Traduction des sens du Noble Coran - Traduction en Hindi * - Lexique des traductions

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Traduction des sens Sourate: FÂTIR   Verset:

सूरा फ़ातिर

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ فَاطِرِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ جَاعِلِ الْمَلٰٓىِٕكَةِ رُسُلًا اُولِیْۤ اَجْنِحَةٍ مَّثْنٰی وَثُلٰثَ وَرُبٰعَ ؕ— یَزِیْدُ فِی الْخَلْقِ مَا یَشَآءُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلٰی كُلِّ شَیْءٍ قَدِیْرٌ ۟
सब प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जो आकाशों तथा धरती का पैदा करने वाला है, (और) दो-दो, तीन-तीन, चार-चार परों वाले फ़रिश्तों को संदेशवाहक बनाने वाला[1] है। वह संरचना में जैसी चाहता है अभिवृद्धि करता है। निःसंदेह अल्लाह हर चीज़ का सामर्थ्य रखता है।
1. अर्थात फ़रिश्तों के द्वारा नबियों तक अपनी प्रकाशना तथा संदेश पहुँचाता है।
Les exégèses en arabe:
مَا یَفْتَحِ اللّٰهُ لِلنَّاسِ مِنْ رَّحْمَةٍ فَلَا مُمْسِكَ لَهَا ۚ— وَمَا یُمْسِكْ ۙ— فَلَا مُرْسِلَ لَهٗ مِنْ بَعْدِهٖ ؕ— وَهُوَ الْعَزِیْزُ الْحَكِیْمُ ۟
अल्लाह लोगों के लिए जो दया[2] खोल दे, उसे कोई रोकने वाला नहीं। तथा जिसे रोक ले, तो उसके बाद, उसे कोई भेजने (खोलने) वाला नहीं। तथा वही सब पर प्रभुत्ववशाली, पूर्ण हिकमत वाला है।
2. अर्थात स्वास्थ्य, धन, ज्ञान आदि प्रदान करे।
Les exégèses en arabe:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اذْكُرُوْا نِعْمَتَ اللّٰهِ عَلَیْكُمْ ؕ— هَلْ مِنْ خَالِقٍ غَیْرُ اللّٰهِ یَرْزُقُكُمْ مِّنَ السَّمَآءِ وَالْاَرْضِ ؕ— لَاۤ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ؗ— فَاَنّٰی تُؤْفَكُوْنَ ۟
ऐ लोगो! अपने ऊपर अल्लाह की नेमत को याद करो। क्या अल्लाह के सिवा कोई और उत्पत्तिकर्ता है, जो तुम्हें आकाश तथा धरती से जीविका प्रदान करे? उसके सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं। फिर तुम कहाँ बहकाए जाते हो?
Les exégèses en arabe:
وَاِنْ یُّكَذِّبُوْكَ فَقَدْ كُذِّبَتْ رُسُلٌ مِّنْ قَبْلِكَ ؕ— وَاِلَی اللّٰهِ تُرْجَعُ الْاُمُوْرُ ۟
और यदि वे आपको झुठलाते हैं, तो निश्चय ही आपसे पहले भी रसूलों को झुठलाया जा चुका है। और सभी मामले अल्लाह ही की ओर लौटाए जाते हैं।[3]
3. अर्थात अंततः सभी विषयों का निर्णय हमें ही करना है, तो ये कहाँ जाएँगे? अतः आप धैर्य से काम लें।
Les exégèses en arabe:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ فَلَا تَغُرَّنَّكُمُ الْحَیٰوةُ الدُّنْیَا ۥ— وَلَا یَغُرَّنَّكُمْ بِاللّٰهِ الْغَرُوْرُ ۟
ऐ लोगो! निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है। अतः सांसारिक जीवन तुम्हें धोखे में न डाले और न वह धोखेबाज़ (शैतान) तुम्हें अल्लाह के विषय में धोखा देने पाए।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ الشَّیْطٰنَ لَكُمْ عَدُوٌّ فَاتَّخِذُوْهُ عَدُوًّا ؕ— اِنَّمَا یَدْعُوْا حِزْبَهٗ لِیَكُوْنُوْا مِنْ اَصْحٰبِ السَّعِیْرِ ۟ؕ
निःसंदेह शैतान तुम्हारा शत्रु है। अतः तुम उसे अपना शत्रु ही समझो। वह तो अपने समूह को केवल इसलिए बुलाता है कि वे नरक वालों में से हो जाएँ।
Les exégèses en arabe:
اَلَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌ ؕ۬— وَالَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَهُمْ مَّغْفِرَةٌ وَّاَجْرٌ كَبِیْرٌ ۟۠
जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उनके लिए कठोर यातना है, तथा जो लोग ईमान लाए और सत्कर्म किए, उनके लिए क्षमा तथा बड़ा प्रतिफल है।
Les exégèses en arabe:
اَفَمَنْ زُیِّنَ لَهٗ سُوْٓءُ عَمَلِهٖ فَرَاٰهُ حَسَنًا ؕ— فَاِنَّ اللّٰهَ یُضِلُّ مَنْ یَّشَآءُ وَیَهْدِیْ مَنْ یَّشَآءُ ۖؗ— فَلَا تَذْهَبْ نَفْسُكَ عَلَیْهِمْ حَسَرٰتٍ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَلِیْمٌۢ بِمَا یَصْنَعُوْنَ ۟
तो क्या वह व्यक्ति जिसके लिए उसके कुकर्म को सुंदर बना दिया गया हो, तो वह उसे अच्छा समझता हो, (उसके समान है जो मार्गदर्शन पर है?) निःसंदेह अल्लाह जिसे चाहता है, गुमराह कर देता है और जिसे चाहता है, मार्गदर्शन प्रदान करता है। अतः आप उनपर अफ़सोस के कारण अपने आपको व्यथित न करें। निःसंदेह अल्लाह उसे भली-भाँति जानने वाला है जो कुछ वे कर रहे हैं।
Les exégèses en arabe:
وَاللّٰهُ الَّذِیْۤ اَرْسَلَ الرِّیٰحَ فَتُثِیْرُ سَحَابًا فَسُقْنٰهُ اِلٰی بَلَدٍ مَّیِّتٍ فَاَحْیَیْنَا بِهِ الْاَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا ؕ— كَذٰلِكَ النُّشُوْرُ ۟
तथा अल्लाह ही है जो हवाओं को भेजता है, तो वे बादल उठाती हैं। फिर हम उसे मृत नगर की ओर हाँक ले जाते हैं। फिर हम उसके द्वारा धरती को उसके मृत हो जाने के बाद जीवित कर देते हैं। इसी प्रकार (क़ियामत के दिन) जीवित होकर उठना[4] है।
4. अर्थात जिस प्रकार वर्षा से सूखी धरती हरी हो जाती है, इसी प्रकार प्रलय के दिन तुम्हें भी जीवित कर दिया जाएगा।
Les exégèses en arabe:
مَنْ كَانَ یُرِیْدُ الْعِزَّةَ فَلِلّٰهِ الْعِزَّةُ جَمِیْعًا ؕ— اِلَیْهِ یَصْعَدُ الْكَلِمُ الطَّیِّبُ وَالْعَمَلُ الصَّالِحُ یَرْفَعُهٗ ؕ— وَالَّذِیْنَ یَمْكُرُوْنَ السَّیِّاٰتِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌ ؕ— وَمَكْرُ اُولٰٓىِٕكَ هُوَ یَبُوْرُ ۟
जो व्यक्ति सम्मान (इज़्ज़त) चाहता है, तो सब सम्मान अल्लाह ही के लिए है। पवित्र वाक्य[5] उसी की ओर चढ़ते हैं और सत्कर्म उन्हें ऊपर उठाता[6] है। तथा जो लोग बुरी चालें चलते हैं, उनके लिए कठोर यातना है और उनकी चाल ही मटियामेट होकर रहेगी।
5. पवित्र वाक्य से अभिप्राय ((ला इलाहा इल्लल्लाह)) है। जो तौह़ीद का शब्द है। तथा चढ़ने का अर्थ है : अल्लाह के यहाँ स्वीकार होना। 6. आयत का भावार्थ यह है कि सम्मान अल्लाह की उपासना से मिलता है, अन्य की पूजा से नहीं। और तौह़ीद के साथ सत्कर्म का होना भी अनिवार्य है। और जब ऐसा होगा, तो उसे अल्लाह स्वीकार कर लेगा।
Les exégèses en arabe:
وَاللّٰهُ خَلَقَكُمْ مِّنْ تُرَابٍ ثُمَّ مِنْ نُّطْفَةٍ ثُمَّ جَعَلَكُمْ اَزْوَاجًا ؕ— وَمَا تَحْمِلُ مِنْ اُ وَلَا تَضَعُ اِلَّا بِعِلْمِهٖ ؕ— وَمَا یُعَمَّرُ مِنْ مُّعَمَّرٍ وَّلَا یُنْقَصُ مِنْ عُمُرِهٖۤ اِلَّا فِیْ كِتٰبٍ ؕ— اِنَّ ذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ یَسِیْرٌ ۟
अल्लाह ही ने तुम्हें मिट्टी से, फिर वीर्य से पैदा किया, फिर तुम्हें जोड़े-जोड़े बनाया। जो भी मादा गर्भ धारण करती है और बच्चा जनती है, तो अल्लाह को उसका ज्ञान होता है। तथा किसी आयु वाले की आयु बढ़ाई जाती है या उसकी आयु कम की जाती है, तो यह सब कुछ एक किताब में (लिखा हुआ) है।[7] निःसंदेह यह सब अल्लाह पर अति सरल है।
7. अर्थात प्रत्येक व्यक्ति की पूरी दशा उसके भाग्य-लेख में पहले ही से अंकित है।
Les exégèses en arabe:
وَمَا یَسْتَوِی الْبَحْرٰنِ ۖۗ— هٰذَا عَذْبٌ فُرَاتٌ سَآىِٕغٌ شَرَابُهٗ وَهٰذَا مِلْحٌ اُجَاجٌ ؕ— وَمِنْ كُلٍّ تَاْكُلُوْنَ لَحْمًا طَرِیًّا وَّتَسْتَخْرِجُوْنَ حِلْیَةً تَلْبَسُوْنَهَا ۚ— وَتَرَی الْفُلْكَ فِیْهِ مَوَاخِرَ لِتَبْتَغُوْا مِنْ فَضْلِهٖ وَلَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ۟
तथा दो सागर बारबर नहीं हैं। यह (एक) मीठा, प्यास बुझाने वाला, पीने में रुचिकर है, और यह (दूसरा) खारा-कड़वा है। तथा प्रत्येक में से तुम ताज़ा माँस खाते हो तथा आभूषण निकालते हो, जिसे तुम पहनते हो। और तुम उसमें नावों को देखते हो कि पानी को चीरती हुई चलती हैं, ताकि तुम अल्लाह का अनुग्रह तलाश करो और ताकि तुम कृतज्ञ बनो।
Les exégèses en arabe:
یُوْلِجُ الَّیْلَ فِی النَّهَارِ وَیُوْلِجُ النَّهَارَ فِی الَّیْلِ ۙ— وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ ۖؗ— كُلٌّ یَّجْرِیْ لِاَجَلٍ مُّسَمًّی ؕ— ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُ ؕ— وَالَّذِیْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ مَا یَمْلِكُوْنَ مِنْ قِطْمِیْرٍ ۟ؕ
वह रात को दिन में दाखिल करता है, तथा दिन को रात में दाखिल करता है, तथा सूर्य एवं चाँद को काम में लगा रखा है। उनमें से प्रत्येक एक निश्चित समय तक चल रहा है।वही अल्लाह तुम्हारा पालनहार है। उसी का राज्य है। तथा जिन्हें तुम उसके सिवा पुकारते हो, वे खजूर की गुठली के छिलके के भी मालिक नहीं हैं।
Les exégèses en arabe:
اِنْ تَدْعُوْهُمْ لَا یَسْمَعُوْا دُعَآءَكُمْ ۚ— وَلَوْ سَمِعُوْا مَا اسْتَجَابُوْا لَكُمْ ؕ— وَیَوْمَ الْقِیٰمَةِ یَكْفُرُوْنَ بِشِرْكِكُمْ ؕ— وَلَا یُنَبِّئُكَ مِثْلُ خَبِیْرٍ ۟۠
यदि तुम उन्हें पुकारो, तो वे तुम्हारी पुकार नहीं सुन सकते। और यदि सुन भी लें, तो तुम्हें उत्तर नहीं दे सकते। और वे क़ियामत के दिन तुम्हारे शिर्क का इनकार कर देंगे। और (ऐ रसूल!) आपको एक सर्वज्ञाता (अल्लाह) की तरह कोई सूचना नहीं देगा।[8]
8. इस आयत में प्रलय के दिन उनके पूज्यों की दशा का वर्णन किया गया है कि वे प्रलय के दिन उनके शिर्क को अस्वीकार कर देंगे। और अपने पुजारियों से बरी होने की घोषणा कर देंगे। जिससे विदित हुआ कि अल्लाह का कोई साझी नहीं है। और जिनको मुश्रिकों ने साझी बना रखा है, वह सब धोखा है।
Les exégèses en arabe:
یٰۤاَیُّهَا النَّاسُ اَنْتُمُ الْفُقَرَآءُ اِلَی اللّٰهِ ۚ— وَاللّٰهُ هُوَ الْغَنِیُّ الْحَمِیْدُ ۟
ऐ लोगो! तुम सब अल्लाह के मुहताज हो और अल्लाह बेनियाज़, प्रशंसित है।
Les exégèses en arabe:
اِنْ یَّشَاْ یُذْهِبْكُمْ وَیَاْتِ بِخَلْقٍ جَدِیْدٍ ۟ۚ
यदि वह चाहे, तो तुम्हें ले जाए और (तुम्हारी जगह) एक नई मख़लूक़[9] ले आए।
9. भावार्थ यह कि मनुष्य को प्रत्येक क्षण अपने अस्तित्व तथा स्थायित्व के लिए अल्लाह की आवश्यकता है। और अल्लाह ने निर्लोभ होने के साथ ही उसके जीवन के संसाधन की व्यवस्था कर दी है। अतः यह न सोचो कि तुम्हारा विनाश हो गया, तो उसकी महिमा में कोई अंतर आ जाएगा। वह चाहे, तो तुम्हें एक क्षण में ध्वस्त करके दूसरी मख़लूक़ ले आए, क्योंकि वह एक शब्द "कुन" (जिस का अनुवाद है 'हो जा') से जो चाहे पैदा कर दे।
Les exégèses en arabe:
وَمَا ذٰلِكَ عَلَی اللّٰهِ بِعَزِیْزٍ ۟
और यह अल्लाह के लिए कुछ भी कठिन नहीं।
Les exégèses en arabe:
وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰی ؕ— وَاِنْ تَدْعُ مُثْقَلَةٌ اِلٰی حِمْلِهَا لَا یُحْمَلْ مِنْهُ شَیْءٌ وَّلَوْ كَانَ ذَا قُرْبٰی ؕ— اِنَّمَا تُنْذِرُ الَّذِیْنَ یَخْشَوْنَ رَبَّهُمْ بِالْغَیْبِ وَاَقَامُوا الصَّلٰوةَ ؕ— وَمَنْ تَزَكّٰی فَاِنَّمَا یَتَزَكّٰی لِنَفْسِهٖ ؕ— وَاِلَی اللّٰهِ الْمَصِیْرُ ۟
और कोई बोझ उठाने वाला दूसरे का बोझ[10] नहीं उठाएगा। और अगर कोई बोझ से दबा हुआ व्यक्ति (किसी को) बोझ उठाने के लिए पुकारेगा, तो उसका तनिक भी बोझ नहीं उठाया जाएगा, यद्यपि वह निकट का संबंधी ही क्यों न हो। आप तो केवल उन्हीं लोगों को सचेत करते हैं, जो अपने पालनहार से बिन देखे डरते हैं और नमाज़ क़ायम करते हैं। तथा जो पवित्र हुआ, वह अपने ही लाभ के लिए पवित्र होता है। और (सबको) अल्लाह ही की ओर लौटकर जाना है।
10. अर्थात पापों का बोझ। अर्थ यह है कि प्रलय के दिन कोई किसी की सहायता नहीं करेगा।
Les exégèses en arabe:
وَمَا یَسْتَوِی الْاَعْمٰی وَالْبَصِیْرُ ۟ۙ
और अंधा तथा देखने वाला समान नहीं हो सकते।
Les exégèses en arabe:
وَلَا الظُّلُمٰتُ وَلَا النُّوْرُ ۟ۙ
और न अंधकार तथा प्रकाश।
Les exégèses en arabe:
وَلَا الظِّلُّ وَلَا الْحَرُوْرُ ۟ۚ
और न छाया तथा गर्म हवा।
Les exégèses en arabe:
وَمَا یَسْتَوِی الْاَحْیَآءُ وَلَا الْاَمْوَاتُ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ یُسْمِعُ مَنْ یَّشَآءُ ۚ— وَمَاۤ اَنْتَ بِمُسْمِعٍ مَّنْ فِی الْقُبُوْرِ ۟
तथा जीवित एवं मृत समान नहीं हो सकते। निःसंदेह अल्लाह जिसे चाहता है, सुना देता है और आप उन्हें नहीं सुना सकते, जो क़ब्रों में हैं।
Les exégèses en arabe:
اِنْ اَنْتَ اِلَّا نَذِیْرٌ ۟
आप तो मात्र एक डराने वाले हैं।
Les exégèses en arabe:
اِنَّاۤ اَرْسَلْنٰكَ بِالْحَقِّ بَشِیْرًا وَّنَذِیْرًا ؕ— وَاِنْ مِّنْ اُمَّةٍ اِلَّا خَلَا فِیْهَا نَذِیْرٌ ۟
निःसंदेह हमने आपको सत्य के साथ शुभ सूचना देने वाला तथा डराने वाला बनाकर भेजा है। और कोई समुदाय ऐसा नहीं, जिसमें कोई डराने वाला न आया हो।
Les exégèses en arabe:
وَاِنْ یُّكَذِّبُوْكَ فَقَدْ كَذَّبَ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ ۚ— جَآءَتْهُمْ رُسُلُهُمْ بِالْبَیِّنٰتِ وَبِالزُّبُرِ وَبِالْكِتٰبِ الْمُنِیْرِ ۟
और अगर ये लोग आपको झुठलाते हैं, तो इनसे पूर्व के लोगों ने भी (रसूलों को) झुठलाया है, जिनके पास हमारे रसूल खुले प्रमाण, ग्रंथ और ज्योतिमान करने वाली पुस्तक लेकर आए।
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ اَخَذْتُ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فَكَیْفَ كَانَ نَكِیْرِ ۟۠
फिर मैंने उन लोगों को पकड़ लिया, जिन्होंने इनकार किया। तो मेरी पकड़ कैसी रही?
Les exégèses en arabe:
اَلَمْ تَرَ اَنَّ اللّٰهَ اَنْزَلَ مِنَ السَّمَآءِ مَآءً ۚ— فَاَخْرَجْنَا بِهٖ ثَمَرٰتٍ مُّخْتَلِفًا اَلْوَانُهَا ؕ— وَمِنَ الْجِبَالِ جُدَدٌ بِیْضٌ وَّحُمْرٌ مُّخْتَلِفٌ اَلْوَانُهَا وَغَرَابِیْبُ سُوْدٌ ۟
क्या आपने नहीं देखा कि अल्लाह ने आकाश से पानी उतारा, फिर हमने उसके द्वारा विभिन्न रंगों के बहुत-से फल निकाल दिए। तथा पर्वतों में विभिन्न रंगों की सफेद और लाल धारियाँ (और टुकड़े) हैं, तथा कुछ गहरी काली धारियाँ हैं।
Les exégèses en arabe:
وَمِنَ النَّاسِ وَالدَّوَآبِّ وَالْاَنْعَامِ مُخْتَلِفٌ اَلْوَانُهٗ كَذٰلِكَ ؕ— اِنَّمَا یَخْشَی اللّٰهَ مِنْ عِبَادِهِ الْعُلَمٰٓؤُا ؕ— اِنَّ اللّٰهَ عَزِیْزٌ غَفُوْرٌ ۟
तथा इसी प्रकार मनुष्यों, जानवरों और चौपायों में से भी ऐसे हैं जिनके रंग विभिन्न हैं। वास्तविकता यह है कि अल्लाह से उसके वही बंदे डरते हैं, जो ज्ञानी[11] हैं। निःसंदेह अल्लाह अति प्रभुत्वशाली, बेहद क्षमाशील है।
11. अर्थात अल्लाह की इन शक्तियों और उसकी परिपूर्ण कारीगरी को वही जान सकते हैं जो क़ुरआन एवं सुन्नत का ज्ञान रखने वाले हैं। और उन्हें जितना ही अल्लाह का ज्ञान होता है, उतना ही वे अल्लाह से डरते हैं। मानो जिनके दिल में अल्लाह का डर नहीं, समझ लो कि वे सही ज्ञान से वंचित हैं। (इब्ने कसीर)
Les exégèses en arabe:
اِنَّ الَّذِیْنَ یَتْلُوْنَ كِتٰبَ اللّٰهِ وَاَقَامُوا الصَّلٰوةَ وَاَنْفَقُوْا مِمَّا رَزَقْنٰهُمْ سِرًّا وَّعَلَانِیَةً یَّرْجُوْنَ تِجَارَةً لَّنْ تَبُوْرَ ۟ۙ
निःसंदेह जो लोग अल्लाह की पुस्तक (क़ुरआन) पढ़ते हैं, और नमाज़ क़ायम करते हैं और जो कुछ हमने उन्हें दिया है, उसमें से छिपे और खुले खर्च करते हैं, वे ऐसे व्यापार की आशा रखते हैं, जिसमें कभी घाटा नहीं होगा।
Les exégèses en arabe:
لِیُوَفِّیَهُمْ اُجُوْرَهُمْ وَیَزِیْدَهُمْ مِّنْ فَضْلِهٖ ؕ— اِنَّهٗ غَفُوْرٌ شَكُوْرٌ ۟
ताकि अल्लाह उन्हें उनका पूरा-पूरा बदला दे और उन्हें अपनी कृपा से और अधिक प्रदान करे। निःसंदेह वह बहुत क्षमा करने वाला, अत्यंत गुणग्राही है।
Les exégèses en arabe:
وَالَّذِیْۤ اَوْحَیْنَاۤ اِلَیْكَ مِنَ الْكِتٰبِ هُوَ الْحَقُّ مُصَدِّقًا لِّمَا بَیْنَ یَدَیْهِ ؕ— اِنَّ اللّٰهَ بِعِبَادِهٖ لَخَبِیْرٌ بَصِیْرٌ ۟
और हमने आपकी ओर जिस किताब की वह़्य (प्रकाशना) की है, वही सर्वथा सच है और अपने से पहले की पुस्तकों की पुष्टि करने वाली है। निःसंदेह अल्लाह अपने बंदों की पूरी खबर रखने वाला, सब कुछ देखने वाला है।[12]
12. कि कौन उसके अनुग्रह के योग्य है। इसी कारण उसने नबियों को सबपर प्रधानता दी है। तथा नबियों को भी एक-दूसरे पर प्रधानता दी है। (देखिए : इब्ने कसीर)
Les exégèses en arabe:
ثُمَّ اَوْرَثْنَا الْكِتٰبَ الَّذِیْنَ اصْطَفَیْنَا مِنْ عِبَادِنَا ۚ— فَمِنْهُمْ ظَالِمٌ لِّنَفْسِهٖ ۚ— وَمِنْهُمْ مُّقْتَصِدٌ ۚ— وَمِنْهُمْ سَابِقٌ بِالْخَیْرٰتِ بِاِذْنِ اللّٰهِ ؕ— ذٰلِكَ هُوَ الْفَضْلُ الْكَبِیْرُ ۟ؕ
फिर हमने इस पुस्तक का उत्तराधिकारी उन लोगों को बनाया, जिन्हें हमने अपने बंदों[13] में से चुन लिया। तो उनमें से कुछ लोग अपने ऊपर अत्याचार करने वाले हैं, और उनमें से कुछ लोग मध्यमार्गी हैं, और उनमें से कुछ लोग अल्लाह की अनुमति से भलाई के कामों में आगे निकल जाने वाले हैं। यही महान अनुग्रह है।
13. इस आयत में क़ुरआन के अनुयायियों की तीन श्रेणियाँ बताई गई हैं। और तीनों ही स्वर्ग में प्रवेश करेंगी : अग्रगामी बिना ह़िसाब के। मध्यवर्ती सरल ह़िसाब के पश्चात्। तथा अत्याचारी दंड भुगतने के पश्चात् शफ़ाअत द्वारा। (फ़त्ह़ुल क़दीर)
Les exégèses en arabe:
جَنّٰتُ عَدْنٍ یَّدْخُلُوْنَهَا یُحَلَّوْنَ فِیْهَا مِنْ اَسَاوِرَ مِنْ ذَهَبٍ وَّلُؤْلُؤًا ۚ— وَلِبَاسُهُمْ فِیْهَا حَرِیْرٌ ۟
सदा रहने के बाग़ हैं, जिनमें वे प्रवेश करेंगे। उनमें वे सोने के कंगन और मोती पहनाए जाएँगे और उनमें उनके वस्त्र रेशम के होंगे।
Les exégèses en arabe:
وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِیْۤ اَذْهَبَ عَنَّا الْحَزَنَ ؕ— اِنَّ رَبَّنَا لَغَفُوْرٌ شَكُوْرُ ۟ۙ
तथा वे कहेंगे : सब प्रशंसा उस अल्लाह के लिए है, जिसने हमसे ग़म दूर कर दिया। निःसंदेह हमारा पालनहार अत्यंत क्षमाशील, बड़ा गुणग्राही है।
Les exégèses en arabe:
١لَّذِیْۤ اَحَلَّنَا دَارَ الْمُقَامَةِ مِنْ فَضْلِهٖ ۚ— لَا یَمَسُّنَا فِیْهَا نَصَبٌ وَّلَا یَمَسُّنَا فِیْهَا لُغُوْبٌ ۟
जिसने हमें अपनी कृपा से स्थायी घर में उतारा। न इसमें हमें कोई कष्ट उठाना पड़ता है और न इसमें हमें कोई थकान पहुँचती है।
Les exégèses en arabe:
وَالَّذِیْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ نَارُ جَهَنَّمَ ۚ— لَا یُقْضٰی عَلَیْهِمْ فَیَمُوْتُوْا وَلَا یُخَفَّفُ عَنْهُمْ مِّنْ عَذَابِهَا ؕ— كَذٰلِكَ نَجْزِیْ كُلَّ كَفُوْرٍ ۟ۚ
और जिन लोगों ने कुफ़्र किया, उनके लिए जहन्नम की आग है। न उनपर (मृत्यु का) फैसला किया जाएगा कि वे मर जाएँ, और न उनसे उसकी यातना ही कुछ हल्की की जाएगी। हम प्रत्येक अकृतज्ञ को इसी तरह बदला दिया करते हैं।
Les exégèses en arabe:
وَهُمْ یَصْطَرِخُوْنَ فِیْهَا ۚ— رَبَّنَاۤ اَخْرِجْنَا نَعْمَلْ صَالِحًا غَیْرَ الَّذِیْ كُنَّا نَعْمَلُ ؕ— اَوَلَمْ نُعَمِّرْكُمْ مَّا یَتَذَكَّرُ فِیْهِ مَنْ تَذَكَّرَ وَجَآءَكُمُ النَّذِیْرُ ؕ— فَذُوْقُوْا فَمَا لِلظّٰلِمِیْنَ مِنْ نَّصِیْرٍ ۟۠
और वे उसमें चिल्लाएँगे : ऐ हमारे पालनहार! हमें (जहन्नम से) निकाल ले। हम जो कुछ किया करते थे, उसके अलावा नेकी के काम करेंग। क्या हमने तुम्हें इतनी आयु नहीं दी थी कि उसमें जो शिक्षा ग्रहण करना चाहता, वह शिक्षा ग्रहण कर लेता, हालाँकि तुम्हारे पास डराने वाला (नबी) भी तो आया था? अतः, तुम (यातना) चखो। अत्याचारियों का कोई सहायक नहीं है।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ اللّٰهَ عٰلِمُ غَیْبِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ؕ— اِنَّهٗ عَلِیْمٌۢ بِذَاتِ الصُّدُوْرِ ۟
निःसंदेह अल्लाह आकाशों और धरती के परोक्ष (गुप्त चीज़ों) को जानने वाला है। निःसंदेह वही सीनों की बातों को भली-भाँति जानता है।
Les exégèses en arabe:
هُوَ الَّذِیْ جَعَلَكُمْ خَلٰٓىِٕفَ فِی الْاَرْضِ ؕ— فَمَنْ كَفَرَ فَعَلَیْهِ كُفْرُهٗ ؕ— وَلَا یَزِیْدُ الْكٰفِرِیْنَ كُفْرُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ اِلَّا مَقْتًا ۚ— وَلَا یَزِیْدُ الْكٰفِرِیْنَ كُفْرُهُمْ اِلَّا خَسَارًا ۟
वही है जिसने तुम्हें धरती पर उत्तराधिकारी बनाया। फिर जिसने कुफ़्र किया, तो उसके कुफ़्र का दुष्परिणाम उसी पर होगा। और काफ़िरों को उनका कुफ़्र उनके पालनहार के यहाँ क्रोध ही में बढ़ाता है। और काफ़िरों को उनका कुफ़्र उनके घाटे ही में वृद्धि करता है।
Les exégèses en arabe:
قُلْ اَرَءَیْتُمْ شُرَكَآءَكُمُ الَّذِیْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ ؕ— اَرُوْنِیْ مَاذَا خَلَقُوْا مِنَ الْاَرْضِ اَمْ لَهُمْ شِرْكٌ فِی السَّمٰوٰتِ ۚ— اَمْ اٰتَیْنٰهُمْ كِتٰبًا فَهُمْ عَلٰی بَیِّنَتٍ مِّنْهُ ۚ— بَلْ اِنْ یَّعِدُ الظّٰلِمُوْنَ بَعْضُهُمْ بَعْضًا اِلَّا غُرُوْرًا ۟
(ऐ नबी!)[14] उनसे कह दें : क्या तुमने अपने उन साझियों को देखा, जिन्हें तुम अल्लाह के सिवा पुकारते हो? मुझे दिखाओ कि उन्होंने धरती का कौन-सा भाग पैदा किया है? या उनकी आकाशों (की रचना) में कुछ साझेदारी है? या हमने उन्हें कोई पुस्तक प्रदान की है कि वे उसके किसी स्पष्ट प्रमाण पर (क़ायम) हैं? बल्कि (वास्तविकता यह है कि) अत्याचारी लोग एक-दूसरे को केवल धोखे का वादा करते हैं।
14. यहाँ से सूरत के अंत तक शिर्क (अनेकेश्वरवाद) का खंडन किया जा रहा है।
Les exégèses en arabe:
اِنَّ اللّٰهَ یُمْسِكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ اَنْ تَزُوْلَا ۚ۬— وَلَىِٕنْ زَالَتَاۤ اِنْ اَمْسَكَهُمَا مِنْ اَحَدٍ مِّنْ بَعْدِهٖ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ حَلِیْمًا غَفُوْرًا ۟
निःसंदेह अल्लाह ही आकाशों और धरती को थामे (रोके)[14] हुए है कि (कहीं) वे दोनों (अपनी जगह से) हट (टल) न जाएँ। और वास्तव में यदि वे दोनों हट (टल) जाएँ, तो उसके बाद कोई भी उन्हें थाम (रोक) नहीं सकेगा। निःसंदेह वह अत्यंत सहनशील, बहुत क्षमा करने वाला है।
15. नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम रात में नमाज़ के लिए जागते, तो आकाश की ओर देखते और यह पूरी आयत पढ़ते थे। (सह़ीह़ बुख़ारी : 7452)
Les exégèses en arabe:
وَاَقْسَمُوْا بِاللّٰهِ جَهْدَ اَیْمَانِهِمْ لَىِٕنْ جَآءَهُمْ نَذِیْرٌ لَّیَكُوْنُنَّ اَهْدٰی مِنْ اِحْدَی الْاُمَمِ ۚ— فَلَمَّا جَآءَهُمْ نَذِیْرٌ مَّا زَادَهُمْ اِلَّا نُفُوْرَا ۟ۙ
और उन (काफ़िरों) ने अल्लाह की पक्की क़समें खाई थीं कि यदि उनके पास कोई डराने वाला (नबी) आया, तो वे अवश्य किसी भी अन्य समुदाय से अधिक सीधे रास्ते पर चलने वाले हो जाएँगे। फिर जब उनके पास एक डराने वाला[14] आ गया, तो इससे उनके (सत्य से) दूर भागने ही में वृद्धि हुई।
16. अर्थात् मुह़म्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम।
Les exégèses en arabe:
١سْتِكْبَارًا فِی الْاَرْضِ وَمَكْرَ السَّیِّئ ؕ— وَلَا یَحِیْقُ الْمَكْرُ السَّیِّئُ اِلَّا بِاَهْلِهٖ ؕ— فَهَلْ یَنْظُرُوْنَ اِلَّا سُنَّتَ الْاَوَّلِیْنَ ۚ— فَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّتِ اللّٰهِ تَبْدِیْلًا ۚ۬— وَلَنْ تَجِدَ لِسُنَّتِ اللّٰهِ تَحْوِیْلًا ۟
धरती में अभिमान करने और बुरी चाल के कारण। और बुरी चाल उसके चलने वाले ही को घेरती है। तो क्या वे पहले लोगों (के बारे में अल्लाह) की रीति[17] की प्रतीक्षा कर रहे हैं? तो आप अल्लाह की रीति में हरगिज़ कोई बदलाव नहीं पाएँगे, तथा आप अल्लाह की रीति में कभी कोई परिवर्तन[18] नहीं पाएँगे।
17. अर्थात यातना की। 18. अर्थात प्रत्येक युग और स्थान के लिए अल्लाह का नियम एक ही रहा है।
Les exégèses en arabe:
اَوَلَمْ یَسِیْرُوْا فِی الْاَرْضِ فَیَنْظُرُوْا كَیْفَ كَانَ عَاقِبَةُ الَّذِیْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ وَكَانُوْۤا اَشَدَّ مِنْهُمْ قُوَّةً ؕ— وَمَا كَانَ اللّٰهُ لِیُعْجِزَهٗ مِنْ شَیْءٍ فِی السَّمٰوٰتِ وَلَا فِی الْاَرْضِ ؕ— اِنَّهٗ كَانَ عَلِیْمًا قَدِیْرًا ۟
और क्या वे धरती में नहीं चले-फिरे कि देखते कि उन लोगों का परिणाम कैसा रहा, जो इनसे पहले थे, हालाँकि वे शक्ति में इनसे बढ़े हुए थे? तथा अल्लाह ऐसा नहीं है कि आकाशों और धरती में कोई चीज़ उसे विवश कर सके। निःसंदेह वह सब कुछ जानने वाला, हर चीज़ पर सर्वशक्तिमान है।
Les exégèses en arabe:
وَلَوْ یُؤَاخِذُ اللّٰهُ النَّاسَ بِمَا كَسَبُوْا مَا تَرَكَ عَلٰی ظَهْرِهَا مِنْ دَآبَّةٍ وَّلٰكِنْ یُّؤَخِّرُهُمْ اِلٰۤی اَجَلٍ مُّسَمًّی ۚ— فَاِذَا جَآءَ اَجَلُهُمْ فَاِنَّ اللّٰهَ كَانَ بِعِبَادِهٖ بَصِیْرًا ۟۠
और यदि अल्लाह लोगों की उनके कार्यों के कारण पकड़ करने लगे, तो धरती के ऊपर किसी चलने वाले को न छोड़े। परंतु वह उन्हें एक निर्धारित अवधि तक मोहलत देता है। फिर जब उनका निर्धारित समय आ जाएगा, तो अल्लाह अपने बंदों को भली-भाँति देखने वाला है।[19]
19. अर्थात उस दिन उनके कर्मों का बदला चुका देगा।
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Traduction des sens Sourate: FÂTIR
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Traduction des sens du Noble Coran - Traduction en Hindi - Lexique des traductions

ترجمة معاني القرآن الكريم إلى اللغة الهندية، ترجمها عزيز الحق العمري.

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