Traduction des sens du Noble Coran - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - Lexique des traductions


Traduction des sens Verset: (199) Sourate: AL-A’RÂF
خُذِ الْعَفْوَ وَاْمُرْ بِالْعُرْفِ وَاَعْرِضْ عَنِ الْجٰهِلِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) आप लोगों के उन कार्यों और व्यवहारों को स्वीकार करें, जो वे खुशी मन से करें और जो उनके लिए आसान हों। उनपर ऐसे कार्य और व्यवहार का बोझ न डालें जिनकी उनके स्वभाव अनुमति नहीं देते हैं। क्योंकि यह उन्हें आपसे दूर करने का कारण बनेगा। और आप हर सुंदर बात तथा अच्छे कार्य का आदेश दें और अज्ञानी लोगों से उपेक्षा करें। इसलिए उनकी अज्ञानता का जवाब अज्ञानता से न दें। चुनाँचे जो आपको कष्ट दे, आप उसे कष्ट न दें और जो आपको वंचित करे, आप उसे वंचित न करें।
Les exégèses en arabe:
Parmi les bénéfices ( méditations ) des versets de cette page:
• في الآيات بشارة للمسلمين المستقيمين على صراط نبيهم صلى الله عليه وسلم بأن ينصرهم الله كما نصر نبيه وأولياءه.
• एक बुद्धिमान व्यक्ति के लिए ज़रूरी है कि अल्लाह तआला की इबादत करे, क्योंकि वही है जो धर्म से संबंधित महान ज्ञान पर आधारित किताब उतार कर उसके धार्मिक हितों, तथा अपने नेक बंदों का संरक्षण करके, उनकी रक्षा और सहायता करके इस दुनिया के हितों की पूर्ति करता है। इसलिए उनसे दुश्मनी रखने वालों की दुश्मनी से उनका कोई नुक़सान नहीं होता।

• في الآيات جماع الأخلاق، فعلى العبد أن يعفو عمن ظلمه، ويعطي من حرمه، ويصل من قطعه.
• इन आयतों में उन मुसलमानों के लिए जो अपने नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के रास्ते पर चलने वाले हैं यह शुभ सूचना है कि अल्लाह उनकी उसी तरह मदद करेगा, जैसे उसने अपने नबियों और औलिया की मदद की।

• على العبد إذا مَسَّه سوء من الشيطان - فأذنب بفعل محرم، أو ترك واجب - أن يستغفر الله تعالى، ويستدرك ما فرط منه بالتوبة النصوح والحسنات الماحية.
• इन आयतों में नैतिकता के मूल का वर्णन है। अतः बंदे को चाहिए कि उसे माफ़ कर दे जो उसपर अत्याचार करे, जो उसे वंचित करने वाला है उसे प्रदान करे और जो उससे नाता तोड़ने वाला है उससे नाता जोड़े।

• الواجب على العاقل عبادة الله تعالى؛ لأنه هو الذي يحقق له منافع الدين بإنزال الكتاب المشتمل على العلوم العظيمة في الدّين، ومنافع الدنيا بتولّي الصالحين من عباده وحفظه لهم ونصرته إياهم، فلا تضرهم عداوة من عاداهم.
• यदि बंदे को शैतान की ओर से कोई बुराई पहुँचे - जिसके कारणवश वह कोई हराम काम कर बैठे या कोई वाजिब काम छोड़ दे - तो उसे चाहिए कि अल्लाह से क्षमा माँगे और सच्ची तौबा तथा पापों को मिटाने वाली नेकियों द्वारा अपनी कमी की क्षतिपूर्ति करे।

 
Traduction des sens Verset: (199) Sourate: AL-A’RÂF
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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