हैं, सब अपनी ज़रूरतें उसी से माँगते हैं। हर दिन वह अपने बंदों से संबंधित किसी कार्य में होता है; जैसे जीवन देना, मारना, रोज़ी देना, इत्यादि।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
سَنَفْرُغُ لَكُمْ اَیُّهَ الثَّقَلٰنِ ۟ۚ
हम जल्द ही (ऐ जिन्नो और इनसानो!) तुम्हारे हिसाब के लिए फ़ारिग़ होंगे और हर एक को वह सवाब या सज़ा देंगे, जिसका वह हक़दार है।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
یٰمَعْشَرَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ اِنِ اسْتَطَعْتُمْ اَنْ تَنْفُذُوْا مِنْ اَقْطَارِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ فَانْفُذُوْا ؕ— لَا تَنْفُذُوْنَ اِلَّا بِسُلْطٰنٍ ۟ۚ
जब अल्लाह क़ियामत के दिन जिन्नों और इनसानों को इकट्ठा करेगा, तो कहेगा : ऐ जिन्नों और इनसानों के समूह! अगर तुम अपने लिए आकाशों और धरती के किसी किनारे से भाग निकलने का कोई रास्ता खोज सको, तो ऐसा करो। लेकिन तुम बिना शक्ति और प्रमाण के ऐसा हरगिज़ नहीं कर पाओगे। और तुम्हारे पास वह कहाँ है?
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
یُرْسَلُ عَلَیْكُمَا شُوَاظٌ مِّنْ نَّارٍ ۙ۬— وَّنُحَاسٌ فَلَا تَنْتَصِرٰنِ ۟ۚ
तुम दोनों पर (ऐ जिन्नो और इनसानो!) धुआँ रहित आग का ज्वाला और लौ से मुक्त धुआँ छोड़ा जाएगा, फिर तुम अपने आपको को उससे बचा नहीं पाओगे।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فَاِذَا انْشَقَّتِ السَّمَآءُ فَكَانَتْ وَرْدَةً كَالدِّهَانِ ۟ۚ
फिर जब आसमान फट जाएगा, ताकि उससे फ़रिश्ते उतरें, तो वह अपने रंग की चमक में तेल की तरह लाल हो जाएगा।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فَیَوْمَىِٕذٍ لَّا یُسْـَٔلُ عَنْ ذَنْۢبِهٖۤ اِنْسٌ وَّلَا جَآنٌّ ۟ۚ
फिर उस महान दिन किसी इनसान या किसी जिन्न से उसके गुनाह के बारे में नहीं पूछा जाएगा। क्योंकि अल्लाह उनके कर्मों को जानता है।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
یُعْرَفُ الْمُجْرِمُوْنَ بِسِیْمٰهُمْ فَیُؤْخَذُ بِالنَّوَاصِیْ وَالْاَقْدَامِ ۟ۚ
क़ियामत के दिन अपराधियों को उनके निशान से पहचाना जाएगा, जो उनके चेहरे का कालापन और उनकी आँखों का नीलापन है। फिर उनके माथे के बालों को उनके पैरों से मिलाकर पकड़ा जाएगा और उन्हें जहन्नम में डाल दिया जाएगा।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• الجمع بين البحر المالح والعَذْب دون أن يختلطا من مظاهر قدرة الله تعالى.
• खारे सागर और मीठे सागर को इस तरह एकत्र कर देना कि उनका पानी आपस में न मिले, अल्लाह की शक्ति की अभिव्यक्तियों में से एक है।

• ثبوت الفناء لجميع الخلائق، وبيان أن البقاء لله وحده حضٌّ للعباد على التعلق بالباقي - سبحانه - دون من سواه.
• सभी प्राणियों के विनाश को साबित करना और यह वर्णन करना कि बक़ा (अनश्वरता) केवल अल्लाह के लिए है, बंदों को इस बात का उपदेश है कि वे अपना नाता केवल सदैव बाकी रहने वाली हस्ती से जोड़ें, उसके सिवा किसी और से नहीं।

• إثبات صفة الوجه لله على ما يليق به سبحانه دون تشبيه أو تمثيل.
• अल्लाह के लिए उसकी महिमा के योग्य 'चेहरे' की विशेषता साबित करना, लेकिन उसे किसी और के जैसा न बताना और न उसका उदाहरण देना।

• تنويع عذاب الكافر.
• काफ़िर की सज़ा में विविधता का वर्णन।

فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
هٰذِهٖ جَهَنَّمُ الَّتِیْ یُكَذِّبُ بِهَا الْمُجْرِمُوْنَ ۟ۘ
और उन्हें फटकारते हुए कहा जाएगा : यह जहन्नम, जिसे अपराधी लोग दुनिया में झुठलाते थे, उनकी आँखों के सामने है और वे इसका इनकार नहीं कर सकते।
Faccirooji aarabeeji:
یَطُوْفُوْنَ بَیْنَهَا وَبَیْنَ حَمِیْمٍ اٰنٍ ۟ۚ
वे उसके और अत्यंत गर्म पानी के बीच चक्कर लगा रहे होंगे।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟۠
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
وَلِمَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهٖ جَنَّتٰنِ ۟ۚ
जो व्यक्ति आख़िरत में अपने रब के सामने खड़े होने से डरा, अतः वह ईमान लाया और नेक कार्य किया - उसके लिए दो बाग़ हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۙ
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
ذَوَاتَاۤ اَفْنَانٍ ۟ۚ
वे दोनों बाग़ बड़ी-बड़ी, ताज़ी और फलदार शाखाओं वाले हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فِیْهِمَا عَیْنٰنِ تَجْرِیٰنِ ۟ۚ
उन दोनों बाग़ों में दो जल स्रोत हैं, जो उनके बीच पानी के साथ गुज़रते हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فِیْهِمَا مِنْ كُلِّ فَاكِهَةٍ زَوْجٰنِ ۟ۚ
उन दोनों बाग़ों में हर तरह के स्वादिष्ट फलों के दो प्रकार हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
مُتَّكِـِٕیْنَ عَلٰی فُرُشٍ بَطَآىِٕنُهَا مِنْ اِسْتَبْرَقٍ ؕ— وَجَنَا الْجَنَّتَیْنِ دَانٍ ۟ۚ
वे ऐसे बिछौनों पर तकिया लगाए होंगे, जिनके अस्तर मोटे रेशम के होंगे। तथा दोनों बाग़ों से तोड़े जाने वाले फल एवं मेवे बहुत निकट होंगे, जिन्हें आदमी खड़े, बैठे और लेटे हुए तोड़ सकेगा।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فِیْهِنَّ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ ۙ— لَمْ یَطْمِثْهُنَّ اِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَآنٌّ ۟ۚ
उनमें ऐसी स्त्रियाँ हैं, जिनकी निगाहें अपने पतियों तक ही सीमित हैं। उन्हें उनके पतियों से पहले किसी जिन्न या इनसान ने हाथ नहीं लगाया।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
كَاَنَّهُنَّ الْیَاقُوْتُ وَالْمَرْجَانُ ۟ۚ
वे इतनी सुंदर और निखरे हुए रंग की होंगी, मानो माणिक और मूँगा हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
هَلْ جَزَآءُ الْاِحْسَانِ اِلَّا الْاِحْسَانُ ۟ۚ
जिसने अपने रब का आज्ञापालन उत्तम ढंग से किया, उसका बदला इसके सिवा क्या है कि अल्लाह उसे उत्तम प्रतिफल प्रदान करे?!
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
وَمِنْ دُوْنِهِمَا جَنَّتٰنِ ۟ۚ
तथा इन दोनों पूर्वोक्त बाग़ों के अलावा दो अन्य बाग़ हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۙ
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
مُدْهَآمَّتٰنِ ۟ۚ
इन दोनों बाग़ों की हरियाली बहुत अधिक है।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۚ
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فِیْهِمَا عَیْنٰنِ نَضَّاخَتٰنِ ۟ۚ
इन दोनों बाग़ों में दो जल स्रोत हैं, जिनसे बड़ी तेज़ी से पानी उबल रहा है, उनके पानी का उबलना बंद नहीं होता।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۚ
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
فِیْهِمَا فَاكِهَةٌ وَّنَخْلٌ وَّرُمَّانٌ ۟ۚ
इन दोनों बाग़ों में बहुत-से फल, बड़े-बड़े खजूर के पेड़ और अनार हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟ۚ
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• أهمية الخوف من الله واستحضار رهبة الوقوف بين يديه.
• अल्लाह से डरने और उसके सामने खड़े होने के भय को मन में उपस्थित रखने का महत्व।

• مدح نساء الجنة بالعفاف دلالة على فضيلة هذه الصفة في المرأة.
• जन्नत की स्त्रियों की सतीत्व (पाकदामनी) के साथ प्रशंसा करना, स्त्री में इस गुण की श्रेष्ठता का सूचक है।

• الجزاء من جنس العمل.
• बदला, कर्म ही के वर्ग से मिलता है।

فِیْهِنَّ خَیْرٰتٌ حِسَانٌ ۟ۚ
इन जन्नतों में अच्छी नैतिकता और सुंदर चेहरों वाली स्त्रियाँ हैं।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
حُوْرٌ مَّقْصُوْرٰتٌ فِی الْخِیَامِ ۟ۚ
हूरें, जो उनकी रक्षा के लिए खेमों में रखी गई होंगी।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
لَمْ یَطْمِثْهُنَّ اِنْسٌ قَبْلَهُمْ وَلَا جَآنٌّ ۟ۚ
उनके पतियों से पहले कोई इनसान या जिन्न उनके पास नहीं आया।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
مُتَّكِـِٕیْنَ عَلٰی رَفْرَفٍ خُضْرٍ وَّعَبْقَرِیٍّ حِسَانٍ ۟ۚ
वे हरे गिलाफों वाले तकियों और सुंदर बिछौनों पर टेक लगाए हुए होंगे।
Faccirooji aarabeeji:
فَبِاَیِّ اٰلَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ۟
तो (ऐ जिन्नों और इनसानों के समुदाय!) तुम अपने ऊपर अल्लाह की ढेरों नेमतों में से किस-किस का इनकार करोगे?
Faccirooji aarabeeji:
تَبٰرَكَ اسْمُ رَبِّكَ ذِی الْجَلٰلِ وَالْاِكْرَامِ ۟۠
तुम्हारे पालनहार के नाम की भलाई बहुत अधिक और बड़ी है, जो महानता और अपने बंदों पर उपकार और कृतज्ञता वाला है।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• دوام تذكر نعم الله وآياته سبحانه موجب لتعظيم الله وحسن طاعته.
• अल्लाह की नेमतों और उसकी निशानियों को निरंतर याद करना, अल्लाह की महिमा करने और उसकी अच्छी आज्ञाकारिता करने का कारण है।

• انقطاع تكذيب الكفار بمعاينة مشاهد القيامة.
• क़ियामत के दृश्यों के देखकर काफ़िरों का इनकार करना रुक जाएगा।

• تفاوت درجات أهل الجنة بتفاوت أعمالهم.
• जन्नत के लोगों के दर्जे उनके कार्यों में भिन्नता के अनुसार अलग-अलग होंगे।

 
Firo maanaaji Simoore: Simoore juremdeero
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Tippudi firooji ɗii

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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