કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم * - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા


શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: સૉદ   આયત:

सूरा साद

સૂરતના હેતુઓ માંથી:
ذكر المخاصمة بالباطل وعاقبتها.
झूठ के द्वारा बहस करने और उसके परिणाम का वर्णन।

صٓ وَالْقُرْاٰنِ ذِی الذِّكْرِ ۟ؕ
{सॉद} इस तरह के अक्षरों (हुरूफ़-ए-मुक़त्तआत) के विषय में सूरतुल-बक़रा के आरंभ में बात गुज़र चुकी है। अल्लाह ने क़ुरआन की क़सम खाई है, जिसमें लोगों को उस चीज़ की याद दिलाना शामिल है, जो दुनिया और आखिरत में उनके लिए लाभदायक है। बात वैसी नहीं है, जैसा मुश्रिक लोग समझते हैं कि अल्लाह के साथ कोई भागीदार हैं।
અરબી તફસીરો:
بَلِ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا فِیْ عِزَّةٍ وَّشِقَاقٍ ۟
लेकिन काफ़िर लोग अल्लाह की तौहीद (एकेश्वरवाद) के बार में स्वाभिमान और अहंकार में हैं, तथा मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के विरोध और उनसे दुश्मनी में पड़े हुए हैं।
અરબી તફસીરો:
كَمْ اَهْلَكْنَا مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ قَرْنٍ فَنَادَوْا وَّلَاتَ حِیْنَ مَنَاصٍ ۟
इनसे पहले हमने कितने ही समुदायों को विनष्ट कर दिया, जिन्होंने अपने रसूलों को झुठलाया था। फिर जब उनपर अज़ाब उतर आया, तो उन्होंने मदद की गुहार लगाई। लेकिन वह समय उनके लिए अज़ाब से बचने का समय नहीं था कि उन्हें मदद की गुहार लगाना कोई लाभ देता।
અરબી તફસીરો:
وَعَجِبُوْۤا اَنْ جَآءَهُمْ مُّنْذِرٌ مِّنْهُمْ ؗ— وَقَالَ الْكٰفِرُوْنَ هٰذَا سٰحِرٌ كَذَّابٌ ۟ۖۚ
उन्होंने उस समय आश्चर्य प्रकट किया जब उनके पास उन्हीं में से एक रसूल आया, जो उन्हें उनके अपने कुफ़्र पर क़ायम रहने पर अल्लाह की यातना से डराता था। तथा काफ़िरों ने मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के लाए हुए धर्म की सच्चाई के प्रमाणों को देखकर कहा : यह एक जादूगर व्यक्ति है, जो लोगों को मोहित कर देता है। यह अपने इस दावे में बड़ा झूठा है कि वह अल्लाह का एक रसूल है, जिसकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की जाती है।
અરબી તફસીરો:
اَجَعَلَ الْاٰلِهَةَ اِلٰهًا وَّاحِدًا ۖۚ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ عُجَابٌ ۟
क्या इस व्यक्ति ने विभिन्न पूज्यों को एक ही पूज्य बना दिया, जिसके सिवा कोई दूसरा पूज्य नहीं?! निश्चय उसका यह कार्य अत्यंत आश्चर्यजनक है।
અરબી તફસીરો:
وَانْطَلَقَ الْمَلَاُ مِنْهُمْ اَنِ امْشُوْا وَاصْبِرُوْا عَلٰۤی اٰلِهَتِكُمْ ۖۚ— اِنَّ هٰذَا لَشَیْءٌ یُّرَادُ ۟ۚ
उनके प्रमुख और बड़े लोग अपने अनुयायियों से यह कहते हुए चल खड़े हुए कि : तुम उसी पर चलते रहो, जिसपर पहले थे। मुहम्मद के धर्म में प्रवेश न करो। अपने पूज्यों की इबादत पर जमे रहो। क्योंकि मुहम्मद ने जो तुम्हें एक अल्लाह की इबादत करने के लिए बुलाया है, वह एक जानबूझकर की गई (सुनियोजित) बात है, वह चाहता है कि हमसे ऊपर उठ जाए और हम उसके अनुयायी (पीछे चलने वाले) बन जाएँ।
અરબી તફસીરો:
مَا سَمِعْنَا بِهٰذَا فِی الْمِلَّةِ الْاٰخِرَةِ ۖۚ— اِنْ هٰذَاۤ اِلَّا اخْتِلَاقٌ ۟ۖۚ
मुहम्मद हमें जिस तौहीद (एकेश्वरवाद) की ओर बुला रहे हैं, वह बात हमने उस धर्म में नहीं सुनी जिसपर हमने अपने बाप-दादा को पाया और न ही ईसा अलैहिस्सलाम के धर्म में वह (तौहीद की) बात सुनी। यह बात जो हमने उनसे सुनी है, झूठ और गढ़ी हुई बात के सिवा कुछ नहीं है।
અરબી તફસીરો:
ءَاُنْزِلَ عَلَیْهِ الذِّكْرُ مِنْ بَیْنِنَا ؕ— بَلْ هُمْ فِیْ شَكٍّ مِّنْ ذِكْرِیْ ۚ— بَلْ لَّمَّا یَذُوْقُوْا عَذَابِ ۟ؕ
क्या यह सही है कि हमारे बीच में से उसी पर क़ुरआन उतरे और यह उसी के लिए विशिष्ट हो, और यह हमपर न उतरे, जबकि हम सरदार और प्रमुख लोग हैं?! बल्कि, इन बहुदेववादियों को आपपर उतरने वाली वह़्य (प्रकाशना) के बारे में संदेह है। तथा उन्होंने अभी तक अल्लाह की यातना नहीं चखी है, इसलिए वे मोहलत दिए जाने से धोखे में पड़ गए हैं। यदि उन्होंने यातना का स्वाद चखा होता, तो अल्लाह का इनकार करने, उसके साथ साझी ठहराने और आपकी ओर जो वह़्य (प्रकाशना) की जाती है, उसके बारे में संदेह करने का साहस नहीं करते।
અરબી તફસીરો:
اَمْ عِنْدَهُمْ خَزَآىِٕنُ رَحْمَةِ رَبِّكَ الْعَزِیْزِ الْوَهَّابِ ۟ۚ
क्या इन झुठलाने वाले मुश्रिकों के पास आपके उस प्रभुत्वशाली पालनहार के अनुग्रह के खज़ाने हैं, जिसपर किसी का ज़ोर नहीं चलता, जो जिसे चाहता है जो चाहता है, देता है। तथा उसके अनुग्रह के खज़ानों में नुबुव्वत भी शामिल है। अतः वह जिसे चाहता है, उससे सम्मानित करता है। यह उनका नहीं है कि वे उसे जिसे चाहें दें और जिसे चाहें उससे वंचित कर दें।
અરબી તફસીરો:
اَمْ لَهُمْ مُّلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا ۫— فَلْیَرْتَقُوْا فِی الْاَسْبَابِ ۟
या आकाशों और धरती तथा उनके बीच मौजूद सारी चीज़ों की बादशाही उन्हीं के पास है? इसलिए उन्हें देने और न देने का अधिकार प्राप्त है? यदि यह उनका दावा है, तो उन्हें आकाश पर पहुँचाने वाले कारणों को अपनाना चाहिए, ताकि वे जो चाहें देने या न देने का फैसला जारी कर सकें। स्पष्ट है कि वे ऐसा हरगिज़ नहीं कर पाएँगे।
અરબી તફસીરો:
جُنْدٌ مَّا هُنَالِكَ مَهْزُوْمٌ مِّنَ الْاَحْزَابِ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले ये लोग एक पराजित सेना हैं, अपने से पूर्व की उन सेनाओं की तरह, जिन्होंने अपने रसूलों को झुठलाया था।
અરબી તફસીરો:
كَذَّبَتْ قَبْلَهُمْ قَوْمُ نُوْحٍ وَّعَادٌ وَّفِرْعَوْنُ ذُو الْاَوْتَادِ ۟ۙ
ये झुठलाने वाले, पहले झुठलाने वाले नहीं हैं। क्योंकि इनसे पहले नूह अलैहिस्सलाम की जाति ने झुठलाया, आद ने झुठलाया तथा फ़िरऔन ने झुठलाया, जिसके पास मेखें होती थीं, जिनसे वह लोगों को दंडित किया करता था।
અરબી તફસીરો:
وَثَمُوْدُ وَقَوْمُ لُوْطٍ وَّاَصْحٰبُ لْـَٔیْكَةِ ؕ— اُولٰٓىِٕكَ الْاَحْزَابُ ۟
तथा समूद ने झुठलाया, और लूत की जाति ने झुठलाया, और शुऐब की जाति ने झुठलाया। यही लोग वे गिरोह (सेनाएँ) हैं, जो अपने रसूलों को झुठलाने और उनके लाए हुए संदेश का इनकार करने पर एकजुट हुए।
અરબી તફસીરો:
اِنْ كُلٌّ اِلَّا كَذَّبَ الرُّسُلَ فَحَقَّ عِقَابِ ۟۠
इन गिरोहों में से हर एक ने रसूलों को झुठलाया। इसलिए उनपर अल्लाह की यातना सिद्ध हो गई और उनपर अल्लाह की सज़ा आ पहुँची, भले ही इसमें कुछ समय के लिए देरी हुई।
અરબી તફસીરો:
وَمَا یَنْظُرُ هٰۤؤُلَآءِ اِلَّا صَیْحَةً وَّاحِدَةً مَّا لَهَا مِنْ فَوَاقٍ ۟
मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को झुठलाने वाले ये लोग केवल इस बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि सूर में दूसरी फूँक मार दी जाए, जो अपरिवर्तनीय है। फिर वे यातना से ग्रस्त होंगे, अगर वे आपको झुठलाने की अवस्था में मर गए।
અરબી તફસીરો:
وَقَالُوْا رَبَّنَا عَجِّلْ لَّنَا قِطَّنَا قَبْلَ یَوْمِ الْحِسَابِ ۟
उन्होंने मज़ाक़ उड़ाते हुए कहा : ऐ हमारे पालनहार! हमें हमारे हिस्से की यातना क़ियामत के दिन से पहले इस सांसारिक जीवन ही में दे दे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• أقسم الله عز وجل بالقرآن العظيم، فالواجب تَلقِّيه بالإيمان والتصديق، والإقبال على استخراج معانيه.
• अल्लाह ने अपने महान क़ुरआन की क़सम खाई है। इसलिए आवश्यक है कि उसपर ईमान रखा जाए, उसकी पुष्टि की जाए और उसके अर्थों को निकालने पर ध्यान दिया जाए।

• غلبة المقاييس المادية في أذهان المشركين برغبتهم في نزول الوحي على السادة والكبراء.
• बहुदेववादियों के मन में भौतिक मानकों की प्रधानता, कि उन्होंने सरदारों और बड़े लोगों पर वह़्य (प्रकाशना) उतरने की इच्छा की।

• سبب إعراض الكفار عن الإيمان: التكبر والتجبر والاستعلاء عن اتباع الحق.
• काफ़िरों के ईमान से दूर होने का कारण : सत्य का पालन करने से अहंकार, अभिमान और घमंड था।

اِصْبِرْ عَلٰی مَا یَقُوْلُوْنَ وَاذْكُرْ عَبْدَنَا دَاوٗدَ ذَا الْاَیْدِ ۚ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
(ऐ रसूल!) ये मुश्रिक लोग जो ऐसी बातें कहते हैं, जो आपको पसंद नहीं हैं, उनपर सब्र से काम लें और हमारे बंदे दाऊद को याद करें, जो अपने दुश्मनों से लड़ने की शक्ति रखते थे और अल्लाह के आज्ञापालन पर धैर्य से काम लेते थे। निश्चय वह तौबा करके और अल्लाह को प्रसन्न करने वाले कार्य करके, अल्लाह की ओर बहुत ज़्यादा लौटने वाले थे।
અરબી તફસીરો:
اِنَّا سَخَّرْنَا الْجِبَالَ مَعَهٗ یُسَبِّحْنَ بِالْعَشِیِّ وَالْاِشْرَاقِ ۟ۙ
हमने दाऊद अलैहिस्सलाम के साथ पहाड़ों को वशीभूत कर दिया था। जब वह दिन के अंत में और उसकी शुरुआत में सूरज चढ़ने के समय अल्लाह की पवित्रता का गान करते थे, तो वे भी उनके साथ पवित्रता का गान करते थे।
અરબી તફસીરો:
وَالطَّیْرَ مَحْشُوْرَةً ؕ— كُلٌّ لَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
और हमने हवा में एकत्र पक्षियों को वशीभूत कर दिया था। सभी आज्ञाकारी थे, उनके अधीन होकर पवित्रता का गान करते थे।
અરબી તફસીરો:
وَشَدَدْنَا مُلْكَهٗ وَاٰتَیْنٰهُ الْحِكْمَةَ وَفَصْلَ الْخِطَابِ ۟
और हमने उन्हें रोब दबदबा, शक्ति और उनके दुश्मनों पर विजय प्रदान करके, उनके राज्य को मज़बूत किया। तथा हमने उन्हें नुबुव्वत और उनके मामलों में यथार्थता प्रदान किया, तथा हमने हर इरादे में उन्हें संतोषजनक कथन शक्ति, तथा भाषण और फैसले में निर्णायकता प्रदान किया।
અરબી તફસીરો:
وَهَلْ اَتٰىكَ نَبَؤُا الْخَصْمِ ۘ— اِذْ تَسَوَّرُوا الْمِحْرَابَ ۟ۙ
और (ऐ रसूल!) क्या आपके पास दो झगड़ने वालों की खबर आई, जब वे दाऊद अलैहिस्सलाम के पास उनके उपासना स्थल में चढ़ आए।
અરબી તફસીરો:
اِذْ دَخَلُوْا عَلٰی دَاوٗدَ فَفَزِعَ مِنْهُمْ قَالُوْا لَا تَخَفْ ۚ— خَصْمٰنِ بَغٰی بَعْضُنَا عَلٰی بَعْضٍ فَاحْكُمْ بَیْنَنَا بِالْحَقِّ وَلَا تُشْطِطْ وَاهْدِنَاۤ اِلٰی سَوَآءِ الصِّرَاطِ ۟
जब वे दोनों अचानक दाऊद अलैहिस्सलाम के पास आए, तो वह उनके इस तरह अचानक और अपरिचित तरीक़े से प्रवेश करने से घबरा गए। जब उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि दाऊद अलैहिस्सलाम डर गए हैं, तो उन्होंने कहा : डरिए नहीं। क्योंकि हम दो झगड़ने वाले हैं, हममें से एक ने दूसरे पर अत्याचार किया है। अतः आप हमारे बीच न्याय के साथ फैसला कर दें और जब आप हमारे बीच फैसला करें, तो हमपर अन्याय न करें। तथा हमारा सीधे रास्ते की ओर मार्गदर्शन करें, जो कि यथार्थ रास्ता है।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ هٰذَاۤ اَخِیْ ۫— لَهٗ تِسْعٌ وَّتِسْعُوْنَ نَعْجَةً وَّلِیَ نَعْجَةٌ وَّاحِدَةٌ ۫— فَقَالَ اَكْفِلْنِیْهَا وَعَزَّنِیْ فِی الْخِطَابِ ۟
दोनों विरोधियों में से एक ने दाऊद अलैहिस्सलाम से कहा : यह व्यक्ति मेरा भाई है। इसके पास निन्नानवे दुंबियाँ हैं और मेरे पास एक दुंबी है। तो इसने मुझसे कहा है कि वह एक भी मैं उसके हवाले कर दूँ और वह बहस में मुझसे जीत गया है।
અરબી તફસીરો:
قَالَ لَقَدْ ظَلَمَكَ بِسُؤَالِ نَعْجَتِكَ اِلٰی نِعَاجِهٖ ؕ— وَاِنَّ كَثِیْرًا مِّنَ الْخُلَطَآءِ لَیَبْغِیْ بَعْضُهُمْ عَلٰی بَعْضٍ اِلَّا الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ وَقَلِیْلٌ مَّا هُمْ ؕ— وَظَنَّ دَاوٗدُ اَنَّمَا فَتَنّٰهُ فَاسْتَغْفَرَ رَبَّهٗ وَخَرَّ رَاكِعًا وَّاَنَابَ ۟
दाऊद अलैहिस्सलाम ने उन दोनों के बीच निर्णय किया और दावेदार को संबोधित करते हुए कहा : तुम्हारे भाई ने तुम्हारी दुंबी को अपनी दुंबियों के साथ मिलाने की माँग करके तुमपर ज़ुल्म किया है। सच्चाई यह है कि बहुत-से साझीदार अपने साथी का हक़ दबाकर और इंसाफ़ से मुँह मोड़कर एक-दूसरे पर अत्याचार करते हैं। अलबत्ता, उन ईमान वालों का मामला अलग है, जो अच्छे कार्य करते हैं। वे अपने साझीदारों के साथ न्याय करते हैं और उनपर अत्याचार नहीं करते। लेकिन इस तरह के लोग बहुत कम हैं। और दाऊद अलैहिस्सलाम को यक़ीन हो गया कि इस झगड़े के द्वारा हमने उन्हें आज़माइश में डाला है। चुनाँचे उन्होंने अपने पालनहार से क्षमा याचना की, अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के लिए सजदे में गिर पड़े और उसकी ओर लौट आए।
અરબી તફસીરો:
فَغَفَرْنَا لَهٗ ذٰلِكَ ؕ— وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰی وَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟
तो हमने उनकी बात स्वीकार कर ली और उनकी इस ग़लती को क्षमा कर दिया। और निश्चित रूप से वह हमारे पास समीपवर्ती लोगों में से हैं। और आखिरत में उनके लिए अच्छा ठिकाना है।
અરબી તફસીરો:
یٰدَاوٗدُ اِنَّا جَعَلْنٰكَ خَلِیْفَةً فِی الْاَرْضِ فَاحْكُمْ بَیْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوٰی فَیُضِلَّكَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ ؕ— اِنَّ الَّذِیْنَ یَضِلُّوْنَ عَنْ سَبِیْلِ اللّٰهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِیْدٌۢ بِمَا نَسُوْا یَوْمَ الْحِسَابِ ۟۠
ऐ दाऊद! हमने आपको धरती में ख़लीफ़ा बनाया है, जिसका काम धार्मिक और सांसारिक नियमों और फ़ैसलों को लागू करना होता है। अतः आप लोगों के बीच न्याय के साथ निर्णय करें। और लोगों के बीच अपने निर्णय में अपनी इच्छाओं का पालन न करें; कि रिश्तेदारी या दोस्ती के कारण किसी एक पक्ष की ओर झुक जाएँ, या किसी दुश्मनी की वजह से किसी को नज़र अंदाज़ करें। क्योंकि इच्छा का पालन करना आपको अल्लाह के सीधे रास्ते से भटका देगा। निश्चय जो लोग अल्लाह के सीधे रास्ते से भटक जाते हैं, उनके लिए उनके हिसाब के दिन को भूल जाने के कारण, कठोर यातना है। क्योंकि अगर वे उसे याद रखते और उससे डरते, तो अपनी इच्छाओं पर न चलते।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• بيان فضائل نبي الله داود وما اختصه الله به من الآيات.
• अल्लाह के नबी दाऊद अलैहिस्सलाम के गुणों और अल्लाह की ओर से उन्हें प्राप्त निशानियों का बयान।

• الأنبياء - صلوات الله وسلامه عليهم - معصومون من الخطأ فيما يبلغون عن الله تعالى؛ لأن مقصود الرسالة لا يحصل إلا بذلك، ولكن قد يجري منهم بعض مقتضيات الطبيعة بنسيان أو غفلة عن حكم، ولكن الله يتداركهم ويبادرهم بلطفه.
• नबीगण (उनपर दुरूद एवं सलाम हो) अल्लाह की ओर से जो कुछ पहुँचाते हैं, उसमें वे हर प्रकार की त्रुटियों से पाक हैं। क्योंकि इसके बिना रिसालत (पैग़ंबरी) का उद्देश्य पूरा नहीं हो सकता। परंतु मानव प्रकृति की कुछ अपेक्षाएँ भूल चूक या किसी हुक्म से ग़फ़लत के रूप में उनसे भी प्रकट हो सकती हैं, लेकिन अल्लाह अपनी दया एवं कृपा से तुरंत उनका सुधार कर देता है।

• استدل بعض العلماء بقوله تعالى: ﴿ وَإِنَّ كَثِيرًا مِّنَ اْلْخُلَطَآءِ لَيَبْغِي بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ ﴾ على مشروعية الشركة بين اثنين وأكثر.
• कुछ विद्वानों ने अल्लाह तआला के फ़रमान : {وَإِنَّ كَثِيرًا مِّنَ اْلْخُلَطَآءِ لَيَبْغِي بَعْضُهُمْ عَلَى بَعْضٍ} से दो और दो से अधिक के बीच साझेदारी की वैधता का प्रमाण ग्रहण किया है।

• ينبغي التزام الأدب في الدخول على أهل الفضل والمكانة.
• पद और प्रतिष्ठा वाले लोगों के पास प्रवेश करने में शिष्टाचार का पालन करना चाहिए।

وَمَا خَلَقْنَا السَّمَآءَ وَالْاَرْضَ وَمَا بَیْنَهُمَا بَاطِلًا ؕ— ذٰلِكَ ظَنُّ الَّذِیْنَ كَفَرُوْا ۚ— فَوَیْلٌ لِّلَّذِیْنَ كَفَرُوْا مِنَ النَّارِ ۟ؕ
हमने आकाश और धरती को व्यर्थ पैदा नहीं किया। यह तो उन लोगों की सोच है, जिन्होंने कुफ़्र किया। अतः इन काफ़िरों के लिए, जो यह सोच रखते हैं, क़ियामत के दिन जहन्नम की आग के रूप में बड़ा विनाश है, अगर वे अपने कुफ़्र और अल्लाह के बारे में बुरी सोच की अवस्था ही में मर गए।
અરબી તફસીરો:
اَمْ نَجْعَلُ الَّذِیْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ كَالْمُفْسِدِیْنَ فِی الْاَرْضِ ؗ— اَمْ نَجْعَلُ الْمُتَّقِیْنَ كَالْفُجَّارِ ۟
हम हरगिज़ अल्लाह पर ईमान रखने वालों, उसके रसूल का अनुसरण करने वालों और अच्छे कार्य करने वालों को, उन लोगों के जैसा नहीं बनाएँगे, जो कुफ़्र और पापों के साथ धरती में बिगाड़ पैदा करने वाले हैं। तथा हम उन लोगों को जो अपने पालनहार से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर डरते हैं, पापों में लिप्त काफ़िरों और मुनाफ़िक़ों के समान नहीं बनाएँगे। उन दोनों के बीच बराबरी करना अन्याय है, जो अल्लाह के लिए शोभित नहीं है। बल्कि, अल्लाह परहेज़गार मोमिनों को जन्नत में प्रवेश के साथ पुरस्कृत करेगा। और दुर्भाग्यशाली काफ़िरों को जहन्नम में दाखिल करके दंडित करेगा। क्योंकि ये दोनों अल्लाह के निकट बराबर नहीं हैं। इसलिए उसके पास उनका बदला भी बराबर नहीं होगा।
અરબી તફસીરો:
كِتٰبٌ اَنْزَلْنٰهُ اِلَیْكَ مُبٰرَكٌ لِّیَدَّبَّرُوْۤا اٰیٰتِهٖ وَلِیَتَذَكَّرَ اُولُوا الْاَلْبَابِ ۟
यह क़ुरआन एक पुस्तक है, जिसे हमने आपकी ओर उतारा है, बड़ी भलाई और लाभ वाली पुस्तक है। ताकि लोग इसकी आयतों पर विचार करें और उनके अर्थों पर ग़ौर करें, और ताकि प्रबल एवं उज्ज्वल दिमाग वाले लोग इससे शिक्षा ग्रहण करें।
અરબી તફસીરો:
وَوَهَبْنَا لِدَاوٗدَ سُلَیْمٰنَ ؕ— نِعْمَ الْعَبْدُ ؕ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟ؕ
हमने दाऊद को, अपनी ओर से उनपर अनुग्रह और उपकार करते हुए, उनका बेटा सुलैमान प्रदान किया, ताकि उससे उनकी आँखें ठंडी हो जाएँ। सुलैमान बहुत अच्छे बंदे थे। वह बहुत तौबा करने वाले और अल्लाह की ओर बहुत लौटने वाले और उसकी ओर रुजू' करने वाले थे।
અરબી તફસીરો:
اِذْ عُرِضَ عَلَیْهِ بِالْعَشِیِّ الصّٰفِنٰتُ الْجِیَادُ ۟ۙ
उस समय को याद करें, जब अस्र के समय उनके सामने तेज़ दौड़ने वाले असली घोड़े लाए गए, जो तीन पैरों पर खड़े और चौथे को उठाए हुए थे। ये उत्तम नस्ल के घोड़े उनपर प्रदर्शित किए जाते रहे, यहाँ तक कि सूरज डूब गया।
અરબી તફસીરો:
فَقَالَ اِنِّیْۤ اَحْبَبْتُ حُبَّ الْخَیْرِ عَنْ ذِكْرِ رَبِّیْ ۚ— حَتّٰی تَوَارَتْ بِالْحِجَابِ ۟۫
तो सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : मैंने धन (जिसमें ये घोड़े भी शामिल हैं) के प्रेम को अपने पालनहार के ज़िक्र पर प्राथमिकता दी यहाँ तक कि सूर्य डूब गया और मुझे अस्र की नमाज़ अदा करने में देर हो गई।
અરબી તફસીરો:
رُدُّوْهَا عَلَیَّ ؕ— فَطَفِقَ مَسْحًا بِالسُّوْقِ وَالْاَعْنَاقِ ۟
इन घोड़ों को मेरे पास वापस लाओ। चुनाँचे उन्हें उनके पास लाया गया। फिर वह तलवार से उनकी पिंडलियों और गरदनों को मारने लगे।
અરબી તફસીરો:
وَلَقَدْ فَتَنَّا سُلَیْمٰنَ وَاَلْقَیْنَا عَلٰی كُرْسِیِّهٖ جَسَدًا ثُمَّ اَنَابَ ۟
और हमने सुलैमान को आज़माइश में डाला और उनके राज्य के सिंहासन पर शैतान को डाल दिया, जो मानव रूप धारण किए हुए था। उसने थोड़े समय के लिए उनके राज्य में शासन किया। फिर अल्लाह ने सुलैमान के लिए उनका राज्य बहाल कर दिया और उन्हें शैतानों पर प्रभुत्व प्रदान किया।
અરબી તફસીરો:
قَالَ رَبِّ اغْفِرْ لِیْ وَهَبْ لِیْ مُلْكًا لَّا یَنْۢبَغِیْ لِاَحَدٍ مِّنْ بَعْدِیْ ۚ— اِنَّكَ اَنْتَ الْوَهَّابُ ۟
सुलैमान अलैहिस्सलाम ने कहा : ऐ मेरे पालनहार, मेरे गुनाह क्षमा कर दे, और मुझे ऐसी बादशाहत प्रदान कर जो मेरे ही लिए विशिष्ट हो, मेरे बाद किसी को प्राप्त न हो। निश्चय (ऐ मेरे पालनहार!) तू बहुत बड़ा दाता और बड़ा दानशील है।
અરબી તફસીરો:
فَسَخَّرْنَا لَهُ الرِّیْحَ تَجْرِیْ بِاَمْرِهٖ رُخَآءً حَیْثُ اَصَابَ ۟ۙ
तो हमने उनकी दुआ क़बूल कर ली और हवा को उनके अधीन कर दिया, जो उनके आदेश से नरम होकर चलती थी। हवा के तेज़ और शक्तिशाली होने के बावजूद उसमें कोई झटका नहीं थी। वह उन्हें, जहाँ चाहते, ले जाती थी।
અરબી તફસીરો:
وَالشَّیٰطِیْنَ كُلَّ بَنَّآءٍ وَّغَوَّاصٍ ۟ۙ
तथा हमने शैतानों को उनके अधीन कर दिया, जो उनके आदेश अनुसार काम करते थे। चुनाँचे उनमें से कुछ निर्माण करने वाले थे, तो कुछ ग़ोताख़ोर थे, जो समुद्र में गोता लगाकर मोती निकालते थे।
અરબી તફસીરો:
وَّاٰخَرِیْنَ مُقَرَّنِیْنَ فِی الْاَصْفَادِ ۟
और शैतानों में से कुछ सरकश थे, वे भी उनके अधीन कर दिए गए थे। चुनाँचे वे बेड़ियों में जकड़े हुए थे, हिल-डोल नहीं सकते थे।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا عَطَآؤُنَا فَامْنُنْ اَوْ اَمْسِكْ بِغَیْرِ حِسَابٍ ۟
ऐ सुलैमान! यह हमारी बख़्शिश है, जो हमने तुम्हारी दुआ को स्वीकार करते हुए तुम्हें प्रदान की है। अब तुम जिसे चाहो, दो और जिसे चाहो, न दो। देने या न देने के मामले में तुमसे कोई हिसाब नहीं लिया जाएगा।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّ لَهٗ عِنْدَنَا لَزُلْفٰی وَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟۠
निश्चित रूप से सुलैमान हमारे पास समीपवर्ती लोगों में से हैं। और उनके लिए लौटने की एक अच्छी जगह है और वह जन्नत है।
અરબી તફસીરો:
وَاذْكُرْ عَبْدَنَاۤ اَیُّوْبَ ۘ— اِذْ نَادٰی رَبَّهٗۤ اَنِّیْ مَسَّنِیَ الشَّیْطٰنُ بِنُصْبٍ وَّعَذَابٍ ۟ؕ
और (ऐ रसूल!) हमारे बंदे अय्यूब को याद करें, जब उन्होंने अपने पालनहार अल्लाह को पुकारा : शैतान ने मुझे दुःख तथा कष्ट पहुँचाया है।
અરબી તફસીરો:
اُرْكُضْ بِرِجْلِكَ ۚ— هٰذَا مُغْتَسَلٌۢ بَارِدٌ وَّشَرَابٌ ۟
तो हमने उनसे कहा : अपने पाँव को धरती पर मारो। चुनाँचे उन्होंने अपना पाँव धरती पर मारा, तो उनके लिए उससे पानी का स्रोत फूट पड़ा, जिससे वह पी सकें और स्नान कर सकें और उनकी परेशानी और कष्ट दूर हो जाए।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الحث على تدبر القرآن.
• क़ुरआन पर चिंतन करने का आग्रह।

• في الآيات دليل على أنه بحسب سلامة القلب وفطنة الإنسان يحصل له التذكر والانتفاع بالقرآن الكريم.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि इनसान के दिल की शुद्धता और बुद्धि के अनुसार, उसे क़ुरआन से उपदेश ग्रहण करने और लाभ प्राप्त करने का सौभाग्य मिलता है।

• في الآيات دليل على صحة القاعدة المشهورة: «من ترك شيئًا لله عوَّضه الله خيرًا منه».
• इन आयतों में इस सुप्रसिद्ध नियम की वैधता का प्रमाण है : "जिसने अल्लाह के लिए किसी चीज़ को छोड़ दिया, अल्लाह उसे उसके बदले में उससे बेहतर प्रदान करेगा।"

وَوَهَبْنَا لَهٗۤ اَهْلَهٗ وَمِثْلَهُمْ مَّعَهُمْ رَحْمَةً مِّنَّا وَذِكْرٰی لِاُولِی الْاَلْبَابِ ۟
तो हमने उनकी दुआ क़बूल कर ली। चुनाँचे उनकी तकलीफ़ दूर कर दी, उन्हें उनके घर वाले दे दिए और अपनी ओर से उनपर दया करते हुए तथा उनके सब्र के बदले में, उनके समान और भी बेटे एवं पोते प्रदान किए। ताकि सही बुद्धि रखने वाले यह याद रखें कि धैर्य का परिणाम राहत और सवाब है।
અરબી તફસીરો:
وَخُذْ بِیَدِكَ ضِغْثًا فَاضْرِبْ بِّهٖ وَلَا تَحْنَثْ ؕ— اِنَّا وَجَدْنٰهُ صَابِرًا ؕ— نِّعْمَ الْعَبْدُ ؕ— اِنَّهٗۤ اَوَّابٌ ۟
जब अय्यूब (अलैहिस्सलाम) अपनी पत्नी पर क्रोधित हुए और उन्हें सौ कोड़े मारने की क़सम खाई, तो हमने उनसे कहा : (ऐ अय्यूब!) अपने हाथ में पतली और नर्म डालियों का एक गुच्छा लो और अपनी क़सम पूरी करने के लिए उनसे अपनी पत्नी को मार दो। और अपनी खाई हुई क़सम को न तोड़ो। चुनाँचे उन्होंने पतली और नर्म डालियों का एक गुच्छा लिया और उनसे उसे मारा। हमने उन्हें उसपर सब्र करने वाला पाया, जिससे उन्हें आज़माया था। वह अच्छे बंदे थे। निश्चय वह अल्लाह की तरफ़ बहुत ज़्यादा लौटने वाले थे।
અરબી તફસીરો:
وَاذْكُرْ عِبٰدَنَاۤ اِبْرٰهِیْمَ وَاِسْحٰقَ وَیَعْقُوْبَ اُولِی الْاَیْدِیْ وَالْاَبْصَارِ ۟
(ऐ रसूल!) हमारे चुने हुए बंदों और भेजे हुए रसूलों : इबराहीम, इसहाक़ और याक़ूब को याद करें। वे अल्लाह की आज्ञा मानने और उसकी प्रसन्नता की तलाश में शक्तिशाली थे, तथा सत्य के मामले में सच्ची अंतर्दृष्टि के मालिक थे।
અરબી તફસીરો:
اِنَّاۤ اَخْلَصْنٰهُمْ بِخَالِصَةٍ ذِكْرَی الدَّارِ ۟ۚ
और हमने उनपर एक विशेष गुण के साथ उपकार किया, जिसे उनके लिए विशिष्ट कर दिया, जो कि उनके दिलों को आख़िरत को याद करने, अच्छे कर्मों के साथ उसके लिए तैयारी करने और लोगों को उसके लिए काम करने के लिए आमंत्रित करने के साथ आबाद करना है।
અરબી તફસીરો:
وَاِنَّهُمْ عِنْدَنَا لَمِنَ الْمُصْطَفَیْنَ الْاَخْیَارِ ۟ؕ
निश्चय वे हमारे निकट उन लोगों में से थे, जिन्हें हमने अपने आज्ञापालन और इबादत के लिए चुन लिया था, तथा अपने संदेश को उठाने और उसे लोगों तक पहुँचाने के लिए उनका चयन कर लिया था।
અરબી તફસીરો:
وَاذْكُرْ اِسْمٰعِیْلَ وَالْیَسَعَ وَذَا الْكِفْلِ ؕ— وَكُلٌّ مِّنَ الْاَخْیَارِ ۟ؕ
और (ऐ नबी!) आप इसमाईल बिन इबराहीम को याद करें, अल-यसअ् को याद करें, तथा ज़ुल-किफ़्ल को याद करें और सबसे अच्छी प्रशंसा के साथ उनकी सराहना करें। क्योंकि वे इसके योग्य हैं। और ये सभी अल्लाह के निकट चीदा और चुने हुए लोगों में से हैं।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا ذِكْرٌ ؕ— وَاِنَّ لِلْمُتَّقِیْنَ لَحُسْنَ مَاٰبٍ ۟ۙ
यह इन लोगों का क़ुरआन में अच्छी प्रशंसा के साथ उल्लेख है। तथा निश्चय अल्लाह से, उसके आदेशों का पालन करके और उसके निषेधों से बचकर, डरने वालों के लिए आख़िरत के घर में बेहतर लौटने का स्थान है।
અરબી તફસીરો:
جَنّٰتِ عَدْنٍ مُّفَتَّحَةً لَّهُمُ الْاَبْوَابُ ۟ۚ
यह बेहतर लौटने का स्थान वह रहने के बाग़ हैं, जिनमें वे क़ियामत के दिन प्रवेश करेंगे और उनके स्वागत में उनके द्वार खोल दिए गए होंगे।
અરબી તફસીરો:
مُتَّكِـِٕیْنَ فِیْهَا یَدْعُوْنَ فِیْهَا بِفَاكِهَةٍ كَثِیْرَةٍ وَّشَرَابٍ ۟
अपने लिए सजाए गए तख़्तों पर तकिया लगाए बैठे होंगे। वे अपने सेवकों से अपनी इच्छाओं के अनुसार विभिन्न प्रकार के बहुत-से फल और अपने मनपसंद पेय, जैसे शराब आदि पेश करने के लिए कहेंगे।
અરબી તફસીરો:
وَعِنْدَهُمْ قٰصِرٰتُ الطَّرْفِ اَتْرَابٌ ۟
उनके पास ऐसी स्त्रियाँ होंगी, जिनकी निगाहें उनके पतियों पर सीमित रहेंगी, उनके अलावा किसी अन्य की तरफ़ नहीं उठेंगी और वे एक-सी आयु वाली होंगी।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا مَا تُوْعَدُوْنَ لِیَوْمِ الْحِسَابِ ۟
यह वही अच्छा बदला है जिसका (ऐ अल्लाह का भय रखने वालो!) तुमसे क़ियामत के दिन तुम्हारे उन नेक कामों के प्रतिफल के रूप में वादा किया जाता था, जो तुम दुनिया में किया करते थे।
અરબી તફસીરો:
اِنَّ هٰذَا لَرِزْقُنَا مَا لَهٗ مِنْ نَّفَادٍ ۟ۚۖ
यह बदला जिसका हमने उल्लेख किया है, यही हमारी जीविका है, जो हम क़ियामत के दिन अल्लाह का भय रखने वालों को प्रदान करेंगे। यह एक निरंतर जीविका है, जो न कभी बाधित होगी और न कभी समाप्त होगी।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا ؕ— وَاِنَّ لِلطّٰغِیْنَ لَشَرَّ مَاٰبٍ ۟ۙ
यह जो हमने उल्लेख किया है, अल्लाह का भय रखने वालों का बदला है। जबकि कुफ़्र और गुनाहों के साथ अल्लाह की सीमाओं को पार करने वालों का बदला, अल्लाह का भय रखने वालों के बदले से अलग है। उनके लिए क़ियामत के दिन लौटने का बहुत बुरा स्थान है।
અરબી તફસીરો:
جَهَنَّمَ ۚ— یَصْلَوْنَهَا ۚ— فَبِئْسَ الْمِهَادُ ۟
यह बदला जहन्नम है, जो उन्हें चारों ओर से घेर लेगी। वे उसकी ताप और लौ का सामना करते रहेंगे। उनके लिए उसी का बिछौना होगा। तो उनका बिछौना बहुत बुरा बिछौना है।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا ۙ— فَلْیَذُوْقُوْهُ حَمِیْمٌ وَّغَسَّاقٌ ۟ۙ
यह यातना अत्यंत गर्म पानी और जहन्नम में यातना ग्रस्त लोगों के शरीर से निकलने वाली पीप है। सो वे इसे पिएं। क्योंकि यही उनका पेय है, जो उनकी प्यास नहीं बुझाएगी।
અરબી તફસીરો:
وَّاٰخَرُ مِنْ شَكْلِهٖۤ اَزْوَاجٌ ۟ؕ
उनके लिए इस यातना के रूप की एक और भी यातना है। इस तरह उनके लिए यातना के विभिन्न प्रकार हैं, जिनके साथ उन्हें आख़िरत में दंडित किया जाएगा।
અરબી તફસીરો:
هٰذَا فَوْجٌ مُّقْتَحِمٌ مَّعَكُمْ ۚ— لَا مَرْحَبًا بِهِمْ ؕ— اِنَّهُمْ صَالُوا النَّارِ ۟
जब जहन्नमी लोग जहन्नम में प्रवेश कर जाएँगे, तो उनके बीच वैसी ही कहा-सुनी होगी, जो विरोधियों के बीच आपस में हुआ करती है और वे एक-दूसरे से अपनी बराअत का इज़हार करेंगे। चुनाँचे उनमें से कुछ लोग कहेंगे : यह जहन्नम वालों का एक समूह है जो तुम्हारे साथ जहन्नम में घुसता चला आ रहा है। तो वे जवाब देंगे : उनका स्वागत नहीं है। वे उसी तरह आग की यातना झेलने वाले हैं, जैसे हम झेल रहे हैं।
અરબી તફસીરો:
قَالُوْا بَلْ اَنْتُمْ ۫— لَا مَرْحَبًا بِكُمْ ؕ— اَنْتُمْ قَدَّمْتُمُوْهُ لَنَا ۚ— فَبِئْسَ الْقَرَارُ ۟
अनुयायियों का समूह अपने उन सरदारों से कहेगा, जिनके वे अधीनस्थ थे : बल्कि तुम (ऐ अनुसरण किए गए सरदारो!) तुम्हारा कोई स्वागत नहीं। क्योंकि तुम ही हो, जो हमें गुमराह करके और बहकाकर हमारे लिए इस दर्दनाक यातना के कारण बने हो। चुनाँचे यह ठिकाना, सभी लोगों का ठिकाना, बहुत बुरा ठिकाना है, जो कि जहन्नम की आग है।
અરબી તફસીરો:
قَالُوْا رَبَّنَا مَنْ قَدَّمَ لَنَا هٰذَا فَزِدْهُ عَذَابًا ضِعْفًا فِی النَّارِ ۟
अनुसरण करने वाले कहेंगे : ऐ हमारे पालनहार! जिसने हमारे पास हिदायत आ जाने के बाद हमें उससे गुमराह किया है, उसे जहन्नम में दोगुनी यातना दे।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• من صبر على الضر فالله تعالى يثيبه ثوابًا عاجلًا وآجلًا، ويستجيب دعاءه إذا دعاه.
• जो व्यक्ति तकलीफ़ के समय सब्र करेगा, अल्लाह उसे दुनिया एवं आख़िरत दोनों जगहों में प्रतिफल देगा, और यदि वह अल्लाह से दुआ करेगा, तो अल्लाह उसकी दुआ को क़बूल करेगा।

• في الآيات دليل على أن للزوج أن يضرب امرأته تأديبًا ضربًا غير مبرح؛ فأيوب عليه السلام حلف على ضرب امرأته ففعل.
• इन आयतों में इस बात का प्रमाण है कि पति अपनी पत्नी को अनुशासित करने के लिए मार सकता है, लेकिन मार हल्की होनी चाहिए। क्योंकि अय्यूब अलैहिस्सलाम ने अपनी पत्नी को मारने की क़सम खाई और क़सम को पूरा किया।

وَقَالُوْا مَا لَنَا لَا نَرٰی رِجَالًا كُنَّا نَعُدُّهُمْ مِّنَ الْاَشْرَارِ ۟ؕ
सरकश अभिमानी लोग कहेंगे : हमें क्या हुआ कि हम अपने साथ जहन्नम में उन लोगों को नहीं देखते, जिन्हें हम दुनिया में उन अभागा लोगों में से समझते थे जो यातना के पात्र थे।
અરબી તફસીરો:
اَتَّخَذْنٰهُمْ سِخْرِیًّا اَمْ زَاغَتْ عَنْهُمُ الْاَبْصَارُ ۟
क्या हमारा उनका मज़ाक़ उड़ाना और ठट्ठा करना गलत था, चुनाँचे वे यातना के पात्र नहीं थे, या हमारा उनका परिहास करना सही था और वे जहन्नम में दाखिल हुए हैं, किंतु हमारी नज़र उन पर नहीं पड़ी?!
અરબી તફસીરો:
اِنَّ ذٰلِكَ لَحَقٌّ تَخَاصُمُ اَهْلِ النَّارِ ۟۠
यह जो हमने तुमसे काफ़िरों के, क़ियामत के दिन परस्पर झगड़ने का ज़िक्र किया है, निश्चित रूप से सत्य है। इसमें कोई संशय और संदेह नहीं है।
અરબી તફસીરો:
قُلْ اِنَّمَاۤ اَنَا مُنْذِرٌ ۖۗ— وَّمَا مِنْ اِلٰهٍ اِلَّا اللّٰهُ الْوَاحِدُ الْقَهَّارُ ۟ۚ
(ऐ मुहम्मद!) आप अपनी जाति के काफ़िरों से कह दें : मैं तो केवल तुम्हें अल्लाह की यातना से डराने वाला हूँ कि कहीं वह तुम्हारे कुफ़्र और रसूलों को झुठलाने के कारण तुम्हें उससे दंडित न कर दे। और अल्लाह सर्वशक्तिमान के सिवा कोई ऐसा पूज्य नहीं, जो इबादत के योग्य हो। क्योंकि वह अपनी महानता, गुणों और नामों में अकेला है। तथा वह परम प्रभुत्वशाली है, जिसने हर चीज़ को पराजित कर दिया। अतः हर चीज़ उसके अधीन है।
અરબી તફસીરો:
رَبُّ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ وَمَا بَیْنَهُمَا الْعَزِیْزُ الْغَفَّارُ ۟
वह आकाशों का पालनहार, धरती का पालनहार और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों का पालनहार है। वह अपने राज्य में प्रभुत्वशाली है, जिसे कोई पराजित नहीं कर सकता। तथा वह अपने तौबा करने वाले बंदों के गुनाहों को माफ़ करने वाला है।
અરબી તફસીરો:
قُلْ هُوَ نَبَؤٌا عَظِیْمٌ ۟ۙ
(ऐ रसूल!) आप इन झुठलाने वालों से कह दें : निश्चय क़ुरआन बहुत महत्वपूर्ण ख़बर है।
અરબી તફસીરો:
اَنْتُمْ عَنْهُ مُعْرِضُوْنَ ۟
तुम इस महत्वपूर्ण ख़बर से मुँह फेरने वाले हो। उसपर कोई ध्यान नहीं देते हो।
અરબી તફસીરો:
مَا كَانَ لِیَ مِنْ عِلْمٍ بِالْمَلَاِ الْاَعْلٰۤی اِذْ یَخْتَصِمُوْنَ ۟
आदम की रचना के बारे में फ़रिश्तों के बीच जो बात चल रही थी मुझे उसका कभी कोई ज्ञान नहीं था, यदि अल्लाह ने मेरी ओर वह़्य न की होती और मुझे जानकारी न दी होती।
અરબી તફસીરો:
اِنْ یُّوْحٰۤی اِلَیَّ اِلَّاۤ اَنَّمَاۤ اَنَا نَذِیْرٌ مُّبِیْنٌ ۟
अल्लाह मेरी ओर जो कुछ भी वह़्य (प्रकाशना) करता है, वह केवल इसलिए वह़्य करता है कि मैं तुम्हें उसकी यातना से खुले तौर पर डराने वाला हूँ।
અરબી તફસીરો:
اِذْ قَالَ رَبُّكَ لِلْمَلٰٓىِٕكَةِ اِنِّیْ خَالِقٌۢ بَشَرًا مِّنْ طِیْنٍ ۟
उस समय को याद करें, जब आपके पालनहार ने फ़रिश्तों से कहा : मैं मिट्टी से एक मनुष्य पैदा करने वाला हूँ, और वह आदम अलैहिस्सलाम हैं।
અરબી તફસીરો:
فَاِذَا سَوَّیْتُهٗ وَنَفَخْتُ فِیْهِ مِنْ رُّوْحِیْ فَقَعُوْا لَهٗ سٰجِدِیْنَ ۟
जब मैं उसकी रचना का काम पूरा कर लूँ, उसकी शक्ल-सूरत ठीक कर दूँ और उसमें अपनी आत्मा फूँक दूँ, तो तुम उसे सजदा करो।
અરબી તફસીરો:
فَسَجَدَ الْمَلٰٓىِٕكَةُ كُلُّهُمْ اَجْمَعُوْنَ ۟ۙ
तो फ़रिश्तों ने अपने पालनहार के आदेश का पालन किया। चुनाँचे उन सब ने सम्मान स्वरूप सजदा किया, और उनमें से कोई भी न बचा, जिसने सजदा न किया हो।
અરબી તફસીરો:
اِلَّاۤ اِبْلِیْسَ ؕ— اِسْتَكْبَرَ وَكَانَ مِنَ الْكٰفِرِیْنَ ۟
सिवाय इबलीस के। उसने सजदा करने से अहंकार किया। और वह अपने पालनहार के आदेश के पालन से अभिमान करने के कारण काफ़िरों में से हो गया।
અરબી તફસીરો:
قَالَ یٰۤاِبْلِیْسُ مَا مَنَعَكَ اَنْ تَسْجُدَ لِمَا خَلَقْتُ بِیَدَیَّ ؕ— اَسْتَكْبَرْتَ اَمْ كُنْتَ مِنَ الْعَالِیْنَ ۟
अल्लाह ने कहा : ऐ इबलीस! तुझे आदम को सजदा करने से किस चीज़ ने रोका, जिसे मैंने अपने दोनों हाथों से बनाया?! क्या तुझे अभिमान ने सजदा करने से रोका, या तू इससे पहले ही से अपने रब से अभिमान और घमंड करने वाले था?!
અરબી તફસીરો:
قَالَ اَنَا خَیْرٌ مِّنْهُ ؕ— خَلَقْتَنِیْ مِنْ نَّارٍ وَّخَلَقْتَهٗ مِنْ طِیْنٍ ۟
इबलीस ने कहा : मैं आदम से बेहतर हूँ। क्योंकि तूने मुझे आग से पैदा किया और उसे मिट्टी से बनाया। या उसका गुमान था कि आग मिट्टी से अधिक सम्माननीय तत्व है।
અરબી તફસીરો:
قَالَ فَاخْرُجْ مِنْهَا فَاِنَّكَ رَجِیْمٌ ۟ۙۖ
अल्लाह ने इबलीस से कहा : जन्नत से निकल जा। क्योंकि तू शापित और धुत्कारा हुआ है।
અરબી તફસીરો:
وَّاِنَّ عَلَیْكَ لَعْنَتِیْۤ اِلٰی یَوْمِ الدِّیْنِ ۟
और तेरे लिए बदले के दिन अर्थात् क़ियामत के दिन तक जन्नत से निष्कासन है।
અરબી તફસીરો:
قَالَ رَبِّ فَاَنْظِرْنِیْۤ اِلٰی یَوْمِ یُبْعَثُوْنَ ۟
इबलीस ने कहा : फिर मुझे मोहलत दे और मुझे उस दिन तक मौत न दे, जिस दिन तू अपने बंदों को दोबारा जीवित करके उठाएगा।
અરબી તફસીરો:
قَالَ فَاِنَّكَ مِنَ الْمُنْظَرِیْنَ ۟ۙ
अल्लाह ने कहा : निःसंदेह तू उन लोगों में से है जिन्हें मोहलत दी गई।
અરબી તફસીરો:
اِلٰی یَوْمِ الْوَقْتِ الْمَعْلُوْمِ ۟
तुझे विनष्ट करने के लिए निर्धारित ज्ञात समय के दिन तक।
અરબી તફસીરો:
قَالَ فَبِعِزَّتِكَ لَاُغْوِیَنَّهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟ۙ
इबलीस ने कहा : मैं तेरी शक्ति और प्रभुत्व की क़सम खाता हूँ कि मैं आदम की समस्त संतान को अवश्य ही गुमराह कर दूँगा।
અરબી તફસીરો:
اِلَّا عِبَادَكَ مِنْهُمُ الْمُخْلَصِیْنَ ۟
सिवाय उसके, जिसे तूने मेरे गुमराह करने से बचा लिया और उसे केवल अपनी इबादत के लिए चुन लिया।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• القياس والاجتهاد مع وجود النص الواضح مسلك باطل.
• क़ुरआन या हदीस के स्पष्ट पाठ के होते हुए क़ियास या इज्तिहाद करना एक अमान्य (गलत) तरीक़ा है।

• كفر إبليس كفر عناد وتكبر.
• इबलीस का कुफ़्र, हठ और अहंकार का कुफ़्र था।

• من أخلصهم الله لعبادته من الخلق لا سبيل للشيطان عليهم.
• अल्लाह ने अपने बंदों में से जिन्हें अपनी इबादत के लिए चुन लिया है, उनके विरुद्ध शैतान के पास कोई उपाय नहीं है।

قَالَ فَالْحَقُّ ؗ— وَالْحَقَّ اَقُوْلُ ۟ۚ
अल्लाह तआला ने कहा : सत्य मेरी ओर से है। और मैं सत्य ही कहता हूँ। उसके सिवा कुछ नहीं कहता।
અરબી તફસીરો:
لَاَمْلَـَٔنَّ جَهَنَّمَ مِنْكَ وَمِمَّنْ تَبِعَكَ مِنْهُمْ اَجْمَعِیْنَ ۟
मैं क़ियामत के दिन जहन्नम को तुझसे और उन सभी लोगों से भर दूँगा, जो आदम की संतान में से तेरे कुफ़्र में तेरा अनुसरण करेंगे।
અરબી તફસીરો:
قُلْ مَاۤ اَسْـَٔلُكُمْ عَلَیْهِ مِنْ اَجْرٍ وَّمَاۤ اَنَا مِنَ الْمُتَكَلِّفِیْنَ ۟
(ऐ रसूल!) इन मुश्रिकों से कह दें : मैं तुम्हें जो संदेश पहुँचाता हूँ, उसका तुमसे कोई पारिश्रमिक नहीं माँगता, और मैं अपनी ओर से कुछ बनाने वाला भी नहीं हूँ कि मुझे जितना आदेश दिया गया है, उससे कुछ अधिक बताऊँ।
અરબી તફસીરો:
اِنْ هُوَ اِلَّا ذِكْرٌ لِّلْعٰلَمِیْنَ ۟
क़ुरआन केवल उन जिन्नों और इनसानों के लिए एक अनुस्मारक (उपदेश) है, जो शरई आदेश के बाध्य हैं।
અરબી તફસીરો:
وَلَتَعْلَمُنَّ نَبَاَهٗ بَعْدَ حِیْنٍ ۟۠
और निश्चय तुम मरने के बाद जल्द ही इस क़ुरआन की खबर अवश्य जान लोगे और यह कि यह सत्य है।
અરબી તફસીરો:
આયતોના ફાયદાઓ માંથી:
• الداعي إلى الله يحتسب الأجر من عنده، لا يريد من الناس أجرًا على ما يدعوهم إليه من الحق.
• अल्लाह की ओर बुलाने वाला, अल्लाह ही से प्रतिफल की आशा रखता है। वह सत्य की ओर बुलाने का लोगों से बदला नहीं चाहता।

• التكلّف ليس من الدِّين.
• तकल्लुफ़ (बनावट, बाहरी दिखावा) का धर्म से कोई संबंध नहीं है।

• التوسل إلى الله يكون بأسمائه وصفاته وبالإيمان وبالعمل الصالح لا غير.
• अल्लाह की निकटता प्राप्त करना, उसके नामों, विशेषताओं, ईमान और नेक कार्य के द्वारा होता है। किसी और चीज़ से नहीं।

 
શબ્દોનું ભાષાંતર સૂરહ: સૉદ
સૂરહ માટે અનુક્રમણિકા પેજ નંબર
 
કુરઆન મજીદના શબ્દોનું ભાષાંતર - الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم - ભાષાંતરોની અનુક્રમણિકા

الترجمة الهندية للمختصر في تفسير القرآن الكريم، صادر عن مركز تفسير للدراسات القرآنية.

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