Traduction des sens du Noble Coran - Traduction en Hindi * - Lexique des traductions

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Traduction des sens Sourate: YOUNOUS   Verset:

सूरा यूनुस

الٓرٰ ۫— تِلْكَ اٰیٰتُ الْكِتٰبِ الْحَكِیْمِ ۟
अलिफ़, लाम, रा। ये पूर्ण हिकमत वाली किताब की आयतें हैं।
Les exégèses en arabe:
اَكَانَ لِلنَّاسِ عَجَبًا اَنْ اَوْحَیْنَاۤ اِلٰی رَجُلٍ مِّنْهُمْ اَنْ اَنْذِرِ النَّاسَ وَبَشِّرِ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْۤا اَنَّ لَهُمْ قَدَمَ صِدْقٍ عِنْدَ رَبِّهِمْ ؔؕ— قَالَ الْكٰفِرُوْنَ اِنَّ هٰذَا لَسٰحِرٌ مُّبِیْنٌ ۟
क्या लोगों के लिए आश्चर्य की बात है कि हमने उनमें से एक व्यक्ति की ओर वह़्य (प्रकाशना) भेजी कि लोगों को डराए और उन लोगों को शुभ-सूचना दे, जो ईमान लाए हैं कि उनके लिए उनके पालनहार के पास उच्च स्थान है। काफ़िरों ने कहा : निःसंदेह यह तो खुला जादूगर है।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ رَبَّكُمُ اللّٰهُ الَّذِیْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ فِیْ سِتَّةِ اَیَّامٍ ثُمَّ اسْتَوٰی عَلَی الْعَرْشِ یُدَبِّرُ الْاَمْرَ ؕ— مَا مِنْ شَفِیْعٍ اِلَّا مِنْ بَعْدِ اِذْنِهٖ ؕ— ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ فَاعْبُدُوْهُ ؕ— اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ ۟
निःसंदेह तुम्हारा पालनहार अल्लाह ही है, जिसने आकाशों तथा धरती को छह दिनों में पैदा किया, फिर अर्श (सिंहासन) पर बुलंद हुआ। वह हर चीज़ की व्यवस्था चला रहा है। कोई सिफ़ारिश करने वाला नहीं परंतु उसकी अनुमति के बाद। वही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है, अतः उसी की इबादत करो। क्या तुम उपदेश ग्रहण नहीं करतेॽ[1]
1. भावार्थ यह है कि जब विश्व की व्यवस्था वही अकेला कर रहा है, तो पूज्य भी वही अकेला होना चाहिए।
Les exégèses en arabe:
اِلَیْهِ مَرْجِعُكُمْ جَمِیْعًا ؕ— وَعْدَ اللّٰهِ حَقًّا ؕ— اِنَّهٗ یَبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ لِیَجْزِیَ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ بِالْقِسْطِ ؕ— وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ شَرَابٌ مِّنْ حَمِیْمٍ وَّعَذَابٌ اَلِیْمٌ بِمَا كَانُوْا یَكْفُرُوْنَ ۟
तुम सब को उसी की ओर लौटना है। यह अल्लाह का सच्चा वादा है। निःसंदेह वही रचना का आरंभ करता है, फिर उसे दोबारा पैदा करेगा, ताकि उन लोगों को न्याय के साथ बदला[2] दे, जो ईमान लाए और अच्छे कर्म किए। तथा जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उनके लिए खौलते हुए जल का पेय और दर्दनाक यातना है, उसके बदले जो वे कुफ़्र किया करते थे।
2. भावार्थ यह है कि यह दूसरा परलोक का जीवन इसलिए आवश्यक है कि कर्मों के फल का नियम यह चाहता है कि जब एक जीवन कर्म के लिए है, तो दूसरा कर्मों के प्रतिफल के लिए होना चाहिए।
Les exégèses en arabe:
هُوَ الَّذِیْ جَعَلَ الشَّمْسَ ضِیَآءً وَّالْقَمَرَ نُوْرًا وَّقَدَّرَهٗ مَنَازِلَ لِتَعْلَمُوْا عَدَدَ السِّنِیْنَ وَالْحِسَابَ ؕ— مَا خَلَقَ اللّٰهُ ذٰلِكَ اِلَّا بِالْحَقِّ ۚ— یُفَصِّلُ الْاٰیٰتِ لِقَوْمٍ یَّعْلَمُوْنَ ۟
वही है जिसने सूर्य को ज्योति तथा चाँद को प्रकाश बनाया और उस (चाँद) की मंज़िलें निर्धारित कीं, ताकि तुम वर्षों की गिनती तथा हिसाब जान सको। अल्लाह ने इन सब को सत्य के साथ बनाया है। वह उन लोगों के लिए निशानियों को खोलकर बयान करता है, जो जानते हैं।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ فِی اخْتِلَافِ الَّیْلِ وَالنَّهَارِ وَمَا خَلَقَ اللّٰهُ فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّتَّقُوْنَ ۟
निःसंदेह रात और दिन के एक-दूसरे के बाद आने में और उन चीज़ों में जो अल्लाह ने आकाशों तथा धरती में पैदा की हैं, निश्चय उन लोगों के लिए निशानियाँ हैं, जो अल्लाह का डर रखते हैं।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ الَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ لِقَآءَنَا وَرَضُوْا بِالْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَاطْمَاَنُّوْا بِهَا وَالَّذِیْنَ هُمْ عَنْ اٰیٰتِنَا غٰفِلُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह जो लोग हमसे मिलने की आशा नहीं रखते और वे सांसारिक जीवन से प्रसन्न हो गए तथा उसी से संतुष्ट हो गए और वे लोग जो हमारी निशानियों से असावधान हैं।
Les exégèses en arabe:
اُولٰٓىِٕكَ مَاْوٰىهُمُ النَّارُ بِمَا كَانُوْا یَكْسِبُوْنَ ۟
यही लोग हैं जिनका ठिकाना जहन्नम है, उसके बदले जो वे कमाया करते थे।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ یَهْدِیْهِمْ رَبُّهُمْ بِاِیْمَانِهِمْ ۚ— تَجْرِیْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْاَنْهٰرُ فِیْ جَنّٰتِ النَّعِیْمِ ۟
निःसंदेह जो लोग ईमान लाए और अच्छे कर्म किए, उनका पालनहार उनके ईमान के कारण उनका मार्गदर्शन करेगा, उनके नीचे नेमत के बाग़ों में नहरें बहती होंगी।
Les exégèses en arabe:
دَعْوٰىهُمْ فِیْهَا سُبْحٰنَكَ اللّٰهُمَّ وَتَحِیَّتُهُمْ فِیْهَا سَلٰمٌ ۚ— وَاٰخِرُ دَعْوٰىهُمْ اَنِ الْحَمْدُ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۠
उनमें उनकी प्रार्थना यह होगी : ''ऐ अल्लाह! तू पवित्र है।'' और उनमें उनका अभिवादन 'सलाम' होगा, और उनकी प्रार्थना का अंत यह होगा कि : ''सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो सारे संसारों का पालनहार है।''
Les exégèses en arabe:
وَلَوْ یُعَجِّلُ اللّٰهُ لِلنَّاسِ الشَّرَّ اسْتِعْجَالَهُمْ بِالْخَیْرِ لَقُضِیَ اِلَیْهِمْ اَجَلُهُمْ ؕ— فَنَذَرُ الَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ لِقَآءَنَا فِیْ طُغْیَانِهِمْ یَعْمَهُوْنَ ۟
और अगर अल्लाह लोगों को बुराई जल्दी दे दे, उन्हें बहुत जल्दी भलाई प्रदान करने की तरह, तो निश्चय उनकी ओर उनकी अवधि पूरी कर दी जाए। (किंतु) हम उन लोगों को जो हमसे मिलने की आशा नहीं रखते, उनकी सरकशी ही में भटकता[3] हुआ छोड़ देते हैं।
3. आयत का अर्थ यह है कि अल्लाह का दुष्कर्मों का दंड देने का नियम यह नहीं है कि तुरंत संसार ही में उसका कुफल दे दिया जाए। परंतु दुष्कर्मी को यहाँ अवसर दिया जाता है, अन्यथा उनका समय कभी का पूरा हो चुका होता।
Les exégèses en arabe:
وَاِذَا مَسَّ الْاِنْسَانَ الضُّرُّ دَعَانَا لِجَنْۢبِهٖۤ اَوْ قَاعِدًا اَوْ قَآىِٕمًا ۚ— فَلَمَّا كَشَفْنَا عَنْهُ ضُرَّهٗ مَرَّ كَاَنْ لَّمْ یَدْعُنَاۤ اِلٰی ضُرٍّ مَّسَّهٗ ؕ— كَذٰلِكَ زُیِّنَ لِلْمُسْرِفِیْنَ مَا كَانُوْا یَعْمَلُوْنَ ۟
और जब मनुष्य को कोई दुःख पहुँचता है, तो अपने पहलू पर, या बैठा हुआ या खड़ा हुआ हमें पुकारता है। फिर जब हम उससे उसका दुःख दूर कर देते हैं, तो ऐसे चल देता है, जैसे उसने हमें किसी दुःख के पहुँचने पर पुकारा ही नहीं। इसी प्रकार सीमा से आगे बढ़ने वालों के लिए शोभित कर दिया गया, जो वे किया करते थे।
Les exégèses en arabe:
وَلَقَدْ اَهْلَكْنَا الْقُرُوْنَ مِنْ قَبْلِكُمْ لَمَّا ظَلَمُوْا ۙ— وَجَآءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ وَمَا كَانُوْا لِیُؤْمِنُوْا ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِی الْقَوْمَ الْمُجْرِمِیْنَ ۟
और निःसंदेह हमने तुमसे पहले बहुत-से समुदायों को विनष्ट कर दिया, जब उन्होंने अत्याचार किया। हालाँकि उनके रसूल उनके पास खुली निशानियाँ लेकर आए थे, परंतु वे ऐसे नहीं थे कि ईमान लाते। इसी प्रकार हम अपराधी लोगों को बदला दिया करते हैं।
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ جَعَلْنٰكُمْ خَلٰٓىِٕفَ فِی الْاَرْضِ مِنْ بَعْدِهِمْ لِنَنْظُرَ كَیْفَ تَعْمَلُوْنَ ۟
फिर उनके बद हमने तुम्हें धरती में उत्तराधिकारी बनाया, ताकि हम देखें कि तुम कैसे कार्य करते हो?
Les exégèses en arabe:
وَاِذَا تُتْلٰی عَلَیْهِمْ اٰیَاتُنَا بَیِّنٰتٍ ۙ— قَالَ الَّذِیْنَ لَا یَرْجُوْنَ لِقَآءَنَا ائْتِ بِقُرْاٰنٍ غَیْرِ هٰذَاۤ اَوْ بَدِّلْهُ ؕ— قُلْ مَا یَكُوْنُ لِیْۤ اَنْ اُبَدِّلَهٗ مِنْ تِلْقَآئِ نَفْسِیْ ۚ— اِنْ اَتَّبِعُ اِلَّا مَا یُوْحٰۤی اِلَیَّ ۚ— اِنِّیْۤ اَخَافُ اِنْ عَصَیْتُ رَبِّیْ عَذَابَ یَوْمٍ عَظِیْمٍ ۟
और जब उन्हें हमारी स्पष्ट आयतें सुनाई जाती हैं, तो जो लोग हमसे मिलने की आशा नहीं रखते, वे कहते हैं : "इसके अलावा कोई और क़ुरआन ले आओ, या इसे बदल दो।" कह दो : मेरे लिए यह संभव नहीं है कि मैं इसे अपनी ओर से बदल दूँ। मैं तो केवल उसी का पालन करता हूँ, जो मेरी ओर वह़्य की जाती है। निःसंदेह, यदि मैं अपने पालनहार की अवज्ञा करूँ, तो मुझे एक बड़े दिन की यातना का डर है।
Les exégèses en arabe:
قُلْ لَّوْ شَآءَ اللّٰهُ مَا تَلَوْتُهٗ عَلَیْكُمْ وَلَاۤ اَدْرٰىكُمْ بِهٖ ۖؗۗ— فَقَدْ لَبِثْتُ فِیْكُمْ عُمُرًا مِّنْ قَبْلِهٖ ؕ— اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ۟
आप कह दें : यदि अल्लाह चाहता, तो मैं तुम्हें इसे पढ़कर न सुनाता और न वह तुम्हें इसकी ख़बर देता। फिर निःसंदेह मैं इससे पहले तुम्हारे बीच जीवन की एक अवधि व्यतीत कर चुका हूँ। तो क्या तुम नहीं समझतेॽ[4]
4. आयत का भावार्थ यह है कि यदि तुम एक इसी बात पर विचार करो कि मैं तुम्हारे लिए कोई अपरिचित, अज्ञात नहीं हूँ। मैं तुम्ही में से हूँ। यहीं मक्का में पैदा हुआ, और चालीस वर्ष की आयु तुम्हारे बीच व्यतीत की। मेरा पूरा जीवन चरित्र तुम्हारे सामने है, इस अवधि में तुमने सत्य और अमानत के विरुद्ध मुझ में कोई बात नहीं देखी, तो अब चालीस वर्ष के पश्चात् यह कैसे हो सकता है कि अल्लाह पर यह मिथ्या आरोप लगा दूँ कि उसने यह क़ुरआन मुझपर उतारा है? मेरा पवित्र जीवन स्वयं इस बात का प्रमाण है कि यह क़ुरआन अल्लाह की वाणी है। और मैं उसका नबी हूँ। और उसी की अनुमति से यह क़ुरआन तुम्हें सुना रहा हूँ।
Les exégèses en arabe:
فَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰی عَلَی اللّٰهِ كَذِبًا اَوْ كَذَّبَ بِاٰیٰتِهٖ ؕ— اِنَّهٗ لَا یُفْلِحُ الْمُجْرِمُوْنَ ۟
फिर उससे बढ़कर अत्याचारी कौन होगा, जो अल्लाह पर झूठा आरोप लगाए अथवा उसकी आयतों को झुठलाएॽ निःसंदेह अपराधी लोग सफल नहीं होते।
Les exégèses en arabe:
وَیَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَضُرُّهُمْ وَلَا یَنْفَعُهُمْ وَیَقُوْلُوْنَ هٰۤؤُلَآءِ شُفَعَآؤُنَا عِنْدَ اللّٰهِ ؕ— قُلْ اَتُنَبِّـُٔوْنَ اللّٰهَ بِمَا لَا یَعْلَمُ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ ؕ— سُبْحٰنَهٗ وَتَعٰلٰی عَمَّا یُشْرِكُوْنَ ۟
और वे लोग अल्लाह को छोड़कर उनको पूजते हैं, जो न उन्हें कोई हानि पहुँचाते हैं और न उन्हें कोई लाभ पहुँचाते हैं और कहते हैं कि ये लोग अल्लाह के यहाँ हमारे सिफ़ारिशी हैं। आप कह दें : क्या तुम अल्लाह को ऐसी बात की सूचना दे रहे हो, जिसे वह न आकाशों में जानता है और न धरती में? वह पवित्र है और उससे बहुत ऊँचा है, जिसे वे साझीदार ठहराते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمَا كَانَ النَّاسُ اِلَّاۤ اُمَّةً وَّاحِدَةً فَاخْتَلَفُوْا ؕ— وَلَوْلَا كَلِمَةٌ سَبَقَتْ مِنْ رَّبِّكَ لَقُضِیَ بَیْنَهُمْ فِیْمَا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
तथा लोग एक ही समुदाय थे, फिर वे अलग-अलग[5] हो गए और यदि वह बात न होती जो तुम्हारे पालनहार की ओर से पहले ही निश्चित हो चुकी[6], तो उनके बीच उसके बारे में अवश्य फ़ैसला कर दिया जाता, जिसमें वे विभेद कर रहे हैं।
5. अतः कुछ शिर्क करने और देवी-देवताओं को पूजने लगे। (इब्ने कसीर) 6. कि वह लोगों के बीच होने वाले मतभेद के बारे में इस दुनिया में फैसला नहीं करेगा।
Les exégèses en arabe:
وَیَقُوْلُوْنَ لَوْلَاۤ اُنْزِلَ عَلَیْهِ اٰیَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖ ۚ— فَقُلْ اِنَّمَا الْغَیْبُ لِلّٰهِ فَانْتَظِرُوْا ۚ— اِنِّیْ مَعَكُمْ مِّنَ الْمُنْتَظِرِیْنَ ۟۠
और वे कहते हैं कि उसपर उसके पालनहार की ओर से कोई निशानी क्यों नहीं उतारी गईॽ[7] आप कह दें : परोक्ष (का ज्ञान) तो केवल अल्लाह के पास है। अतः तुम प्रतीक्षा करो, मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करने वालों में से हूँ।[8]
7. जैसे कि उनके लिए सफ़ा पहाड़ी को सोना या मक्का के पहाड़ों को हटाकर उनकी जगह नहरें और बाग़ बना दिया जाता। (इब्ने कसीर) 8. अर्थात अल्लाह के आदेश की।
Les exégèses en arabe:
وَاِذَاۤ اَذَقْنَا النَّاسَ رَحْمَةً مِّنْ بَعْدِ ضَرَّآءَ مَسَّتْهُمْ اِذَا لَهُمْ مَّكْرٌ فِیْۤ اٰیَاتِنَا ؕ— قُلِ اللّٰهُ اَسْرَعُ مَكْرًا ؕ— اِنَّ رُسُلَنَا یَكْتُبُوْنَ مَا تَمْكُرُوْنَ ۟
और जब हम लोगों को उनके किसी तकलीफ़ में पड़ने के बाद कोई दया चखाते हैं, तो अचानक उनके लिए हमारी आयतों के बारे में कोई न कोई चाल होती है। कह दें कि अल्लाह अधिक तेज़ उपाय करने वाला है। निःसंदेह हमारे भेजे हुए (फ़रिश्ते) लिख रहे हैं, जो तुम चाल चलते हो।
Les exégèses en arabe:
هُوَ الَّذِیْ یُسَیِّرُكُمْ فِی الْبَرِّ وَالْبَحْرِ ؕ— حَتّٰۤی اِذَا كُنْتُمْ فِی الْفُلْكِ ۚ— وَجَرَیْنَ بِهِمْ بِرِیْحٍ طَیِّبَةٍ وَّفَرِحُوْا بِهَا جَآءَتْهَا رِیْحٌ عَاصِفٌ وَّجَآءَهُمُ الْمَوْجُ مِنْ كُلِّ مَكَانٍ وَّظَنُّوْۤا اَنَّهُمْ اُحِیْطَ بِهِمْ ۙ— دَعَوُا اللّٰهَ مُخْلِصِیْنَ لَهُ الدِّیْنَ ۚ۬— لَىِٕنْ اَنْجَیْتَنَا مِنْ هٰذِهٖ لَنَكُوْنَنَّ مِنَ الشّٰكِرِیْنَ ۟
वही है जो तुम्हें जल और थल में चलाता है, यहाँ तक कि जब तुम नावों में होते हो और वे उन्हें लेकर अच्छी (अनुकूल) हवा के सहारे चल पड़ती हैं और वे उससे प्रसन्न हो उठते हैं, कि अचानक एक तेज़ हवा उन (नावों) पर आती है और उनपर प्रत्येक स्थान से लहरें आ जाती हैं और वे समझते हैं कि निःसंदेह उन्हें घेर लिया गया है, तो वे अल्लाह को इस तरह पुकारते हैं कि उसके लिए हर इबादत को विशुद्ध करने वाले[9] होते हैं, निश्चय अगर तूने हमें उससे नजात दे दी, तो हम अवश्य ही शुक्रगुज़ारों में से होंगे।
9. और सब देवी-देवताओं को भूल जाते हैं।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّاۤ اَنْجٰىهُمْ اِذَا هُمْ یَبْغُوْنَ فِی الْاَرْضِ بِغَیْرِ الْحَقِّ ؕ— یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اِنَّمَا بَغْیُكُمْ عَلٰۤی اَنْفُسِكُمْ ۙ— مَّتَاعَ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ؗ— ثُمَّ اِلَیْنَا مَرْجِعُكُمْ فَنُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ۟
फिर जब वह उन्हें बचा लेता है, तो वे अचानक धरती में नाहक़ सरकशी करने लगते हैं। ऐ लोगो! तुम्हारी सरकशी, तुम्हारे अपने ही विरुद्ध है। ये सांसारिक जीवन के कुछ लाभ[10] हैं। फिर तुम्हें हमारी ही ओर लौटकर आना है। तब हम तुम्हें बताएँगे जो कुछ तुम किया करते थे।
10. भावार्थ यह है कि जब तक सांसारिक जीवन के संसाधन का कोई सहारा होता है, तो लोग अल्लाह को भूले रहते हैं। और जब यह सहारा नहीं होता, तो उनका अंतर्ज्ञान उभरता है। और वे अल्लाह को पुकारने लगते हैं। और जब दुःख दूर हो जाता है, तो फिर वही दशा हो जाती है। इस्लाम यह शिक्षा देता है कि सदा सुख-दुख में उसे याद करते रहो।
Les exégèses en arabe:
اِنَّمَا مَثَلُ الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا كَمَآءٍ اَنْزَلْنٰهُ مِنَ السَّمَآءِ فَاخْتَلَطَ بِهٖ نَبَاتُ الْاَرْضِ مِمَّا یَاْكُلُ النَّاسُ وَالْاَنْعَامُ ؕ— حَتّٰۤی اِذَاۤ اَخَذَتِ الْاَرْضُ زُخْرُفَهَا وَازَّیَّنَتْ وَظَنَّ اَهْلُهَاۤ اَنَّهُمْ قٰدِرُوْنَ عَلَیْهَاۤ ۙ— اَتٰىهَاۤ اَمْرُنَا لَیْلًا اَوْ نَهَارًا فَجَعَلْنٰهَا حَصِیْدًا كَاَنْ لَّمْ تَغْنَ بِالْاَمْسِ ؕ— كَذٰلِكَ نُفَصِّلُ الْاٰیٰتِ لِقَوْمٍ یَّتَفَكَّرُوْنَ ۟
सांसारिक जीवन की मिसाल तो बस उस पानी जैसी है, जिसे हमने आकाश से बरसाया, तो उसके साथ धरती से उगने वाले पौधे ख़ूब मिल गए, जिन्हें इनसान और जानवर खाते हैं, यहाँ तक कि जब धरती ने अपनी शोभा पूरी कर ली और खूब ससज्जित हो गई और उसके मालिकों ने समझ लिया कि निःसंदेह वे उसपर सक्षम हैं, तो रात या दिन में उसपर हमारा आदेश आ गया, तो हमने उसे कटी हुई कर दिया, जैसे वह कल थी ही नहीं।[11] इसी प्रकार हम उन लोगों के लिए आयतें खोलकर बयान करते हैं, जो मनन-चिंतन करते हैं।
11. अर्थात सांसारिक आनंद और सुख वर्षा की उपज के समान सामयिक और अस्थायी है।
Les exégèses en arabe:
وَاللّٰهُ یَدْعُوْۤا اِلٰی دَارِ السَّلٰمِ ؕ— وَیَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ اِلٰی صِرَاطٍ مُّسْتَقِیْمٍ ۟
और अल्लाह शांति के घर की ओर बुलाता है और जिसे चाहता है सीधा मार्ग दिखा देता है।
Les exégèses en arabe:
لِلَّذِیْنَ اَحْسَنُوا الْحُسْنٰی وَزِیَادَةٌ ؕ— وَلَا یَرْهَقُ وُجُوْهَهُمْ قَتَرٌ وَّلَا ذِلَّةٌ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
जिन लोगों ने अच्छे कर्म किए, उन्हीं के लिए सबसे अच्छा बदला और कुछ अधिक[12] है और उनके चेहरों पर न कोई कलौंस छाएगी और न ज़िल्लत। यही लोग जन्नत वाले हैं, वे उसमें हमेशा रहने वाले हैं।
12. अधिकांश भाष्यकारों ने "अधिक" का भावार्थ "आख़िरत में अल्लाह का दर्शन" और "अच्छा बदला" का "जन्नत" किया है। (इब्ने कसीर)
Les exégèses en arabe:
وَالَّذِیْنَ كَسَبُوا السَّیِّاٰتِ جَزَآءُ سَیِّئَةٍ بِمِثْلِهَا ۙ— وَتَرْهَقُهُمْ ذِلَّةٌ ؕ— مَا لَهُمْ مِّنَ اللّٰهِ مِنْ عَاصِمٍ ۚ— كَاَنَّمَاۤ اُغْشِیَتْ وُجُوْهُهُمْ قِطَعًا مِّنَ الَّیْلِ مُظْلِمًا ؕ— اُولٰٓىِٕكَ اَصْحٰبُ النَّارِ ۚ— هُمْ فِیْهَا خٰلِدُوْنَ ۟
और जिन लोगों ने बुराइयाँ कमाईं, तो किसी भी बुराई का बदला उसी के समान मिलेगा और उनपर अपमान छाया होगा। उन्हें अल्लाह से बचाने वाला कोई न होगा। मानो कि उनके चेहरों पर अँधेरी रात के बहुत-से टुकड़े ओढ़ा दिए गए हों। यही लोग जहन्नम वाले हैं। वे उसमें हमेशा रहने वाले हैं।
Les exégèses en arabe:
وَیَوْمَ نَحْشُرُهُمْ جَمِیْعًا ثُمَّ نَقُوْلُ لِلَّذِیْنَ اَشْرَكُوْا مَكَانَكُمْ اَنْتُمْ وَشُرَكَآؤُكُمْ ۚ— فَزَیَّلْنَا بَیْنَهُمْ وَقَالَ شُرَكَآؤُهُمْ مَّا كُنْتُمْ اِیَّانَا تَعْبُدُوْنَ ۟
और जिस दिन हम उन सबको एकत्र करेंगे, फिर हम उन लोगों से, जिन्होंने शिर्क किया, कहेंगे : तुम अपने साझीदारों समेत अपनी जगह ठहरे रहो, फिर हम उनके बीच अलगाव कर देंगे और उनके साझीदार कहेंगे कि तुम हमारी इबादत तो नहीं किया करते थे।
Les exégèses en arabe:
فَكَفٰی بِاللّٰهِ شَهِیْدًا بَیْنَنَا وَبَیْنَكُمْ اِنْ كُنَّا عَنْ عِبَادَتِكُمْ لَغٰفِلِیْنَ ۟
अतः हमारे और तुम्हारे बीच अल्लाह ही गवाह काफ़ी है कि निःसंदेह हम तुम्हारी इबादत से निश्चय बेख़बर थे।
Les exégèses en arabe:
هُنَالِكَ تَبْلُوْا كُلُّ نَفْسٍ مَّاۤ اَسْلَفَتْ وَرُدُّوْۤا اِلَی اللّٰهِ مَوْلٰىهُمُ الْحَقِّ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا یَفْتَرُوْنَ ۟۠
उस अवसर पर प्रत्येक व्यक्ति अपने पहले के किए हुए कामों को जाँच लेगा और वे अपने सच्चे मालिक अल्लाह की ओर लौटाए जाएँगे और वे जो कुछ झूठा आरोप लगाया करते थे, सब उनसे गुम हो जाएगा।
Les exégèses en arabe:
قُلْ مَنْ یَّرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ اَمَّنْ یَّمْلِكُ السَّمْعَ وَالْاَبْصَارَ وَمَنْ یُّخْرِجُ الْحَیَّ مِنَ الْمَیِّتِ وَیُخْرِجُ الْمَیِّتَ مِنَ الْحَیِّ وَمَنْ یُّدَبِّرُ الْاَمْرَ ؕ— فَسَیَقُوْلُوْنَ اللّٰهُ ۚ— فَقُلْ اَفَلَا تَتَّقُوْنَ ۟
कहो : वह कौन है जो तुम्हें आकाश और धरती[13] से जीविका देता है? या फिर कान और आँख का मालिक कौन है? और कौन जीवित को मृत से निकालता और मृत को जीवित से निकालता है? और कौन है जो हर काम का प्रबंध करता है? तो वे ज़रूर कहेंगे : ''अल्लाह''[14], तो कहो : फिर क्या तुम डरते नहीं?
13. आकाश की वर्षा तथा धरती की उपज से। 14. जब यह स्वीकार करते हो कि संसार की व्यवस्था अल्लाह ही कर रहा है तो इबादत भी उसी की होनी चाहिए।
Les exégèses en arabe:
فَذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمُ الْحَقُّ ۚ— فَمَاذَا بَعْدَ الْحَقِّ اِلَّا الضَّلٰلُ ۚ— فَاَنّٰی تُصْرَفُوْنَ ۟
तो वह अल्लाह ही तुम्हारा सच्चा पालनहार है, फिर सत्य के बाद पथभ्रष्टता के सिवा और क्या हैॽ फिर तुम कहाँ फेरे जाते हो?
Les exégèses en arabe:
كَذٰلِكَ حَقَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ عَلَی الَّذِیْنَ فَسَقُوْۤا اَنَّهُمْ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟
इसी प्रकार आपके पालनहार की बात उन लोगों के बारे में सत्य सिद्ध हुई जिन्होंने अवज्ञा की थी कि वे ईमान नहीं लाएँगे।
Les exégèses en arabe:
قُلْ هَلْ مِنْ شُرَكَآىِٕكُمْ مَّنْ یَّبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ ؕ— قُلِ اللّٰهُ یَبْدَؤُا الْخَلْقَ ثُمَّ یُعِیْدُهٗ فَاَنّٰی تُؤْفَكُوْنَ ۟
(आप उनसे) कह दें : क्या तुम्हारे साझीदारों में से कोई है, जो सृष्टि का आरंभ करता हो, फिर उसे दोबारा बनाता होॽ आप कह दें : अल्लाह ही सृष्टि का आरंभ करता है, फिर उसे दोबारा बनाता है, तो तुम कहाँ बहकाए जाते होॽ
Les exégèses en arabe:
قُلْ هَلْ مِنْ شُرَكَآىِٕكُمْ مَّنْ یَّهْدِیْۤ اِلَی الْحَقِّ ؕ— قُلِ اللّٰهُ یَهْدِیْ لِلْحَقِّ ؕ— اَفَمَنْ یَّهْدِیْۤ اِلَی الْحَقِّ اَحَقُّ اَنْ یُّتَّبَعَ اَمَّنْ لَّا یَهِدِّیْۤ اِلَّاۤ اَنْ یُّهْدٰی ۚ— فَمَا لَكُمْ ۫— كَیْفَ تَحْكُمُوْنَ ۟
आप कह दें कि क्या तुम्हारे साझीदारों में से कोई है, जो सत्य की ओर मार्गदर्शन करे? आप कह दें कि अल्लाह ही सत्य का मार्गदर्शन करता है। तो क्या जो सत्य की ओर मार्गदर्शन करे, वह अधिक हक़दार है कि उसका अनुसरण किया जाए, या वह जो स्वयं रास्ता नहीं पाता सिवाय इसके कि उसे रास्ता बताया जाए? फिर तुम्हें क्या है, तुम कैसे फ़ैसला करते होॽ
Les exégèses en arabe:
وَمَا یَتَّبِعُ اَكْثَرُهُمْ اِلَّا ظَنًّا ؕ— اِنَّ الظَّنَّ لَا یُغْنِیْ مِنَ الْحَقِّ شَیْـًٔا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌۢ بِمَا یَفْعَلُوْنَ ۟
और उनमें से अधिकांश लोग केवल अनुमान का पालन करते हैं। निश्चित रूप से अनुमान सत्य की तुलना में किसी काम का नहीं है। निःसंदेह अल्लाह उसे भली-भाँति जानने वाला है, जो कुछ वे कर रहे हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمَا كَانَ هٰذَا الْقُرْاٰنُ اَنْ یُّفْتَرٰی مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَلٰكِنْ تَصْدِیْقَ الَّذِیْ بَیْنَ یَدَیْهِ وَتَفْصِیْلَ الْكِتٰبِ لَا رَیْبَ فِیْهِ مِنْ رَّبِّ الْعٰلَمِیْنَ ۟۫
और यह क़ुरआन ऐसा नहीं है कि अल्लाह के अलावा किसी और द्वारा घड़ लिया जाए, बल्कि यह उसकी पुष्टि करता है, जो इससे पहले है और किताब का विवरण (अर्थात् हलाल एवं हराम तथा धर्म के नियमों की व्याख्या) है। इसमें कोई संदेह नहीं कि यह सारे संसारों के पालनहार की ओर से है।
Les exégèses en arabe:
اَمْ یَقُوْلُوْنَ افْتَرٰىهُ ؕ— قُلْ فَاْتُوْا بِسُوْرَةٍ مِّثْلِهٖ وَادْعُوْا مَنِ اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
क्या वे कहते हैं कि उसने इस (क़ुरआन) को स्वयं गढ़ लिया हैॽ आप कह दें : तो तुम इस जैसी एक सूरत ले आओ और अल्लाह के सिवा जिसे बुला सको बुला लो, यदि तुम सच्चे हो।
Les exégèses en arabe:
بَلْ كَذَّبُوْا بِمَا لَمْ یُحِیْطُوْا بِعِلْمِهٖ وَلَمَّا یَاْتِهِمْ تَاْوِیْلُهٗ ؕ— كَذٰلِكَ كَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الظّٰلِمِیْنَ ۟
बल्कि उन्होंने उस चीज़ को झुठला दिया, जो उनके ज्ञान के घेरे में नहीं[15] आया, हालाँकि उसका वास्तविक तथ्य अभी तक उनके पास नहीं आया था। इसी तरह उन लोगों ने झुठलाया जो इनसे पहले थे। तो देखो कि अत्याचारियों का परिणाम कैसा हुआ?
15. अर्थात् बिना सोचे समझे इसे झुठलाने के लिए तैयार हो गए।
Les exégèses en arabe:
وَمِنْهُمْ مَّنْ یُّؤْمِنُ بِهٖ وَمِنْهُمْ مَّنْ لَّا یُؤْمِنُ بِهٖ ؕ— وَرَبُّكَ اَعْلَمُ بِالْمُفْسِدِیْنَ ۟۠
और उनमें से कुछ ऐसे हैं जो इस (क़ुरआन) पर ईमान लाते हैं और उनमें से कुछ ऐसे हैं जो इसपर ईमान नहीं लाते और आपका पालनहार बिगाड़ पैदा करने वालों को भली-भाँति जानने वाला है।
Les exégèses en arabe:
وَاِنْ كَذَّبُوْكَ فَقُلْ لِّیْ عَمَلِیْ وَلَكُمْ عَمَلُكُمْ ۚ— اَنْتُمْ بَرِیْٓـُٔوْنَ مِمَّاۤ اَعْمَلُ وَاَنَا بَرِیْٓءٌ مِّمَّا تَعْمَلُوْنَ ۟
और यदि वे आपको झुठलाएँ, तो आप कह दें कि मेरे लिए मेरा कर्म है और तुम्हारे लिए तुम्हारा कर्म। तुमपर उसका दोष नहीं, जो मैं करता हूँ और मुझपर उसका दोष नहीं, जो तुम करते हो।
Les exégèses en arabe:
وَمِنْهُمْ مَّنْ یَّسْتَمِعُوْنَ اِلَیْكَ ؕ— اَفَاَنْتَ تُسْمِعُ الصُّمَّ وَلَوْ كَانُوْا لَا یَعْقِلُوْنَ ۟
और उनमें से कुछ ऐसे हैं, जो आपकी ओर कान लगाते हैं। तो क्या आप बहरों[16] को सुनाएँगे, अगरचे वे कुछ भी न समझते होंॽ
16. अर्थात् जो दिल और अंतर्ज्ञान के बहरे हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمِنْهُمْ مَّنْ یَّنْظُرُ اِلَیْكَ ؕ— اَفَاَنْتَ تَهْدِی الْعُمْیَ وَلَوْ كَانُوْا لَا یُبْصِرُوْنَ ۟
और उनमें से कुछ ऐसे हैं, जो आपकी ओर देखते हैं। तो क्या आप अंधों को मार्ग दिखाएँगे, यद्यपि वे न देखते होंॽ
Les exégèses en arabe:
اِنَّ اللّٰهَ لَا یَظْلِمُ النَّاسَ شَیْـًٔا وَّلٰكِنَّ النَّاسَ اَنْفُسَهُمْ یَظْلِمُوْنَ ۟
निःसंदेह अल्लाह लोगों पर कुछ भी अत्याचार नहीं करता, परंतु लोग स्वयं ही अपने ऊपर अत्याचार करते हैं।[17]
17. भावार्थ यह है कि लोग अल्लाह की दी हुई समझ-बूझ से काम न ले कर सत्य और वास्तविकता के ज्ञान की योग्यता खो देते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَیَوْمَ یَحْشُرُهُمْ كَاَنْ لَّمْ یَلْبَثُوْۤا اِلَّا سَاعَةً مِّنَ النَّهَارِ یَتَعَارَفُوْنَ بَیْنَهُمْ ؕ— قَدْ خَسِرَ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِلِقَآءِ اللّٰهِ وَمَا كَانُوْا مُهْتَدِیْنَ ۟
और जिस दिन वह उन्हें इकट्ठा करेगा, (उन्हें लगेगा) मानो वे दिन की एक घड़ी भर ठहरे हों, वे एक-दूसरे को पहचानेंगे। निःसंदेह वे लोग घाटे में पड़ गए, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया और वे मार्ग पाने वाले न हुए।
Les exégèses en arabe:
وَاِمَّا نُرِیَنَّكَ بَعْضَ الَّذِیْ نَعِدُهُمْ اَوْ نَتَوَفَّیَنَّكَ فَاِلَیْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ اللّٰهُ شَهِیْدٌ عَلٰی مَا یَفْعَلُوْنَ ۟
और अगर कभी हम आपको उसका कुछ हिस्सा दिखा दें, जो हम उनसे वादा करते हैं, या आपको उठा ही लें, तो उनकी वापसी हमारी ही ओर है, फिर जो कुछ वे कर रहे हैं अल्लाह उसका गवाह है।
Les exégèses en arabe:
وَلِكُلِّ اُمَّةٍ رَّسُوْلٌ ۚ— فَاِذَا جَآءَ رَسُوْلُهُمْ قُضِیَ بَیْنَهُمْ بِالْقِسْطِ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
और प्रत्येक समुदाय के लिए एक रसूल है। फिर जब उनका रसूल आ जाता है, तो उनके बीच न्याय के साथ फ़ैसला कर दिया जाता है और उनपर अत्याचार नहीं किया जाता।
Les exégèses en arabe:
وَیَقُوْلُوْنَ مَتٰی هٰذَا الْوَعْدُ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِیْنَ ۟
और वे कहते हैं कि यह वादा कब पूरा होगा, यदि तुम सच्चे होॽ
Les exégèses en arabe:
قُلْ لَّاۤ اَمْلِكُ لِنَفْسِیْ ضَرًّا وَّلَا نَفْعًا اِلَّا مَا شَآءَ اللّٰهُ ؕ— لِكُلِّ اُمَّةٍ اَجَلٌ ؕ— اِذَا جَآءَ اَجَلُهُمْ فَلَا یَسْتَاْخِرُوْنَ سَاعَةً وَّلَا یَسْتَقْدِمُوْنَ ۟
आप कह दें कि मैं अपने लिए किसी हानि या लाभ का मालिक नहीं हूँ, परंतु जो अल्लाह चाहे। प्रत्येक समुदाय का एक समय है। जब उनका समय आ जाता है, तो वे एक घड़ी न पीछे रहते हैं और न आगे बढ़ते हैं।
Les exégèses en arabe:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ اِنْ اَتٰىكُمْ عَذَابُهٗ بَیَاتًا اَوْ نَهَارًا مَّاذَا یَسْتَعْجِلُ مِنْهُ الْمُجْرِمُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) कह दें कि तुम बताओ, यदि उसकी यातना तुमपर रात को या दिन के समय आ जाए, तो अपराधी इसमें से कौन-सी चीज़ जल्दी माँग रहे हैं?
Les exégèses en arabe:
اَثُمَّ اِذَا مَا وَقَعَ اٰمَنْتُمْ بِهٖ ؕ— آٰلْـٰٔنَ وَقَدْ كُنْتُمْ بِهٖ تَسْتَعْجِلُوْنَ ۟
क्या फिर जब वह (यातना) आ जाएगी, तो उसपर ईमान लाओगे? क्या अब! हालाँकि निश्चय तुम इसी के लिए जल्दी मचा रहे थे?
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ قِیْلَ لِلَّذِیْنَ ظَلَمُوْا ذُوْقُوْا عَذَابَ الْخُلْدِ ۚ— هَلْ تُجْزَوْنَ اِلَّا بِمَا كُنْتُمْ تَكْسِبُوْنَ ۟
फिर अत्याचारियों से कहा जाएगा कि स्थायी यातना का मज़ा चखो। तुम्हें उसी का बदला दिया जाएगा, जो तुम कमाया करते थे।
Les exégèses en arabe:
وَیَسْتَنْۢبِـُٔوْنَكَ اَحَقٌّ هُوَ ؔؕ— قُلْ اِیْ وَرَبِّیْۤ اِنَّهٗ لَحَقٌّ ؔؕ— وَمَاۤ اَنْتُمْ بِمُعْجِزِیْنَ ۟۠
और वे आपसे पूछते हैं कि क्या यह बात सत्य ही है? आप कह दें : हाँ, मेरे पालनहार की क़सम! निःसंदेह यह अवश्य सत्य है और तुम अल्लाह को बिल्कुल भी विवश करने वाले नहीं हो।
Les exégèses en arabe:
وَلَوْ اَنَّ لِكُلِّ نَفْسٍ ظَلَمَتْ مَا فِی الْاَرْضِ لَافْتَدَتْ بِهٖ ؕ— وَاَسَرُّوا النَّدَامَةَ لَمَّا رَاَوُا الْعَذَابَ ۚ— وَقُضِیَ بَیْنَهُمْ بِالْقِسْطِ وَهُمْ لَا یُظْلَمُوْنَ ۟
यदि अपने आपपर अत्याचार करने वाले व्यक्ति के पास वह सब कुछ हो, जो धरती पर है, तो वह उसे अवश्य छुड़ौती के रूप में दे डाले। और जब वे यातना को देखेंगे, तो अपने पछतावे को छिपाएँगे। तथा उनके बीच न्याय के साथ फ़ैसला कर दिया जाएगा और उनपर कोई अत्याचार नहीं किया जाएगा।
Les exégèses en arabe:
اَلَاۤ اِنَّ لِلّٰهِ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— اَلَاۤ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
सुनो! आकाशों और धरती में जो कुछ है, अल्लाह ही का है। सुनो! निःसंदेह अल्लाह का वादा सच्चा है, लेकिन उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।
Les exégèses en arabe:
هُوَ یُحْیٖ وَیُمِیْتُ وَاِلَیْهِ تُرْجَعُوْنَ ۟
वही जीवन देता तथा मारता है और उसी की ओर तुम लौटाए जाओगे।[18]
18. प्रलय के दिन अपने कर्मों का फल भोगने के लिए।
Les exégèses en arabe:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ قَدْ جَآءَتْكُمْ مَّوْعِظَةٌ مِّنْ رَّبِّكُمْ وَشِفَآءٌ لِّمَا فِی الصُّدُوْرِ ۙ۬— وَهُدًی وَّرَحْمَةٌ لِّلْمُؤْمِنِیْنَ ۟
ऐ लोगो! निःसंदेह तुम्हारे पास तुम्हारे पालनहार की ओर से बड़ी नसीहत और सीनों में जो कुछ (रोग) है उसके लिए पूर्णतया शिफ़ा और ईमान वालों के लिए सर्वथा हिदायत और रहमत आई है।
Les exégèses en arabe:
قُلْ بِفَضْلِ اللّٰهِ وَبِرَحْمَتِهٖ فَبِذٰلِكَ فَلْیَفْرَحُوْا ؕ— هُوَ خَیْرٌ مِّمَّا یَجْمَعُوْنَ ۟
आप कह दें : (यह) अल्लाह के अनुग्रह और उसकी दया के कारण है। अतः उन्हें इसी पर प्रसन्न होना चाहिए। यह उससे उत्तम है, जो वे इकट्ठा कर रहे हैं।
Les exégèses en arabe:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ مَّاۤ اَنْزَلَ اللّٰهُ لَكُمْ مِّنْ رِّزْقٍ فَجَعَلْتُمْ مِّنْهُ حَرَامًا وَّحَلٰلًا ؕ— قُلْ آٰللّٰهُ اَذِنَ لَكُمْ اَمْ عَلَی اللّٰهِ تَفْتَرُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) कह दें : क्या तुमने देखा जो अल्लाह ने तुम्हारे लिए रोज़ी उतारी है, फिर तुमने उसमें से कुछ को हराम और कुछ को हलाल ठहरा लिया? (आप उनसे) पूछें : क्या अल्लाह ने तुम्हें (इसकी) अनुमति दी है या तुम अल्लाह पर झूठा आरोप लगा रहे होॽ[19]
19. आयत का भावार्थ यह है कि किसी चीज़ को वर्जित करने का अधिकार केवल अल्लाह को है। अपने विचार से किसी चीज़ को अवैध करना अल्लाह पर झूठा आरोप लगाना है।
Les exégèses en arabe:
وَمَا ظَنُّ الَّذِیْنَ یَفْتَرُوْنَ عَلَی اللّٰهِ الْكَذِبَ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَذُوْ فَضْلٍ عَلَی النَّاسِ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا یَشْكُرُوْنَ ۟۠
और जो लोग अल्लाह पर झूठा आरोप लगा रहे हैं, उनका क़ियामत के दिन के बारे में क्या ख़याल हैॽ निःसंदेह अल्लाह तो लोगों पर बड़े अनुग्रह[20] वाला है, परंतु उनमें से अक्सर शुक्र अदा नहीं करते।
20. इसीलिए प्रलय तक का अवसर दिया है और उन्हें दंड देने में जल्दी नहीं की।
Les exégèses en arabe:
وَمَا تَكُوْنُ فِیْ شَاْنٍ وَّمَا تَتْلُوْا مِنْهُ مِنْ قُرْاٰنٍ وَّلَا تَعْمَلُوْنَ مِنْ عَمَلٍ اِلَّا كُنَّا عَلَیْكُمْ شُهُوْدًا اِذْ تُفِیْضُوْنَ فِیْهِ ؕ— وَمَا یَعْزُبُ عَنْ رَّبِّكَ مِنْ مِّثْقَالِ ذَرَّةٍ فِی الْاَرْضِ وَلَا فِی السَّمَآءِ وَلَاۤ اَصْغَرَ مِنْ ذٰلِكَ وَلَاۤ اَكْبَرَ اِلَّا فِیْ كِتٰبٍ مُّبِیْنٍ ۟
(ऐ नबी!) आप जिस दशा में भी होते हैं और क़ुरआन में से जो कुछ भी पढ़ते हैं, तथा (ऐ ईमान वालो!) तुम जो भी कर्म करते हो, हम तुम्हें देख रहे होते हैं, जब तुम उसमें लगे होतो हो। और आपके पालनहार से कोई कण भर भी चीज़ न तो धरती में छिपी रहती है और न आकाश में, तथा न उससे कोई छोटी चीज़ है और न बड़ी, परंतु एक स्पष्ट पुस्तक में मौजूद है।
Les exégèses en arabe:
اَلَاۤ اِنَّ اَوْلِیَآءَ اللّٰهِ لَا خَوْفٌ عَلَیْهِمْ وَلَا هُمْ یَحْزَنُوْنَ ۟ۚ
सुन लो! निःसंदेह अल्लाह के मित्रों को न कोई भय है और न वे शोकाकुल होंगे।
Les exégèses en arabe:
الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَكَانُوْا یَتَّقُوْنَ ۟ؕ
वे लोग जो ईमान लाए और अल्लाह से डरते थे।
Les exégèses en arabe:
لَهُمُ الْبُشْرٰی فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَفِی الْاٰخِرَةِ ؕ— لَا تَبْدِیْلَ لِكَلِمٰتِ اللّٰهِ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِیْمُ ۟ؕ
उन्हीं के लिए सांसारिक जीवन में शुभ सूचना है और आख़िरत में भी। अल्लाह की बातों के लिए कोई बदलाव नहीं है। यही बहुत बड़ी सफलता है।
Les exégèses en arabe:
وَلَا یَحْزُنْكَ قَوْلُهُمْ ۘ— اِنَّ الْعِزَّةَ لِلّٰهِ جَمِیْعًا ؕ— هُوَ السَّمِیْعُ الْعَلِیْمُ ۟
तथा (ऐ नबी!) आपको उनकी बात दुःखी न करे। निःसंदेह सारा प्रभुत्व अल्लाह ही के लिए है। वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।
Les exégèses en arabe:
اَلَاۤ اِنَّ لِلّٰهِ مَنْ فِی السَّمٰوٰتِ وَمَنْ فِی الْاَرْضِ ؕ— وَمَا یَتَّبِعُ الَّذِیْنَ یَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ شُرَكَآءَ ؕ— اِنْ یَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا یَخْرُصُوْنَ ۟
सुन लो! निःसंदेह अल्लाह ही के लिए है जो कोई आसमानों में है और जो कोई ज़मीन में है और जो अल्लाह के सिवा दूसरे साझीदारों को पुकारते हैं, वे किस चीज़ की पैरवी कर रहे हैंॽ वे केवल अनुमान की पैरवी कर रहे हैं और वे मात्र अटकलें लगा रहे हैं।
Les exégèses en arabe:
هُوَ الَّذِیْ جَعَلَ لَكُمُ الَّیْلَ لِتَسْكُنُوْا فِیْهِ وَالنَّهَارَ مُبْصِرًا ؕ— اِنَّ فِیْ ذٰلِكَ لَاٰیٰتٍ لِّقَوْمٍ یَّسْمَعُوْنَ ۟
वही है, जिसने तुम्हारे लिए रात बनाई, ताकि उसमें आराम करो और दिन को प्रकाशमान बनाया। निःसंदेह इसमें उन लोगों के लिए बहुत-सी निशानियाँ हैं, जो सुनते हैं।
Les exégèses en arabe:
قَالُوا اتَّخَذَ اللّٰهُ وَلَدًا سُبْحٰنَهٗ ؕ— هُوَ الْغَنِیُّ ؕ— لَهٗ مَا فِی السَّمٰوٰتِ وَمَا فِی الْاَرْضِ ؕ— اِنْ عِنْدَكُمْ مِّنْ سُلْطٰنٍ بِهٰذَا ؕ— اَتَقُوْلُوْنَ عَلَی اللّٰهِ مَا لَا تَعْلَمُوْنَ ۟
उन्होंने कहा कि अल्लाह ने कोई औलाद बना रखी है। वह पवित्र है, वह निस्पृह है। जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है, उसी का है।तुम्हारे पास इसका कोई प्रमाण नहीं है। क्या तुम अल्लाह के विषय में ऐसी बात कहते हो, जिसे तुम नहीं जानते?
Les exégèses en arabe:
قُلْ اِنَّ الَّذِیْنَ یَفْتَرُوْنَ عَلَی اللّٰهِ الْكَذِبَ لَا یُفْلِحُوْنَ ۟ؕ
आप कह दें : निःसंदेह जो लोग अल्लाह पर झूठ गढ़ते हैं, वे सफल नहीं होंगे।
Les exégèses en arabe:
مَتَاعٌ فِی الدُّنْیَا ثُمَّ اِلَیْنَا مَرْجِعُهُمْ ثُمَّ نُذِیْقُهُمُ الْعَذَابَ الشَّدِیْدَ بِمَا كَانُوْا یَكْفُرُوْنَ ۟۠
दुनिया में थोड़ा-सा फ़ायदा है, फिर हमारी ही तरफ़ उनकी वापसी है, फिर हम उन्हें बहुत सख़्त अज़ाब चखाएँगे, उसके कारण जो वे कुफ़्र करते थे।
Les exégèses en arabe:
وَاتْلُ عَلَیْهِمْ نَبَاَ نُوْحٍ ۘ— اِذْ قَالَ لِقَوْمِهٖ یٰقَوْمِ اِنْ كَانَ كَبُرَ عَلَیْكُمْ مَّقَامِیْ وَتَذْكِیْرِیْ بِاٰیٰتِ اللّٰهِ فَعَلَی اللّٰهِ تَوَكَّلْتُ فَاَجْمِعُوْۤا اَمْرَكُمْ وَشُرَكَآءَكُمْ ثُمَّ لَا یَكُنْ اَمْرُكُمْ عَلَیْكُمْ غُمَّةً ثُمَّ اقْضُوْۤا اِلَیَّ وَلَا تُنْظِرُوْنِ ۟
तथा उन्हें नूह का समाचार सुनाएँ, जब उन्होंने अपनी जाति से कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! यदि मेरा खड़ा होना और अल्लाह की आयतों के द्वारा नसीहत करना तुमपर भारी पड़ गया, तो मैंने अल्लाह ही पर भरोसा किया है। अतः तुम अपना मामला अपने साझीदारों के साथ मिलकर पक्का कर लो, फिर तुम्हारा मामला तुमपर किसी तरह रहस्य न रहे। फिर (जो करना हो) मेरे साथ कर डालो और मुझे मोहलत न दो।
Les exégèses en arabe:
فَاِنْ تَوَلَّیْتُمْ فَمَا سَاَلْتُكُمْ مِّنْ اَجْرٍ ؕ— اِنْ اَجْرِیَ اِلَّا عَلَی اللّٰهِ ۙ— وَاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟
फिर यदि तुम मुँह फेर लो, तो मैंने तुमसे कोई पारिश्रमिक नहीं माँगा, मेरा पारिश्रमिक तो अल्लाह के ज़िम्मे है और मुझे आदेश दिया गया है कि मैं आज्ञाकारियों में से हो जाऊँ।
Les exégèses en arabe:
فَكَذَّبُوْهُ فَنَجَّیْنٰهُ وَمَنْ مَّعَهٗ فِی الْفُلْكِ وَجَعَلْنٰهُمْ خَلٰٓىِٕفَ وَاَغْرَقْنَا الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِنَا ۚ— فَانْظُرْ كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الْمُنْذَرِیْنَ ۟
किंतु उन्होंने उसे झुठला दिया, तो हमने उसे और उन लोगों को जो उसके साथ कश्ती में थे बचा लिया और उन्हें उत्तराधिकारी बना दिया और उन लोगों को डुबो दिया जिन्होंने हमारी आयतों को झुठलाया था। तो देखिए उन लोगों का परिणाम कैसा हुआ जिन्हें डराया गया था।
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ بَعَثْنَا مِنْ بَعْدِهٖ رُسُلًا اِلٰی قَوْمِهِمْ فَجَآءُوْهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ فَمَا كَانُوْا لِیُؤْمِنُوْا بِمَا كَذَّبُوْا بِهٖ مِنْ قَبْلُ ؕ— كَذٰلِكَ نَطْبَعُ عَلٰی قُلُوْبِ الْمُعْتَدِیْنَ ۟
फिर उसके बाद हमने कई रसूल उनकी जाति की ओर भेजे, तो वे उनके पास खुली निशानियाँ लेकर आए। पर वे ऐसे न थे कि जिसे वे पहले झुठला चुके थे, उसपर ईमान लाते। इसी तरह हम सीमा से आगे बढ़ने वालों के दिलों पर मुहर[21] लगा देते हैं।
21. अर्थात् जो बिना सोचे-समझे सत्य को नकार देते हैं, उनके सत्य को स्वीकार करने की स्वभाविक योग्यता खो जाती है।
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ بَعَثْنَا مِنْ بَعْدِهِمْ مُّوْسٰی وَهٰرُوْنَ اِلٰی فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهٖ بِاٰیٰتِنَا فَاسْتَكْبَرُوْا وَكَانُوْا قَوْمًا مُّجْرِمِیْنَ ۟
फिर उनके बाद हमने मूसा और हारून को अपनी निशानियों के साथ फ़िरऔन और उसके सरदारों के पास भेजा, तो उन्होंने बहुत घमंड किया और वे अपराधी लोग थे।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّا جَآءَهُمُ الْحَقُّ مِنْ عِنْدِنَا قَالُوْۤا اِنَّ هٰذَا لَسِحْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
अतः जब उनके पास हमारी ओर से सत्य आया, तो उन्होंने कहा कि : नि:संदेह यह तो खुला जादू है।
Les exégèses en arabe:
قَالَ مُوْسٰۤی اَتَقُوْلُوْنَ لِلْحَقِّ لَمَّا جَآءَكُمْ ؕ— اَسِحْرٌ هٰذَا ؕ— وَلَا یُفْلِحُ السّٰحِرُوْنَ ۟
मूसा (अलैहिस्सलाम) ने कहा : क्या तुम सत्य के बारे में (ऐसा) कहते हो, जब वह तुम्हारे पास आया? क्या जादू है यह? हालाँकि, जादूगर सफल नहीं होते।
Les exégèses en arabe:
قَالُوْۤا اَجِئْتَنَا لِتَلْفِتَنَا عَمَّا وَجَدْنَا عَلَیْهِ اٰبَآءَنَا وَتَكُوْنَ لَكُمَا الْكِبْرِیَآءُ فِی الْاَرْضِ ؕ— وَمَا نَحْنُ لَكُمَا بِمُؤْمِنِیْنَ ۟
उन्होंने कहा : क्या तू हमारे पास इसलिए आया है कि हमको उस मार्ग से फेर दे जिसपर हमने अपने बाप-दादा को पाया है और इस देश में तुम दोनों की बड़ाई स्थापित हो जाए? और हम तुम दोनों को बिलकुल मानने वाले नहीं।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَ فِرْعَوْنُ ائْتُوْنِیْ بِكُلِّ سٰحِرٍ عَلِیْمٍ ۟
और फ़िरऔन ने कहा : हर कुशल जादूगर को मेरे पास लेकर आओ।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّا جَآءَ السَّحَرَةُ قَالَ لَهُمْ مُّوْسٰۤی اَلْقُوْا مَاۤ اَنْتُمْ مُّلْقُوْنَ ۟
फिर जब जादूगर आ गए, तो मूसा ने उनसे कहा : जो कुछ तुम फेंकने वाले हो, फेंको।
Les exégèses en arabe:
فَلَمَّاۤ اَلْقَوْا قَالَ مُوْسٰی مَا جِئْتُمْ بِهِ ۙ— السِّحْرُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ سَیُبْطِلُهٗ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ لَا یُصْلِحُ عَمَلَ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
फिर जब उन्होंने फेंक दिया, तो मूसा ने कहा : तुम जो कुछ लाए हो, वह तो जादू है। निश्चय ही अल्लाह उसे शीघ्र ही निष्फल कर देगा। निःसंदेह अल्लाह बिगाड़ पैदा करने वालों का काम बनने नहीं देता।
Les exégèses en arabe:
وَیُحِقُّ اللّٰهُ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ وَلَوْ كَرِهَ الْمُجْرِمُوْنَ ۟۠
और अल्लाह सत्य को, अपने शब्दों से, सत्य कर दिखाता है, यद्यपि अपराधियों को बुरा लगे।
Les exégèses en arabe:
فَمَاۤ اٰمَنَ لِمُوْسٰۤی اِلَّا ذُرِّیَّةٌ مِّنْ قَوْمِهٖ عَلٰی خَوْفٍ مِّنْ فِرْعَوْنَ وَمَلَاۡىِٕهِمْ اَنْ یَّفْتِنَهُمْ ؕ— وَاِنَّ فِرْعَوْنَ لَعَالٍ فِی الْاَرْضِ ۚ— وَاِنَّهٗ لَمِنَ الْمُسْرِفِیْنَ ۟
चुनाँचे मूसा पर उसकी जाति के कुछ युवाओं के सिवा कोई ईमान न लाया, (वह भी) फ़िरऔन और उनके सरदारों से डरते हुए कि कहीं वे उन्हें आज़माइश में न डाल दें। और निःसंदेह फ़िरऔन का धरती में बड़ा प्रभुत्व था और निश्चय ही वह हद पार करने वालों में से था।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَ مُوْسٰی یٰقَوْمِ اِنْ كُنْتُمْ اٰمَنْتُمْ بِاللّٰهِ فَعَلَیْهِ تَوَكَّلُوْۤا اِنْ كُنْتُمْ مُّسْلِمِیْنَ ۟
और मूसा ने कहा : ऐ मेरी जाति के लोगो! यदि तुम अल्लाह पर ईमान लाए हो, तो उसी पर भरोसा करो, यदि तुम आज्ञाकारी हो।
Les exégèses en arabe:
فَقَالُوْا عَلَی اللّٰهِ تَوَكَّلْنَا ۚ— رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا فِتْنَةً لِّلْقَوْمِ الظّٰلِمِیْنَ ۟ۙ
तो उन्होंने कहा : हमने अल्लाह ही पर भरोसा किया है। ऐ हमारे पालनहार! हमें अत्याचारी लोगों के लिए आज़माइश न बना।
Les exégèses en arabe:
وَنَجِّنَا بِرَحْمَتِكَ مِنَ الْقَوْمِ الْكٰفِرِیْنَ ۟
और हमें काफ़िर लोगों से अपनी रहमत से नजात दे।
Les exégèses en arabe:
وَاَوْحَیْنَاۤ اِلٰی مُوْسٰی وَاَخِیْهِ اَنْ تَبَوَّاٰ لِقَوْمِكُمَا بِمِصْرَ بُیُوْتًا وَّاجْعَلُوْا بُیُوْتَكُمْ قِبْلَةً وَّاَقِیْمُوا الصَّلٰوةَ ؕ— وَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟
और हमने मूसा तथा उनके भाई (हारून) की ओर वह़्य भेजी कि अपनी जाति के लिए मिस्र में कुछ घरों को उपासनागृह नियत कर लो, और अपने घरों को क़िबले की तरफ़ बना लो, और नमाज़ क़ायम करो, और ईमान वालों को ख़ुशख़बरी दे दो।
22. "क़िबला" उस दिशा को कहा जाता है जिसकी ओर मुख करके नमाज़ पढ़ी जाती है।
Les exégèses en arabe:
وَقَالَ مُوْسٰی رَبَّنَاۤ اِنَّكَ اٰتَیْتَ فِرْعَوْنَ وَمَلَاَهٗ زِیْنَةً وَّاَمْوَالًا فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا ۙ— رَبَّنَا لِیُضِلُّوْا عَنْ سَبِیْلِكَ ۚ— رَبَّنَا اطْمِسْ عَلٰۤی اَمْوَالِهِمْ وَاشْدُدْ عَلٰی قُلُوْبِهِمْ فَلَا یُؤْمِنُوْا حَتّٰی یَرَوُا الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟
और मूसा ने कहा : ऐ हमारे पालनहार! तूने फ़िरऔन और उसके सरदारों को सांसारिक जीवन में शोभा-सामग्री तथा धन-संपत्ति प्रदान की है, ऐ हमारे पालनहार! ताकि वे (लोगों को) तेरे मार्ग से भटकाएँ। ऐ मेरे पालनहार! उनके धनों को मिटा दे और उनके दिलों को कसकर बाँध दे, ताकि वे ईमान न लाएँ, यहाँ तक कि दर्दनाक अज़ाब देख लें।
Les exégèses en arabe:
قَالَ قَدْ اُجِیْبَتْ دَّعْوَتُكُمَا فَاسْتَقِیْمَا وَلَا تَتَّبِعٰٓنِّ سَبِیْلَ الَّذِیْنَ لَا یَعْلَمُوْنَ ۟
अल्लाह ने कहा : निःसंदेह तुम दोनों की प्रार्थना स्वीकार कर ली गई। अतः तुम दोनों दृढ़ रहो और उन लोगों के मार्ग पर न चलो, जो नहीं जानते।
Les exégèses en arabe:
وَجٰوَزْنَا بِبَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ الْبَحْرَ فَاَتْبَعَهُمْ فِرْعَوْنُ وَجُنُوْدُهٗ بَغْیًا وَّعَدْوًا ؕ— حَتّٰۤی اِذَاۤ اَدْرَكَهُ الْغَرَقُ قَالَ اٰمَنْتُ اَنَّهٗ لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا الَّذِیْۤ اٰمَنَتْ بِهٖ بَنُوْۤا اِسْرَآءِیْلَ وَاَنَا مِنَ الْمُسْلِمِیْنَ ۟
और हमने बनी इसराईल को सागर पार करा दिया, तो फ़िरऔन और उसकी सेना ने सरकशी और ज़्यादती करते हुए उनका पीछा किया। यहाँ तक कि जब वह डूबने लगा, तो बोला : मैं ईमान ले आया कि निःसंदेह उसके सिवा कोई पूज्य नहीं, जिसपर बनी इसराईल ईमान लाए हैं और मैं आज्ञाकारियों में से हूँ।
Les exégèses en arabe:
آٰلْـٰٔنَ وَقَدْ عَصَیْتَ قَبْلُ وَكُنْتَ مِنَ الْمُفْسِدِیْنَ ۟
क्या अब? हालाँकि निःसंदेह तूने इससे पहले अवज्ञा की और तू बिगाड़ पैदा करने वालों में से था।
Les exégèses en arabe:
فَالْیَوْمَ نُنَجِّیْكَ بِبَدَنِكَ لِتَكُوْنَ لِمَنْ خَلْفَكَ اٰیَةً ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا مِّنَ النَّاسِ عَنْ اٰیٰتِنَا لَغٰفِلُوْنَ ۟۠
अतः आज हम तेरे शरीर को बचा लेंगे, ताकि तू अपने बाद आने वालों के लिए एक बड़ी निशानी[23] बन जाए और निःसंदेह बहुत-से लोग हमारी निशानियों से निश्चय ग़ाफ़िल हैं।
23. बताया जाता है कि 1898 ई◦ में इस फ़िरऔन का मम्मी किया हुआ शव मिल गया है, जो क़ाहिरा के विचित्रालय (अजायबघर) में रखा हुआ है।
Les exégèses en arabe:
وَلَقَدْ بَوَّاْنَا بَنِیْۤ اِسْرَآءِیْلَ مُبَوَّاَ صِدْقٍ وَّرَزَقْنٰهُمْ مِّنَ الطَّیِّبٰتِ ۚ— فَمَا اخْتَلَفُوْا حَتّٰی جَآءَهُمُ الْعِلْمُ ؕ— اِنَّ رَبَّكَ یَقْضِیْ بَیْنَهُمْ یَوْمَ الْقِیٰمَةِ فِیْمَا كَانُوْا فِیْهِ یَخْتَلِفُوْنَ ۟
और निःसंदेह हमने बनी इसराईल को सम्मानित ठिकाना[24] दिया और उन्हें पाकीज़ा चीज़ों से जीविका प्रदान की। फिर उन्होंने आपस में मतभेद नहीं किया, यहाँ तक कि उनके पास ज्ञान आ गया। निःसंदेह आपका पालनहार क़ियामत के दिन उनके बीच उस चीज़ का निर्णय कर देगा, जिसमें वे मतभेद करते थे।
24. इससे अभिप्राय मिस्र और शाम (लेवंत) के नगर हें।
Les exégèses en arabe:
فَاِنْ كُنْتَ فِیْ شَكٍّ مِّمَّاۤ اَنْزَلْنَاۤ اِلَیْكَ فَسْـَٔلِ الَّذِیْنَ یَقْرَءُوْنَ الْكِتٰبَ مِنْ قَبْلِكَ ۚ— لَقَدْ جَآءَكَ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكَ فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِیْنَ ۟ۙ
फिर यदि आपको उसमें कुछ संदेह[25] हो, जो हमने आपकी ओर उतारा है, तो उन लोगों से पूछ लें, जो आपसे पहले किताब पढ़ते हैं। निःसंदेह आपके पास आपके पालनहार की ओर से सत्य आ चुका है। अतः आप हरगिज़ संदेह करने वालों में से न हों।
25. आयत में संबोधित नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को किया गया है। परंतु वास्तव में उनको संबोधित किया गया है जिनको कुछ संदेह था। यह अरबी की एक भाषा शैली है।
Les exégèses en arabe:
وَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الَّذِیْنَ كَذَّبُوْا بِاٰیٰتِ اللّٰهِ فَتَكُوْنَ مِنَ الْخٰسِرِیْنَ ۟
तथा आप उन लोगों में कभी न होना, जिन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया, अन्यथा आप घाटा उठाने वालों में से हो जाएँगे।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ الَّذِیْنَ حَقَّتْ عَلَیْهِمْ كَلِمَتُ رَبِّكَ لَا یُؤْمِنُوْنَ ۟ۙ
निःसंदेह जिन लोगों के विरुद्ध आपके पालनहार का फ़ैसला सिद्ध हो चुका, वे ईमान नहीं लाएँगे।
Les exégèses en arabe:
وَلَوْ جَآءَتْهُمْ كُلُّ اٰیَةٍ حَتّٰی یَرَوُا الْعَذَابَ الْاَلِیْمَ ۟
चाहे उनके पास हर निशानी आ जाए, यहाँ तक कि वे दर्दनाक अज़ाब देख लें।
Les exégèses en arabe:
فَلَوْلَا كَانَتْ قَرْیَةٌ اٰمَنَتْ فَنَفَعَهَاۤ اِیْمَانُهَاۤ اِلَّا قَوْمَ یُوْنُسَ ۚؕ— لَمَّاۤ اٰمَنُوْا كَشَفْنَا عَنْهُمْ عَذَابَ الْخِزْیِ فِی الْحَیٰوةِ الدُّنْیَا وَمَتَّعْنٰهُمْ اِلٰی حِیْنٍ ۟
तो कोई ऐसी बस्ती[26] क्यों न हुई जो ईमान लाई हो, फिर उसके ईमान ने उसे लाभ पहुँचाया हो, सिवाए यूनुस की जाति के लोगों के। जब वे ईमान ले आए, तो हमने उनसे सांसारिक जीवन में अपमान की यातना को टाल दिया[27] और उन्हें एक निश्चित समय तक लाभ उठाने का अवसर दे दिया।
26. अर्थात यातना का लक्षण देखने के पश्चात्। 27. यूनुस अलैहिस्सलाम का युग ईसा मसीह़ से आठ सौ वर्ष पहले बताया जाता है। भाष्यकारों ने लिखा है कि वह यातना की सूचना देकर अल्लाह की अनुमति के बिना अपने नगर नीनवा से निकल गए। इसलिए जब यातना के लक्षण नागरिकों ने देखे और अल्लाह से क्षमा याचना करने लगे, तो उनसे यातना दूर कर दी गई। (इब्ने कसीर)
Les exégèses en arabe:
وَلَوْ شَآءَ رَبُّكَ لَاٰمَنَ مَنْ فِی الْاَرْضِ كُلُّهُمْ جَمِیْعًا ؕ— اَفَاَنْتَ تُكْرِهُ النَّاسَ حَتّٰی یَكُوْنُوْا مُؤْمِنِیْنَ ۟
और यदि आपका पालनहार चाहता, तो निश्चय धरती में रहने वाले सभी लोग ईमान ले आते। तो क्या आप लोगों को बाध्य करेंगे कि वे मोमिन बन जाएँॽ[28]
28. इस आयत में यह बताया गया है कि सत्धर्म और ईमान ऐसा विषय है जिसमें बल का प्रयोग नहीं किया जा सकता। यह अनहोनी बात है कि किसी को बलपूर्वक मुसलमान बना लिया जाए। (देखिए : सूरतुल-बक़रह, आयत : 256)
Les exégèses en arabe:
وَمَا كَانَ لِنَفْسٍ اَنْ تُؤْمِنَ اِلَّا بِاِذْنِ اللّٰهِ ؕ— وَیَجْعَلُ الرِّجْسَ عَلَی الَّذِیْنَ لَا یَعْقِلُوْنَ ۟
किसी प्राणी के लिए यह संभव नहीं है कि वह अल्लाह की अनुमति[29] के बिना ईमान लाए और वह उन लोगों पर मलिनता डाल देता है, जो समझ नहीं रखते।
29. अर्थात् उसके स्वभाविक नियम के अनुसार जो सोच-विचार से काम लेता है, वही ईमान लाता है।
Les exégèses en arabe:
قُلِ انْظُرُوْا مَاذَا فِی السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— وَمَا تُغْنِی الْاٰیٰتُ وَالنُّذُرُ عَنْ قَوْمٍ لَّا یُؤْمِنُوْنَ ۟
(ऐ नबी!) उनसे कह दें : तुम देखो आकाशों और धरती में क्या कुछ है? तथा निशानियाँ और चेतावनियाँ उन लोगों के लिए किसी काम की नहीं हैं जो ईमान नहीं लाते।
Les exégèses en arabe:
فَهَلْ یَنْتَظِرُوْنَ اِلَّا مِثْلَ اَیَّامِ الَّذِیْنَ خَلَوْا مِنْ قَبْلِهِمْ ؕ— قُلْ فَانْتَظِرُوْۤا اِنِّیْ مَعَكُمْ مِّنَ الْمُنْتَظِرِیْنَ ۟
तो क्या ये लोग उन लोगों के दिनों के समान (दिनों) की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो उनसे पहले गुज़र चुके हैंॽ आप कह दें : फिर प्रतीक्षा करो, निश्चय मैं भी तुम्हारे साथ प्रतीक्षा करने वालों में से हूँ।
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ نُنَجِّیْ رُسُلَنَا وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا كَذٰلِكَ ۚ— حَقًّا عَلَیْنَا نُنْجِ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟۠
फिर हम अपने रसूलों को और ईमान लाने वालों को बचा लेते हैं। इसी तरह हमपर हक़ है कि हम ईमान वालों को बचा लें।
Les exégèses en arabe:
قُلْ یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اِنْ كُنْتُمْ فِیْ شَكٍّ مِّنْ دِیْنِیْ فَلَاۤ اَعْبُدُ الَّذِیْنَ تَعْبُدُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ وَلٰكِنْ اَعْبُدُ اللّٰهَ الَّذِیْ یَتَوَفّٰىكُمْ ۖۚ— وَاُمِرْتُ اَنْ اَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِیْنَ ۟ۙ
आप कह दें : ऐ लोगो! यदि तुम मेरे धर्म के बारे में किसी संदेह में हो, तो मैं उनकी इबादत नहीं करता, जिनकी तुम अल्लाह को छोड़कर इबादत करते हो, बल्कि मैं उस अल्लाह की इबादत करता हूँ, जो तुम्हें मौत देता है और मुझे आदेश दिया गया है कि मैं ईमान वालों में से जाऊँ।
Les exégèses en arabe:
وَاَنْ اَقِمْ وَجْهَكَ لِلدِّیْنِ حَنِیْفًا ۚ— وَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُشْرِكِیْنَ ۟
और यह कि आप एकाग्र होकर अपना मुख इस धर्म की ओर सीधा रखें और कदापि बहुदेववादियों में से न हों।
Les exégèses en arabe:
وَلَا تَدْعُ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ مَا لَا یَنْفَعُكَ وَلَا یَضُرُّكَ ۚ— فَاِنْ فَعَلْتَ فَاِنَّكَ اِذًا مِّنَ الظّٰلِمِیْنَ ۟
और अल्लाह को छोड़कर उसे न पुकारें, जो न आपको लाभ पहुँचाए और न आपको हानि पहुँचा सके। फिर यदि आपने ऐसा किया, तो निश्चय ही आप उस समय अत्याचारियों में से हो जाएँगे।
Les exégèses en arabe:
وَاِنْ یَّمْسَسْكَ اللّٰهُ بِضُرٍّ فَلَا كَاشِفَ لَهٗۤ اِلَّا هُوَ ۚ— وَاِنْ یُّرِدْكَ بِخَیْرٍ فَلَا رَآدَّ لِفَضْلِهٖ ؕ— یُصِیْبُ بِهٖ مَنْ یَّشَآءُ مِنْ عِبَادِهٖ ؕ— وَهُوَ الْغَفُوْرُ الرَّحِیْمُ ۟
और यदि अल्लाह आपको कोई कष्ट पहुँचाए, तो उसके सिवा कोई उसे दूर करने वाला नहीं और यदि वह आपके लिए कोई भलाई चाहे, तो उसके अनुग्रह को कोई हटाने वाला नहीं। वह उसे अपने बंदों में से जिसे चाहता है, प्रदान करता है तथा वही बड़ा क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।
Les exégèses en arabe:
قُلْ یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ قَدْ جَآءَكُمُ الْحَقُّ مِنْ رَّبِّكُمْ ۚ— فَمَنِ اهْتَدٰی فَاِنَّمَا یَهْتَدِیْ لِنَفْسِهٖ ۚ— وَمَنْ ضَلَّ فَاِنَّمَا یَضِلُّ عَلَیْهَا ؕ— وَمَاۤ اَنَا عَلَیْكُمْ بِوَكِیْلٍ ۟ؕ
(ऐ नबी!) आप कह दें : ऐ लोगो! निःसंदेह तुम्हारे पालनहार की ओर से तुम्हारे पास सत्य[30] आ गया है। तो जो सीधे मार्ग पर आया, तो वह अपने आप ही के लिए मार्ग पर आता है और जो पथभ्रष्ट हुआ, तो वह अपने आप ही पर पथभ्रष्ट होता है और मैं तुमपर हरगिज़ कोई निरीक्षक नहीं हूँ।[31]
30. अर्थात मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम क़ुरआन लेकर आ गए हैं। 31. अर्थात मेरा कर्तव्य यह नहीं है कि तुम्हें बलपूर्वक सीधे मार्ग पर कर दूँ।
Les exégèses en arabe:
وَاتَّبِعْ مَا یُوْحٰۤی اِلَیْكَ وَاصْبِرْ حَتّٰی یَحْكُمَ اللّٰهُ ۚ— وَهُوَ خَیْرُ الْحٰكِمِیْنَ ۟۠
और आप उसी का अनुसरण करें, जो आपकी ओर वह़्य की जाती है और धैर्य से काम लें, यहाँ तक कि अल्लाह फ़ैसला कर दे और वह सब फ़ैसला करने वालों से बेहतर है।
Les exégèses en arabe:
 
Traduction des sens Sourate: YOUNOUS
Lexique des sourates Numéro de la page
 
Traduction des sens du Noble Coran - Traduction en Hindi - Lexique des traductions

ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الهندية، ترجمها عزيز الحق العمري.

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