Traduction des sens du Noble Coran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Lexique des traductions


Traduction des sens Sourate: AL-QASAS   Verset:

सूरा अल्-क़सस

Parmi les objectifs de la sourate:
سنة الله في تمكين المؤمنين المستضعفين وإهلاك الطغاة المستكبرين.
कमज़ोर मोमिनों को सत्ताधिकार प्रदान करने और अभिमानी अत्याचारियों को नष्ट करने में अल्लाह के नियम का वर्णन।

طٰسٓمّٓ ۟
(ता, सीन, मीम) सूरतुल-बक़रा की शुरुआत में इस प्रकार के अक्षरों के बारे में बात गुज़र चुकी है।
Les exégèses en arabe:
تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْمُبِیْنِ ۟
ये स्पष्ट क़ुरआन की आयतें हैं l
Les exégèses en arabe:
نَتْلُوْا عَلَیْكَ مِنْ نَّبَاِ مُوْسٰی وَفِرْعَوْنَ بِالْحَقِّ لِقَوْمٍ یُّؤْمِنُوْنَ ۟
हम संदेह-रहित सच्चाई के साथ आपके सामने मूसा एवं फ़िरऔन के कुछ समाचार पढ़ते हैं, उन लोगों के लिए जो ईमान रखते हैं; क्योंकि केवल वही लोग इससे लाभ उठाते हैं।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ فِرْعَوْنَ عَلَا فِی الْاَرْضِ وَجَعَلَ اَهْلَهَا شِیَعًا یَّسْتَضْعِفُ طَآىِٕفَةً مِّنْهُمْ یُذَبِّحُ اَبْنَآءَهُمْ وَیَسْتَحْیٖ نِسَآءَهُمْ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ مِنَ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
फ़िरऔन ने मिस्र की धरती में सरकशी की और उसपर अधिकार जमा लिया, तथा उसके निवासियों को अलग-अलग गुटों में कर दिया। वह उनमें से एक गुट अर्थात् बनी इसराईल को कमज़ोर कर रखा था। उनके पुरुषों को मार देता और उन्हें और अधिक अपमानित करने के लिए उनकी महिलाओं को सेवा में रखने के लिए जीवित छोड़ देता था। निःसंदेह वह अत्याचार, सरकशी तथा अहंकार के साथ धरती पर बिगाड़ पैदा करने वालों में से था।
Les exégèses en arabe:
وَنُرِیْدُ اَنْ نَّمُنَّ عَلَی الَّذِیْنَ اسْتُضْعِفُوْا فِی الْاَرْضِ وَنَجْعَلَهُمْ اَىِٕمَّةً وَّنَجْعَلَهُمُ الْوٰرِثِیْنَ ۟ۙ
और हम चाहते थे कि बनी इसराईल पर, जिन्हें फ़िरऔन ने मिस्र की धरती में कमज़ोर बना दिया था, उनके दुश्मन को नष्ट करके और उनकी निर्बलता को दूर करके उपकार करें, तथा उन्हें पेशवा बना दें जिनका सच्चाई में अनुकरण किया जाए और उन्हें फ़िरऔन के विनाश के बाद शाम की मुबारक (धन्य) भूमि का वारिस बनादें, जैसा कि अल्लाह तआला ने फरमाया : "وَأَوْرَثْنَا الْقَوْمَ الَّذِينَ كَانُوا يُسْتَضْعَفُونَ مَشَارِقَ الأَرْضِ وَمَغَارِبَهَا الَّتِي بَارَكْنَا فِيهَاۖ" "हमने उस जाति (बनी इसराईल) को, जो निर्बल समझे जा रहे थे धरती के पूरब के हिस्सों और पश्चिम के हिस्सों का उत्तराधिकारी बना दिया, जिसमें हमने बरकत दी थी...)
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• الإيمان والعمل الصالح سببا النجاة من الفزع يوم القيامة.
• ईमान तथा सत्कर्म क़ियामत के दिन भय से मुक्ति का साधन हैं।

• الكفر والعصيان سبب في دخول النار.
• कुफ़्र एवं अवज्ञा नरक की आग में प्रवेश करने का कारण है।

• تحريم القتل والظلم والصيد في الحرم.
• 'ह़रम' की सीमाओं के अंदर क़त्ल, अत्याचार और शिकार करना ह़राम है।

• النصر والتمكين عاقبة المؤمنين.
• ईमान वालों को अंततः विजय और सशक्तिकरण प्राप्त होता है।

وَنُمَكِّنَ لَهُمْ فِی الْاَرْضِ وَنُرِیَ فِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ وَجُنُوْدَهُمَا مِنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَحْذَرُوْنَ ۟
और हम चाहते थे कि उन्हें राजपाट देकर धरती में सत्ता प्रदान करें तथा फिरऔन और राज में उसके सबसे बड़े समर्थक हामान और उनके सैनिकों को, जो उनकी हुकूमत में उनकी मदद करने वाले थे, वह चीज़ दिखाएँ जिससे वे डरते थे कि बनी इसराईल के एक बच्चे के हाथ से उनके राज्य की समाप्ति हो जाएगी।
Les exégèses en arabe:
وَاَوْحَیْنَاۤ اِلٰۤی اُمِّ مُوْسٰۤی اَنْ اَرْضِعِیْهِ ۚ— فَاِذَا خِفْتِ عَلَیْهِ فَاَلْقِیْهِ فِی الْیَمِّ وَلَا تَخَافِیْ وَلَا تَحْزَنِیْ ۚ— اِنَّا رَآدُّوْهُ اِلَیْكِ وَجَاعِلُوْهُ مِنَ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
और हमने मूसा अलैहिस्सलाम की माता के हृदय में यह बात डाल दी कि तुम उन्हें दूध पिलाती रहो, यहाँ तक कि जब तुम्हें फ़िरऔन तथा उसकी जाति की ओर से भय हो कि वे उन्हें मार डालेंगे, तो उन्हें संदूक़ में रखकर नील नदी में डाल दो और उसके डूबने का तथा फ़िरऔन की ओर से कोई कष्ट पहुँचने का भय न करो। तथा उनकी जुदाई के कारण शोक मत करो। हम उन्हें तुम्हारे पास जीवित लौटाने वाले हैं तथा उन्हें अपने उन रसूलों में से बनाने वाले हैं, जिन्हें अल्लाह अपने बंदों की ओर भेजता है।
Les exégèses en arabe:
فَالْتَقَطَهٗۤ اٰلُ فِرْعَوْنَ لِیَكُوْنَ لَهُمْ عَدُوًّا وَّحَزَنًا ؕ— اِنَّ فِرْعَوْنَ وَهَامٰنَ وَجُنُوْدَهُمَا كَانُوْا خٰطِـِٕیْنَ ۟
जब उन्होंने उसका पालन किया जो हमने उन्हें एक संदूक़ में रखकर नदी में डालने के लिए प्रेरित किया था, तो फ़िरऔन के घर वालों ने उसे पाया और उठा लिया, ताकि वह पूरा हो जाए जो अल्लाह चाहता था कि मूसा शीघ्र ही फ़िरऔन का शत्रु होगा, जिनके हाथ से अल्लाह उसके राज्य को विनष्ट कर देगा, जो उन लोगों के शोक का कारण होगा l निःसंदेह फ़िरऔन तथा उसका मंत्री हामान और उनके सहयोगी अपने कुफ़्र, सरकशी तथा धरती में उपद्रव मचाने के कारण पापी थे।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَتِ امْرَاَتُ فِرْعَوْنَ قُرَّتُ عَیْنٍ لِّیْ وَلَكَ ؕ— لَا تَقْتُلُوْهُ ۖۗ— عَسٰۤی اَنْ یَّنْفَعَنَاۤ اَوْ نَتَّخِذَهٗ وَلَدًا وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟
जब फ़िरऔन ने उसे मार डालना चाहा, तो उसकी पत्नी ने उससे कहा : यह शिशु मेरे और तुम्हारे लिए आनंद का कारण है। इसे मत मारो, हो सकता है कि यह हमें सेवा से लाभ पहुँचाए, या हम इसे दत्तक पुत्र बना लें। और वे नहीं जानते थे कि उसके हाथ से उनके राज्य का परिणाम क्या होगा।
Les exégèses en arabe:
وَاَصْبَحَ فُؤَادُ اُمِّ مُوْسٰی فٰرِغًا ؕ— اِنْ كَادَتْ لَتُبْدِیْ بِهٖ لَوْلَاۤ اَنْ رَّبَطْنَا عَلٰی قَلْبِهَا لِتَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
मूसा अलैहिस्सलाम की माता का दिल मूसा के मामले के सिवा किसी भी प्रकार की सांसारिक वस्तु से रहित हो गया। वह अब धीरज नहीं रख पा रही थीं, यहाँ तक कि उसके साथ उनके गहरे लगाव के कारण वह इस बात के क़रीब थीं कि यह प्रकट कर देतीं कि वह उनका बेटा है, यदि ऐसा न होता कि हमने उनके दिल को मज़बूत करके उसका ढारस बँधा दिया तथा उन्हें सब्र प्रदान किया। ताकि वह उन ईमान वालों में शामिल हो जाएँ, जो अपने रब पर भरोसा रखते हैं और उसके फ़ैसले पर सब्र करते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَتْ لِاُخْتِهٖ قُصِّیْهِ ؗ— فَبَصُرَتْ بِهٖ عَنْ جُنُبٍ وَّهُمْ لَا یَشْعُرُوْنَ ۟ۙ
मूसा अलैहिस्सलाम की माता ने उन्हें नदी में डालने के बाद उनकी बहन से कहा : उसके पीछे-पीछे जाओ, ताकि जान सको कि उसके साथ क्या किया जाता है। अतः वह उन्हें दूर ही दूर से देखती रही, ताकि उसका मामला प्रकट न होने पाए। जबकि फ़िरऔन और उसकी जाति के लोगों को पता नहीं था कि यह उनकी बहन है और उनकी सूचना प्राप्त कर रही है।
Les exégèses en arabe:
وَحَرَّمْنَا عَلَیْهِ الْمَرَاضِعَ مِنْ قَبْلُ فَقَالَتْ هَلْ اَدُلُّكُمْ عَلٰۤی اَهْلِ بَیْتٍ یَّكْفُلُوْنَهٗ لَكُمْ وَهُمْ لَهٗ نٰصِحُوْنَ ۟
इससे पहले कि हम मूसा को उनकी माँ के पास लौटाएँ, उन्होंने अल्लाह की योजना के अनुसार किसी भी स्त्री का दूध पीने से इनकार कर दिया। अतः जब मूसा की बहन ने उन लोगों को देखा कि वे उसे दूध पिलाने के लिए उत्सुक हैं, तो उसने उनसे कहा : क्या मैं तुम्हें ऐसे घरवाले बताऊँ, जो इसे दूध पिलाएँ और इसकी देखभाल करें और वे इसके शुभचिंतक हों?
Les exégèses en arabe:
فَرَدَدْنٰهُ اِلٰۤی اُمِّهٖ كَیْ تَقَرَّ عَیْنُهَا وَلَا تَحْزَنَ وَلِتَعْلَمَ اَنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟۠
इस प्रकार हमने मूसा को उनकी माँ के पास लौटा दिया, ताकि उसकी आँखें उन्हें क़रीब से देखकर ठंडी रहें तथा उनकी जुदाई के कारण शोक न करें, और ताकि वह जान लें कि मूसा को उनके पास वापस लाने का अल्लाह का वादा सत्य है, जिसमें कोई संदेह नहीं। लेकिन उनमें से अधिकांश लोग इस वादे के बारे में नहीं जानते, और न ही कोई यह जानता कि वह उनकी माता हैं।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• تدبير الله لعباده الصالحين بما يسلمهم من مكر أعدائهم.
• अल्लाह का अपने सदाचारी बंदों को उनके शत्रुओं की साज़िश से बचाने के लिए उपाय करना।

• تدبير الظالم يؤول إلى تدميره.
• अत्याचारी का उपाय उसके विनाश की ओर ले जाता है।

• قوة عاطفة الأمهات تجاه أولادهن.
• अपनी संतान के प्रति माताओं के स्नेह की शक्ति।

• جواز استخدام الحيلة المشروعة للتخلص من ظلم الظالم.
• अत्याचारी के अत्याचार से छुटकारा पाने के लिए जायज़ हथकंडा अपनाने की अनुमति है।

• تحقيق وعد الله واقع لا محالة.
• अल्लाह का वचन निश्चित रूप से पूरा होकर रहता है।

وَلَمَّا بَلَغَ اَشُدَّهٗ وَاسْتَوٰۤی اٰتَیْنٰهُ حُكْمًا وَّعِلْمًا ؕ— وَكَذٰلِكَ نَجْزِی الْمُحْسِنِیْنَ ۟
और जब वह शरीर के मज़बूत होने की आयु को पहुँचे तथा अपनी ताकत में दृढ़ हो गए, तो हमने उन्हें पैग़ंबरी प्रदान करने से पूर्व बनी इसराईल के धर्म की समझ तथा ज्ञान दिया। और जिस प्रकार हमने मूसा को उनकी आज्ञाकारिता का प्रतिफल दिया, उसी तरह हम हर समय और स्थान में सदाचारियों को प्रतिफल देते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَدَخَلَ الْمَدِیْنَةَ عَلٰی حِیْنِ غَفْلَةٍ مِّنْ اَهْلِهَا فَوَجَدَ فِیْهَا رَجُلَیْنِ یَقْتَتِلٰنِ ؗ— هٰذَا مِنْ شِیْعَتِهٖ وَهٰذَا مِنْ عَدُوِّهٖ ۚ— فَاسْتَغَاثَهُ الَّذِیْ مِنْ شِیْعَتِهٖ عَلَی الَّذِیْ مِنْ عَدُوِّهٖ ۙ— فَوَكَزَهٗ مُوْسٰی فَقَضٰی عَلَیْهِ ؗ— قَالَ هٰذَا مِنْ عَمَلِ الشَّیْطٰنِ ؕ— اِنَّهٗ عَدُوٌّ مُّضِلٌّ مُّبِیْنٌ ۟
(एक दिन) मूसा अलैहिस्सलाम उस समय नगर में आए, जब लोग अपने घरों में विश्राम कर रहे थे। उन्होंने वहाँ दो आदमियों को वाद-विवाद करते और आपस में झगड़ते हुए पाया। उनमें से एक मूसा अलैहिस्सलाम की जाति बनी इसराईल से और दूसरा क़िब्तियों में से अर्थात् मूसा के दुश्मन फिरऔन की जाति से था। अतः जो व्यक्ति उनकी जाति से था, उसने मूसा से अपने शत्रु क़िब्ती के विरुद्ध सहायता की गुहार लगाई। चुनाँचे मूसा ने क़िब्ती को एक घूँसा मारा, जिसकी ताक़त से वह तुरंत मर गया। यह देखकर मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : यह शैतान के (गलत कार्यों को) सुंदर बनाकर पेश करने और उसके प्रलोभन से है। निःसंदेह शैतान एक दुश्मन है जो अपने पीछे चलने वालों को गुमराह करने वाला है, जिसकी दुश्मनी स्पष्ट है। अतः जो कुछ मुझसे हुआ, वह उसकी दुश्मनी के कारण हुआ, और इस कारण कि वह एक गुमराह करने वाला है, जो मुझे गुमराह करना चाहता है।
Les exégèses en arabe:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْ ظَلَمْتُ نَفْسِیْ فَاغْفِرْ لِیْ فَغَفَرَ لَهٗ ؕ— اِنَّهٗ هُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने रब से प्रार्थना करते हुए और जो कुछ उनसे हुआ उसे स्वीकारते हुए कहा : ऐ मेरे रब! मैंने इस क़िब्ती को मारकर अपने आप पर अत्याचार किया है। अतः तू मेरे पाप को क्षमा कर दे। तो अल्लाह ने हमें मूसा के लिए अपनी क्षमा स्पष्ट कर दी। निःसंदेह वह अपने क्षमा याचना करने वाले बंदों के लिए क्षमाशील तथा उनपर अत्यंत दयावान् है।
Les exégèses en arabe:
قَالَ رَبِّ بِمَاۤ اَنْعَمْتَ عَلَیَّ فَلَنْ اَكُوْنَ ظَهِیْرًا لِّلْمُجْرِمِیْنَ ۟
फिर उसने मूसा की उस दुआ के बारे में सूचना दी, जिसमें उन्होंने कहा : ऐ मेरे रब! तूने मुझे जो शक्ति, हिकमत और ज्ञान प्रदान किया है, उसके कारण अब मैं अपराधियों का उनके अपराधों के लिए कभी सहायक नहीं बनूँगा।
Les exégèses en arabe:
فَاَصْبَحَ فِی الْمَدِیْنَةِ خَآىِٕفًا یَّتَرَقَّبُ فَاِذَا الَّذِی اسْتَنْصَرَهٗ بِالْاَمْسِ یَسْتَصْرِخُهٗ ؕ— قَالَ لَهٗ مُوْسٰۤی اِنَّكَ لَغَوِیٌّ مُّبِیْنٌ ۟
जब उनसे एक क़िब्ती का क़त्ल हो गया, तो उन्होंने नगर में डरते हुए सुबह की, इस इंतज़ार में कि अब क्या होगा। अचानक क्या देखते हैं कि वही व्यक्ति जिसने कल उनसे अपने क़िब्ती दुश्मन के विरुद्ध सहायता माँगी थी, आज एक अन्य क़िब्ती के ख़िलाफ़ उनसे मदद माँग रहा है। मूसा ने उससे कहा : निश्चय तू एक स्पष्ट और खुला गुमराह है।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّاۤ اَنْ اَرَادَ اَنْ یَّبْطِشَ بِالَّذِیْ هُوَ عَدُوٌّ لَّهُمَا ۙ— قَالَ یٰمُوْسٰۤی اَتُرِیْدُ اَنْ تَقْتُلَنِیْ كَمَا قَتَلْتَ نَفْسًا بِالْاَمْسِ ۗ— اِنْ تُرِیْدُ اِلَّاۤ اَنْ تَكُوْنَ جَبَّارًا فِی الْاَرْضِ وَمَا تُرِیْدُ اَنْ تَكُوْنَ مِنَ الْمُصْلِحِیْنَ ۟
फिर जब मूसा अलैहिस्सलाम ने क़िब्ती को पकड़ना चाहा, जो उनका तथा उस इसराईली का शत्रु था, तो इसराईली ने सोचा कि मूसा उसे पकड़ना चाहते हैं क्योंकि उसने उन्हें यह कहते हुए सुना था कि : "निश्चय तू खुला गुमराह है।", इसलिए उसने मूसा से कहा : क्या तुम मुझे भी मार डालना चाहते हो, जैसे तुमने कल एक व्यक्ति को मार डाला था? तुम तो केवल यह चाहते हो कि धरती पर अत्याचारी बन जाओ, लोगों को मारो और उनपर अत्याचार करो। तुम झगड़ने वाले लोगों के बीच सुलह कराने वालों में से नहीं होना चाहते हो।
Les exégèses en arabe:
وَجَآءَ رَجُلٌ مِّنْ اَقْصَا الْمَدِیْنَةِ یَسْعٰی ؗ— قَالَ یٰمُوْسٰۤی اِنَّ الْمَلَاَ یَاْتَمِرُوْنَ بِكَ لِیَقْتُلُوْكَ فَاخْرُجْ اِنِّیْ لَكَ مِنَ النّٰصِحِیْنَ ۟
और जब यह समाचार फैल गया और नगर के सबसे दूर किनारे से एक व्यक्ति कार्रवाई के डर से मूसा पर तरस खाकर दौड़ता हुआ आया, और उसने कहा : ऐ मूसा! फ़िरऔन की जाति के प्रमुख लोग आपको मार डालने का परामर्श कर रहे हैं। इसलिए आप नगर से निकल जाएँ। मैं आपका शुभचिंतक हूँ। मुझे भय है कि कहीं वे आपको पकड़कर मार न डालें।
Les exégèses en arabe:
فَخَرَجَ مِنْهَا خَآىِٕفًا یَّتَرَقَّبُ ؗ— قَالَ رَبِّ نَجِّنِیْ مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟۠
चुनाँचे मूसा ने उस शुभचिंतक व्यक्ति की बात मान ली और डरते हुए उस शहर से निकल पड़े, इंतज़ार कर रहे थे कि अब उनके साथ क्या होता है। उन्होंने अपने रब से विनती करते हुए कहा : ऐ मेरे रब! मुझे इन अत्याचारियों से बचा ले, कि वे मुझे कोई हानि न पहुँचा सकें।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• الاعتراف بالذنب من آداب الدعاء.
• अपराध स्वीकार करना दुआ के शिष्टाचार में से एक है।

• الشكر المحمود هو ما يحمل العبد على طاعة ربه، والبعد عن معصيته.
• प्रशंसनीय आभार वह है जो बंदे को अपने रब की आज्ञा मानने और उसकी अवज्ञा करने से दूर रहने पर आमादा करे।

• أهمية المبادرة إلى النصح خاصة إذا ترتب عليه إنقاذ مؤمن من الهلاك.
• अच्छी सलाह देने में जल्दी करने का महत्व। विशेष रूप से यदि उसपर किसी मोमिन को विनाश से बचाना निष्कर्षित होता हो।

• وجوب اتخاذ أسباب النجاة، والالتجاء إلى الله بالدعاء.
• बचाव का उपाय करने के साथ-साथ दुआ के माध्यम से अल्लाह का सहारा लेने की आवश्यकता।

وَلَمَّا تَوَجَّهَ تِلْقَآءَ مَدْیَنَ قَالَ عَسٰی رَبِّیْۤ اَنْ یَّهْدِیَنِیْ سَوَآءَ السَّبِیْلِ ۟
और जब वह मदयन की ओर मुँह करके चले, तो उन्होंने कहा : आशा है कि मेरा रब मुझे सबसे अच्छे रास्ते पर ले जाए, ताकि मैं उससे न भटकूँ।
Les exégèses en arabe:
وَلَمَّا وَرَدَ مَآءَ مَدْیَنَ وَجَدَ عَلَیْهِ اُمَّةً مِّنَ النَّاسِ یَسْقُوْنَ ؗ۬— وَوَجَدَ مِنْ دُوْنِهِمُ امْرَاَتَیْنِ تَذُوْدٰنِ ۚ— قَالَ مَا خَطْبُكُمَا ؕ— قَالَتَا لَا نَسْقِیْ حَتّٰی یُصْدِرَ الرِّعَآءُ ٚ— وَاَبُوْنَا شَیْخٌ كَبِیْرٌ ۟
जब वह मदयन के पानी पर पहुँचे, जिससे वे लोग पानी पीते थे, तो लोगों के एक दल को अपने पशुओं को पानी पिलाते हुए पाया। उनके अतिरिक्त, दो स्त्रियों को पाया जो अपनी भेड़-बकरियों को पानी से रोक रही थीं यहाँ तक कि लोग पानी पिला लें। मूसा अलैहिस्सलाम ने उन दोनों से पूछा : तुम्हारा क्या मामला है, तुम लोगों के साथ पानी क्यों नहीं पिलातीं? उन्होंने कहा : हमारी आदत है कि जब तक चरवाहे न चले जाएँ, तब तक हम रुके रहते हैं और पानी नहीं पिलाते; ताकि उनके साथ मिश्रण से बच सकें। और हमारे पिता एक बूढ़े आदमी हैं, जो पानी नहीं पिला सकते, इसलिए हमें अपनी बकरियों को पानी पिलाना पड़ता है।
Les exégèses en arabe:
فَسَقٰی لَهُمَا ثُمَّ تَوَلّٰۤی اِلَی الظِّلِّ فَقَالَ رَبِّ اِنِّیْ لِمَاۤ اَنْزَلْتَ اِلَیَّ مِنْ خَیْرٍ فَقِیْرٌ ۟
चुनाँचे मूसा अलैहिस्सलाम को उनपर दया आ गई और उनकी बकरियों को पानी पिला दिया। फिर छाया में जाकर विश्राम करने लगे और वहाँ अपने रब के सामने अपनी ज़रूरत को रखते हुए दुआ की : ऐ मेरे रब! तू जो भी भलाई मुझपर उतारे, मैं उसका ज़रूरतमंद हूँ।
Les exégèses en arabe:
فَجَآءَتْهُ اِحْدٰىهُمَا تَمْشِیْ عَلَی اسْتِحْیَآءٍ ؗ— قَالَتْ اِنَّ اَبِیْ یَدْعُوْكَ لِیَجْزِیَكَ اَجْرَ مَا سَقَیْتَ لَنَا ؕ— فَلَمَّا جَآءَهٗ وَقَصَّ عَلَیْهِ الْقَصَصَ ۙ— قَالَ لَا تَخَفْ ۫— نَجَوْتَ مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟
जब वे दोनों घर गईं, तो अपने पिता को उनके बारे में बताया। उनके पिता ने उन दोनों में से एक को उन्हें बुलाने के लिए भेजा। वह उनके पास लजाते हुए आई और बोली : मेरे पिता आपको बुला रहे हैं, ताकि वह आपको हमारे लिए पानी पिलाने का बदला दें। जब मूसा उन दोनों के पिता के पास आए और उन्हें अपना समाचार सुनाया, तो उन्होंने उन्हें आश्वासन देते हुए कहा : भय न करो। तुम अत्याचारी लोगों फ़िरऔन तथा उसके प्रमुखों से नजात पा चुके। क्योंकि मदयन पर उनका अधिकार नहीं है। इसलिए वे तुम्हें कोई हानि नहीं पहुँचा सकते।
Les exégèses en arabe:
قَالَتْ اِحْدٰىهُمَا یٰۤاَبَتِ اسْتَاْجِرْهُ ؗ— اِنَّ خَیْرَ مَنِ اسْتَاْجَرْتَ الْقَوِیُّ الْاَمِیْنُ ۟
उनकी एक बेटी ने कहा : ऐ पिता जी! आप इन्हें हमारी बकरियाँ चराने के लिए मज़दूरी पर रख लें। क्योंकि वह बलवान और अमानतदार होने के कारण मज़दूरी पर रखे जाने के योग्य हैं। वह बल द्वारा अपनी ज़िम्मेदारियाँ अदा करेंगे और अमानतदारी के कारण उस अमानत का संरक्षण करेंगे जो उन्हें सौंपी जाएगी।
Les exégèses en arabe:
قَالَ اِنِّیْۤ اُرِیْدُ اَنْ اُنْكِحَكَ اِحْدَی ابْنَتَیَّ هٰتَیْنِ عَلٰۤی اَنْ تَاْجُرَنِیْ ثَمٰنِیَ حِجَجٍ ۚ— فَاِنْ اَتْمَمْتَ عَشْرًا فَمِنْ عِنْدِكَ ۚ— وَمَاۤ اُرِیْدُ اَنْ اَشُقَّ عَلَیْكَ ؕ— سَتَجِدُنِیْۤ اِنْ شَآءَ اللّٰهُ مِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
उन दोनों के पिता ने मूसा अलैहिस्सलाम को संबोधित करते हुए कहा : मैं चाहता हूँ कि अपनी इन दोनों बेटियों में से एक की तुमसे शादी कर दूँ, इस शर्त पर कि इसका महर यह रहे कि तुम आठ वर्ष तक हमारी बकरियाँ चराओ, और यदि दस वर्ष पूरा कर दो, तो यह तुम्हारी कृपा होगी, तुम इसके बाध्य नहीं हो। क्योंकि अनुबंध केवल आठ साल के लिए है। अतः जो उससे अधिक है वह स्वैच्छिक है, और मैं तुम्हें ऐसी चीज़ के लिए बाध्य नहीं करना चाहता, जिसमें तुम्हारे लिए कठिनाई हो। तुम (इन शा अल्लाह) मुझे सदाचारियों में से पाओगे, जो अनुबंधों को पूरा करते हैं और प्रतिज्ञाओं को नहीं तोड़ते।
Les exégèses en arabe:
قَالَ ذٰلِكَ بَیْنِیْ وَبَیْنَكَ ؕ— اَیَّمَا الْاَجَلَیْنِ قَضَیْتُ فَلَا عُدْوَانَ عَلَیَّ ؕ— وَاللّٰهُ عَلٰی مَا نَقُوْلُ وَكِیْلٌ ۟۠
मूसा अलैहिस्सलाम ने कहा : यह बात मेरे और तुम्हारे बीच तय हो चुकी, जैसा कि हमने अनुबंध किया है। अतः मैं तुम्हारे लिए दोनों अवधियों में से जिसके लिए भी काम करूँ : आठ साल हो या दस साल, मैं अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा करने वाला समझा जाऊँगा। अतः तुम मुझसे इसे बढ़ाने के लिए मत कहना। और हमने जो अनुबंध किया है, उसपर अल्लाह गवाह तथा निरीक्षक है।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• الالتجاء إلى الله طريق النجاة في الدنيا والآخرة.
• अल्लाह की शरण लेना, दुनिया एवं आख़िरत में मोक्ष का मार्ग है।

• حياء المرأة المسلمة سبب كرامتها وعلو شأنها.
• मुस्लिम महिला की ह़या (लज्जा) ही उसकी गरिमा और ऊँचे दर्जे का कारण है।

• مشاركة المرأة بالرأي، واعتماد رأيها إن كان صوابًا أمر محمود.
• राय में महिलाओं की भागीदारी, और अगर सही है तो उनकी राय को अपनाना अच्छी बात है।

• القوة والأمانة صفتا المسؤول الناجح.
• बल और अमानतदारी एक सफल प्रशासक के दो गुण हैं।

• جواز أن يكون المهر منفعة.
• इस बात का सबूत कि कोई लाभ भी महर बन सकता है।

فَلَمَّا قَضٰی مُوْسَی الْاَجَلَ وَسَارَ بِاَهْلِهٖۤ اٰنَسَ مِنْ جَانِبِ الطُّوْرِ نَارًا ۚ— قَالَ لِاَهْلِهِ امْكُثُوْۤا اِنِّیْۤ اٰنَسْتُ نَارًا لَّعَلِّیْۤ اٰتِیْكُمْ مِّنْهَا بِخَبَرٍ اَوْ جَذْوَةٍ مِّنَ النَّارِ لَعَلَّكُمْ تَصْطَلُوْنَ ۟
जब मूसा अलैहिस्सलाम अधिकतम अवधि अर्थात् दस वर्ष पूरा करके अपने परिवार को लेकर मदयन से मिस्र की ओर चल पड़े, तो उन्हें तूर पर्वत की दिशा में एक आग दिखाई दी। उन्होंने अपने परिवार से कहा : यहाँ ठहरो, मुझे एक आग दिखाई दी है। शायद मैं वहाँ से तुम्हारे लिए कोई सूचना लाऊँ, अथवा आग का कोई अंगारा ले आऊँ, जिससे तुम आग जलाओ; ताकि तुम ठंड से गर्म हो सको।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّاۤ اَتٰىهَا نُوْدِیَ مِنْ شَاطِئِ الْوَادِ الْاَیْمَنِ فِی الْبُقْعَةِ الْمُبٰرَكَةِ مِنَ الشَّجَرَةِ اَنْ یّٰمُوْسٰۤی اِنِّیْۤ اَنَا اللّٰهُ رَبُّ الْعٰلَمِیْنَ ۟ۙ
फिर जब मूसा अलैहिस्सलाम उस आग के पास पहुँचे, जो उन्हें दिखाई दी थी, तो उनके महिमावान एवं सर्वशक्तिमान रब ने घाटी की दाहिनी ओर से, उस स्थान में जिसे अल्लाह ने मूसा से बात करके बरकत वाला बनाया था, एक पेड़ से पुकार कर कहा : ऐ मूसा! निःसंदेह मैं ही अल्लाह हूँ, जो सारी सृष्टियाों का पालनहार है।
Les exégèses en arabe:
وَاَنْ اَلْقِ عَصَاكَ ؕ— فَلَمَّا رَاٰهَا تَهْتَزُّ كَاَنَّهَا جَآنٌّ وَّلّٰی مُدْبِرًا وَّلَمْ یُعَقِّبْ ؕ— یٰمُوْسٰۤی اَقْبِلْ وَلَا تَخَفْ ۫— اِنَّكَ مِنَ الْاٰمِنِیْنَ ۟
और यह कि अपनी लाठी को फेंक दो। तो मूसा ने अपने रब के आदेश का पालन करते हुए उसे फेंक दिया। पर जब उसे एक साँप की तरह तेज़ी से हिलते और लहराते देखा, तो उसके डर से पीठ फेरकर चल पड़े और पीछे मुड़कर भी नहीं देखा। इस पर उनके रब ने उन्हें आवाज़ दी : ऐ मूसा! आगे आओ और उससे मत डरो। क्योंकि आप उससे तथा उसके अलावा जिससे भी आप डरते हैं, उन सब से सुरक्षित कर दिए गए हैं।
Les exégèses en arabe:
اُسْلُكْ یَدَكَ فِیْ جَیْبِكَ تَخْرُجْ بَیْضَآءَ مِنْ غَیْرِ سُوْٓءٍ ؗ— وَّاضْمُمْ اِلَیْكَ جَنَاحَكَ مِنَ الرَّهْبِ فَذٰنِكَ بُرْهَانٰنِ مِنْ رَّبِّكَ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ ؕ— اِنَّهُمْ كَانُوْا قَوْمًا فٰسِقِیْنَ ۟
अपना दाहिना हाथ अपने गिरेबान में डालो, वह बरस (कुष्ठरोग) के बिना सफ़ेद (चमकता हुआ) निकलेगा। अतः मूसा ने हाथ गिरेबान में डाला, तो वह बर्फ के समान सफेद (चमकदार) निकला। तथा अपने डर को शांत करने के लिए अपना हाथ अपने (पहलू) से मिला लो। तब मूसा ने उसे मिला लिया, तो उनका भय दूर हो गया l ये दोनों निशानियाँ (लाठी और हाथ) आपके पालनहार की ओर से फ़िरऔन तथा उसकी जाति के प्रमुखों की ओर भेजे जाने वाले दो प्रमाण हैं। निःसंदेह वे कुफ़्र और पाप करके अल्लाह के आज्ञापालन से निकल जाने वाले लोग हैं।
Les exégèses en arabe:
قَالَ رَبِّ اِنِّیْ قَتَلْتُ مِنْهُمْ نَفْسًا فَاَخَافُ اَنْ یَّقْتُلُوْنِ ۟
मूसा अलैहिस्सलाम ने अपने रब से प्रार्थना करते हुए कहा : मैंने उनमें से एक व्यक्ति को मार डाला था। इसलिए मुझे डर है कि अगर मैं उनके पास उन्हें वह संदेश पहुँचाने के लिए गया, जिसे देकर मुझे भेजा गया है, तो वे मुझे मार डालेंगे।
Les exégèses en arabe:
وَاَخِیْ هٰرُوْنُ هُوَ اَفْصَحُ مِنِّیْ لِسَانًا فَاَرْسِلْهُ مَعِیَ رِدْاً یُّصَدِّقُنِیْۤ ؗ— اِنِّیْۤ اَخَافُ اَنْ یُّكَذِّبُوْنِ ۟
और मेरा भाई हारून बोलने में मुझसे अधिक स्पष्ट है। इसलिए उसे मेरे साथ मेरा सहायक बनाकर भेज कि वह मेरी बात में मेरा समर्थन करे, यदि फ़िरऔन और उसकी जाति वाले मुझे झुठला दें। मुझे भय है कि वे मुझे झुठला देंगे, जिस तरह कि उन समुदायों की रीति रही है जिनके पास मुझसे पहले रसूल भेजे गए, तो उन्होंने उन रसूलों को झुठला दिया।
Les exégèses en arabe:
قَالَ سَنَشُدُّ عَضُدَكَ بِاَخِیْكَ وَنَجْعَلُ لَكُمَا سُلْطٰنًا فَلَا یَصِلُوْنَ اِلَیْكُمَا ۚۛ— بِاٰیٰتِنَا ۚۛ— اَنْتُمَا وَمَنِ اتَّبَعَكُمَا الْغٰلِبُوْنَ ۟
अल्लाह ने मूसा अलैहिस्सलाम की प्रार्थना स्वीकार करते हुए कहा : (ऐ मूसा!) हम अवश्य तुम्हें शक्ति देंगे तुम्हारे साथ तुम्हारे भाई हारून को सहायक रसूल बनाकर। तथा हम तुम दोनों को तर्क एवं समर्थन प्रदान करेंगे। अतः वे तुम दोनों तक उस बुराई के साथ नहीं पहुँच सकेंगे जिसे तुम नापसंद करते हो। हमारी उन निशानियों के कारण जिनके साथ हमने तुम दोनों को भेजा है, तुम दोनों और तुम्हारा अनुसरण करने वाले ईमान वाले लोग ही विजयी रहेंगे।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• الوفاء بالعقود شأن المؤمنين.
• अनुबंधों को पूरा करना मोमिनों की शान (वैभव) है।

• تكليم الله لموسى عليه السلام ثابت على الحقيقة.
• मूसा अलैहिस्सलाम से अल्लाह का वार्तालाप करना वास्तविक रूप से साबित है।

• حاجة الداعي إلى الله إلى من يؤازره.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाले को ऐसे व्यक्ति की की ज़रूरत होती है जो उसका समर्थन करे।

• أهمية الفصاحة بالنسبة للدعاة.
• अल्लाह के धर्म की ओर बुलाने वालों के लिए वाक्पटुता का महत्व।

فَلَمَّا جَآءَهُمْ مُّوْسٰی بِاٰیٰتِنَا بَیِّنٰتٍ قَالُوْا مَا هٰذَاۤ اِلَّا سِحْرٌ مُّفْتَرًی وَّمَا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِیْۤ اٰبَآىِٕنَا الْاَوَّلِیْنَ ۟
फिर जब मूसा अलैहिस्सलाम उनके पास हमारी स्पष्ट निशानियाँ लेकर आए, तो उन लोगों ने कहा : यह तो केवल एक गढ़ा हुआ झूठ है, जिसे मूसा ने गढ़ लिया है। और हमने अपने पूर्वजों के बीच इसके बारे में कभी नहीं सुना।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَ مُوْسٰی رَبِّیْۤ اَعْلَمُ بِمَنْ جَآءَ بِالْهُدٰی مِنْ عِنْدِهٖ وَمَنْ تَكُوْنُ لَهٗ عَاقِبَةُ الدَّارِ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ۟
तथा मूसा अलैहिस्सलाम ने फ़िरऔन को संबोधित करते हुए कहा : मेरा रब उस सत्यवान् को भली-भाँति जनता है, जो उस महिमावान के पास से मार्गदर्शन लेकर आया है, तथा वह उसे भी जनता है जिसका आख़िरत में परिणाम सराहनीय होगा।निःसंदेह अत्याचारी लोग उस चीज़ की प्राप्ति में सफल नहीं होते, जो वे चाहते हैं और न उस चीज़ से बच पाते हैं, जिससे वे डरते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَ فِرْعَوْنُ یٰۤاَیُّهَا الْمَلَاُ مَا عَلِمْتُ لَكُمْ مِّنْ اِلٰهٍ غَیْرِیْ ۚ— فَاَوْقِدْ لِیْ یٰهَامٰنُ عَلَی الطِّیْنِ فَاجْعَلْ لِّیْ صَرْحًا لَّعَلِّیْۤ اَطَّلِعُ اِلٰۤی اِلٰهِ مُوْسٰی ۙ— وَاِنِّیْ لَاَظُنُّهٗ مِنَ الْكٰذِبِیْنَ ۟
फ़िरऔन ने अपनी जाति के प्रमुखों को संबोधित करते हुए कहा : ऐ प्रमुखो! मैं तुम्हारे लिए अपने सिवा कोई पूज्य नहीं जानता। अतः ऐ हामान! मेरे लिए मिट्टी पर आग जलाओ, यहाँ तक कि वह पक (कर ईंट बन) जाए। फिर उससे मेरे लिए एक ऊँचे भवन का निर्माण करो, ताकि मैं मूसा के पूज्य को देख सकूँ और उससे परिचित हो सकूँ। निश्चय मैं मूसा को अपने इस दावे में झूठा समझता हूँ कि वह अल्लाह की ओर से मेरी तथा मेरी जाति की ओर रसूल बनाकर भेजा गया है।
Les exégèses en arabe:
وَاسْتَكْبَرَ هُوَ وَجُنُوْدُهٗ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ وَظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ اِلَیْنَا لَا یُرْجَعُوْنَ ۟
फ़िरऔन तथा उसके सैनिकों का अहंकार बढ़ गया और वे मिस्र की भूमि में बिना कारण के बड़े बन बैठे, तथा उन्होंने मृत्यु के पश्चात पुनः जीवित कर उठाए जाने का इनकार कर दिया और यह सोचा कि वे क़ियामत के दिन हिसाब-किताब और दंड के लिए हमारे पास नहीं लौटाए जाएँगे।
Les exégèses en arabe:
فَاَخَذْنٰهُ وَجُنُوْدَهٗ فَنَبَذْنٰهُمْ فِی الْیَمِّ ۚ— فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الظّٰلِمِیْنَ ۟
तो हमने उसको और उसके सैनिकों को पकड़ लिया और उन्हें समुद्र में डूबने के लिए फेंक दिया, यहाँ तक कि वे सभी नष्ट हो गए। अतः (ऐ रसूल!) आप ग़ौर करें कि अत्याचारियों का परिणाम और उनका अंत कैसा था। निश्चय उनका परिणाम और अंत विनाश था।
Les exégèses en arabe:
وَجَعَلْنٰهُمْ اَىِٕمَّةً یَّدْعُوْنَ اِلَی النَّارِ ۚ— وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ لَا یُنْصَرُوْنَ ۟
और हमने उन्हें सरकश और गुमराह लोगों का अगुआ बना दिया, जो कुफ़्र और गुमराही फैलाकर लोगों को आग की ओर बुलाते हैं। क़ियामत के दिन उन्हें यातना से बचाकर उनकी सहायता नहीं की जाएगी। बल्कि बुरे कार्यों को रिवाज देने और गुमराही की ओर बुलाने के कारण, उनके लिए यातना दोगुनी कर दी जाएगी। उन्हें अपने कार्यों का बोझ और उन लोगों के कार्यों का भी बोझ उठाना पड़ेगा, जिन्होंने उन कार्यों के करने में उनका पालन किया।
Les exégèses en arabe:
وَاَتْبَعْنٰهُمْ فِیْ هٰذِهِ الدُّنْیَا لَعْنَةً ۚ— وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ هُمْ مِّنَ الْمَقْبُوْحِیْنَ ۟۠
और हमने इस दुनिया में उनके दंड के अलावा उनके पीछे अपमान और तिरस्कार लगा दिया, तथा क़ियामत के दिन वे अल्लाह की दया से दूर रखे गए निंदनीय लोगों में से होंगे।
Les exégèses en arabe:
وَلَقَدْ اٰتَیْنَا مُوْسَی الْكِتٰبَ مِنْ بَعْدِ مَاۤ اَهْلَكْنَا الْقُرُوْنَ الْاُوْلٰی بَصَآىِٕرَ لِلنَّاسِ وَهُدًی وَّرَحْمَةً لَّعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
हमने मूसा अलैहिस्सलाम को तौरात प्रदान की, इसके पश्चात कि जब हमने पिछली जातियों की ओर अपने रसूल भेजे, लेकिन उन्होंने उन्हें झुठला दिया, तो हमने उन्हें झुठलाने के कारण उनका विनाश कर दिया। इसमें लोगों के लिए यह व्याख्या मौजूद है कि उनके लिए क्या लाभदायक है, कि वे उसपर अमल करें और उनके लिए क्या हानिकारक है, कि वे उसे छोड़ दें। तथा इसमें भलाई की ओर उनका मार्गदर्शन और दया है क्योंकि इसमें दुनिया एवं आख़िरत की भलाई है, ताकि वे अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों को याद करें और उसका शुक्र करें और उसपर ईमान लाएँ।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• رَدُّ الحق بالشبه الواهية شأن أهل الطغيان.
• निराधार संदेहों के द्वारा सत्य को रद्द कर देना सरकश लोगों का काम है।

• التكبر مانع من اتباع الحق.
• अहंकार सत्य का अनुसरण करने से रोकता है।

• سوء نهاية المتكبرين من سنن رب العالمين.
• अहंकारियों का बुरा अंत सर्व संसार के पालनहार का नियम है।

• للباطل أئمته ودعاته وصوره ومظاهره.
• असत्य के अपने अगुवा और प्रचारक तथा उसके रूप एवं दृश्य हैं।

وَمَا كُنْتَ بِجَانِبِ الْغَرْبِیِّ اِذْ قَضَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسَی الْاَمْرَ وَمَا كُنْتَ مِنَ الشّٰهِدِیْنَ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) आप मूसा अलैहिस्सलाम के हिसाब से पहाड़ के पश्चिमी किनारे पर मौजूद नहीं थे, जब हमने मूसा को फ़िरऔन तथा उसके प्रमुखों की ओर रसूल बनाकर भेजने का आदेश संपन्न किया, और न ही आप वहाँ उपस्थित होने वालों में से थे कि आप उसके समाचार से अवगत होते और उसे लोगों को बताते। इसलिए आप लोगों को जो कुछ बता रहे हैं, वह अल्लाह ने आपकी ओर वह़्य की है।
Les exégèses en arabe:
وَلٰكِنَّاۤ اَنْشَاْنَا قُرُوْنًا فَتَطَاوَلَ عَلَیْهِمُ الْعُمُرُ ۚ— وَمَا كُنْتَ ثَاوِیًا فِیْۤ اَهْلِ مَدْیَنَ تَتْلُوْا عَلَیْهِمْ اٰیٰتِنَا ۙ— وَلٰكِنَّا كُنَّا مُرْسِلِیْنَ ۟
लेकिन हमने मूसा के बाद कई समुदायों और प्राणियों को पैदा किया, फिर उनपर लंबी अवधि बीत गई, यहाँ तक कि वे अल्लाह के वचनों को भूल गए। तथा आप मदयन वालों के साथ नहीं रह रहे थे कि उनके सामने हमारी आयतें पढ़ते। किंतु हमने आपको अपने पास से रसूल बनाकर भेजा और आपकी ओर मूसा और उनके मदयन में निवास के समाचार की वह़्य की। अतः आपने लोगों को उसके बारे में बताया जो अल्लाह ने आपकी ओर वह़्य की।
Les exégèses en arabe:
وَمَا كُنْتَ بِجَانِبِ الطُّوْرِ اِذْ نَادَیْنَا وَلٰكِنْ رَّحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ لِتُنْذِرَ قَوْمًا مَّاۤ اَتٰىهُمْ مِّنْ نَّذِیْرٍ مِّنْ قَبْلِكَ لَعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟
और न ही आप उस समय तूर (पर्वत) के किनारे पर थे, जब हमने मूसा को पुकारा और उनकी ओर वह़्य की जो कुछ वह़्य की, कि आप लोगों को उस घटना के बारे में बता सकें। परंतु हमने आपको आपके पालनहार की ओर से लोगों के लिए रहमत बनाकर भेजा और आपकी ओर उसके समाचार की वह़्य की, ताकि आप उन लोगों को सावधान करें, जिनके पास आपसे पूर्व कोई सचेत करने वाला रसूल नहीं आया, ताकि वे उपदेश ग्रहण करें और आप अल्लाह के पास से जो कुछ लेकर आए हैं उसपर ईमान लाएँ।
Les exégèses en arabe:
وَلَوْلَاۤ اَنْ تُصِیْبَهُمْ مُّصِیْبَةٌ بِمَا قَدَّمَتْ اَیْدِیْهِمْ فَیَقُوْلُوْا رَبَّنَا لَوْلَاۤ اَرْسَلْتَ اِلَیْنَا رَسُوْلًا فَنَتَّبِعَ اٰیٰتِكَ وَنَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
और यदि ऐसा न होता कि उन्हें उनके कुफ़्र एवं पाप के कारण कोई ईश्वरीय दंड पहुँचे, तो वे अपने पास रसूल न भेजे जाने को हुज्जत बनाकर कहने लगें : (ऐ हमारे पालनहार!) तूने हमारे पास कोई रसूल क्यों न भेजा कि हम तेरी आयतों का अनुसरण करते और उनपर अमल करते तथा हम उन ईमान वालों में से हो जाते, जो अपने रब के आदेश का पालन करने वाले हैं। यदि यह बात न होती तो हम शीघ्र ही उन्हें दंड देते। परंतु हमने उसे उनसे उस समय तक विलंब कर दिया जब तक कि उनके पास रसूल भेजकर उनके बहाने को समाप्त न कर दें।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّا جَآءَهُمُ الْحَقُّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوْا لَوْلَاۤ اُوْتِیَ مِثْلَ مَاۤ اُوْتِیَ مُوْسٰی ؕ— اَوَلَمْ یَكْفُرُوْا بِمَاۤ اُوْتِیَ مُوْسٰی مِنْ قَبْلُ ۚ— قَالُوْا سِحْرٰنِ تَظَاهَرَا ۫— وَقَالُوْۤا اِنَّا بِكُلٍّ كٰفِرُوْنَ ۟
जब मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़ुरैश के पास अपने रब का संदेश लेकर आए, तो क़ुरैश ने आपके विषय में यहूदियों से पूछा। यहूदियों ने उन्हें यह तर्क सुझाया, तो उन्होंने कहा : मुहम्मद को मूसा की तरह ऐसी निशानियाँ क्यों न दी गईं, जो उनके रसूल होने को प्रमाणित करतीं; जैसे हाथ का चमकना और लाठी। (ऐ रसूल!) आप उन्हें उत्तर देते हुए कह दें : क्या यहूदियों ने उन निशानियों का इनकार नहीं किया जो मूसा को दी गई थीं? तथा उन्होंने तौरात और क़ुरआन दोनों के बारे में कहा : ये दोनों जादू हैं, जो एक-दूसरे का समर्थन करते हैं। तथा उन्होंने कहा : हम क़ुरआन तथा तौरात में से हर एक का इनकार करते हैं।
Les exégèses en arabe:
قُلْ فَاْتُوْا بِكِتٰبٍ مِّنْ عِنْدِ اللّٰهِ هُوَ اَهْدٰی مِنْهُمَاۤ اَتَّبِعْهُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप इनसे कह दें : तुम अल्लाह की ओर से अवतरित कोई ऐसी किताब ले आओ, जो तौरात और क़ुरआन से अधिक मार्गदर्शन करने वाली हो। यदि तुम उसे ले आए, तो मैं उसका अनुसरण करूँगा, यदि तुम अपने इस दावे में सच्चे हो कि तौरात और क़ुरआन दोनों जादू हैं।
Les exégèses en arabe:
فَاِنْ لَّمْ یَسْتَجِیْبُوْا لَكَ فَاعْلَمْ اَنَّمَا یَتَّبِعُوْنَ اَهْوَآءَهُمْ ؕ— وَمَنْ اَضَلُّ مِمَّنِ اتَّبَعَ هَوٰىهُ بِغَیْرِ هُدًی مِّنَ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟۠
फिर यदि क़ुरैश तौरात एवं क़ुरआन से अधिक मार्गदर्शन करने वाली कोई किताब लाने के मुतालबे को स्वीकार न करें, तो आप निश्चित रूप से जान लें कि उनका इन दोनों को झुठलाना सबूत पर आधारित नहीं है, बल्कि इच्छा का पालन करने के कारण है। और उससे अधिक पथभ्रष्ट कोई नहीं है जो सर्वशक्तिमान अल्लाह के मार्गदर्शन के बिना अपनी इच्छा का अनुसरण करे। निःसंदेह अल्लाह उन लोगों को मार्गदर्शन का सामर्थ्य नहीं देता, जो अल्लाह का इनकार करके अपने आपपर अत्याचार करने वाले हैं।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• نفي علم الغيب عن رسول الله صلى الله عليه وسلم إلَّا ما أطلعه الله عليه.
• अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से परोक्ष (ग़ैब) के ज्ञान का इनकार करना, सिवाय उसके जिससे अल्लाह ने आपको अवगत करा दिया हो।

• اندراس العلم بتطاول الزمن.
• समय बीतने के साथ ज्ञान का लोप हो जाना।

• تحدّي الكفار بالإتيان بما هو أهدى من وحي الله إلى رسله.
• काफ़िरों को यह चुनौती देना कि वे अल्लाह की अपने रसूलों की ओर भेजी गई वह़्य से अधिक मार्गदर्शन करने वाली कोई किताब ले आएँ।

• ضلال الكفار بسبب اتباع الهوى، لا بسبب اتباع الدليل.
• काफ़िरों की गुमराही अपनी इच्छाओं का पालन करने के कारण है, सबूतों का पालन करने के कारण नहीं।

وَلَقَدْ وَصَّلْنَا لَهُمُ الْقَوْلَ لَعَلَّهُمْ یَتَذَكَّرُوْنَ ۟ؕ
निःसंदेह हमने मुश्रिकों और बनी इसराईल के यहूदियों को पिछली जातियों की कहानियों और उस यातना की बात निरंतर पहुँचा दी, जो हमने उनपर उतारी जब उन्होंने हमारे रसूलों को झुठलाया; इस आशा में कि वे इससे उपदेश ग्रहण करते हुए ईमान ले आएँ। ताकि उन्हें (भी) उस यातना का सामना न करना पड़े, जो पिछले समुदायों को पहुँची थी।
Les exégèses en arabe:
اَلَّذِیْنَ اٰتَیْنٰهُمُ الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِهٖ هُمْ بِهٖ یُؤْمِنُوْنَ ۟
जो लोग क़ुरआन के अवतरण से पहले तौरात पर ईमान रखने में दृढ़ थे, वे क़ुरआन पर ईमान लाते हैं। क्योंकि वे अपनी किताबों में इसकी सूचना और वर्णन पाते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَاِذَا یُتْلٰی عَلَیْهِمْ قَالُوْۤا اٰمَنَّا بِهٖۤ اِنَّهُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّنَاۤ اِنَّا كُنَّا مِنْ قَبْلِهٖ مُسْلِمِیْنَ ۟
जब उनके सामने क़ुरआन पढ़ा जाता है, तो कहते हैं : हम इसपर ईमान लाए। निश्चय यह निर्विवाद सत्य है, जो हमारे रब की ओर से उतारा गया है। निःसंदेह इस क़ुरआन से पहले हम मुसलमान थे। क्योंकि इससे पहले रसूल जो कुछ लाए थे, हम उसपर ईमान रखते थे।
Les exégèses en arabe:
اُولٰٓىِٕكَ یُؤْتَوْنَ اَجْرَهُمْ مَّرَّتَیْنِ بِمَا صَبَرُوْا وَیَدْرَءُوْنَ بِالْحَسَنَةِ السَّیِّئَةَ وَمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ یُنْفِقُوْنَ ۟
उपर्युक्त गुणों के साथ वर्णित लोगों को अल्लाह उनके कर्मों का दोहरा सवाब देगा। इस कारण कि उन्होंने अपनी किताब पर ईमान रखने में धैर्य रखा और मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने के पश्चात उनपर भी ईमान लाए। तथा वे अपने अच्छे कर्मों के साथ उन पापों को दूर करते हैं, जो उन्होंने कमाए हैं, तथा जो कुछ हमने उन्हें दिया है, उसमें से भलाई के कामों में खर्च करते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَاِذَا سَمِعُوا اللَّغْوَ اَعْرَضُوْا عَنْهُ وَقَالُوْا لَنَاۤ اَعْمَالُنَا وَلَكُمْ اَعْمَالُكُمْ ؗ— سَلٰمٌ عَلَیْكُمْ ؗ— لَا نَبْتَغِی الْجٰهِلِیْنَ ۟
और जब किताब वाले लोगों में से ये ईमान वाले कोई व्यर्थ बात सुनते हैं, तो उसपर ध्यान दिए बिना उससे किनारा कर लेते हैं और अपने साथियों को संबोधित करके कहते हैं : हमारे लिए हमारे कर्मों का प्रतिफल है और तुम्हारे लिए तुम्हारे कर्मों का प्रतिफल। तुम हमारी ओर से अपशब्द और कष्ट से सुरक्षित हो। हम जाहिलों की संगत नहीं चाहते। क्योंकि इसमें धर्म और दुनिया की हानि और कष्ट है।
Les exégèses en arabe:
اِنَّكَ لَا تَهْدِیْ مَنْ اَحْبَبْتَ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ یَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ ۚ— وَهُوَ اَعْلَمُ بِالْمُهْتَدِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप जिसे चाहें, जैसे अबू तालिब आदि, उसे ईमान का सामर्थ्य प्रदान करके मार्गदर्शन पर नहीं ला सकते। लेकिन केवल अल्लाह ही है, जो जिसे चाहता है मार्गदर्शन का सामर्थ्य प्रदान करता है। तथा वह उसे सबसे अधिक जानने वाला है, जो उसके पूर्व ज्ञान के अनुसार सीधे रास्ते पर चलने वालों में से है।
Les exégèses en arabe:
وَقَالُوْۤا اِنْ نَّتَّبِعِ الْهُدٰی مَعَكَ نُتَخَطَّفْ مِنْ اَرْضِنَا ؕ— اَوَلَمْ نُمَكِّنْ لَّهُمْ حَرَمًا اٰمِنًا یُّجْبٰۤی اِلَیْهِ ثَمَرٰتُ كُلِّ شَیْءٍ رِّزْقًا مِّنْ لَّدُنَّا وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
मक्का के मुश्रिकों ने इस्लाम का पालन करने और उसपर ईमान लाने से बहाना करते हुए कहा : यदि हम इस इस्लाम का पालन करें जो आप लाए हैं, तो बहुत जल्द हमारे दुश्मन हमें हमारी भूमि से उठा ले जाएँगे। क्या हमने उन्हें ऐसे हरम में ठिकाना नहीं दिया, जिसमें रक्तपात और अत्याचार निषिद्ध है, जिसमें वे दूसरों के आक्रमण से सुरक्षित रहते हैं। जहाँ हर चीज़ के फल हमारी ओर से जीविका के तौर पर लाए जाते हैं?! परंतु उनमें से अधिकांश लोग अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों को जानते ही नहीं कि उनके लिए उसका आभार व्यक्त करें।
Les exégèses en arabe:
وَكَمْ اَهْلَكْنَا مِنْ قَرْیَةٍ بَطِرَتْ مَعِیْشَتَهَا ۚ— فَتِلْكَ مَسٰكِنُهُمْ لَمْ تُسْكَنْ مِّنْ بَعْدِهِمْ اِلَّا قَلِیْلًا ؕ— وَكُنَّا نَحْنُ الْوٰرِثِیْنَ ۟
कितनी ही बस्तियाँ ऐसी हैं, जिन्होंने अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का इनकार किया और पापों तथा अवज्ञा में हद से बढ़ गईं। तो हमने उनपर एक अज़ाब भेजकर उसके साथ उन्हें नष्ट कर दिया। तो ये उनके घर उजड़े पड़े हैं, जहाँ से लोग गुज़रते हैं, परंतु कुछ राहगीरों को छोड़कर यहाँ उनके बाद कोई निवास नहीं किया। और अंततः हम ही वारिस हैं, जो आसमानों और ज़मीन के और उनमें रहने वालों के वारिस होते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمَا كَانَ رَبُّكَ مُهْلِكَ الْقُرٰی حَتّٰی یَبْعَثَ فِیْۤ اُمِّهَا رَسُوْلًا یَّتْلُوْا عَلَیْهِمْ اٰیٰتِنَا ۚ— وَمَا كُنَّا مُهْلِكِی الْقُرٰۤی اِلَّا وَاَهْلُهَا ظٰلِمُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) आपका रब बस्तियों को विनाश नहीं करता, जब तक कि उनमें से प्रमुख बस्ती में एक रसूल भेजकर उसके वासियों के बहाने को समाप्त न कर दे, जिस तरह कि उसने आपको उम्मुल-कु़रा अर्थात् मक्का में भेजा। तथा हम कभी बस्तियों के लोगों को नष्ट नहीं करते जबकि वे सत्य पर क़ायम रहने वाले हों। लेकिन यदि वे कुफ़्र और पाप करके अत्याचार करने वाले हो जाते हैं, तो हम उन्हें नष्ट कर देते हैं।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• فضل من آمن من أهل الكتاب بالنبي محمد صلى الله عليه وسلم، وأن له أجرين.
• किताब वालों में से नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाने वाले की श्रेष्ठता और यह कि उसके लिए दोहरा सवाब है।

• هداية التوفيق بيد الله لا بيد غيره من الرسل وغيرهم.
• सुपथ का सामर्थ्य प्रदान करने का मार्गदर्शन केवल अल्लाह के हाथ में है, उसके अलावा रसूलों और अन्य लोगों के हाथ में नहीं है।

• اتباع الحق وسيلة للأمن لا مَبْعث على الخوف كما يدعي المشركون.
• सत्य का पालन करना सुरक्षा का एक साधन है, भय का कारण नहीं, जैसा कि बहुदेववादियों का दावा है।

• خطر الترف على الفرد والمجتمع.
• व्यक्ति और समाज के लिए विलासिता का खतरा।

• من رحمة الله أنه لا يهلك الناس إلا بعد الإعذار إليهم بإرسال الرسل.
• यह अल्लाह की दया है कि वह लोगों को रसूलों को भेजकर उनके बहाना को समाप्त करने के बीद ही विनष्ट करता है।

وَمَاۤ اُوْتِیْتُمْ مِّنْ شَیْءٍ فَمَتَاعُ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَزِیْنَتُهَا ۚ— وَمَا عِنْدَ اللّٰهِ خَیْرٌ وَّاَبْقٰی ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟۠
और तुम्हारे रब ने तुम्हें जो कुछ भी दिया है, वह ऐसी चीज़ है जिसका तुम दुनिया के जीवन में आनंद लेते और शृंगार करते हो, फिर वह समाप्त हो जाती है। किंतु परलोक में अल्लाह के पास जो महान प्रतिफल है, वह इस दुनिया के सामान और अलंकरण से बेहतर और अधिक बाक़ी रहने वाला है। क्या तुम इस बात को नहीं समझते, ताकि जो बाक़ी रहने वाला है, उसे समाप्त हो जाने वाले पर प्राथमिकता दो?!
Les exégèses en arabe:
اَفَمَنْ وَّعَدْنٰهُ وَعْدًا حَسَنًا فَهُوَ لَاقِیْهِ كَمَنْ مَّتَّعْنٰهُ مَتَاعَ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ثُمَّ هُوَ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ مِنَ الْمُحْضَرِیْنَ ۟
तो क्या वह व्यक्ति जिससे हमने आख़िरत में जन्नत और उसके शाश्वत आनंद का वादा किया है, जिसकी ओर वह अनिवार्य रूप से जाने वाला है, वह उस व्यक्ति के समान हो सकता है, जिसे हमने दुनिया के जीवने में धन और अलंकरण प्रदान किया है जिसका वह आनंद लेता है। फिर वह क़ियामत के दिन जहन्नम की आग में डाले जाने वाले लोगों में होगा?!
Les exégèses en arabe:
وَیَوْمَ یُنَادِیْهِمْ فَیَقُوْلُ اَیْنَ شُرَكَآءِیَ الَّذِیْنَ كُنْتُمْ تَزْعُمُوْنَ ۟
और जिस दिन उनका पवित्र एवं सर्वोच्च रब उन्हें पुकारकर कहेगा : मेरे वे साझीदार कहाँ हैं, जिनकी तुम मेरे अलावा पूजा करते थे और दावा करते थे कि वे मेरे साझी हैं?
Les exégèses en arabe:
قَالَ الَّذِیْنَ حَقَّ عَلَیْهِمُ الْقَوْلُ رَبَّنَا هٰۤؤُلَآءِ الَّذِیْنَ اَغْوَیْنَا ۚ— اَغْوَیْنٰهُمْ كَمَا غَوَیْنَا ۚ— تَبَرَّاْنَاۤ اِلَیْكَ ؗ— مَا كَانُوْۤا اِیَّانَا یَعْبُدُوْنَ ۟
कुफ़्र की ओर बुलाने वाले वे लोग जिन पर हमारी यातना सिद्ध हो चुकी, कहेंगे : ऐ हमारे रब! ये हैं वे लोग जिन्हें हमने गुमराह किया, हमने उन्हें उसी तरह गुमराह किया जैसे हम गुमराह हुए। हम तेरे समक्ष इनसे अलग होने की घोषणा करते हैं। ये हमारी पूजा नहीं करते थे। बल्कि ये लोग शैतान की पूजा करते थे।
Les exégèses en arabe:
وَقِیْلَ ادْعُوْا شُرَكَآءَكُمْ فَدَعَوْهُمْ فَلَمْ یَسْتَجِیْبُوْا لَهُمْ وَرَاَوُا الْعَذَابَ ۚ— لَوْ اَنَّهُمْ كَانُوْا یَهْتَدُوْنَ ۟
और उनसे कहा जाएगा : अपने साझीदारों को पुकारो, कि वे तुम्हें उस अपमान से बचाएँ, जिसमें तुम हो। अतः वे अपने साझीदारों को पुकारेंगे, किंतु वे उनकी पुकार का उत्तर नहीं देंगे। तथा वे अपने लिए तैयार की गई यातना को देखेंगे, तो कामना करेंगे कि काश वे दुनिया में सत्य मार्ग पर चले होते।
Les exégèses en arabe:
وَیَوْمَ یُنَادِیْهِمْ فَیَقُوْلُ مَاذَاۤ اَجَبْتُمُ الْمُرْسَلِیْنَ ۟
और जिस दिन उनका रब उन्हें पुकारकर कहेगा : तुमने मेरे उन रसूलों को, जिन्हें मैंने तुम्हारी ओर भेजा था, क्या उत्तर दिया?
Les exégèses en arabe:
فَعَمِیَتْ عَلَیْهِمُ الْاَنْۢبَآءُ یَوْمَىِٕذٍ فَهُمْ لَا یَتَسَآءَلُوْنَ ۟
तो उनसे तर्क लुप्त हो जाएगा और वे कुछ भी जवाब नहीं देंगे, और न ही यह हो सकेगा कि एक-दूसरे से पूछ लें; क्योंकि वे यातना से ग्रस्त होने का यक़ीन हो जाने के कारण गंभीर सदमें में होंगे।
Les exégèses en arabe:
فَاَمَّا مَنْ تَابَ وَاٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَعَسٰۤی اَنْ یَّكُوْنَ مِنَ الْمُفْلِحِیْنَ ۟
परंतु इन मुश्रिकों में से जिसने अपने कुफ़्र से तौबा कर ली और अल्लाह तथा उसके रसूलों पर ईमान ले आया और अच्छा कर्म किया; तो आशा है की वह अपनी मुराद को पाने वालों और भय से मुक्ति प्राप्त करने वालों में से होगा।
Les exégèses en arabe:
وَرَبُّكَ یَخْلُقُ مَا یَشَآءُ وَیَخْتَارُ ؕ— مَا كَانَ لَهُمُ الْخِیَرَةُ ؕ— سُبْحٰنَ اللّٰهِ وَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟
और (ऐ रसूल!) आपका पालनहार जो कुछ पैदा करना चाहता है, पैदा करता है तथा जिसे चाहता है अपनी आज्ञाकारिता और नुबुव्वत के लिए चुन लेता है। मुश्रिकों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है कि वे अल्लाह पर आपत्ति करेंl अल्लाह पाक और पवित्र है उन साझीदारों से जिन्हें वे उसके साथ पूजते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَرَبُّكَ یَعْلَمُ مَا تُكِنُّ صُدُوْرُهُمْ وَمَا یُعْلِنُوْنَ ۟
और आपका रब जानता है जो कुछ उनके सीने छिपाते है और जो कुछ प्रकट करते हैं, उनमें से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह उन्हें इसके लिए प्रतिफल देगा।
Les exégèses en arabe:
وَهُوَ اللّٰهُ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؕ— لَهُ الْحَمْدُ فِی الْاُوْلٰی وَالْاٰخِرَةِ ؗ— وَلَهُ الْحُكْمُ وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟
तथा वही पवित्र अल्लाह है, जिसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। केवल उसी के लिए इस दुनिया में सब प्रशंसा है, और उसी के लिए आख़िरत में सब प्रशंसा है, और उसी का निर्णय लागू होने वाला है, जिसे कोई टाल नहीं सकता। तथा तुम क़ियामत के दिन हिसाब और बदला के लिए केवल उसी (अल्लाह) की ओर लौटाए जाओगे।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• العاقل من يؤثر الباقي على الفاني.
• बुद्धिमान वह है, जो बाक़ी रहने वाले को नश्वर पर पर तरजीह दे।

• التوبة تَجُبُّ ما قبلها.
• तौबा उससे पूर्व होने वाले पापों को मिटा देती है।

• الاختيار لله لا لعباده، فليس لعباده أن يعترضوا عليه.
• चुनने का अधिकार केवल अल्लाह के लिए है, उसके बंदों के पास नहीं। अतः उसके बंदों को कोई हक़ नहीं है कि वे उस पर आपत्ति करें।

• إحاطة علم الله بما ظهر وما خفي من أعمال عباده.
• अल्लाह का ज्ञान बंदों के खुले तथा छिपे सभी कार्यों को घेरे हुए है।

قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ جَعَلَ اللّٰهُ عَلَیْكُمُ الَّیْلَ سَرْمَدًا اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ مَنْ اِلٰهٌ غَیْرُ اللّٰهِ یَاْتِیْكُمْ بِضِیَآءٍ ؕ— اَفَلَا تَسْمَعُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप इन मुश्रिकों से कह दें : मुझे बताओ कि यदि अल्लाह तुमपर हमेशा क़ियामत के दिन तक लगातार रात ही रात कर दे, तो अल्लाह के सिवा कौन पूज्य है, जो तुम्हारे पास दिन के उजाले के समान कोई प्रकाश ले आए?! क्या तुम इन तर्कों को नहीं सुनते तथा नहीं जानते कि अल्लाह के अलावा कोई पूज्य नहीं, जो तुम्हारे पास इसे ला सके?!
Les exégèses en arabe:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ جَعَلَ اللّٰهُ عَلَیْكُمُ النَّهَارَ سَرْمَدًا اِلٰی یَوْمِ الْقِیٰمَةِ مَنْ اِلٰهٌ غَیْرُ اللّٰهِ یَاْتِیْكُمْ بِلَیْلٍ تَسْكُنُوْنَ فِیْهِ ؕ— اَفَلَا تُبْصِرُوْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप इनसे कह दें : मुझे बताओ कि यदि अल्लाह तुमपर हमेशा क़ियामत के दिन तक दिन ही दिन कर दे, तो अल्लाह के सिवा कौन पूज्य है, जो तुम्हारे पास कोई रात ले आए, जिसमें तुम दिन में काम की थकावट से राहत हासिल करने के लिए आराम कर सको?! क्या तुम इन निशानियों को नहीं देखते और यह नहीं जानते कि अल्लाह के अलावा कोई पूज्य नहीं, जो तुम्हारे पास यह सब ला सके?!
Les exégèses en arabe:
وَمِنْ رَّحْمَتِهٖ جَعَلَ لَكُمُ الَّیْلَ وَالنَّهَارَ لِتَسْكُنُوْا فِیْهِ وَلِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ۟
और पवित्र अल्लाह की दया ही से है कि उसने (ऐ लोगो!) तुम्हारे लिए रात को अँधेरा बनाया; ताकि तुम दिन में काम से कष्ट सहने के बाद उसमें आराम कर सको, तथा उसने तुम्हारे लिए दिन को प्रकाशमान बनाया; ताकि तुम उसमें रोज़ी की तलाश के लिए दौड़-धूप करो, और ताकि तुम अपने ऊपर अल्लाह की नेमतों का शुक्र अदा करो और उनकी नाशुक्री न करो।
Les exégèses en arabe:
وَیَوْمَ یُنَادِیْهِمْ فَیَقُوْلُ اَیْنَ شُرَكَآءِیَ الَّذِیْنَ كُنْتُمْ تَزْعُمُوْنَ ۟
और जिस दिन उनका पवित्र एवं सर्वोच्च रब उन्हें पुकारकर कहेगा : मेरे वे साझीदार कहाँ हैं, जिनकी तुम मेरे अलावा पूजा करते थे और दावा करते थे कि वे मेरे साझीदार हैं?
Les exégèses en arabe:
وَنَزَعْنَا مِنْ كُلِّ اُمَّةٍ شَهِیْدًا فَقُلْنَا هَاتُوْا بُرْهَانَكُمْ فَعَلِمُوْۤا اَنَّ الْحَقَّ لِلّٰهِ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟۠
और हम हर समुदाय से उसके नबी को लाएँगे, जो उसके खिलाफ उस कुफ़्र और झुठलाने (इनकार) की गवाही देगा, जिसपर वह क़ायम था। फिर हम उन समुदायों के झुठलाने वालों से कहेंगे : तुम जिस कुफ़्र और इनकार पर क़ायम थे, उसपर अपने तर्क और प्रमाण प्रस्तुत करो। तो उनके सारे तर्क समाप्त हो जाएँगे और उन्हें यक़ीन हो जाएगा कि निःसंदेह निर्विवाद सत्य केवल अल्लाह का है। और वे उस पवित्र अल्लाह के लिए जो साझीदार गढ़ा करते थे, वे सब उनसे लुप्त हो जाएँगे।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ قَارُوْنَ كَانَ مِنْ قَوْمِ مُوْسٰی فَبَغٰی عَلَیْهِمْ ۪— وَاٰتَیْنٰهُ مِنَ الْكُنُوْزِ مَاۤ اِنَّ مَفَاتِحَهٗ لَتَنُوْٓاُ بِالْعُصْبَةِ اُولِی الْقُوَّةِ ۗ— اِذْ قَالَ لَهٗ قَوْمُهٗ لَا تَفْرَحْ اِنَّ اللّٰهَ لَا یُحِبُّ الْفَرِحِیْنَ ۟
निःसंदेह क़ारून मूसा अलैहिस्सलाम की जाति में से था। फिर उसने उनके विरुद्ध सरकशी दिखाई। हमने उसे धनों के इतने ख़ज़ाने दिए थे कि उसके ख़ज़ानों की चाबियाँ उठाना एक बलशाली दल पर भारी पड़ता था। जब उसकी जाति के लोगों ने उससे कहा : तू खुशी से मत इतरा, निश्चय अल्लाह खुशी से इतराने वालों से प्रेम नहीं करता। बल्कि उनसे नफरत करता है और उन्हें इसके लिए यातना देता है।
Les exégèses en arabe:
وَابْتَغِ فِیْمَاۤ اٰتٰىكَ اللّٰهُ الدَّارَ الْاٰخِرَةَ وَلَا تَنْسَ نَصِیْبَكَ مِنَ الدُّنْیَا وَاَحْسِنْ كَمَاۤ اَحْسَنَ اللّٰهُ اِلَیْكَ وَلَا تَبْغِ الْفَسَادَ فِی الْاَرْضِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یُحِبُّ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
और अल्लाह ने तुझे जो धन-संपत्ति दी है, उसे पुण्य के कार्यों में खर्च करके आख़िरत का सवाब तलब कर, तथा बिना फ़िज़ूलखर्ची और अभिमान के खाने, पीने, कपड़े और अन्य नेमतों से अपना हिस्सा मत भूल। तथा अपने पालनहार के साथ तथा उसके बंदों के साथ अच्छा व्यवहार कर, जैसे अल्लाह पाक ने तेरा भला किया है। तथा पाप करके और आज्ञाकारिता छोड़कर धरती में बिगाड़ की तलाश न कर। निःसंदेह अल्लाह ऐसा करके धरती में बिगाड़ करने वालों से प्रेम नहीं करता, बल्कि उनसे नफरत करता है।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• تعاقب الليل والنهار نعمة من نعم الله يجب شكرها له.
• रात और दिन का एक-दूसरे के बाद आना-जाना अल्लाह की नेमतों में से एक नेमत है, जिसका हमें शुक्र अदा करना चाहिए।

• الطغيان كما يكون بالرئاسة والملك يكون بالمال.
• सरकशी, जिस तरह सरदारी और राजत्व के कारण होती है, धन के कारण भी होती है।

• الفرح بَطَرًا معصية يمقتها الله.
• घमंड एवं इतराहट से खुश होना एक ऐसा पाप है, जिससे अल्लाह घृणा करता है।

• ضرورة النصح لمن يُخاف عليه من الفتنة.
• जिस व्यक्ति के फ़ितने में पड़ने का भय हो, उसे नसीहत करने की आवश्यकता।

• بغض الله للمفسدين في الأرض.
• अल्लाह धरती में बिगाड़ करने वालों से घृणा करता है।

قَالَ اِنَّمَاۤ اُوْتِیْتُهٗ عَلٰی عِلْمٍ عِنْدِیْ ؕ— اَوَلَمْ یَعْلَمْ اَنَّ اللّٰهَ قَدْ اَهْلَكَ مِنْ قَبْلِهٖ مِنَ الْقُرُوْنِ مَنْ هُوَ اَشَدُّ مِنْهُ قُوَّةً وَّاَكْثَرُ جَمْعًا ؕ— وَلَا یُسْـَٔلُ عَنْ ذُنُوْبِهِمُ الْمُجْرِمُوْنَ ۟
क़ारून ने कहा : मुझे यह धन-संपत्ति मेरे ज्ञान तथा क्षमता के आधार पर दी गई है। इसलिए मैं इसके योग्य हूँ। क्या क़ारून ने यह नहीं जाना कि अल्लाह उससे पूर्व कई जातियों को विनष्ट कर चुका है, जो उससे कहीं अधिक शक्तिशाली और अधिक संपत्ति एकत्र करने वाली थीं?! परंतु उनकी शक्ति या संपत्ति ने उन्हें कोई लाभ नहीं पहुँचाया। तथा क़ियामत के दिन अपराधियों से उनके पापों के बारे में नहीं पूछा जाएगा क्योंकि अल्लाह उन्हें जानता है। इसलिए उनसे जो सवाल होगा, वह उन्हें डाँटने-फटकारने के लिए होगा।
Les exégèses en arabe:
فَخَرَجَ عَلٰی قَوْمِهٖ فِیْ زِیْنَتِهٖ ؕ— قَالَ الَّذِیْنَ یُرِیْدُوْنَ الْحَیٰوةَ الدُّنْیَا یٰلَیْتَ لَنَا مِثْلَ مَاۤ اُوْتِیَ قَارُوْنُ ۙ— اِنَّهٗ لَذُوْ حَظٍّ عَظِیْمٍ ۟
क़ारून अपना वैभव (शान-शौकत) दिखाते हुए अपनी शोभा में निकला। क़ारून के लोगों में से जो सांसारिक जीवन की शोभा की आकांक्षा रखते थे, उन्होंने कहा : ऐ काश! हमें इस दुनिया की शोभा से वैसा ही दिया जाता जैसा कि क़ारून को दिया गया है। निश्चय क़ारून एक बड़े पर्याप्त नसीब वाला है।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْعِلْمَ وَیْلَكُمْ ثَوَابُ اللّٰهِ خَیْرٌ لِّمَنْ اٰمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا ۚ— وَلَا یُلَقّٰىهَاۤ اِلَّا الصّٰبِرُوْنَ ۟
जबकि उन लोगों ने जिन्हें ज्ञान दिया गया था, जब क़ारून को उसकी शोभा में देखा तथा उसके साथियों की कामनाएँ सुनीं, तो कहा : तुम्हारा बुरा हो! आख़िरत में मिलने वाला अल्लाह का प्रतिफल और उसपर ईमान लाने और नेक अमल करने वालों के लिए तैयार की गई नेमत, दुनिया के उस ठाठ-बाट से बेहतर हैं, जो क़ारून को दिया गया है। लेकिन इस बात को कहने और इसकी अपेक्षाओं के अनुसार कार्य करने का सामर्थ्य केवल उन धैर्यवानों को मिलता है, जो दुनिया के नश्वर आनंद पर अल्लाह के पास मिलने वाले बदले को वरीयता देने में धैर्य रखते हैं।
Les exégèses en arabe:
فَخَسَفْنَا بِهٖ وَبِدَارِهِ الْاَرْضَ ۫— فَمَا كَانَ لَهٗ مِنْ فِئَةٍ یَّنْصُرُوْنَهٗ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؗۗ— وَمَا كَانَ مِنَ الْمُنْتَصِرِیْنَ ۟
अन्ततः हमने उसकी सरकशी के प्रतिशोध में, उसे और उसके घर को, तथा उसमें मौजूद लोगों को धरती में धँसा दिया। तो उसके पास कोई ऐसा दल नहीं था जो अल्लाह के मुक़ाबले में उसकी सहायता करता और न ही वह स्वंय अपनी सहायता करने वालों में से था।
Les exégèses en arabe:
وَاَصْبَحَ الَّذِیْنَ تَمَنَّوْا مَكَانَهٗ بِالْاَمْسِ یَقُوْلُوْنَ وَیْكَاَنَّ اللّٰهَ یَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ وَیَقْدِرُ ۚ— لَوْلَاۤ اَنْ مَّنَّ اللّٰهُ عَلَیْنَا لَخَسَفَ بِنَا ؕ— وَیْكَاَنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الْكٰفِرُوْنَ ۟۠
और जिन लोगों ने क़ारून के धँसने से पहले उसे प्राप्त धन और शोभा की कामना की थी, वे अफसोस और विचार करते हुए कहने लगे : क्या हम नहीं जानते थे कि अल्लाह अपने बंदों में से जिसके लिए चाहता है, रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसके लिए चाहता है रोज़ी तंग कर देता है?! यदि हमपर अल्लाह का उपकार न होता कि उसने हमारी कही हुई बात पर हमको दंडित नहीं किया; तो वह अवश्य हमें क़ारून की तरह धँसा देता। वास्तव में काफ़िर लोग सफल नहीं होते, न दुनिया में और न आख़िरत में। बल्कि उनका अंजाम और परिणाम दोनों जगहों में नाकामी है।
Les exégèses en arabe:
تِلْكَ الدَّارُ الْاٰخِرَةُ نَجْعَلُهَا لِلَّذِیْنَ لَا یُرِیْدُوْنَ عُلُوًّا فِی الْاَرْضِ وَلَا فَسَادًا ؕ— وَالْعَاقِبَةُ لِلْمُتَّقِیْنَ ۟
यह आख़िरत का घर, हम उन लोगों के लिए आनंद और सम्मान का घर बनाते हैं, जो धरती में सत्य को मानने और उसका पालन करने से अभिमान का इरादा नहीं रखते और उसमें बिगाड़ नहीं चाहते। तथा प्रशंसनीय परिणाम, जो कि जन्नत की नेमत और उसमें उतरने वाली अल्लाह की प्रसन्नता है, उन लोगों के लिए है, जो अपने पालनहार से उसके आदेशों का पालन करके और उनके निषेधों से बचकर डरते हैं।
Les exégèses en arabe:
مَنْ جَآءَ بِالْحَسَنَةِ فَلَهٗ خَیْرٌ مِّنْهَا ۚ— وَمَنْ جَآءَ بِالسَّیِّئَةِ فَلَا یُجْزَی الَّذِیْنَ عَمِلُوا السَّیِّاٰتِ اِلَّا مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
जो व्यक्ति क़ियामत के दिन नेक काम (जैसे नमाज़, ज़कात, रोज़ा वगैरह) लेकर आएगा, उसे उस नेक काम से अच्छा प्रतिफल मिलेगा। क्योंकि उस नेक काम को उसके लिए दस गुना बढ़ा दिया जाएगा। तथा जो व्यक्ति क़ियामत के दिन बुराई (जैसे अल्लाह का इनकार, सूदखोरी और व्यभिचार इत्यादि) लेकर आएगा, तो जिन लोगों ने बुरे कर्म किए हैं, उन्हें बिना वृद्धि के केवल उसी मात्रा में बदला दिया जाएगा जो उन्होंने किया है।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• كل ما في الإنسان من خير ونِعَم، فهو من الله خلقًا وتقديرًا.
• इनसान में जो भी भलाई और नेमतें हैं, वे अल्लाह ही की पैदा की हुई और उसी की दी हुई हैं।

• أهل العلم هم أهل الحكمة والنجاة من الفتن؛ لأن العلم يوجه صاحبه إلى الصواب.
• वास्तव में, ज्ञान वाले ही हिकमत वाले और फ़ितनों से मुक्ति पाने वाले हैं, क्योंकि ज्ञान इनसान को सही रास्ता दिखाता है।

• العلو والكبر في الأرض ونشر الفساد عاقبته الهلاك والخسران.
• धरती में अभिमान, अहंकार और घमंड करने तथा उपद्रव फैलाने का परिणाम विनाश और हानि है।

• سعة رحمة الله وعدله بمضاعفة الحسنات للمؤمن وعدم مضاعفة السيئات للكافر.
• अल्लाह की विस्तृत दया और न्याय कि मोमिन के पुण्य को कई गुना बढ़ा देता है, किन्तु काफ़िर के पाप को नहीं बढ़ाता।

اِنَّ الَّذِیْ فَرَضَ عَلَیْكَ الْقُرْاٰنَ لَرَآدُّكَ اِلٰی مَعَادٍ ؕ— قُلْ رَّبِّیْۤ اَعْلَمُ مَنْ جَآءَ بِالْهُدٰی وَمَنْ هُوَ فِیْ ضَلٰلٍ مُّبِیْنٍ ۟
निःसंदेह! जिसने आपपर क़ुरआन उतारा है तथा उसका प्रचार-प्रसार करना और उसकी शिक्षाओं पर अमल करना आपपर अनिवार्य किया है, वह अवश्य आपको एक विजेता के रूप में मक्का लौटाएगा। (ऐ रसूल!) आप मुश्रिकों से कह दें : मेरा पालनहार उसे सबसे अधिक जानने वाला है जो मार्गदर्शन लेकर आया है तथा उसे भी जो मार्गदर्शन और सत्य से स्पष्ट गुमराही में है।
Les exégèses en arabe:
وَمَا كُنْتَ تَرْجُوْۤا اَنْ یُّلْقٰۤی اِلَیْكَ الْكِتٰبُ اِلَّا رَحْمَةً مِّنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُوْنَنَّ ظَهِیْرًا لِّلْكٰفِرِیْنَ ۟ؗ
और (ऐ रसूल!) आप (नुबुव्वत से पहले) यह आशा नहीं रखते थे कि आपकी ओर क़ुरआन की वह़्य की जाएगी, किंतु अल्लाह की दया के कारण उसे आपपर उतारा गया। अतः काफ़िर जिस गुमराही में पड़े हुए हैं, उसमें आप उनके सहायक न बनें।
Les exégèses en arabe:
وَلَا یَصُدُّنَّكَ عَنْ اٰیٰتِ اللّٰهِ بَعْدَ اِذْ اُنْزِلَتْ اِلَیْكَ وَادْعُ اِلٰی رَبِّكَ وَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟ۚ
ये बहुदेववादी लोग आपको अल्लाह की आयतों से, उनके अवतरित होने के बाद हरगिज़ न रोकने पाएँ, कि आप उनकी तिलावत करना और उनका प्रचार-प्रसार करना छोड़ दें। तथा आप लोगों को अल्लाह पर ईमान लाने, उसको एकमात्र पूज्य मानने और उसकी शरीयत पर अमल करने के लिए आमंत्रित करें। और आप उन मुश्रिकों में से हरगिज़ न हों, जो अल्लाह के साथ उसके अलावा की पूजा करते हैं।बल्कि आप उन एकेश्वरवादियों में से बनें जो केवल अल्लाह की उपासना करते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَلَا تَدْعُ مَعَ اللّٰهِ اِلٰهًا اٰخَرَ ۘ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۫— كُلُّ شَیْءٍ هَالِكٌ اِلَّا وَجْهَهٗ ؕ— لَهُ الْحُكْمُ وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟۠
तथा आप अल्लाह के साथ उसके अलावा किसी अन्य पूज्य की उपासना न करें। उसके अलावा कोई सत्य पूज्य नहीं। उस महिमावान के चेहरे के सिवा सब कुछ नाशवान है। केवल उसी का आदेश चलता है, वह जो चाहता है आदेश देता है। और केवल उसी के पास तुम क़ियामत के दिन हिसाब और बदला के लिए वापस लाए जाओगे।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• النهي عن إعانة أهل الضلال.
• पथभ्रष्ट लोगों की मदद करने से निषेध।

• الأمر بالتمسك بتوحيد الله والبعد عن الشرك به.
• अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) पर क़ायम रहने और शिर्क से दूर रहने का आदेश।

• ابتلاء المؤمنين واختبارهم سُنَّة إلهية.
• ईमान वालों की परीक्षा लेना और उन्हें आज़माना एक ईश्वरीय नियम है।

• غنى الله عن طاعة عبيده.
• अल्लाह अपने बंदों की आज्ञाकारिता से बेनियाज़ है।

 
Traduction des sens Sourate: AL-QASAS
Lexique des sourates Numéro de la page
 
Traduction des sens du Noble Coran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - Lexique des traductions

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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