Traduction des sens du Noble Coran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Lexique des traductions


Traduction des sens Verset: (14) Sourate: AL-BAQARAH
وَاِذَا لَقُوا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا قَالُوْۤا اٰمَنَّا ۖۚ— وَاِذَا خَلَوْا اِلٰی شَیٰطِیْنِهِمْ ۙ— قَالُوْۤا اِنَّا مَعَكُمْ ۙ— اِنَّمَا نَحْنُ مُسْتَهْزِءُوْنَ ۟
जब वे मोमिनों से मिलते हैं, तो उनके डर से कहते हैं : हम उसपर ईमान लाते हैं जिसपर तुम ईमान लाते हो। और जब वे ईमान वालों के पास से अपने सरदारों की ओर वापस लौटते हैं और उनके साथ एकांत में होते हैं, तो उनके साथ होने का विश्वास दिलाते हुए कहते हैं : निश्चय हम तुम्हारे साथ तुम्हारे मार्ग ही पर हैं। लेकिन हम ईमान वालों से ज़ाहिरी तौर पर, उनका मज़ाक़ उड़ाने और उपहास करने के लिए, सहमत हैं।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• أن من طبع الله على قلوبهم بسبب عنادهم وتكذيبهم لا تنفع معهم الآيات وإن عظمت.
• जिन लोगों के हठ और झुठलाने ( इनकार) के कारण अल्लाह ने उनके दिलों पर, मुहर लगा दी है, उनके लिए बड़ी से बड़ी निशानी भी लाभकारी नहीं हो सकती।

• أن إمهال الله تعالى للظالمين المكذبين لم يكن عن غفلة أو عجز عنهم، بل ليزدادوا إثمًا، فتكون عقوبتهم أعظم.
• अल्लाह तआला का अत्याचारियों को ढील देना, उनसे बेख़बरी अथवा विवशता के कारण नहीं है, बल्कि इसलिए है कि वे पाप में बढ़ जाएँ, फिर उनकी सज़ा और अधिक बढ़ा दी जाए।

 
Traduction des sens Verset: (14) Sourate: AL-BAQARAH
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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