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Traduction des sens du Noble Coran - La traduction indienne du Résumé dans l'Exégèse du noble Coran * - Lexique des traductions


Traduction des sens Sourate: Al 'Imran   Verset:
وَلِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ؕ— وَاِلَی اللّٰهِ تُرْجَعُ الْاُمُوْرُ ۟۠
जो कुछ आकाशों में और जो कुछ धरती में है सबका स्वामी (राजा) अल्लाह सर्वशक्तिमान है, रचना की दृष्टि से भी और प्रबंधन की दृष्टि से भी, और उसकी सारी सृष्टि का मामला अंततः उसी सर्वशक्तिमान की ओर लौटना है। फिर वह उनमें से हर एक को उसकी पात्रता के अनुसार बदला देगा।
Les exégèses en arabe:
كُنْتُمْ خَیْرَ اُمَّةٍ اُخْرِجَتْ لِلنَّاسِ تَاْمُرُوْنَ بِالْمَعْرُوْفِ وَتَنْهَوْنَ عَنِ الْمُنْكَرِ وَتُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ ؕ— وَلَوْ اٰمَنَ اَهْلُ الْكِتٰبِ لَكَانَ خَیْرًا لَّهُمْ ؕ— مِنْهُمُ الْمُؤْمِنُوْنَ وَاَكْثَرُهُمُ الْفٰسِقُوْنَ ۟
(ऐ मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्मत के लोगो!) तुम अपने ईमान एवं कर्म में सबसे अच्छी उम्मत हो, जिसे अल्लाह ने लोगों के लिए प्रकट किया है, और तुम लोगों के लिए सबसे अधिक लाभकारी लोग हो, तुम उस अच्छी बात का आदेश देते हो जो शरीयत से प्रमाणित है और शुद्ध बुद्धि उसे अच्छा समझती है, और उस बुराई से रोकते हो जिससे शरीयत ने रोका है और शुद्ध बुद्धि उसे बुरा समझती है। और तुम अल्लाह पर दृढ़ विश्वास रखते हो, जिसकी तुम्हारे कार्य से पुष्टि होती है। और यदि किताब वाले यहूदी और ईसाई मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर ईमान लाते, तो यह उनके लिए दुनिया एवं आख़़िरत दोनों में बेहतर होता। किताब वालों में से बहुत कम लोग हैं, जो मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की लाई हुई शरीयत पर विश्वास रखते हैं, जबकि उनमें से अधिकांश लोग अल्लाह के धर्म और उसकी शरीयत से बाहर हैं।
Les exégèses en arabe:
لَنْ یَّضُرُّوْكُمْ اِلَّاۤ اَذًی ؕ— وَاِنْ یُّقَاتِلُوْكُمْ یُوَلُّوْكُمُ الْاَدْبَارَ ۫— ثُمَّ لَا یُنْصَرُوْنَ ۟
वे चाहे जितनी भी दुश्मनी कर लें, वे तुम्हें - ऐ ईमान वालो - तुम्हारे धर्म तथा तुम्हारी जानों के संबंध में कोई हानि नहीं पहुँचा सकते। वे केवल अपनी ज़बान से धर्म पर दोषारोपण करके तथा तुम्हारा मज़ाक उड़ाकर, तुम्हें कष्ट दे सकते हैं। यदि वे तुम्हारे साथ युद्ध करें, तो तुम्हारे सामने पराजित होकर भाग खड़े होंगे और तुम्हारे विरुद्ध उनकी कभी भी सहायता नहीं की जाएगी।
Les exégèses en arabe:
ضُرِبَتْ عَلَیْهِمُ الذِّلَّةُ اَیْنَ مَا ثُقِفُوْۤا اِلَّا بِحَبْلٍ مِّنَ اللّٰهِ وَحَبْلٍ مِّنَ النَّاسِ وَبَآءُوْ بِغَضَبٍ مِّنَ اللّٰهِ وَضُرِبَتْ عَلَیْهِمُ الْمَسْكَنَةُ ؕ— ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ كَانُوْا یَكْفُرُوْنَ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ وَیَقْتُلُوْنَ الْاَنْۢبِیَآءَ بِغَیْرِ حَقٍّ ؕ— ذٰلِكَ بِمَا عَصَوْا وَّكَانُوْا یَعْتَدُوْنَ ۟ۗ
यहूदी जहाँ भी रहें, अपमान और तिरस्कार उन्हें घेरे हुए और उनपर हावी है। अतः वे उसी समय सुरक्षित रह सकते हैं, जब उन्हें सर्वशक्तिमान अल्लाह की ओर से या लोगों की ओर से वचन अथवा शरण (सुरक्षा) मिल जाए। तथा वे अल्लाह के प्रकोप व क्रोध के पात्र बन गए हैं और ज़रूरत और दरिद्रता उनपर चारों ओर से घेर दी गई है। और यह सब इस कारण हुआ कि वे अल्लाह की निशानियों का इनकार करते और अल्लाह के नबियों की अन्यायपूर्वक हत्या करते थे। और ऐसा इसलिए - भी - हुआ कि वे अवज्ञा करते और अल्लाह की सीमाओं का उल्लंघन करते थे।
Les exégèses en arabe:
لَیْسُوْا سَوَآءً ؕ— مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ اُمَّةٌ قَآىِٕمَةٌ یَّتْلُوْنَ اٰیٰتِ اللّٰهِ اٰنَآءَ الَّیْلِ وَهُمْ یَسْجُدُوْنَ ۟
किताब वाले अपनी स्थिति में समान नहीं हैं। बल्कि उनमें से एक समूह अल्लाह के धर्म पर सुदृढ़ है और अल्लाह के आदेश व निषेध का पालन करता हैं। वे रात की घड़ियों में अल्लाह की आयतों का पाठ करते हैं जबकि वे अल्लाह के लिए नमाज़ पढ़ रहे होते हैं। यह समूह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नबी बनाए जाने से पहले था और उनमें से जिसे नुबुव्वत का समय काल मिला, उसने इस्लाम ग्रहण कर लिया।
Les exégèses en arabe:
یُؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْیَوْمِ الْاٰخِرِ وَیَاْمُرُوْنَ بِالْمَعْرُوْفِ وَیَنْهَوْنَ عَنِ الْمُنْكَرِ وَیُسَارِعُوْنَ فِی الْخَیْرٰتِ ؕ— وَاُولٰٓىِٕكَ مِنَ الصّٰلِحِیْنَ ۟
वे अल्लाह तथा अंतिम दिन पर दृढ़ विश्वास रखते हैं, और अच्छी बातों और भलाई का आदेश देते हैं, तथा घृणित बातों और बुराई से रोकते हैं, और अच्छे कार्यों में जल्दी करते हैं, तथा नेकियों के अवसरों का लाभ उठाते हैं। और इन गुणों से विशिष्ट लोग ही अल्लाह के ऐसे बंदे हैं, जिनके इरादे और कार्य अच्छे हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمَا یَفْعَلُوْا مِنْ خَیْرٍ فَلَنْ یُّكْفَرُوْهُ ؕ— وَاللّٰهُ عَلِیْمٌۢ بِالْمُتَّقِیْنَ ۟
ये लोग जो भी थोड़ा या बहुत अच्छा कार्य करेंगे, उसका पुण्य कदापि अकारथ नहीं जाएगा और उसके प्रतिफल में कमी नहीं की जाएगी। और अल्लाह उन परहेज़गार लोगों को भली-भाँति जानता है, जो उसके आदेशों का पालन करते तथा उसकी मना की हुई चीज़ों से बचते हैं। उनके कार्यों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह उन्हें उनका बदला देगा।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• أعظم ما يميز هذه الأمة وبه كانت خيريتها - بعد الإيمان بالله - الأمر بالمعروف والنهي عن المنكر.
• सबसे बड़ी बात जो इस उम्मत को उत्कृष्ट करती है और जो – अल्लाह पर ईमान के बाद – इसके सर्वोत्तम उम्मत होने का कारण है, भलाई का आदेश देना और बुराई से रोकना है।

• قضى الله تعالى بالذل على أهل الكتاب لفسقهم وإعراضهم عن دين الله، وعدم وفائهم بما أُخذ عليهم من العهد.
• अल्लाह ने किताब वालों के प्रति अपमान का फैसला कर दिया है, क्योंकि उन्होंने अल्लाह की अवज्ञा की, अल्लाह के धर्म से उपेक्षा किया और उस वचन को पूरा नहीं किया जो उनसे लिया गया था।

• أهل الكتاب ليسوا على حال واحدة؛ فمنهم القائم بأمر الله، المتبع لدينه، الواقف عند حدوده، وهؤلاء لهم أعظم الأجر والثواب. وهذا قبل بعثة النبي محمد صلى الله عليه وسلم.
• सभी अह्ले किताब एक जैसे नहीं हैं। चुनाँचे उनमें से कुछ लोग अल्लाह की आज्ञा का पालन करने वाले, उसके धर्म का अनुसरण करने वाले और उसकी सीमाओं के पास ठहरने वाले हैं। ऐसे लोगों के लिए सबसे बड़ा प्रतिफल और इनाम है। यह पैगंबर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ईशदूत बनाए जाने से पहले की बात है।

 
Traduction des sens Sourate: Al 'Imran
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Émanant du Centre d'Exégèse pour les Études Coraniques.

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