કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (68) સૂરહ: અલ્ હજ્
وَاِنْ جٰدَلُوْكَ فَقُلِ اللّٰهُ اَعْلَمُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ ۟
और यदि वे तर्क स्पष्ट हो जाने के बाद भी आपके साथ बहस करने से बाज़ न आएँ, तो धमकी के तौर पर यह कहते हुए उनके मामले को अल्लाह के हवाले कर दें कि : तुम जो कुछ कर रहे हो, उससे अल्लाह अच्छी तरह अवगत है। तुम्हारे कामों में से कुछ भी उससे छिपा नहीं है और वह तुम्हें उनका बदला देगा।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• من نعم الله على الناس تسخير ما في السماوات وما في الأرض لهم.
• लोगों पर अल्लाह की नेमतों में से यह भी है कि उसने आकाशों और धरती की सारी चीज़ों को उनके वश में कर दिया है।

• إثبات صفتي الرأفة والرحمة لله تعالى.
• अल्लाह तआला के लिए 'राफ़त' (करुणा) और 'रह़मत' (दया) के गुणों को साबित करना।

• إحاطة علم الله بما في السماوات والأرض وما بينهما.
• आकाशों और धरती की तथा उन दोनों के बीच की सारी चीज़ें अल्लाह के ज्ञान के घेरे में हैं।

• التقليد الأعمى هو سبب تمسك المشركين بشركهم بالله.
• अंधा अनुकरण ही मुश्रिकों के अपने शिर्क से चिपके रहने का कारण है।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર આયત: (68) સૂરહ: અલ્ હજ્
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الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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