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Traduction des sens du Noble Coran - La traduction indienne du Résumé dans l'Exégèse du noble Coran * - Lexique des traductions


Traduction des sens Sourate: Al Mâ'idah   Verset:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّخِذُوا الْیَهُوْدَ وَالنَّصٰرٰۤی اَوْلِیَآءَ ؔۘ— بَعْضُهُمْ اَوْلِیَآءُ بَعْضٍ ؕ— وَمَنْ یَّتَوَلَّهُمْ مِّنْكُمْ فَاِنَّهٗ مِنْهُمْ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یَهْدِی الْقَوْمَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
ऐ लोगो जो अल्लाह तथा उसके रसूल पर ईमान लाए हो! यहूदियों तथा ईसाइयों को सहयोगी एवं खास मित्र बनाकर उनसे दिली दोस्ती (वफ़ादारी) न रखो, क्योंकि यहूदी अपने धर्म वालों से दोस्ती (वफ़ादारी) रखते हैं और ईसाई अपने धर्म वालों से दोस्ती (वफ़ादारी) रखते हैं और दोनों समूह तुम्हारी दुश्मनी में एकजुट हैं। अतः तुममें से जो उनसे दोस्ती रखेगा, वह उन्हीं में गिना जाएगा। निःसंदेह अल्लाह काफ़िरों से दोस्ती (वफ़ादारी) रखकर अपने ऊपर अत्याचार करने वाले लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाता।
Les exégèses en arabe:
فَتَرَی الَّذِیْنَ فِیْ قُلُوْبِهِمْ مَّرَضٌ یُّسَارِعُوْنَ فِیْهِمْ یَقُوْلُوْنَ نَخْشٰۤی اَنْ تُصِیْبَنَا دَآىِٕرَةٌ ؕ— فَعَسَی اللّٰهُ اَنْ یَّاْتِیَ بِالْفَتْحِ اَوْ اَمْرٍ مِّنْ عِنْدِهٖ فَیُصْبِحُوْا عَلٰی مَاۤ اَسَرُّوْا فِیْۤ اَنْفُسِهِمْ نٰدِمِیْنَ ۟ؕ
तो (ऐ रसूल!) आप कमज़ोर ईमान वाले मुनाफ़िक़ों को यहूदियों तथा ईसाइयों से दोस्ती करने के लिए दौड़ते हुए देखेंगे, कहते हैं : ''हमें डर है कि ये लोग जीत हासिल कर लेंगे, और उनके पास राज्य होगा, फिर हमें उनसे नुक़सान पहुँचेगा।'' तो संभव है कि अल्लाह अपने रसूल तथा मोमिनों को जीत प्रदान कर दे, या अपनी ओर से कोई ऐसा मामला प्रकट कर दे, जिससे यहूदियों और उनके सहयोगियों का प्रभाव (दबदबा) समाप्त हो जाए। फिर उनसे दोस्ती करने के लिए जल्दी करने वाले अपने दिलों में छिपाए हुए निफ़ाक़ पर लज्जित होंगे; क्योंकि जिन कमज़ोर कारणों का उन्होंने सहारा लिया था सब व्यर्थ हो गया।
Les exégèses en arabe:
وَیَقُوْلُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اَهٰۤؤُلَآءِ الَّذِیْنَ اَقْسَمُوْا بِاللّٰهِ جَهْدَ اَیْمَانِهِمْ ۙ— اِنَّهُمْ لَمَعَكُمْ ؕ— حَبِطَتْ اَعْمَالُهُمْ فَاَصْبَحُوْا خٰسِرِیْنَ ۟
ईमान वाले, इन मुनाफ़िक़ों (पाखंडियों) की स्थिति से चकित होकर कहते हैं : क्या यही लोग हैं जिन्होंने अपनी क़समों की पुष्टि करते हुए यह क़सम खाई थी : निःसंदेह वे ईमान, समर्थन और निष्ठा (वफ़ादारी) में (ऐ ईमान वालो!) तुम्हारे साथ हैं?! उनके कार्य व्यर्थ हो गए। अतः वे अपने उद्देश्य को खो देने और उनके लिए तैयार किए जाने वाले अज़ाब के कारण घाटा उठाने वाले हो गए।
Les exégèses en arabe:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا مَنْ یَّرْتَدَّ مِنْكُمْ عَنْ دِیْنِهٖ فَسَوْفَ یَاْتِی اللّٰهُ بِقَوْمٍ یُّحِبُّهُمْ وَیُحِبُّوْنَهٗۤ ۙ— اَذِلَّةٍ عَلَی الْمُؤْمِنِیْنَ اَعِزَّةٍ عَلَی الْكٰفِرِیْنَ ؗ— یُجَاهِدُوْنَ فِیْ سَبِیْلِ اللّٰهِ وَلَا یَخَافُوْنَ لَوْمَةَ لَآىِٕمٍ ؕ— ذٰلِكَ فَضْلُ اللّٰهِ یُؤْتِیْهِ مَنْ یَّشَآءُ ؕ— وَاللّٰهُ وَاسِعٌ عَلِیْمٌ ۟
ऐ ईमान वालो! तुममें से जो कोई अपने धर्म को छोड़कर कुफ़्र की ओर पलट जाए, तो अल्लाह उनके बदले ऐसे लोगों को लाएगा, जिनसे वह उनके सीधे मार्ग पर चलने के कारण प्रेम करेगा तथा वे उससे प्रेम करेंगे, वे ईमान वालों के प्रति दयालु तथा काफ़िरों पर बहुत सख़्त होंगे। वे अपने मालों और अपनी जानों के साथ (अल्लाह के मार्ग में) जिहाद करेंगे, ताकि अल्लाह का वचन सर्वोच्च हो। वे निंदा करने वालों की निंदा से नहीं डरेंगे, क्योंकि वे अल्लाह की प्रसन्नता को प्राणियों की प्रसन्नता से ऊपर रखने वाले होंगे। यह अल्लाह का प्रदान है, जिसे अल्लाह अपने बंदों में से उसे देता है, जिसे वह चाहता है। अल्लाह विस्तृत अनुग्रह और उपकार वाला है। उसे मालूम है कि कौन उसके अनुग्रह के योग्य है, तो वह उसे प्रदान करता है, तथा कौन उसके लायक़ नहीं है, तो उसे वंचित कर देता है।
Les exégèses en arabe:
اِنَّمَا وَلِیُّكُمُ اللّٰهُ وَرَسُوْلُهٗ وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوا الَّذِیْنَ یُقِیْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَیُؤْتُوْنَ الزَّكٰوةَ وَهُمْ رٰكِعُوْنَ ۟
यहूदी, ईसाई तथा अन्य काफिर तुम्हारे मित्र नहीं हैं, बल्कि तुम्हारे मित्र और सहायक केवल अल्लाह, उसके रसूल और वे ईमान वाले हैं, जो पूरी तरह से नमाज़ अदा करते हैं, और अपने धन की ज़कात देते हैं तथा वे अल्लाह के प्रति विनीत और विनम्र होते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمَنْ یَّتَوَلَّ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا فَاِنَّ حِزْبَ اللّٰهِ هُمُ الْغٰلِبُوْنَ ۟۠
जो कोई अल्लाह, उसके रसूल तथा मोमिनों से दोस्ती रखे और उनका समर्थन करे, वह अल्लाह के दल में से है। और अल्लाह का दल ही वे लोग हैं, जो विजयी रहने वाले हैं, क्योंकि अल्लाह उनका सहायक है।
Les exégèses en arabe:
یٰۤاَیُّهَا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَّخِذُوا الَّذِیْنَ اتَّخَذُوْا دِیْنَكُمْ هُزُوًا وَّلَعِبًا مِّنَ الَّذِیْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكُمْ وَالْكُفَّارَ اَوْلِیَآءَ ۚ— وَاتَّقُوا اللّٰهَ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِیْنَ ۟
ऐ ईमान वालो! उन यहूदियों और ईसाइयों को जो तुमसे पहले किताब दिए गए तथा मुश्रिकों को सहयोगी और दिली दोस्त न बनाओ, जो तुम्हारे धर्म का मज़ाक उड़ाते हैं और उसके साथ खिलवाड़ करते हैं। तथा अल्लाह से उस चीज़ से बचकर डरो, जो उसने तुम्हें उनकी दोस्ती से मना किया है, यदि तुम अल्लाह पर तथा उसपर ईमान रखने वाले हो, जो उसने तुमपर उतारा है।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• التنبيه علي عقيدة الولاء والبراء التي تتلخص في الموالاة والمحبة لله ورسوله والمؤمنين، وبغض أهل الكفر وتجنُّب محبتهم.
• 'वला और बरा' के अक़ीदे पर चेतावनी, जिसका सार यह है कि अल्लाह, उसके रसूल और मोमिनों से दोस्ती रखी जाए तथा काफ़िरों से नफ़रत की जाए और उनसे मोह़ब्बत रखने से बचा जाए।

• من صفات أهل النفاق: موالاة أعداء الله تعالى.
• मुनाफ़िक़ों का एक गुण : अल्लाह के शत्रुओं से दोस्ती रखना है।

• التخاذل والتقصير في نصرة الدين قد ينتج عنه استبدال المُقَصِّر والإتيان بغيره، ونزع شرف نصرة الدين عنه.
• धर्म का समर्थन करने में परस्पर सहयोग से उपेक्षा और लापरवाही के परिणामस्वरूप लापरवाही करने वाले की जगह दूसरों को लाया जा सकता है, और उससे धर्म का समर्थन करने का सम्मान छीना जा सकता है।

• التحذير من الساخرين بدين الله تعالى من الكفار وأهل النفاق، ومن موالاتهم.
• अल्लाह के धर्म का मज़ाक़ उड़ाने वाले काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों से, तथा उनसे दोस्ती रखने से सावधान करना।

 
Traduction des sens Sourate: Al Mâ'idah
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Traduction des sens du Noble Coran - La traduction indienne du Résumé dans l'Exégèse du noble Coran - Lexique des traductions

Émanant du Centre d'Exégèse pour les Études Coraniques.

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