Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Tippudi firooji ɗii


Firo maanaaji Aaya: (64) Simoore: Simoore anfaali
یٰۤاَیُّهَا النَّبِیُّ حَسْبُكَ اللّٰهُ وَمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟۠
ऐ नबी! आपको तथा आपके ईमान वाले साथियों को, आपके दुश्मनों की बुराई से बचाने के लिए अल्लाह काफ़ी है। इसलिए अल्लाह पर विश्वास और भरोसा रखें।
Faccirooji aarabeeji:
Ina jeyaa e nafoore aayeeje ɗee e ngol hello:
• في الآيات وَعْدٌ من الله لعباده المؤمنين بالكفاية والنصرة على الأعداء.
• इन आयतों में अल्लाह की ओर से अपने मोमिन बंदों के लिए पर्याप्तता और दुश्मनों पर विजय प्रदान करने का वादा किया गया है।

• الثبات أمام العدو فرض على المسلمين لا اختيار لهم فيه، ما لم يحدث ما يُرَخِّص لهم بخلافه.
• दुश्मन के सामने डटे रहना मुसलमानों पर फ़र्ज़ है और उनके पास इसमें कोई विकल्प नहीं है, जब तक कि कोई ऐसी परिस्थिति उत्पन्न न हो जाए, जो उन्हें अन्यथा करने की अनुमति प्रदान कर दे।

• الله يحب لعباده معالي الأمور، ويكره منهم سَفْسَافَها، ولذلك حثهم على طلب ثواب الآخرة الباقي والدائم.
• अल्लाह अपने बंदों के लिए उदात्त मामलों को पसंद करता है और उनकी तुच्छताओं को नापसंद करता है। यही कारण है कि उनसे आख़िरत के स्थायी और हमेशा बाकी रहने वाले प्रतिफल की तलाश करने का आग्रह किया।

• مفاداة الأسرى أو المنّ عليهم بإطلاق سراحهم لا يكون إلا بعد توافر الغلبة والسلطان على الأعداء، وإظهار هيبة الدولة في وجه الآخرين.
• छुड़ौती के बदले बंदियों को रिहा करना या उनपर उपकार करते हुए (बिना छुड़ौती के) रिहा कर देना, दुश्मनों पर जीत और सत्ता हासिल करने और दूसरों के सामने राज्य की प्रतिष्ठा (गौरव) का प्रदर्शन करने के बाद ही होगा।

 
Firo maanaaji Aaya: (64) Simoore: Simoore anfaali
Tippudi cimooje Tonngoode hello ngoo
 
Firo maanaaji al-quraan tedduɗo oo - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Tippudi firooji ɗii

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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